बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पर शुक्रवार को विधानसभा में जदयू विधायक डॉ. संजीव ने कई तरह के आरोप लगाए। जिसपर विधानसभा के स्पीकर ने कहा कि वो खुद इस मामले को देखेंगे। जबकि ऐसे मुद्दे अमित यादव पहले से ही उठाते आ रहे थे और अब यह मामला विधानसभा में पहुंच गया है। जिसके बाद अमित यादव ने कहा कि बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का कारनामा धीरे-धीरे लोगों को पता चल रहा है। जो आरोप इनके खिलाफ है जो जल्दी ही सिद्ध भी हो जाएगा।
उन्होंने इस मामले पर कहा कि बीसीए अध्यक्ष हमेशा से जालसाजी और फरेबी करते आए हैं। यही वजह है कि वो हमेशा तथ्यों से दूर भागते और दूसरे से अनर्गल बयानबाजी करवाते हैं। उन्होंने कभी भी सामने आकर किसी सवालों का जवाब दिया है क्या। उन्होंने जवाब देने के लिए कुछ गुर्गों को लगा रखा है। इसमें संजीव मिश्रा, ज्ञानेश्वर गौतम, संतोष झा, नीरज राठौर जैसे कुछ और लोग शामिल है। हालांकि इनमें से कुछ लोगों ने इनका साथ छोड़ना शुरू भी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीसीए अध्यक्ष हमेशा मुद्दे से भटकाने का काम करते आए हैं। उनके उपर जो आरोप मैंने लगाया था उसपर मैं कायम हूं और जल्द ही सिद्ध भी करूंगा कि ये हमेशा से बेईमानी और चोरी ही करते आए हैं। 2019 के बाद जितने संदिग्ध लड़कों ने बाहर से आ कर पैसे के बूते पर क्रिकेट खेला है उनके और उनके मां बाप का क्रिडेंशियल की जांच होगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
अमित ने कहा कि मैं हवा में आरोप नहीं लगाता हूं। पुख्ता प्रमाण के साथ डंके की चोट पर कहता हूं कि राकेश तिवारी बेईमान है और बिहार की इज्जत को सरेआम नीलाम कर रहा है। आज बीसीए अपना अधिकतर मैच हार रही है और एक बार 13-13 खिलाड़ी बदल दिए जाते हैं। ऐसे में यह अपने को इज्जतदार और ईमानदार कहते हैं। कुछ तो शर्म करिए भ्रष्ट तिवारी जी।
बिहारी प्रतिभा जो पूरे देश में अपना परचम लहरा रही है लेकिन बिहार क्रिकेट की लचर व्यवस्था के कारण ही बिहार में दम तोड़ दे रही है। आज बिहार में सैकड़ों वैभव सूर्यवंशी, विपिन सौरभ और सकीबुल गणी जैसे खिलाड़ी तैयार किए जा सकते है लेकिन इस बेईमान क्रिकेट बेचुआ के रहते ये संभव नहीं है।
अरे हम तो जांच तुम्हारे गिरेहबान में घुस कर करवा ही देंगे यदि मां का दूध पिया है तो अधिराज जौहरी, मानिक शर्मा, वंशज शर्मा, गौरव जोशी, कृष्ण कुमार यादव, हर्ष विक्रम सिंह सहित आपके कार्यकाल में खेले लड़कों का और उसके मां बाप के कागजात जारी करें। 15 दिन पहले लड़कों का प्रमाण पत्र बनावा कर उसे टीम का हिस्सा बनाया जाता है। इसकी जानकारी सबको है। इन्होंने अपनी लाज बचाने के लिए संविधान को भी तार-तार कर दिया।
इसलिए मैं सभी जिलों के अध्यक्ष से निवेदन करता हूं कि इस मामले को गंभीरता के लेकर विरोध करें। तभी आप बिहार में क्रिकेट को जिंदा रख पाएंगे। अगर आप लोग चाहते है कि आगर जो परफॉर्म करे वही खेले तो आपलोगों को आगे आना होगा। करण राज, हर्ष राज पुरु , शिशिर साकेत , आलम , अनुनय कुमार जैसे परफॉर्मर क्रिकेटरों को न्याय मिले तो इस पापी से बीसीए को मुक्त कराने में सहयोग करें। साथ ही सभी प्रतिभावान खिलाड़ियों को आश्वस्त करता हूं आपकी प्रतिभा नही दबेगी चाहे जो हो ।