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KRIDA NEWS

Ranji Trophy Final: 42वीं बार मुंबई ने खिताब किया अपने नाम, विदर्भ का सपना टूटा

Ranji Trophy Final: रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम ने 42वीं बार इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया है। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में मुंबई ने 8 साल के बाद इस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इसके साथ ही रणजी ट्रॉफी में 42 बार ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया। विदर्भ को 169 रनों हराकर ट्रॉफी में अपने नाम की।

मुंबई ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए विदर्भ को 169 रनों से हराकर 8 सालों के बाद ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही। अजिंक्य रहाणे का बल्ला भले ही इस सीजन में नहीं बोला हो लेकिन कप्तानी में उन्होंने विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया। मुंबई ने विदर्भ को जीत के लिए 538 रनों का लक्ष्य दिया था लेकिन विदर्भ की टीम 368 रन ही बना सकी।

538 रनों का पीछा करते हुए विदर्भ के बल्लेबाज ने शानदार बल्लेबाजी की लेकिन इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करने के लिए कोई चमत्कार ही काम आ सकता था। मुंबई के सामने कोई चमत्कार भी विदर्भ के काम नहीं आया। विदर्भ के कप्तान ने अक्षय वाडेकर ने शतकीय पारी खेलकर टीम की उम्मीदों को जिंदा रखा लेकिन उनके आउट होने के बाद ही विदर्भ की टीम 368 रनों पर सिमट गई।

मुंबई ने पहली पारी में 224 रन बनाए। जबकि दूसरी पारी में मुंबई के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 418 रन बनाए। वहीं विदर्भ की पहली पारी 105 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में 368 रन बना सके। जिसके चलते विदर्भ 169 रनों से पीछे रह गई। मुंबई के शतकीय पारी खेलने वाले मुशीर खान को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। जबकि इस सीरीज में बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन करने वाले तनुष कोटियान को मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार दिया गया।

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Legends League Cricket: एलएलसी में खेलना आसान नहीं, सुरेश रैना ने फिटनेस को बताया प्रमुख चुनौती

Legends League Cricket: भारत के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) के आगामी सत्र को लेकर उत्साह जताया है। उनका मानना है कि इस तरह के प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ियों को उच्च स्तर की फिटनेस और फॉर्म में रहना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

एलएलसी का तीसरा सत्र 20 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें शिखर धवन और दिनेश कार्तिक जैसे हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले खिलाड़ी भी शामिल होंगे। रैना ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “एलएलसी एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है। खिलाड़ियों को अलग-अलग स्थानों और विभिन्न विकेटों पर खेलना होता है। इस टूर्नामेंट में कई सुपरस्टार्स शामिल हैं, जैसे इरफान पठान, युसूफ पठान, क्रिस गेल, अंबाती रायुडू, रॉबिन उथप्पा, और मैं खुद भी इसमें खेलूंगा।”

रैना ने आगे कहा, “छक्का लगाने के लिए फिट होना बहुत जरूरी है। गेंदबाजों को चार अच्छे ओवर डालने होते हैं। इस तरह की लीग में खेलना आसान नहीं है। रिटायर होने के बाद भी इसमें खेलना आसान नहीं है, क्योंकि यहां भी उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा है।”

एलएलसी के इस सत्र में खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और रैना की यह टिप्पणी इस बात को प्रमाणित करती है कि क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जुनून अब भी बरकरार है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ द्वारा खिलाड़ियों के बीच केक काटकर और मिष्ठान का वितरण किया

भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर पटना के हार्डिंग पार्क स्थित वीर कुंवर सिंह पार्क में एक विशेष आयोजन किया। इस कार्यक्रम के तहत खिलाड़ियों के बीच केक काटकर मिष्ठान का वितरण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू जी ने की, और मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह सेवा पखवाड़े के प्रदेश संयोजक प्रेम रंजन पटेल जी शामिल हुए।

प्रेम रंजन पटेल जी ने इस अवसर पर कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर खिलाड़ियों के बीच मिष्ठान वितरण करना एक सराहनीय प्रयास है। इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा क्योंकि प्रधानमंत्री जी स्वयं खिलाड़ियों के हौसला बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।”

भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू जी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन को लेकर खिलाड़ियों के बीच इस कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री जी हमेशा खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करते रहते हैं, चाहे वह अत्याधुनिक स्टेडियम का निर्माण हो या पिछड़े हुए खेलों को महत्व देना हो। उनके खेलों के प्रति अपार प्रेम को देखते हुए हमने यह आयोजन किया।”

इस अवसर पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक राजीव रंजन यादव, विकास कुमार गोल्डी, कोषाध्यक्ष विकास कुमार सिंह, प्रवक्ता निलेश दत्त तिवारी, बिपुल कुमार सिंह, सचिन शर्मा, रमेश कुमार गुप्ता, और कृष्णा पटेल समेत कई अन्य लोग भी उपस्थित थे।

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Ranji Trophy 2024-25 को लेकर बिहार क्रिकेट की तैयारी पर बड़ा सवाल, क्या इस बार भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन आनन-फानन में बनाएगी टीम; कैसे बचेगी एलीट ग्रुप में साख…

Ranji Trophy 2024-25: रणजी ट्रॉफी के आगामी सत्र की शुरुआत 11 अक्टूबर से होने वाली है, लेकिन अभी तक रणजी ट्रॉफी को लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तरफ से कोई विज्ञाप्ति, कोई सूचना नहीं जारी की गई है। अब अगर दिन के लिहाज से देखा जाए तो मुश्किल से मुकाबले में 20 से 22 दिन रह गए है लेकिन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तरफ से ना तो तैयारी का जिक्र किया जा रहा है और ना कैंप का। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की तैयारियों में भारी कमी देखने को मिल रही है, जिससे टीम की संभावनाओं पर सवाल उठने लगे हैं। क्या फिर से हर साल की तरह आनन-फानन में बिहार की टीम बनाई जाएगी?

पिछले सत्र में बिहार की टीम ने किसी तरह से एलीट ग्रुप में अपना स्थान बनाए रखा था, लेकिन इस बार की तैयारियों के हालात देखकर इसे बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य प्रतीत हो रहा है। वर्तमान में बिहार क्रिकेट टीम के प्रशिक्षण कैंप की कोई जानकारी नहीं है और न ही खिलाड़ियों की सूची अब तक जारी की गई है। इस स्थिति मे खिलाड़ी भी अपने जगह को लेकर आश्वस्त नहीं है। जब खिलाड़ी को अपने जगह का ही नहीं पता है तो उनसे प्रदर्शन करवाना बहुत मुश्किल है। ऐसा कह सकते हैं कि कोई भी खिलाड़ी बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी के इस सत्र का पूरा मैच नहीं खेल सकता है क्योंकि उनकी जगह ही नहीं सुनिश्चित है तो वो कहां से खेल पाएंगे।

आगामी रणजी ट्रॉफी मुकाबले की जानकारी
रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में बिहार को ग्रुप C में शामिल किया गया है। बिहार की टीम को पहले मैच में 11 अक्टूबर को हरियाणा के खिलाफ हरियाणा में खेलना है। इस मुकाबले में हरियाणा के तरफ से भारतीय टीम के मुख्य लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल खेलेंगे। इस मुकाबले के लिए बिहार की टीम को अपनी तैयारियों को गति देना होगा, अन्यथा उन्हें एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, बिहार की टीम को इस सत्र में बंगाल, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल और उतर प्रदेश जैसी मजबूत टीमों से भी मुकाबला करना होगा। इन टीमों के खिलाफ खेलते समय बिहार की टीम को अपनी रणनीतियों को मजबूत करना होगा और समुचित तैयारी करनी होगी, ताकि वे एलीट ग्रुप में बने रह सकें।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर उठे सवाल
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर इस समय यह सवाल उठता है कि वे रणजी ट्रॉफी के लिए क्या योजनाएं बना रहे हैं। खिलाड़ियों के कैम्प की कमी और टीम की तैयारियों की सुस्ती ने सभी को चौंका दिया है। अगर जल्द ही इन मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो बिहार क्रिकेट को एक कठिन सत्र का सामना करना पड़ सकता है।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन यह भी कह सकती है कि अभी बाकी के राज्यों ने भी तो रणजी ट्रॉफी को लेकर कुछ नहीं किया है। बाकी राज्यों के कुछ खिलाड़ी दलीप ट्रॉफी में खेल रहे है और कुछ पंजाब में हो रहे जेपी अत्रे मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के जरिए आने वाले सत्र की तैयारी कर रहे है। लेकिन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाड़ी ना तो दलीप ट्रॉफी खेल रहे है और ना ही बिहार की टीम जेपी अत्रे क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग ले रही है। एक टीम बिहार से गई भी है तो सवेरा बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के नाम से खेल रही है। ऐसे में खिलाड़ियों की तैयारी ना के बराबर है।

अब देखना होगा कि रणजी ट्रॉफी को लेकर बिहार क्रिकेट एशोसिएशन क्या कदम उठाती है। उम्मीद करेंगे कि बिहार की टीम एक बार फिर से अच्छा प्रदर्शन कर अपने आप को एलीट ग्रुप में बनाए रखेगी।

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नेशनल टी10 टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में हो रहा धांधली, खिलाड़ियों की उम्र की अनदेखी और टीम नाम में हेरफेर

नेशनल टी10 टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है, जिससे खिलाड़ियों में हड़कंप मचा हुआ है। कुल्लू-मनाली में चल रहे इस टूर्नामेंट में आयोजकों द्वारा जानबूझकर कई गड़बड़ियां की जा रही हैं।

टूर्नामेंट में खिलाड़ियों की उम्र की जांच किए बिना उन्हें ओवरएज घोषित कर दिया जा रहा है। इसके अलावा, टीमों को बिना उचित प्रोटेस्ट के ही टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया है। बिहार की तीन टीमों को इस टूर्नामेंट में भाग लेने का निमंत्रण मिला था, लेकिन इसमें भी गड़बड़ी की गई है। एक बिहार की टीम को दिल्ली के नाम से खेलाया गया, जबकि दूसरी को ओडिशा के नाम पर रखा गया।

इस धांधली के चलते खिलाड़ियों को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। कई खिलाड़ी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक आयोजकों की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह स्थिति टूर्नामेंट की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाती है और आयोजकों की ईमानदारी पर भी संदेह उत्पन्न करती है।

खिलाड़ियों और उनकी टीमों के साथ होने वाली इस तरह की अन्यायपूर्ण घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी टूर्नामेंट में इस प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो।

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