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Rinku Singh पर कभी बीसीसीआई ने लगाया था बैन, अब गुजरात टाइटंस के खिलाफ लगातार पांच छक्का जड़कर रातों-रात बनें स्टार; जानें कैसा रहा है रिंकू सिंह का सफर

आईपीएल 2023 (IPL 2023) का आगाज हो चुका है। शुरुआत के कुछ मैच में ही आईपीएल का रोमांच अपने चरम पर पहुंच गया है। इस आईपीएल में एक ऐसे खिलाड़ी ने अपनी गाथा लिखी है, जिसकी चर्चो पूरे विश्व क्रिकेट में शुरू हो गई है। यह खिलाड़ी कोई और नहीं रिंकू सिंह (Rinku Singh) है। जिन्होंने पांच गेंदों पर पांच छक्के जड़कर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिला और रातों-रात हीरो बन गए। उत्तर प्रदेश का यह सितारा जो आईपीएल 2023 में अपनी चमक बिखेर रहा है।

रिंकू सिंह ने पांच छक्का लगाकर मैच को पूरी तरह से पलट दिया और गुजरात टाइटंस को हराकर मुकाबले को जीत लिया। पांच गेंदों पर पांच छक्कें जड़ने के बाद रिंकू ने अपना नाम क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा लिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिंकू सिंह ने जो मुकाम हासिल की वो काफी संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में अपने आप को निखरा है और आज यह मुकाम हासिल कर पाए हैं। आइए जानते हैं कैसे रिंकू सिंह बने सिक्सर किंग।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ रिंकू सिंह का जन्म

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 12 अक्टूबर 1997 को जन्में रिंकू सिंह का पढ़ाई में कुछ खास लगाव नहीं था। रिंकू के पिता चंद्र सिंह एलपीजी सिलेंडर बांटने का काम करते है। सिलेंडर डिलीवरी का काम करने वाले चंद्र सिंह का घर दो कमरों तक ही सिमिट था। रिंकू को बचपन से पढ़ाई में मन नहीं लगता था। बल्कि इससे उल्टा रिंकू का मन खेल में हमेशा लगा रहता था। इसके बावजूद भी रिंकू के माता-पिता ने कभी भी रिंकू को स्कूल भेजना बंद नहीं किया।

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रिंकू सिंह ने 10 से 11 साल में क्रिकेट को अच्छी तरह से समझ लिया था। रिंकू अपना अधिक समय क्रिकेट को देने लगे थे। रिंकू सिंह अपने पांच भाई-बहनों के साथ गोदाम के परिसर में दो रूम के कमरें में रहते थे। रिंकू सिंह बचपन से गरीबी के माहौल मे पले बढ़े। पिता गैस डिलीवरी का काम करते थे तो वहीं सबसे बड़ा भाई ऑटो रिक्शा चलाता था। जबकि उनका एक बड़ा भाई एक कोचिंग सेंटर में काम करता था।

कठिनाइयों से परिवार का पेट पालने वाले पिता ने रिंकू के कौशल को नहीं पहचाना

कठिनाइयों से परिवार का पेट पालने वाले पिता में इतनी समझ नहीं थी कि अपने बच्चों के कौशल को पहचान कर उन्हें सही रास्ता दिखाए। पढ़ाई में कमजोर होने के कारण के रिंकू का मन खेल से मानों लग सा गया था। जिससे उनके पिता हमेशा नाराज ही रहते थे। रिंकू के क्रिकेटर बनने की बात पर पिता ने कई बार नाराज होकर उनकी पिटाई भी की ऐसा सिर्फ उन्होंने परेशानी में किया।

एक पिता का ख्वाब होता है कि बेटा किसी तरह कुछ करके कमाने लग जाए। इसके अलावा रिंकू कहते है कि क्रिकेट खेलने के लिए उनको समर्थन भी घरवालों से मिला। जिससे मुझे उस जगह तक पहुंचने में मदद मिली, आज मैं जहां भी हूं।

Rinku Singh With His Family

रिंकू के पिता घर परिवार देखकर चलने वाले आदमी थे, उन्हें पता था कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इन सबके बावजूद रिंकू ने 2009 में क्रिकेट खेलने का मन बना लिया था। रिंकू के इसी लगन के कारण वो 2012 में यूपी के टीम में चुने गए। इसके बाद रिंकू सिंह का परिवार एक बार फिर तंगी से झूझने लगा। ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण रिंकू को झाड़ू पोछा लगाने का काम मिला। उन्हें नौकरी तो चाहिए थी लेकिन वह सफाई कर्मी बनने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि अब क्रिकेट में ही कुछ करूंगा।

रिंकू कहते हैं मैं इतना पढ़ा लिखा नहीं हूं कि पढ़ाई के आधार पर काम कर सकूं मैं केवल क्रिकेट ही है जो मुझे आगे बढ़ा सकता है और क्रिकेट के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था। क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का कोई और रास्ता ही नहीं था। बड़े भाई की तरह पिता भी हर महीने 6 से ₹7000 कमाते थे। क्रिकेट करियर में उनके परिवार को गरीबी के बोझ से बाहर निकालने में मदद की।

रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर

2012 में यूपी के टीम से खेलने के बाद रिंकू सिंह का बेहतरीन प्रदर्शन लगातार जारी रहा। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उत्तरप्रदेश के अंडर-19 और अंडर-23 टीम में जगह मिली। इसके अलावा उन्होंने अंडर-19 में सेंट्रल जोन का प्रतिनिधित्व भी किया। रिंकू सिंह ने महज 16 साल की उम्र में लिस्ट A  क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने पहले ही मैच में शानदार पारी में खेलते हुए 87 गेंदों में 84 रनों की पारी खेली।

सैय्यद मुस्ताक अली ट्रॉफी में 31 मार्च 2014 को विदर्भ के खिलाफ खेलते हुए अपने डेब्यू मैच में ही इन्होने 5 गेंदों पे तूफानी अंदाज़ में बल्लेबाजी करते हुए तीन चौकों और दो गगनचुम्बी छक्कों की मदद से 24 रन बना दिए और दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 3 ओवर में 46 रन देकर एक विकेट भी लिया। इसके बाद उन्होंने 5 नवंबर 2016 को 18 वर्ष की उम्र में 2016-17 की रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।

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इनके अच्छे प्रदर्शन का फायदा इन्हें आईपीएल के 2017 के सीजन में मिला। जब किंग्स एलेवेन पंजाब ने रिंकू सिंह को 10 लाख के बेस प्राइस पर खरीदा। लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद 2018 के विजय हज़ारे ट्रॉफी के एक मैच में त्रिपुरा के विरूद्ध ताबड़तोड़ अंदाज़ में बल्लेबाजी करते हुए 44 गेंद में नाबाद 91 रन बनाये और इसकी मदद से उन्हें 2018 में कोलकाता नाईट राइडर्स की टीम ने उन्हें 80 लाख रुपये में खरीदा। 2018 में रिंकू का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।

2018 में अपने ख़राब प्रदर्शन के बाद रिंकू सिंह ने कोलकाता के बैटिंग मेंटर अभिषेक नायर के साथ समय बिताया और इसका फायदा उन्हें 2018-2019 के रणजी सीजन में भी हुआ और उन्होंने 10 पारियों में 953 रन बनाकर टूर्नामेंट के तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे जिसमे उन्होंने चार शतक लगाए थे (163*, 149, 149 और 150)।  रणजी ट्रॉफी में रिंकू ने 40 मैचों की 59 परियों में 59.89 की उम्दा औसत से 2875 रन बनाये हैं। रणजी ट्रॉफी में रिंकू का उच्चतम स्कोर 163 रन है।

बीसीसीआई ने 2019 में लगाया था बैन

साल 2019 में बीसीसीआई ने रिंकू सिंह को तीन महीनों का प्रतिबंध लगा दिया था। इस दौरान उनके क्रिकेट के करियर पर ब्रेक लग गया था। रिंकू सिंह ने बिना बीसीसीआई को जानकारी दिए अबुधाबी में एक टी-20 लीग में हिस्सा लिया था। जब इसकी जानकारी बीसीसीआई को लगी तो उन्होंने कड़ा एक्शन लेते हुए तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया। इस घटना के बाद रिंकू सिंह ने ऐसा कभी नहीं करने की ठानी। उसके बाद फिर रिंकू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

आईपीएल 2022 में रिंकू को मौके मिलने शुरू हो गए। पिछले साल रिंकू सिंह ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 15 गेंदों पर 40 रन बनाकर टीम को जीत के दहलीज पर पहुंचा दिए। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम 2 रनों से हार गई। जिसके बाद केकेआर की तरफ से लगातार मौके मिलने शुरू हो गए। जिसके बाद रिंकू के प्रदर्शन में भी निखार आने लगा। आईपीएल 2023 में 5 गेंदों में पांच छक्के जड़कर अपनी एक अलग पहचान बना ली है। इसके साथ ही आईपीएल के इतिहास में पांच लगातार गेंदों में पांच छक्के लगाने वाले पांचवे खिलाड़ी बन गए।

 

Written By- उपासना कुमारी

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Duleep Trophy 2024 में भारत सी ने भारत डी को 4 विकेटों से हराया, रुतुराज गायकवाड की टीम ने जीत के साथ की शुरुआत

Duleep Trophy 2024 में भारत सी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत डी को 4 विकेट से हराकर मुकाबले को जीत लिया। बाएं हाथ के स्पिनर गेंदबाज मानव सुथार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लेकर भारत डी को बैकफूट पर खड़ा कर दिया। जिसके बाद भारत सी ने मुकाबले को 4 विकेट से जीतकर दलीप ट्रॉफी में जीत के साथ शुरुआत कर दी है।

मैच के तीसरे दिन भारत सी को 232 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी बल्लेबाजी को संवारना था। कप्तान रुतुराज गायकवाड़ (36), आर्यन जुयाल (47), और रजत पाटीदार (44) ने महत्वपूर्ण पारियां खेलीं और टीम को जीत के करीब पहुंचाया। खासकर, अभिषेक पोरेल ने दबाव की परिस्थितियों में नाबाद 35 रन की पारी खेलकर भारत सी को जीत दिलाई।

भारत डी ने दिन की शुरुआत आठ विकेट पर 206 रन से की, जहां अक्षर पटेल और हर्षित राणा क्रीज पर थे। सुथार ने अक्षर पटेल (28) को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा और आदित्य ठाकरे (0) को भी पवेलियन भेजा। इस प्रकार, भारत डी की दूसरी पारी 236 रन पर समाप्त हो गई।

लक्ष्य का पीछा करते हुए, गायकवाड़ और साई सुदर्शन (22) ने पहले विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। इसके बाद सारांश जैन ने सुदर्शन को आउट कर इस साझेदारी को समाप्त किया और गायकवाड़ को भी चलता किया। जुयाल और पाटीदार ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन की साझेदारी की, जिससे टीम जीत के करीब पहुंच गई। जैन ने पाटीदार को आउट किया और इसके तुरंत बाद अर्शदीप सिंह ने जुयाल को पवेलियन भेजा।

भारत सी की टीम 191 रन पर छह विकेट गंवाने के बाद संकट में थी, लेकिन पोरेल और सुथार (नाबाद 19) ने सातवें विकेट के लिए 42 रन की अटूट साझेदारी की और टीम को जीत दिलाई। भारत डी के दायें हाथ के ऑफ स्पिनर जैन ने चार विकेट झटके, लेकिन उनकी मेहनत नाकाम रही और भारत सी ने मैच जीतकर खेल के प्रति अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।

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अखिल भारतीय जेपी अत्रे मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट 10 सितंबर से पंजाब में, बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त है यह टूर्नामेंट

चंडीगढ़ – भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त अखिल भारतीय जेपी अत्रे मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के 29वें संस्करण की तैयारी पूरी हो गई है। यह टूर्नामेंट 10 से 20 सितंबर तक पंजाब क्रिकेट संघ के स्टेडियमों में आयोजित किया जाएगा।

इस साल के टूर्नामेंट में 16 टीमें भाग लेंगी, जिनमें भारतीय रेलवे, हरियाणा क्रिकेट संघ कोल्ट्स, हिमाचल क्रिकेट संघ, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ और पंजाब क्रिकेट संघ कोल्ट्स शामिल हैं। आयोजक सचिव सुशील कपूर ने शुक्रवार को घोषणा की कि इन टीमों को चार पूल में विभाजित किया जाएगा। सभी मैच लीग-कम-नॉकआउट आधार पर खेले जाएंगे, और प्रत्येक पूल की शीर्ष टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी।

टूर्नामेंट का फाइनल मैच मोहाली के पीसीए स्टेडियम में खेला जाएगा। विजेता टीम को तीन लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक ट्रॉफी प्राप्त होगी, जबकि उपविजेता टीम को 1.5 लाख रुपये और एक ट्रॉफी मिलेगी। यह भारतीय क्रिकेट के युवाओं को एक बड़ा मंच प्रदान करेगा।

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पटना में जिला स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता 2024-25 का शानदार समापन, देखें किसने मारी बाजी

पटना, 06 सितंबर 2024: पटना जिले में आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता 2024-25 का समापन पाटलिपुत्र खेल परिसर में हुआ। इस आयोजन में विभिन्न विद्यालयों के खिलाड़ियों ने अपनी खेल क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

कबड्डी मुकाबले में अंडर-19 बालिका वर्ग में शीला गल्र्स स्कूल, औंटा ने श्रीराम सेन्टेनियल को 27-8 से हराकर चैम्पियन का खिताब जीता। वहीं, बालक वर्ग में एस0आर0पी0 स्कूल ने शिवम कॉन्वेंट को 17-10 से हराया। बालक अंडर-17 में बाल विद्या निकेतन ने एस0आर0पी0एस0 को 27-11 से हराया, जबकि बालिका अंडर-14 में ए0एन0एस0 बाढ़ ने ओपेन माइंड बिरला को 20-12 से हराया।

वॉलीबॉल में बालक अंडर-17 वर्ग में शिवम कॉन्वेंट ने क्राइस्ट चर्च को 25-12, 25-14 से हराया, जबकि अंडर-14 वर्ग में शोषित समाधान केन्द्र ने डी0पी0एस0 पटना को 25-10, 25-15 से पराजित किया। फुटबॉल के अंडर-17 में डी0पी0एस0 ने ज्ञान निकेतन को 3-0 से हराया।

पुरस्कार वितरण-सह-समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्री तनय सुल्तानिया (भा.प्र.से.), उप विकास आयुक्त, पटना ने विजेताओं को मेडल और ट्रॉफी प्रदान की। उन्होंने अपने संबोधन में खेलों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि आज दुनिया में शायद ही ऐसा कोई हो जो खेलों से किसी न किसी रूप में जुड़ा न हो। उन्होंने राज्य सरकार की खेल विभाग की पहल और खेल अवसंरचनाओं के विकास के प्रयासों की भी सराहना की।

समारोह का संचालन अभिषेक कुमार, एन0आई0एस0 प्रशिक्षक-सह-शारीरिक शिक्षा शिक्षक, उच्च विद्यालय पैनाल ने किया। कार्यक्रम में किरण कुमार झा, धीरेन्द्र पासवान, दीपक कुमार, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

एथलेटिक्स में बालिका अंडर-14 वर्ग में 200 मीटर की दौड़ में स्तुति कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि ऊँची कूद में यासमीन परवीन ने जीत हासिल की। बालक अंडर-14 में लंबी कूद में गुलशन कुमार ने पहला स्थान प्राप्त किया। अंडर-17 बालिका में 200 मीटर की दौड़ में उम्मे हबीबा और बालक अंडर-17 में 200 मीटर दौड़ में अगस्त्य किशोर ने क्रमशः पहले स्थान प्राप्त किए।

सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई देते हुए खेल विभाग के अधिकारी ओम प्रकाश ने समापन समारोह की औपचारिकताओं को पूरा किया। कार्यक्रम के अंत में जंबल मार्च पास्ट के साथ प्रतियोगिता का ध्वज अवरोहण और राष्ट्रगान के साथ समाप्ति की घोषणा की गई।

एथलेटिक्स
बालिका अंडर-14
200 मीटर
1. स्तुति कुमारी, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।
2. वैभवी कुमारी, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।
3. ऋतु राज, संत जोसेफ।

400 मीटर
1. वैभवी कुमारी, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।
2. अर्चणा कुमारी, शिव काॅन्वेंट।
3. एजेंल सिंह, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।

लंबी कूद
1. वैभवी कुमारी, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।
2. अर्चणा कुमारी, शिव काॅन्वेंट।
3. एजेंल सिंह, संत कैरेन्स हाई स्कूल, पटना।

ऊँची कूद
1. यासमीन परवीन, के0जी0बी0एम0एस खगौल।
2. चाहत कुमारी, के0जी0बी0एम0एस खगौल।
3. सृष्टि कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।

4 x 100 मीटर रिले रेस
1. सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
2. शिवम काॅन्वेंट।
3. माउंट लिट्रा जी।

बालक अंडर-14
लंबी कूद
1. गुलशन कुमार, एस0वी0एम0 बाढ़।
2. अक्श राज, बाल विद्या निकेतन।
3. किशन कुमार, एस0एस0के0 दानापुर।

ऊँची कूद
1. अंकित कुमार, जी0सी0 हाई स्कूल, बिहटा।
2. राहुल कुमार, एस0आर0पी0एस0 गर्वनमेंट सेकेण्ड्री स्कूल।
3. ए0एन0एस0 हाई स्कूल, डुमरी।

4 x 100 मीटर रिले रेस
1. बाल विद्याल निेतन।
2. सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. शिवम काॅन्वेंट।

बालिका अंडर-17
200 मीटर
1. उम्मे हबीबा, सेंट जोसेफ, बाढ़।
2. निधि, सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. चंचल, ज्ञान निकेतन।

1500 मीटर
1. प्रिया कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।
2. प्राची कुमारी, सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. रहमती परवीन, गर्दनीबाग गल्र्स हाई स्कूल।

डिस्कस थ्रो
1. शालु कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।
2. तृप्ति सिंह, नोट्रेडेम एकेडमी।
3. उन्नति जैन, नोट्रेडेम एकेडमी।

ऊँची कूद
1. श्रेया सिंह, सेंट कैरेन्स।
2. निक्की कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।
3. प्रिया कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।

लंबी कूद
1. उम्मे हबीबा, सेंट जोसेफ, बाढ़।
2. राजनंदिनी सिंह, सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. ममता कुमारी, गर्दनीबाग गल्र्स हाई स्कूल।

जैवलीन थ्रो
1. मोना कुमारी, आर्य कन्या, मछुआटोली।
2. अपराजिता श्रीवास्तव, शिवम इंटरनेशनल।
3. शालु कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।

4 x 100 मीटर रिले रेस
1. सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
2. सेंट जोसेफ, बाढ़।
3. गर्दनीबाग गल्र्स हाई स्कूल।

अंडर-19 बालक
200 मीटर
1. मनीष जयसवाल, काॅलेज आॅफ काॅमर्स।
2. अभिवन सिंह, शिवम काॅन्वेंट।
3. तजश कुमार राव, ज्ञान निकेतन।

5000 मीटर
1. अनंत सागर, एस0एम0जी0के0 $2 मसौढ़ी।
2. संजीत कुमार, एन0के0 हाई स्कूल, बहरामपुर।
3. अंकित राज, एस0एम0जी0के0 $2 मसौढ़ी।

डिस्कस थ्रो
1. यश राज, न्यु एरा हाई स्कूल।
2. मो0 फैजान, हाई स्कूल फतुहाँ।
3. हिमांशु, हाई स्कूल फतुहाँ।

लंबी कूद
1. कृतेश रवि, नाथन इंटरनेशनल हाई स्कूल।
2. मुकेश कुमार, गवर्नमेंट हाई स्कूल करंजा।
3. मो0 तौहिद, हाई स्कूल लखना।

ट्रिपल जम्प
1. कृतेश रवि, नाथन इंटरनेशनल।
2. प्रिंस कुमार, रेडिएंट रेसिडेंसियल।
3. सुमित कुमार, एम0आईएस0 ब्रह्मपुरा।

अंडर-17 बालिका
200 मीटर
1. प्रियांसी, सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
2. अनन्या श्री, सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. रोसल रंजीत, नोट्रेडेम।

डिस्कस थ्रो
1. सृष्टि कुमारी, कस्तुरबा गांधी विद्यालय।
2. मिहिका सुचिता, नोट्रेडेम।
3. अनुष्का कुमारी, सेंट जोसेफ, बाढ़।

4 x 100 मीटर रिले रेस
1. सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
2. नोट्रेडेम।
3. ज्ञान निकेतन।

अंडर-17 बालक
200 मीटर
1. अगस्त्य किशोर, सेंट कैरेन्स।
2. अयुराज कुमार गोंड, मिलर हाई स्कूल।
3. गुलशन कुमार, ए0एन0एस0 बाढ़।

1500 मीटर
1. सौरव कुमार, महादेव उच्च विद्यालय, खुशरूपुर।
2. निरेज कुमार, एन0के0 हाई स्कूल बहरामपुर।
3. गौरव कुमार, महादेव उच्च विद्यालय, खुशरूपुर।

300 मीटर
1. सौरव कुमार, महादेव उच्च विद्यालय, खुशरूपुर।
2. अमिनेश कुमार, ज्ञान निकेतन।
3. गौतम कुमार, एन0के0 हाई स्कूल बहरामपुर।

लंबी कूद
1. कल्याण कुमार, यू0यू0एम0वी लंका कछुआरा।
2. प्रतिक राज, ए0एन0एस0 हाई स्कूल, बाढ़।
3. विपिन कुमार, ए0एन0एस0 हाई स्कूल, उस्फा।

ऊँची कूद
1. कल्याण कुमार, यू0यू0एम0वी लंका कछुआरा।
2. सुमित कुमार, एस0ए0एन0एस0 नरौली।
3. अर्णव सिंह, वी0एम0 विद्या मंदिर, फुलवारीशरीफ।

डिस्कस थ्रो
1. सौम्य प्रताप सिंह, ज्ञानोदय।
2. ऋित्विक राज, मदर इंटरनेशनल
3. राकेश कुमार, एन0के0 हाई स्कूल।

जैवलीन थ्रो
1. सुरज कुमार, आर्यभट्ट पब्लिक स्कूल।
2. रचित कुमार, न्यु एरा हाई स्कूल।
3. हिमांशु कुमार, ज्ञानोदय।

ट्रिपल जम्प
1. कल्याण कुमार, यू0यू0एम0वी0 लंका कछुआरा।
2. प्रतिक राज, ए0एन0एस0 बाढ़।
3. उत्सव राज, सेंट कैरेन्स।

4 x 100 मीटर रिले रेस
1. शिवम काॅन्वेंट
2. सेंट कैरेन्स हाई स्कूल।
3. ए0एन0एस0 बाढ़।

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Rahul Dravid बने राजस्थान रॉयल्स के कोच, टीम इंडिया को खिताब जीताने के बाद अब आईपीएल में भी मिली जिम्मेदारी

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को शुक्रवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम राजस्थान रॉयल्स का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति द्रविड़ के भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में सफल कार्यकाल के समाप्त होने के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने जून 2024 में टी20 विश्व कप में भारत को खिताब दिलाया था।

राजस्थान रॉयल्स ने एक आधिकारिक बयान में पुष्टि की कि द्रविड़, जिन्होंने 2011 से 2015 तक टीम के साथ पांच सत्र बिताए थे, अब तुरंत टीम से जुड़ेंगे। वह क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा के साथ मिलकर टीम की कोचिंग करेंगे। रॉयल्स खेल समूह के सीईओ जैक लुश मैक्रम ने कहा, “राहुल द्रविड़ की असाधारण कोचिंग प्रतिभा भारतीय टीम के साथ साबित हो चुकी है। उनका रॉयल्स के साथ गहरा नाता रहा है, और हमने उनके खेल और टीम के प्रति जुनून को देखा है।”

राहुल द्रविड़ ने अपनी नई भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा, “विश्व कप के बाद यह दूसरी चुनौती स्वीकार करने का सही समय था। रॉयल्स मेरे लिए एक बेहतरीन विकल्प है।” राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में राजस्थान रॉयल्स की नई शुरुआत की उम्मीद की जा रही है, और उनकी कोचिंग के साथ टीम को आगामी आईपीएल सत्र में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है।

रॉयल्स के मालिक मनोज बदाले ने भी द्रविड़ की नियुक्ति पर खुशी जाहिर की और कहा, “हमने पिछले कुछ वर्षों में बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ सीखना है। द्रविड़ की वापसी से हमारी तरक्की को गति मिलेगी।”

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