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राष्ट्रीय टेनिस बॉल अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब बिहार ने अपने नाम किया

वाराणसी में आयोजित तीसरे राष्ट्रीय टेनिस बॉल अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता में बिहार की टीम ने उत्तर प्रदेश को हराकर खिताब अपने नाम किया। फाइनल से पहले सेमीफाइनल में बिहार ने मध्य प्रदेश को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में बिहार ने उत्तर प्रदेश को शिकस्त देकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।

फाइनल में उत्तर प्रदेश की टीम टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 72 रन बनाए। बिहार के लिए हैप्पी ने 22, गुलशन ने 22 और हीरो ने 8 रन बनाए। उत्तर प्रदेश के लिए सतीश ने 3 और अमन ने 1 विकेट चटकाए।

जवाब में फाइनल का खिताब जीतने उतरी उत्तर प्रदेश की टीम 60 रन ही बना सकी और खिताब से चूक गई। उत्तर प्रदेश के लिए अमन ने 21 और उज्जवल ने 8 रन बनाए। वहीं बिहार के लिए हैप्पी ने 2 और हीरो ने 1 विकेट लेकर अपनी टीम को जीत दिला और ट्रॉफी अपने नाम किया। फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए हैप्पी को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया।

इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने वाले बिहार के कप्तान हैप्पी को मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार दिया गया। वहीं बेस्ट बल्लेबाज का पुरस्कार उत्तर प्रदेश का अरमान को दिया गया।

फाइनल से पहले खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में बिहार और मध्य प्रदेश का सामना हुआ। जिसमें बिहार ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 57 रन बनाए। जिसमें हैप्पी ने 21, गोपाल ने 14 और गुलशन ने 9 रन बनाए। एमपी के लिए राजू ने 2 विकेट लिए। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी एमपी की टीम औरंगजेब की गेंदबाजी के आगे नतमस्तक हो गई और महज 30 रनों पर ऑल आउट हो गई। औरंगजेब ने 3, हैप्पी ने 1 और अमन ने 1 विकेट चटकाए। सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए औरंगजेब को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

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सरदार पटेल स्कूल क्रिकेट फेस्टिवल 20 मई से पटना में, खिलाड़ियों का लगेगा मेला

पटना: सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन अपने 25वें वर्षगांठ के अवसर पर आगामी 20 मई से ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (जीएनआईओटी) द्वारा प्रायोजित सरदार पटेल स्कूल क्रिकेट फेस्टिवल की तैयारियां जोरों पर चल रही है। यह जानकारी सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी ने दी।

उन्होंने बताया कि कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड पर आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में अंडर-12, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-15 आयु वर्ग के मुकाबले खेले जायेंगे। यह फेस्टिवल 15 दिनों तक चलेगा। हर कैटेगरी में 12 टीम भाग लेंगी।

संतोष तिवारी ने बताया कि यह फेस्टिवल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन अपने गठन के समय से ही स्कूली क्रिकेट को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। स्कूली क्रिकेट टूर्नामेंट से प्रतिभाएं सामने निकल कर सामने आती हैं।

सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के महासचिव नवीन कुमार ने कहा कि प्रतियोगिता के दौरान पुरस्कारों की बारिश होगी। सभी वर्ग में विजेता व उपविजेता टीमों को चमचमाती ट्रॉफी के साथ खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही प्रतिदिन मैच ऑफ द मैच, टूर्नामेंट के बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट उदीयमान प्लेयरों को पुरस्कृत किया जायेगा। टूर्नामेंट के संबंध में विशेष जानकारी के लिए सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी से मोबाइल नंबर 9386962380 पर संपर्क कर सकते हैं।

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Khelo India Youth Games 2025 के पदक तालिका में महाराष्ट्र का दबदबा, देखें मेडल टैली की पूरी लिस्ट

Khelo India Youth Games 2025 के पदक तालिका में महाराष्ट्र का दबदबा, देखें मेडल टैली की पूरी लिस्ट

पटना: बिहार में आयोजित हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games 2025) में अभी तक महाराष्ट्र का दबदबा है। महाराष्ट्र ने कुल 55 मेडल जीतकर पदक के लिस्ट में पहले नंबर पर है। वहीं बिहार ने भी गोल्ड में अपना खाता खोल लिया है। मेजबान बिहार की टीम 12 मेडल के साथ 17वें नंबर पर है।

बिहार के खिलाड़ियों ने पिछले दो दिन में शानदार प्रदर्शन किया है। बिहार ने अभी तक 1 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज अपने नाम कर चुका है। उम्मीद है कि पदक तालिका में बिहार का प्रदर्शन बेहतर होता जाएगा। बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स को पांच शहरों में आयोजित किया जा रहा है। इस खेल का आयोजन पटना, राजगीर, भागलपुर, बेगूसराय और गया में किया जा रहा है। उसके अलावा दिल्ली में भी यूथ गेम्स को आयोजित किया जा रहा है।

Khelo India Youth Games 2025 की पदक तालिका

रैंक राज्य स्वर्ण पदक रजत पदक कांस्य पदक कुल
1 महाराष्ट्र 21 18 16 55
2 राजस्थान 11 4 5 20
3 कर्नाटक 10 15 4 29
4 मध्य प्रदेश 9 4 5 18
5 हरियाणा 5 6 11 22
6 तमिलनाडु 5 5 11 21
7 तेलंगाना 5 1 6 12
8 पंजाब 4 8 8 20
9 झारखंड 4 3 3 10
10 मणिपुर 4 3 2 9
11 चंडीगढ़ 4 2 2 8
12 दिल्ली 3 3 10 16
13 केरल 3 2 1 6
14 गुजरात 2 2 4 8
15 असम 2 1 1 4
16 उत्तर प्रदेश 1 6 6 13
17 बिहार 1 5 6 12
18 आंध्र प्रदेश 1 3 7 11
19 छत्तीसगढ़ 1 1 5 7
20 जम्मू और कश्मीर 1 0 0 1
21 पश्चिम बंगाल 0 3 1 4
22 अरुणाचल प्रदेश 0 0 2 2
23 नागालैंड 0 0 2 2
24 अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह 0 0 1 1
25 मेघालय 0 0 1 1
26 पुडुचेरी 0 0 1 1
27 त्रिपुरा 0 0 1 1

राजस्थान और कर्नाटक के बीच दूसरे नंबर के लिए कड़ी टक्कर

राजस्थान और कर्नाटक के एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है। राजस्थान 11 गोल्ड मेडल के साथ पदक तालिका में दूसरे नंबर पर हैं। वहीं 10 गोल्ड के साथ कर्नाटक तीसरे नंबर पर है। हालांकि कर्नाटक के पास पदकों की संख्या की राजस्थान से ज्यादा है। राजस्थान ने अभी तक 20 पदक जीते हैं। जबकि कर्नाटक ने अभी तक 29 पदक अपने नाम किए हैं।

कई राज्यों ने कांस्य पदक से खोला खाता

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूद, मेघालय, पुडुचेरी और त्रिपुरा ने भी यूथ गेम्स में पदक जीतकर खाता खोल लिया है। सभी ने कांस्य पदक से अपना खोला है। वहीं नागालैंड ने 2 कांस्य पदक जीता है।

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IPL टीम से क्रिकेट अकादमी तक, प्रतीक पुरी की विजन ने बदली दिल्ली कैपिटल्स की तस्वीर

IPL टीम से क्रिकेट अकादमी तक, प्रतीक पुरी की विजन ने बदली दिल्ली कैपिटल्स की तस्वीर

नई दिल्ली: IPL में अपने प्रदर्शन के लिए मशहूर रही दिल्ली कैपिटल्स अब एक नई पहचान गढ़ रही है। दिल्ली कैपिटल्स ऐसी फ्रेंचाइजी के रूप में आगे बढ़ रही है जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य का संवारने और तैयार करने में अहम भूमिका निभा रही है।दिल्ली कैपिटल्स अब सिर्फ एक क्रिकेट टीम नहीं, बल्कि एक क्रिकेटिंग इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।

एकेडमी नेटवर्क से भविष्य के सितारों की तैयारी

2019 में रिब्रांडिंग के बाद से दिल्ली कैपिटल्स ने अपने विजन को पूरी तरह बदला है। अब यह फ्रेंचाइज़ी देशभर में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी क्रिकेट अकादमियों का मजबूत नेटवर्क तैयार कर चुकी है। दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे देशों में मौजूद इन एकेडमियों में 6 से 18 साल के हजारों बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन सेंटरों पर न केवल पेशेवर क्रिकेट कोचिंग दी जा रही है, बल्कि फिटनेस, न्यूट्रिशन, मेंटल हेल्थ और खेल मनोविज्ञान जैसे पहलुओं पर भी खास ध्यान दिया जाता है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को एक पूर्ण एथलीट के रूप में विकसित करना है।

लंबी दूरी की सोच, जल्दबाजी नहीं

दिल्ली कैपिटल्स की यह पहल किसी तात्कालिक सफलता की कोशिश नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। एकेडमी नेटवर्क का उद्देश्य है ऐसा टैलेंट तैयार करना जो आने वाले वर्षों में आईपीएल, घरेलू क्रिकेट और यहां तक कि भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व कर सके।

अब तक कई युवा खिलाड़ी दिल्ली कैपिटल्स की एकेडमी से निकलकर स्टेट और नेशनल जूनियर टीमों में जगह बना चुके हैं। खास बात यह है कि इन एकेडमियों का सीधा जुड़ाव दिल्ली कैपिटल्स की स्काउटिंग और एनालिटिक्स टीम से है, जो उभरती प्रतिभाओं पर लगातार नजर रखती है और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देती है।

नेतृत्व में बदलाव: प्रतीक पुरी का अहम योगदान

दिल्ली कैपिटल्स की इस बदलाव भरी यात्रा में प्रतीक पुरी की भूमिका बेहद अहम रही है। 2023 के अंत में ‘हेड ऑफ एकेडमीज़’ की ज़िम्मेदारी संभालने वाले प्रतीक खुद एक पूर्व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और बीसीसीआई से प्रमाणित कोच हैं।

उनके नेतृत्व में दिल्ली कैपिटल्स ने न केवल नए शहरों में एकेडमियां खोली हैं, बल्कि प्रशिक्षण को डेटा-ड्रिवन और स्टैंडर्डाइज किया है। पहली अंतरराष्ट्रीय एकेडमी की शुरुआत, खिलाड़ियों के लिए परफॉर्मेंस ट्रैकिंग सिस्टम, स्कॉलरशिप प्रोग्राम और अनुभवी आईपीएल कोचों से मेंटरशिप जैसे कई इनिशिएटिव प्रतीक के कार्यकाल में शुरू हुए हैं। टीम के एक सदस्य के अनुसार, “प्रतीक सिर्फ एकेडमियों का विस्तार नहीं कर रहे — वो भारत में खेल शिक्षा की संस्कृति को बदल रहे हैं।”

मजबूत नींव, दूरदर्शी सोच

दिल्ली कैपिटल्स की यह पहल JSW और GMR जैसे प्रतिष्ठित समूहों द्वारा संचालित की जा रही है, जिनका फोकस सिर्फ CSR या मार्केटिंग तक सीमित नहीं है। उनकी दीर्घकालिक योजना है दिल्ली कैपिटल्स को एक वैश्विक क्रिकेट ब्रांड बनाना, जिसकी जड़ें भारतीय संस्कृति और क्रिकेटिंग परंपरा में गहराई से जुड़ी हों। उनकी सोच साफ है कि एक बच्चे को उसकी पहली क्रिकेट ट्रेनिंग से लेकर आईपीएल और उससे आगे तक का सफर तय करवाने वाला एक मजबूत सिस्टम खड़ा करना।

नए दौर के लिए नई तैयारी

जैसे-जैसे क्रिकेट एक तेज़, पेशेवर और वैश्विक खेल बनता जा रहा है, वैसे-वैसे ज़रूरत है ऐसे खिलाड़ियों की जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हों, बल्कि मानसिक रूप से मजबूत और रणनीतिक दृष्टि से भी आगे हों। दिल्ली कैपिटल्स इस बदलाव को समझ रही है और उसी के अनुरूप अगली पीढ़ी को तैयार कर रही है।

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Khelo India Youth Games 2025 की सबसे युवा एथलीट बनी निलांजना, भारत के लिए खेलने का है सपना

Khelo India Youth Games 2025 की सबसे युवा एथलीट बनी निलांजना, भारत के लिए खेलने का है सपना

राजगीर: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 (Khelo India Youth Games 2025) में हिस्सा लेने वाले लगभग 6000 एथलीटों में एक 8 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी भी शामिल हैं। जिसने अपनी प्रतिभा से सभी को हैरान कर दिया। बिहार की निलांजना शर्मा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में भाग लेने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनी। महज 8 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी प्रतिभा से एक अलग पहचान बना ली है।

निलांजना बिहार के मुज़फ्फरपुर की निवासी हैं और यह उनका पहला मौका है जब वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग ले रही हैं। निलांजना को उनके पिता निरंजन कुमार शर्मा ने प्रशिक्षित किया है। जो मुज़फ्फरपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर और पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी हैं।

निलांजना ने अपनी खेल यात्रा 3 साल की उम्र में शुरू की थी। उनके पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम चाहते थे कि निलांजना लॉन टेनिस सीखे, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण हमने वह विचार छोड़ दिया। फिर जब हमने देखा कि वह टेबल टेनिस में रुचि रखती है, तो हमने उसे इस खेल में प्रशिक्षित करना शुरू किया। आज भी मैं ही उसे ट्रेन करता हूँ और उसने कहीं और से किसी भी प्रकार की प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली है। उसकी सफलता केवल उसके खेल के प्रति प्यार और पैशन की वजह से है।

निलांजना ने कई उपलब्धियां हासिल की है

निलांजना ने अपनी मेहनत और समर्पण से कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 2022 में उन्होंने बिहार स्टेट चैंपियनशिप के अंडर-11 श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद उसी साल अंडर-13 और अंडर-15 श्रेणियों में क्रमशः दूसरा स्थान और दूसरा स्थान प्राप्त किया। 2024 में निलांजना ने अंडर-11 श्रेणी में एक बार फिर पहला स्थान हासिल किया। वहीं अंडर-13 श्रेणी में भी उन्होंने पहला स्थान और अंडर-15 श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया।

भारत के लिए खेलने का है सपना

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेने वाली बिहार टेबल टेनिस टीम के कोच राहुल कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि निलांजना शर्मा खेलो इंडिया 2025 में भाग लेने वाली सबसे युवा एथलीट हैं। जब निलांजना से उनके लक्ष्य के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपनी बड़ी सफलता की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरा सपना है कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करूं और अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराऊं।

निलांजना की प्रेरणादायक यात्रा यह साबित करती है कि किसी भी उम्र में, यदि शौक और मेहनत में जुनून हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में भागीदारी न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह खेलो इंडिया के मंच की ताकत को दर्शाता है, जो भारत के हर कोने से प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

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