KRIDA NEWS

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा ने घायल नन्हें क्रिकेट प्रमी की मदद की, शिवम दुबे के छक्के से घायल हुआ था अर्णव शुभ

पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में खेले गए मुंबई और बिहार के मुकाबले में भारतीय क्रिकेटर शिवम दुबे के छक्के से एक नन्हा क्रिकेट प्रमी घायल हो गया था। जिसके बाद अर्णव शुभ को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। तीन-चार दिन अस्पताल में रहने के बाद परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इसी संदर्भ में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा के सचिव ने आर्थिक मदद की।

आर्थिक तंगी के कारण सही इलाज नही हो पाने का पता चलते ही बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी के निर्देश से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नालंदा के सचिव जावेद इक़बाल आज घायल बच्चे को उसके घर देखने गए और तत्काल 5000 की मदद किया। बीसीए अध्यक्ष को सारी जानकारी से अवगत कराया और परिवार की हार संभव सहायता करने का आश्वासन दिया गया।

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नालंदा के सचिव ने बताया के जैसे ही अध्यक्ष राकेश तिवारी जी द्वारा तत्काल मिलकर स्थिति पता करने के लिए बोला गया तो बच्चे के पिता से सम्पर्क साधा और सुबह सुबह बच्चे से मिलने गए। घायल बच्चे के पता ने अध्यक्ष राकेश तिवारी तथा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नालंदा का इस सहयोग और हिम्मत बढ़ाने के लिये ख़ुशी जाहिर की है।

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पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में एलबीएस और मूनलाइट जीते

पटना: पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग के अंतर्गत सोमवार यानी 7 जुलाई को खेले गए मैचों में एलबीएस सीसी, मूनलाइट सीसी ने जीत हासिल की। एमसीसी को वाकओवर के जरिए जीत मिली। एलबीएस सीसी ने एनएम सीसी को 96 रन जबकि मूनलाइट सीसी ने हरक्यूलस सीसी को 36 रन से हराया। एमसीसी को वाईएसी सिटी के खिलाफ वाकओवर मिला।

अल्फा एकेडमी में खेले गए मैच में एलबीएस सीसी ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करते हुए 29 ओवर में सभी विकेट खोकर 235 रन बनाये। जवाब में एनएम सीसी की टीम 139 रन पर 25.5 ओवर में ऑल आउट हो गई। विजेता टीम के आदित्य सहाय (33 रन, 3 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

संक्षिप्त स्कोर– एलबीएस सीसी : 29 ओवर में 235 रन पर ऑल आउट, अमन कुमार 10, संकेत संयम 38, प्रिंस सिन्हा 34, शक्ति राज 26, आदित्य सहाय 33, अंकुश कुमार 20, अतिरिक्त 65, पीयूष 1/31, शौर्य शेखर 1/42, हर्ष राज 1/33, आर्यन ओझा 3/20, ओमी आनंद 2/29! एनएम सीसी : 25.5 ओवर में 139 रन पर ऑल आउट, जितेश कुमार 23, दिव्य प्रकाश 17, गौतम यादव 40, अतिरिक्त 50, अभिजीत 1/19, उत्तम कुमार 2/10, आदित्य सहाय 3/31, काशीनाथ 2/35, अंकुश कुमार 1/15

जेनेक्स क्रिकेट एकेडमी में खेले गए मैच में मूनलाइट सीसी ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 30 ओवर में नौ विकेट पर 150 रन बनाये। जवाब में हरक्यूलस सीसी की टीम 30 ओवर में 7 विकेट पर 114 रन ही बना सकी। विजेता टीम के अंश राज (10 रन, 3 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

संक्षिप्त स्कोर– मूनलाइट सीसी : 30 ओवर में नौ विकेट पर 150 रन, अंकित आनंद नाबाद 61, आलोक 24, नवीन 12, अंश राज 10, अतिरिक्त 29, करण 2/16, हिमांशु 1/24, आदर्श राज 3/20, आयुष झा 1/34, संकु कुमार 2/28! हरक्यूलस सीसी : 30 ओवर में 7 विकेट पर 114 रन, ओसामा 34, संकु 33, अमृत राज 11, अतिरिक्त 18, सोनल 1/31, अविनाश 1/17, नवीन 1/13, रितेश राय 1/17, अंश राज 3/17

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केसीए ने अंडर-14 टूर्नामेंट फाइनल में डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल को 29 रन से हराया

पटना: डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल द्वारा आयोजित अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में केसीए (KCA) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल को 29 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया।

मैच में टॉस जीतकर केसीए ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और मात्र 25.5 ओवरों में 262 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। टीम की ओर से आदित्य ने तूफानी अंदाज में 61 रन (26 गेंदों में, 6 चौके, 5 छक्के) की विस्फोटक पारी खेली, जबकि युवराज ने 39 गेंदों में 55 रन (7 चौके, 2 छक्के) बनाकर टीम को सशक्त शुरुआत दी। वहीं डेस्टिनी की ओर से आयश ने 3 विकेट (5 ओवर में 35 रन) और प्रियांशु ने 2 विकेट (5 ओवर में 62 रन) लिए।

जवाब में डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल ने भी दमदार कोशिश की। आनिश ने 60 गेंदों में 67 रन (5 चौके, 3 छक्के) और प्रतीक ने 32 गेंदों में 51 रन (8 चौके, 1 छक्का) की शानदार पारियां खेलीं, लेकिन पूरी टीम 23.2 ओवरों में 233 रन पर ऑलआउट हो गई और 29 रन से मुकाबला हार गई। केसीए की ओर से आशीष ने 5 ओवर में 30 रन देकर 3 विकेट और रौनिक ने 3 ओवर में 31 रन देकर 2 विकेट चटकाए।

पुरस्कार विजेता

मैन ऑफ द मैच: आदित्य (केसीए) – 61 रन और 1 विकेट
सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज: प्रेम (केसीए)
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज: प्रियांशु (डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल)
सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर: राजीव (केसीए)
सर्वश्रेष्ठ फील्डर: ऋतिक, प्रतीक, प्रिंस (डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल)
मैन ऑफ द सीरीज: सनी (डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल)

समापन समारोह में मुख्य अतिथि अंकित सर ने विजेता टीम केसीए को ट्रॉफी प्रदान की। वहीं, डेस्टिनी इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य मितेश सर ने उपविजेता ट्रॉफी डेस्टिनी टीम को दी और उनके प्रदर्शन की सराहना की।

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Happy Birthday Sourav Ganguly : वह कप्तान जिसने भारतीय क्रिकेट को संकट से शिखर तक पहुंचाया, आज वर्ल्ड में अपना परहम लहरा रही टीम इंडिया

Happy Birthday Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में अब तक कई कप्तान आए हैं। सभी ने अपने-अपने कार्यकाल में टीम के लिए बेहतर करने की कोशिश की। लेकिन, जिस कप्तान ने अपनी नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी और टीम को दुनिया की शीर्ष और मजबूत टीमों में शुमार कराया उसका नाम सौरव गांगुली है।

सौरव गांगुली को 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी। यह वह दौर था जब टीम फिक्सिंग के आरोपों से जूझ रही थी। प्रदर्शन के आधार पर विश्व विजेता टीम होने के बाद भी कमजोर टीमों में गिनी जाती थी। विदेशों में जीत भारतीय टीम के लिए सपना हुआ करती थी। लेकिन, गांगुली ने अपनी नेतृत्व क्षमता, खिलाड़ियों की परख और उनसे प्रदर्शन निकलवाने की काबिलियत के दम पर भारतीय क्रिकेट का चेहरा ही बदल दिया।

कप्तान बनने के बाद सौरव गांगुली ने उन खिलाड़ियों को मौका दिया जिन्होंने आगे चलकर भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल दी। इन खिलाड़ियों में युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, गौतम गंभीर, एम. एस. धोनी, और वीरेंद्र सहवाग जैसे नाम प्रमुख हैं। ये सभी खिलाड़ी आज भारतीय क्रिकेट के श्रेष्ठतम खिलाड़ियों में शुमार होते हैं। इसके पीछे गांगुली की पारखी नजर थी।

गांगुली एक आक्रामक कप्तान थे। उनकी कप्तानी में भारत ने बेखौफ अंदाज में खेलने की संस्कृति अपनाई। इस वजह से टीम को टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में बड़ी सफलता मिली। 2000 में फिक्सिंग के आरोपों का सामना कर रही भारतीय टीम इसी साल गांगुली की कप्तानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेली, 2002 में संयुक्त रूप से श्रीलंका के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता रही, और 2003 में वनडे विश्व कप का फाइनल खेला।

सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने विदेश में जीतना सीखा। नेटवेस्ट ट्रॉफी (2002) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसमें भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को उसकी धरती पर हराया। भारत ने टेस्ट में विदेश में अपना प्रभाव जमाना और जीतना गांगुली के दौर में ही सीखा। गांगुली 2005 तक कप्तान रहे। 5 साल के अपने कार्यकाल में फिक्सिंग के आरोपों का सामना करने वाली टीम को उन्होंने दुनिया की मजबूत क्रिकेट टीम बनाया।

गांगुली ने धोनी को दिनेश कार्तिक पर प्राथमिकता दी थी। धोनी न सिर्फ भारत के सर्वश्रेष्ठ और सफलतम कप्तान बने बल्कि दुनिया के सफलतम विकेटकीपर बल्लेबाज भी बने। धोनी ने 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप अपनी कप्तानी में जीता। इसमें अहम भूमिका उन खिलाड़ियों की रही, जिनके करियर की उड़ान गांगुली की कप्तानी में शुरू हुई थी। युवराज, सहवाग, हरभजन और गंभीर इन सभी का दोनों विश्व कप जीतने में अहम योगदान रहा था।

गांगुली जब बीसीसीआई अध्यक्ष थे, तब विराट की जगह रोहित शर्मा को कप्तान बनाने का उन्होंने निर्णय लिया। इसका परिणाम हमें टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के खिताब के रूप में मिला।

2000 से 2005 के बीच बतौर कप्तान गांगुली ने भारत को 49 टेस्ट में 21 में जीत दिलाई, 13 टेस्ट में हार मिली, जबकि 5 ड्रॉ रहे। वहीं 147 वनडे में 76 में भारत जीता था।

8 जुलाई 1972 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में जन्मे गांगुली को एक सफल कप्तान के बाएं हाथ के दुनिया के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है। वनडे क्रिकेट के वे बेहतरीन बल्लेबाज रहे और अनेक मैच अपने दम पर टीम इंडिया को जिताए। उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर 1992 से 2008 तक रहा। गांगुली ने 113 टेस्ट में 16 शतक लगाते हुए 7212 रन बनाए। वहीं 311 वनडे में 22 शतक और 72 अर्धशतक की मदद से 11,363 रन बनाए।

सचिन तेंदुलकर के साथ सौरव गांगुली की जोड़ी वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ी है। दोनों ने 1996 से 2007 के बीच 136 पारियों में 6609 रन बनाए। इसमें 21 शतकीय और 23 अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं।

–आईएएनएस

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Happy Birthday MS Dhoni: वो भारतीय कप्तान, जिसने पाकिस्तानी राष्ट्रपति तक की नहीं सुनी

Happy Birthday MS Dhoni: भले ही महेंद्र सिंह धोनी को ‘कैप्टन कूल’ कहा जाता है, लेकिन मैदान पर इस कप्तान के दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चलता ही रहता है। यह धोनी की चतुरता का ही कमाल रहा कि हार के करीब पहुंचकर भी भारत ने कई मैच अपने नाम किए। महेंद्र सिंह धोनी भारत को दो विश्व कप खिताब जिताने वाले इकलौते क्रिकेट कप्तान हैं। इसके अलावा, उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी कप्तानी में पांच आईपीएल खिताब जिताए हैं।

वह महेंद्र सिंह धोनी ही थे, जिनकी कप्तानी में भारत ने लगातार 18 महीनों तक टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाए रखा। उन्होंने किसी भी अन्य कप्तान से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अपने देश की कमान संभाली है।

महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2007 से 2018 तक तीनों फॉर्मेट में भारत की ओर से 332 मुकाबलों में कप्तानी की, जिसमें 178 मैच जीते। साल 2019 के अंत में उन्हें आईसीसी की ‘वनडे और टी20 टीम ऑफ द डिकेड’ में शामिल किया गया। वह साल 2024 में ‘आईसीसी हॉल ऑफ फेम’ में शामिल हुए।

महेंद्र सिंह धोनी के खेल और उनके स्टाइल के कायल पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी थे। साल 2006 में जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया, तो उस समय धोनी लंबे बाल रखा करते थे। मैच के बाद अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान परवेज मुशर्रफ ने धोनी से अपने बाल न कटवाने की गुजारिश की थी।

परवेज मुशर्रफ ने धोनी से कहा था, “मैंने एक प्लेकार्ड देखा, जिस पर लिखा था- ‘धोनी बाल कटवा लो’। मेरी राय है कि यह बाल अच्छे लगते हैं, इसे मत कटवाना।” हालांकि, धोनी ने परवेज मुशर्रफ की इस बात को नहीं माना और साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद बाल कटवा लिए। इसके बाद उन्होंने फिर कभी दोबारा इतने लंबे बाल नहीं रखे।

धोनी को ‘मिडास टच’ वाला कप्तान भी कहा जाता है। चाहे टी20 विश्व कप-2007 के फाइनल के अंतिम ओवर में जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाने की बात हो, या फिर 2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह को खुद से ऊपर बल्लेबाजी के लिए भेजना- धोनी को कई मौकों पर किस्मत का साथ मिला है।

दिसंबर 2004 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले धोनी, भारत की ओर से 90 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने छह शतक और 33 अर्धशतक के साथ 4,876 रन बनाए। वहीं, 350 वनडे मुकाबलों में धोनी के नाम 10,773 रन दर्ज हैं। फैंस श्रीलंका के खिलाफ उनकी नाबाद 183 रन की पारी शायद ही भूल सकें। माही ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 98 टी20 मैच भी खेले, जिसमें 1,617 रन जड़े।

साल 2008 और 2009 में ‘आईसीसी मेंस वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ रह चुके धोनी ‘मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड’ से सम्मानित किए जा चुके हैं। इसके अलावा उन्हें ‘पद्म श्री’ और ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से भी नवाजा गया है। धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। (IANS)

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