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Opinion: 4-1 से सीरीज जीतने के बाद भी कुछ सवालों ने किया परेशान, घर में ही स्पिनर्स के सामने टिक नहीं पा रहे हैं भारतीय बल्लेबाज, जानें कहां चूक रहे हैं बल्लेबाज…

Opinion: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से सीरीज को अपने नाम किया। इस टेस्ट सीरीज को जीतकर भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहले स्थान के लिए दावेदारी मजबूत कर दी। लगातार दो बार विश्व टेस्ट चैंपिशनशिप का फाइनल खेलने के बाद टीम इंडिया इस बार भी टेस्ट चैंपिशनशिप फाइनल खेलने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। इस सीरीज को भारतीय टीम ने भले ही 4-1 से अपने नाम कर लिया हो लेकिन इस टेस्ट सीरीज और पिछले कुछ सालों में घर पर खेले गए टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की एक कमी तेजी से उजागर हुई है।

ऐसी कमी उजागर हुई है जिसमें कभी भारतीय टीम को महारत हासिल थी। पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम स्पिन खेलने में फिसड्डी साबित हुई है। भारतीय टीम को भारत में ही स्पिन खेलने में अब परेशानी होने लगी है। जबकि पहले यही भारतीय टीम के जीत का मंत्रा था। विदेशी टीमें के खिलाफ स्पिन ट्रैक तैयार करके उनके चारों खाने चित कर देते थे। अब ऐसा हो गया है कि विदेशी टीमें भारत का दौरा करती है तब दो-तीन अच्छे स्पिनर को शामिल कर भारतीय टीम को परेशान कर देती है। यहां आने के बाद उनके एवरेज गेंदबाज भी शानदार गेंदबाज बन जाते हैं।

जबकि पहले भारतीय टीमों ने घरेलू और उपमहाद्वीपीय परिस्थतियों में स्पिन के अनुकूल पिचों में शानदार बल्लेबाजी की है। हालांकि अभी वर्तमान में भारतीय टीम स्पिन का सामना करने में पूरी तरह से जुझते नजर आती हैं। भारतीय टीम की गेंदबाजी भारत में शुरू से ही बेहतरीन रही है। अभी यह और मजबूत हो गई है जबकि बल्लेबाजी में स्पिन खेलने की कला में कमी देखने को मिली है।

70 के दशक में भारत की स्पिन चौकड़ी

भारतीय टीम जो कभी 70 के दशक में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विरोधियों को परेशान किया करते थी। वहीं आज के समय में हमारे बल्लेबाज परेशान हो जाते हैं। 70 के दशक में इराप्पल्ली प्रसन्ना, बीएस चन्द्रशेखर, वेंकट राघवन और बिशन सिंह बेदी की प्रसिद्ध चौकड़ी थी, जो भारतीय पिचों पर विदेशी टीमों के खिलाफ हावी रहती थी। इन लोगों ने विदेशी बल्लेबाजों के मन में इतना डर बना दिया था कि भारत का दौरा करने वाली टीमें एक महीना पहले से ही स्पिन खेलने का अभ्यास शुरू कर देती थी लेकिन फिर भी इनकी चौकड़ी बल्लेबाजों को कुछ खास करने का मौका नहीं देती थी।

उसके बाद 1980 से लेकर 2010 तक भारतीय टीम के पास ऐसे बल्लेबाज थे जो भारत में ही नहीं बाहर भी जाकर अपनी छाप छोड़ी। कुछ ऐसे बल्लेबाज भी थे, जिन्हें घर पर स्पिन खेलने में महारत हासिल थी और अगर विदेश का दौरा करे तो स्विंग और पेस खेलने में भी माहिर थे। उस दौरान भारत में कई ऐसे दिग्गज स्पिनर भी आएं, जिन्होंने पूरी दूनिया में अपनी छाप छोड़ी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के आगे नतमस्तक हो गए। शेन वार्न से लेकर मुथैया मुरलीधरन तक कई ऐसे दिग्गज भी आएं लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उन दिग्गज स्पिनरों का डटकर सामना किया और स्पिन खेलने की कला भी दुनिया को दिखाई।

हमारी ताकत ही बनी कमजोरी

आखिरी पिछले कुछ समय में ऐसा क्या हो गया कि जो हमारी ताकत थी, वही हमारी कमजोरी बन गई। भारतीय खिलाड़ी जो स्पिन के अनुकूल पिचों पर खेलकर बड़े हुए हैं लेकिन आज वही बल्लेबाज स्पिन का ढंग से सामना नहीं कर पा रहे हैं। जहां विकेट खराब होने लगती है भारतीय टीम के बल्लेबाजों के पांव क्रीज पर जमते ही नहीं हैं। समय के साथ भारतीय खिलाड़ियों का स्पिन खेलने के लिए जो तकनीक होनी चाहिए, वो धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है। अब महेमान टीम को जितना मुश्किल स्पिन खेलने में होती है उतना ही मुश्किल भारतीय टीम को भी स्पिन का सामना करने में होती है।

स्पिन के खिलाफ क्यों संघर्ष कर रहे हैं बल्लेबाज

भारतीय पिचों पर स्पिनरों को खासा फायदा मिलता है। यहां स्पिनरों को विकेट से काफी मदद मिलती है, जिसके कारण भारत में स्पिनर ज्यादा करागर साबित होते हैं। जैसे-जैसे विकेट टूटने लगती है स्पिनरों को टर्न के साथ अधिक उछाल भी मिलने लगती है। अगर गेंदबाज गेंद को ड्रिफ्ट करवाना जानते हैं तब तो बल्लेबाजों को ऐसे गेंदबाज का सामना करने में ज्यादा ही कठिनाई आती है। क्योंकि ऐसे गेंदबाज पिच से अधिक फायदा लेने में कामयाब रहते हैं और बल्लेबाजों को खूब परेशान करते हैं।

भारत में विकेट सूखी और धीमी होती है साथ ही साथ विकेट में असमतल उछाल के साथ गेंद भी तेजी से टर्न होता है। ऐसी विकेटों पर खेलने के लिए बल्लेबाजों को अधिक सतर्कता दिखाने की जरूरत होती है। जिसके लिए बल्लेबाजों को स्पिन खेलने की कला बखूबी आनी चाहिए। स्पिन खेलने में परेशानी के कारण बल्लेबाज स्ट्राइक रोटेट नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण भी स्पिनर्स बल्लेबाजों पर हावी हो जाते हैं। जब कोई एक बल्लेबाज ओवर की 6 गेंदें खुद खेलता है तब उसके आउट होने की संभावना भी ज्यादा होती है। इसलिए ऐसा कहा जाता था कि आप स्ट्राइक रोटेट करते रहें जिससे गेंदबाज को परेशानी हो, बल्लेबाज को नहीं।

विदेशी स्पिनर ने किया परेशान

पिछले 10-15 सालों में भारत में डेब्यू करने वाले विदेशी स्पिनर ने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है। 2008 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत का दौरा करने आई थी तब जेसन क्रेजा ने अपने डेब्यू मुकाबले के पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 4 विकेट चटकाए थे। उसके बाद से विदेशी स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों पर हावी होने लगे। अगर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव ओ कैफी की बात करें तो उन्होंने 2021 में भारत का दौरा करते हुए दोनों पारी में 6-6 विकेट लिए थे। वहीं मैट कुहनैमन ने 5 विकेट लेकर भारतीय टीम को बता दिया था कि स्पिन खेलने की कला अब आपके पास उतनी अच्छी नहीं रही।

उसके बाद न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी भारत के खिलाफ भारत में ही किया। उन्होंने उस मैच में कुल 14 विकेट चटकाए। वहीं टॉड मर्फी ने 2023 में डेब्यू करते हुए एक पारी में 5 विकेट चटकाए। अब इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले ही मैच में टॉम हर्टली ने डेब्यू करते हुए एक पारी में 7 विकेट चटकाए। उसके बाद शोएब बशीर ने इस टेस्ट सीरीज के चौथे और पांचवें मुकाबले में पांच-पांच विकेट चटकाए। इस सीरीज में इंग्लैंड के टॉम हार्टली ने कुल 22 विकेट चटकाए। इन 10-15 सालों में विदेशी स्पिनर ने भारत में आकर भारतीय टीम को ही परेशान किया है।

बल्लेबाज तकनीक पर नहीं कर पाते हैं काम

अब सालभर लगातार ही पूरे विश्व में क्रिकेट खेला जाता है। ऐसे में इंटरनेशनल क्रिकेटरों को अपनी कमियों पर काम करने का मौका भी बहुत कम मिलता है। अब जो भारतीय क्रिकेटर इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने लगते है वो घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेते हैं। जिस कारण से उन्हें घरेलू गेंदबाज या स्पिनर को खेलने का कम मौका मिलता है। इसके अलावा अब बल्लेबाज गेंदबाज के साथ कम और बॉलिंग मशीन के साथ ज्यादा दिखते हैं। बॉलिंग मशीन के साथ बल्लेबाज घंटों अभ्यास करते हैं। वहीं लगातार क्रिकेट होने के कारण सीमित ओवरों में बल्लेबाज स्पिनर पर ज्यादा अटैकिंग रुख अपनाते हैं और रन बनाने की कोशिश करते रहते हैं। फील्ड रिस्ट्रिक्शन होने के कारण बल्लेबाजों की कमियों का पता नहीं चलता है। जैसे ही यही बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं उनकी कमियां साफ नजर आने लगती है।

गेंदबाज भी अब पहले जितना अभ्यास नहीं करते हैं। तीन फॉर्मेट में अपने आप फिट रखने के लिए गेंदबाज नेट में भी काफी कम समय व्यतीत करते हैं। जिस कारण से भी बल्लेबाजों को अपनी कमियों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चलता है। लगातार मैचेज के कारण गेंदबाज अब ज्यादातर अपने फिटनेस पर ध्यान देते हैं। जिससे वो ज्यादा से मैच खेल पाएं। इस कारण से अब ज्यादातर बल्लेबाजों को नेट गेंदबाज ही अभ्यास कराते नजर आते हैं।

घरेलू क्रिकेट में स्पिनर अब उतने करागर नहीं

अब बात यह भी है कि अब घरेलू क्रिकेट में उतने अच्छे स्पिनर भी नहीं रह गए हैं जो बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान कर सके। पहले घरेलू क्रिकटे में एक से बढ़कर एक स्पिनर हुआ करते थे। जो इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट को भी तवज्जो देते थे, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अब लगातार मैचेज रहने के कारण इंटरनेशनल क्रिकेटर घरेलू में शामिल नहीं हो पाते है जिस कारण से अब बल्लेबाजों को क्वालिटी के स्पिनर नहीं मिलते हैं। इस कारण से भी अब घरेलू क्रिकेट में स्पिनर उतने करागर साबित नहीं होते हैं। अच्छे स्पिनर के नहीं होने के कारण बल्लेबाजों की कमियां नजर नहीं आती है।

स्पिन खेलने की बढ़िया तकनीक क्या है…

स्पिन को खेलने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आपके कदम चलते रहें। आप फ्रंटफूट और बैकफूट का इस्तेमाल अच्छे ढंग से करें। कुछ बल्लेबाज टर्न कम करने के लिए निकलकर खेलते है और कुछ बल्लेबाज गेंद को टर्न होने के बाद खेलना पंसद करते हैं। अगर आप ऐसे स्पिन को खेलोंगे तब सफलता आपको मिलेगी। स्पिनर के खिलाफ अगर आप फंस गए तब गेंदबाज आपको निश्चित तौर पर आउट कर देगा। इसके अलावा आपके हाथ सॉफ्ट होने चाहिए ताकि आसपास लगे फील्डर के पास गेंद नहीं जानी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में कुछ इस ढंग से स्पिन खेलकर आप अच्छे स्पिनर का सामना कर सकते हैं।

लेखक: उज्जवल कुमार सिन्हा

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CAB Challenger Trophy: ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी और एके क्रिकेट एकेडमी की टीम विजयी

पटना, 17 अप्रैल। न्यारा सेवा संस्थान और क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी) के संयुक्त तत्वावधान में खेले जा रहे सीएबी चैलेंजर ट्रॉफी अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट में ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी और एके क्रिकेट एकेडमी ने जीत हासिल की। संभवत ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी की पटना क्रिकेट जगत में पहला मैच था और शुरुआत जीत के साथ हुई। ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी ने प्रिंस ने 6 विकेट चटकाये। एके क्रिकेट एकेडमी इस जीत के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

पहले मैच में एके क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीता और आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी को बैटिंग का न्योता दिया। निर्धारित समय में आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी ने 22 ओवर में 6 विकेट पर 127 रन बनाये। रोहित ने 58 और प्रशांत ने 24 रन बनाये। एके क्रिकेट एकेडमी की ओर से आर्यन ने 18 रन देकर 5 और ईशान ने 37 रन देकर 2 विकेट चटकाये।

जवाब में एके क्रिकेट एकेडमी की टीम 15 ओवर में 6 विकेट 128 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। आर्यन ने 64 और आदित्य ने 19 रन की पारी खेली। रोहित ने 20 रन देकर 2 और रौनक ने 33 रन देकर दो विकेट चटकाये। विजेता टीम के रोहित को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

दूसरे मैच में ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित समय के अंदर 19 ओवर में 5 विकेट पर 196 रन बनाये। आर्यन राज रिशु ने 45 और अंश ने 34 रन बनाये। टर्फ एरिना क्रिकेट एकेडमी की ओर से ब्रजेश ने 2 और पृथ्वी ने 14 रन देकर 1 विकेट चटकाये।

जवाब में टर्फ एरिना की टीम 17 ओवर में 137 रन पर ऑल आउट हो गई। यश ने 35 और अर्णव ने 49 रन की पारी खेली। प्रिंस ने 18 रन देकर 6 और आर्यन राज ने 48 रन देकर 2 विकेट चटकाये। विजेता टीम प्रिंस को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार पूर्व क्रिकेटर राजेश कुमार राणा ने प्रदान किया।

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पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में वाईएमसीसी व राइजिंग स्टार विजयी

पटना, 17 अप्रैल। पटना जिला क्रिकेट संघ के तत्वावधान में खेली जा रही पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में वाईएमसीसी और राइजिंग स्टार सीसी ने जीत हासिल की। वाईएमसीसी ने पीएसी को 5 विकेट जबकि राइजिंग स्टार ने विद्यार्थी सीसी को 5 विकेट से हराया।

पहला मैच
जेनेक्स क्रिकेट एकेडमी ग्राउंड पर खेले गए मैच में टॉस पीएसी ने जीता और पहले बैटिंग करते हुए 30.1 ओवर में सभी विकेट खोकर 101 रन बनाये। कुमुद रंजन ने 24 रन की पारी खेली। गौरव राज, मोहम्मद कैफ और सत्यम ने 2-2 विकेट चटकाये। जवाब में उज्जवल राज के नाबाद 41 रन की मदद से वाईएमसीसी ने 13.3 ओवर में 5 विकेट पर 102 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। विजेता टीम के उज्ज्वल (41 रन, 1 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोर: पीएसी : 30.1 ओवर में 101 रन पर ऑल आउट, कुमुद रंजन 24,रौशन कुमार 11, आरीन 10, वैभव नाबाद 13, अतिरिक्त 16, विपन कुमार 1/15, सूरज कश्यप 1/6, गौरव राज 2/19, मोहम्मद कैफ 2/15, सत्यम 2/7, उज्ज्वल 1/9! वाईएमसीसी : 13.3 ओवर में 5 विकेट पर 102 रन, सूरज कश्यप 10,रिषभ राकेश 27,उज्ज्वल नाबाद 41, निशांत 1/26, अनुराग कौशल 2/29, कुमुद रंजन 1/18, रंजन राय 1/28

दूसरा मैच
22 यार्ड क्रिकेट एकेडमी ग्राउंड पर खेले गए मैच में पहले बैटिंग करते हुए विद्यार्थी सीसी ने 28.1 ओवर में सभी विकेट खोकर 150 रन बनाये। रवि प्रकाश ने 61, अमित कुमार ने 28 और रितू राज ने 26 रन की पारी खेली। आदित्य राज, अमित, सन्नी सम्राट ने 3-3 जबकि गोविंद कुमार ने 1 विकेट चटकाये। जवाब में राइजिंग स्टार ने 19.4 ओवर में 5 विकेट पर 155 रन बना कर मैच जीत लिया। अनिमेष कुमार ने 74, गुलशन कुमार ने 33, अमन कुमार ने 17 और सत्यम कुमार ने नाबाद 16 रन बनाये। विद्यार्थी सीसी की ओर से अमित कुमार ने 2,अजय कुमार और दीपक ने 1-1 विकेट चटकाये।

संक्षिप्त स्कोर: विद्यार्थी सीसी : 28.1 ओवर में 150 रन पर ऑल आउट रवि प्रकाश 61,अमित कुमार 28,रितू राज 26, आदित्य धनराज 3/34, अमित 3/23, सन्नी सम्राट 3/27, गोविंद 1/31! राइजिंग स्टार : 19.4 ओवर में 5 विकेट पर 155 रन, अनिमेष कुमार 74,गुलशन कुमार 33, अमन कुमार 17, सत्यम कुमार नाबाद 16, अमित कुमार 2/59, अजय कुमार 1/16,दीपक 1/16

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सातवां रामानंद तिवारी मेमोरियल इंटर स्कूल क्रिकेट 25 अप्रैल से

पटना, 17 अप्रैल। सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में आगामी 25 अप्रैल से स्थानीय कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड (खेमनीचक, कछुआरा) पर सातवां रामानंद तिवारी मेमोरियल अंडर-13 अंतर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी ने बताया कि कोरोना काल के पहले यह टूर्नामेंट नियमित रूप से होता रहा है। उसके बाद यह वनडे फाइनल के रूप में खेला गया है। इस वर्ष संस्था ने इस पूर्ण रुपेण टूर्नामेंट कराने का निर्णय लिया है।

फाउंडेशन के महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता के दौरान 16 टीमों को इंट्री दी जायेगी। प्रतिदिन दो-दो मैच नॉकआउट आधार पर खेले जायेंगे। मैच 25-25 ओवरों का होगा। इसमें स्कूल, क्रिकेट एकेडमी व अन्य शिक्षण संस्थानों की टीमें हिस्सा ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि स्व. रामानंद तिवारी फाउंडेशन के फाउंडर संतोष तिवारी के दादाजी थे। स्व. रामानंद तिवारी सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। इस टूर्नामेंट के जरिए फाउंडेशन अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान पुरस्कारों की बारिश होगी। विजेता व उपविजेता टीमों को चमचमाती ट्रॉफी के साथ खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही प्रतिदिन मैच ऑफ द मैच, टूर्नामेंट के बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट उदीयमान प्लेयरों को पुरस्कृत किया जायेगा। विशेष जानकारी के लिए सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी से मोबाइल नंबर 9386962380 पर संपर्क कर सकते हैं।

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नन्हक महतो मेमोरियल अंडर-15 क्रिकेट टूर्नामेंट: वैभव राज का हरफनमौला प्रदर्शन

पटना, 17 अप्रैल। सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में खेले जा रहे चतुर्थ नन्हक महतो मेमोरियल अंडर-15 क्रिकेट टूर्नामेंट में सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी और लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने जीत हासिल की। इस मैच में लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट के वैभव राज ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया। 62 रन की पारी खेली और 5 विकेट भी चटकाये।

श्री कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे इस टूर्नामेंट के अंतर्गत गुरुवार यानी 17 अप्रैल को खेले गए मुकाबले में सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी ने संत माइकल हाईस्कूल को 5 विकेट जबकि लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने बीपीसीए रेड को 9 विकेट से हराया। कासा पिकोला द्वारा प्रायोजित इस टूर्नामेंट के अंतर्गत गुरुवार को खेले गए पहले मैच में सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीता और संत माइकल हाईस्कूल को बैटिंग का न्योता दिया।

संत माइकल हाईस्कूल ने पहले बैटिंग करते हुए 19.5 ओवर में सभी विकेट खोकर 97 रन बनाये। जवाब में सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी ने 11.1 ओवर में पांच विकेट पर 98 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। विजेता टीम के शान गोस्वामी (57 रन, 2 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

दूसरे मैच में लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने टॉस जीता और बीपीसीए रेड को बैटिंग का न्योता दिया। बीपीसीए रेड ने पहले बैटिंग करते हुए 23 ओवर में सभी विकेट खोकर 116 रन बनाये। जवाब में लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने 12.5 ओवर में 1 विकेट पर 119 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। विजेता टीम के वैभव राज (62 रन, 5 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी ने प्रदान किया।

संक्षिप्त स्कोर
पहला मैच
संत माइकल हाईस्कूल : 19.5 ओवर में 97 रन पर ऑल आउट के आदित्य 13,सत्यम कुमार 14,वैभव देव राय 24, अतिरिक्त 13, आर्यन राज 2/16, अजीत सोरेन 1/22, शान गोस्वामी 2/13, हिमांशु कुमार यादव 4/34, अंश राज 1/11! सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी : 11.1 ओवर में 5 विकेट पर 98 रन, शान गोस्वामी नाबाद 57,साहिल आलम 10, अजीत सोरेन 14, अतिरिक्त 16, अभ्युदय राज 1/13, के आदित्य 2/16, सत्यम आनंद 1/16

दूसरा मैच
बीपीसीए रेड : 23 ओवर में 116 रन पर ऑल आउट बालाजी 29, विराट सिंह 26, अद्वय वर्धन 14, अर्णव दत्ता 16, अतिरिक्त 14, करण कुमार 1/21, पीयूष कुमार 1/15, वैभव राज 5/28, रुपेश 2/27! लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट : 12.5 ओवर में 1 विकेट पर 119 रन, आयुष्मान जैन नाबाद 36, वैभव राज 62, अतिरिक्त 20,अदव्य वर्धन 1/17

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