पटना। जनता दल यूनाइटेड बिहार प्रदेश कला संस्कृति एवं खेलकूद प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बयान जारी कर कहा कि बीसीए में फैली व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला सदन में उठते हीं इस भ्रष्टाचार में शामिल भ्रष्टाचारियों एवं बाहरी खिलाड़ियों को बचाव के लिए दयापात्र से बीसीए में निजी प्रवक्ता बने हुए जुमलेबाज गिरोह सक्रिय हो गए हैं और अनर्गल राग – विलाप कर बिहार के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपमानित कर रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कृष्णा पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अपनी खेल प्रतिभा से जिस खिलाड़ी ने बीसीसीआई में कृतिमान स्थापित कर बिहार का नाम रोशन किया हो वैसे बिहारी खिलाड़ियों पर अनर्गल टोका – टिप्पणी कर उनके आत्मविश्वास पर ठेंस पहुंचाना बंद करें नहीं तो एक- एक बिंदु पर करारा जवाब मिलेगा और पुरी साक्ष्य के साथ इस गिरोह में शामिल लोगों का वास्तविक चरित्र को सार्वजनिक कर दिया जाएगा ।
बिहारी खिलाड़ियों का वास्तविक हक़ और अधिकार दिलाना हमलोगों का मूल उद्देश्य है। इसलिए हमलोग नीति और सिद्धांत के साथ- साथ संविधान और साक्ष्य की बात करने में विश्वास रखते हैं। झूठ व फरेब कहानी सुनाने और फर्जी दस्तावेज बनाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर जुमलेबाजी करने में नहीं। फरेब और झूठ की रफ्तार भले हीं काफी तेज होती है और एक झूठ को सत्य साबित करने में हजारों झूठ बोलना भी पड़ता है। लेकिन जीत तो हमेशा सत्य की हीं होती है ।
मैं पूछना चाहता हूं बिहारी खिलाड़ियों पर सवाल उठाने वाले लोगों से की अधिराज जौहरी, गौरव जोशी, कृष्ण कुमार यादव, मानिक शर्मा, हर्ष विक्रम सिंह और वंशज शर्मा जिसे हाल के दिनों में ही बीसीसीआई ने फर्जी दस्तावेज बनाकर बिहार की ओर से खेलने पर बैन किया है। ये सब कौन है अथवा बीसीसीआई के पदाधिकारी ने भी किसी अन्य खिलाड़ी को बिहार से खेलाने के लिए आप पर दबाव बना रहे थें और नहीं खेलाने पर वंशज शर्मा को बैन कर दिया ?
एक और ताजा मामला कल की है सौरभ सोनी नाम का खिलाड़ी जो अंडर- 19 शिवहर से खेला और अंडर -23 में इस खिलाड़ी का चयन लखीसराय से हो गया एक ही सीजन में दो – दो जिला से ये भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है। अनगिनत ऐसे खिलाड़ियों कि सूची है जो समय आने पर पूछा जाएगा इसका जवाब है तो प्रमाण के साथ बताएं ।
इसलिए प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती हमारे काबिल अग्रज ने अपनी निजी स्वार्थ लाभ के लिए जिस खिलाड़ी का नाम को बदनाम करने की नापाक कोशिश किए हैं वो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बचपन से क्रिकेट में अपना भविष्य तलाश कर रहे बिहार के इस लाल का नाम अपूर्वा आनंद है । जिसने अपनी प्रतिभा के बल पर अंडर -16 झारखंड टीम में अपना जगह बनाई और जब बिहार को मान्यता मिली तो उन्होंने एनओसी लेकर अपने राज्य टीम की ओर से खेलना शुरू किया और वर्ष 2019 में बिहार अंडर -19 टीम से खेलते हुए कूच बिहार ट्रॉफी में 62 विकेट और वीनू मांकड़ ट्रॉफी में 17 विकेट लेकर इस बांए हाथ के हरफनमौला खिलाड़ी ने बीसीसीआई द्वारा आयोजित अंडर -19 आयु वर्ग के एक सीजन में सर्वाधिक 79 विकेट लेकर एक अनोखा कृतिमान स्थापित कर बिहार का मान बढ़ाया।
इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बीसीसीआई द्वारा आयोजित समारोह में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के हाथों एम. ए. चिदंबरम ट्रॉफी हायेस्ट विकेट टेकर इन ( अंडर -19) कूच बिहार ट्रॉफी इन 2018-19 के लिए नमन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। ये सम्मान और 79 विकेट हासिल करने की उपलब्धि किसी की पैरवी अथवा दयापात्र से प्राप्त नहीं की गई है बल्कि अपूर्वा आनंद ने कड़ी मेहनत कर अपनी प्रतिभा के बल पर हासिल किया है।
भ्रष्टाचार के इस मामले को जबसे सदन में उठाया गया है इनकी बौखलाहट बढ़ गई है और अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं इसलिए तथ्यहीन बातों से लोगों दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जो इनका सबसे मजबूत पक्ष में से एक है और आज तक लोगों को चकमा देने में सफल भी रहे हैं। परन्तु अब बारी है पवित्र संविधान और कानून बनाने वाली जनमानस का मंदिर सदन की जिसे दिग्भ्रमित और चकमा देना आसान नहीं होगा। इसलिए घबराहट में अनाप-शनाप बोलने लगे हैं।