पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ( बीसीए ) के मानद सचिव अमित कुमार ने मद्य-निषेध उत्पादन एवं निबंधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा जिला पदाधिकारी पटना को दिनांक 24.7.2023 को जारी पत्रांक संख्या:- GB-1777/145/2022-521 का हवाला देते हुए कहा कि सहायक निबंधन महानिदेशक चन्द्र प्रकाश द्वारा जारी इस पत्र में स्पष्ट रूप से जिला पदाधिकारी पटना को बीसीए से संबंधित प्राप्त परिवाद – पत्रों में वर्णित अन्य बिंदुओं का एक कमेटी गठित कर जांच करने का जिक्र करते हुए बीसीए से संबंधित किसी प्रकार के चुनाव को कराने की प्रक्रिया को अपेक्षित नहीं माना है।
ज्ञात होगी इस पूरे मामले की जांच प्रक्रिया विभिन्न स्तरों पर चल रही है और यह सर्वविदित है कि इसी पत्र के आलोक में बीसीए चुनाव पदाधिकारी रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हेमचंद सिरोही ने 05 अगस्त 2023 को बीसीए की होने वाली उपचुनाव को पर्यवेक्षक की प्रत्याशा में स्थापित कर दिया था।
जबकि इससे पहले निबंधन विभाग बिहार सरकार और जिला पदाधिकारी पटना द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या 1020 /2023 में दिनांक 25/04/2023 को पारित आदेश का अनुपालन में मद्य-निषेध उत्पादन एवं निबंधन विभाग द्वारा याचिका में वर्णित विषयों की जांच करने के उपरांत दिनांक 08/06/2023 को जारी पत्रांक संख्या 425 एवं दिनांक 09/06/2023 को जारी पत्रांक संख्या 426 के फलस्वरूप बीसीए में रिक्त अध्यक्ष , उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर श्रीमान जिलाधिकारी पटना द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक कि निगरानी में बीसीए उपचुनाव संपन्न कराने को कहा गया था।
परन्तु निबंधन विभाग द्वारा पर्यवेक्षक दिए जाने के बजाय दिनांक 24/07/2023 को एक पत्र जारी किया गया जिसमें उपरोक्त विषयों की विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है तो फिर बीसीए का कौन-सा और कैसा चुनाव बीसीए की चल रही जांच प्रक्रिया तक किसी प्रकार के चुनाव पर रोक है।
वैसे आप ना तो निबंधन विभाग बिहार सरकार, ना तो माननीय उच्च न्यायालय पटना और ना हीं उच्चतम न्यायालय को और ना हीं संस्था के संविधान को मानने वाले हैं और अब तो आपने यह भी मान लिया कि आप बीसीए की नहीं बल्कि एक निजी संस्था का चुनाव करा रहे हैं। क्योंकि निबंधन विभाग बिहार सरकार द्वारा जारी पत्र में जांच प्रक्रिया तक बीसीए में किसी प्रकार के चुनाव कराने पर पूर्णतः रोक है और आपको फर्जीवाड़ा करने में महारथ हासिल हैं तो आप एक फर्जी निजी संस्था का चुनाव कभी भी करा सकते हैं।
इसलिए ऐसे असंवैधानिक कार्यों में किसी जिला संघ को सम्मिलित नहीं होना चाहिए अन्यथा विधि सम्मत कार्रवाई भी अपेक्षित है।
क्योंकि मद्य -निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग से बीसीए एक निबंधित संस्था है और इस संस्था के निवर्तमान अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी द्वारा एक संस्था में दो- दो संविधान का अपनी सुविधा अनुसार उसका दुरुपयोग कर निबंधन विभाग को गुमराह कर जो फर्जीवाड़ा किया है और कई प्रकार के अनैतिक और संवैधानिक कार्य किए गए हैं उन सब विषयों पर गहन जांच चल रही है। इस मामले में पटना उच्च न्यायालय ने भी निबंधन विभाग को कारण बताओं नोटिस जारी भी कर चुकी है। जिस पर इसी माह में सुनवाई भी होनी है और सच्चाई की लाठी में आवाज़ भलें हीं ना हो लेकिन इसकी गूंज बहुत दूर -दूर तक जाती है। धैर्य रखें सच्चाई की जीत भी बहुत जल्द होगी।