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Opinion: 4-1 से सीरीज जीतने के बाद भी कुछ सवालों ने किया परेशान, घर में ही स्पिनर्स के सामने टिक नहीं पा रहे हैं भारतीय बल्लेबाज, जानें कहां चूक रहे हैं बल्लेबाज…

Opinion: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से सीरीज को अपने नाम किया। इस टेस्ट सीरीज को जीतकर भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहले स्थान के लिए दावेदारी मजबूत कर दी। लगातार दो बार विश्व टेस्ट चैंपिशनशिप का फाइनल खेलने के बाद टीम इंडिया इस बार भी टेस्ट चैंपिशनशिप फाइनल खेलने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। इस सीरीज को भारतीय टीम ने भले ही 4-1 से अपने नाम कर लिया हो लेकिन इस टेस्ट सीरीज और पिछले कुछ सालों में घर पर खेले गए टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की एक कमी तेजी से उजागर हुई है।

ऐसी कमी उजागर हुई है जिसमें कभी भारतीय टीम को महारत हासिल थी। पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम स्पिन खेलने में फिसड्डी साबित हुई है। भारतीय टीम को भारत में ही स्पिन खेलने में अब परेशानी होने लगी है। जबकि पहले यही भारतीय टीम के जीत का मंत्रा था। विदेशी टीमें के खिलाफ स्पिन ट्रैक तैयार करके उनके चारों खाने चित कर देते थे। अब ऐसा हो गया है कि विदेशी टीमें भारत का दौरा करती है तब दो-तीन अच्छे स्पिनर को शामिल कर भारतीय टीम को परेशान कर देती है। यहां आने के बाद उनके एवरेज गेंदबाज भी शानदार गेंदबाज बन जाते हैं।

जबकि पहले भारतीय टीमों ने घरेलू और उपमहाद्वीपीय परिस्थतियों में स्पिन के अनुकूल पिचों में शानदार बल्लेबाजी की है। हालांकि अभी वर्तमान में भारतीय टीम स्पिन का सामना करने में पूरी तरह से जुझते नजर आती हैं। भारतीय टीम की गेंदबाजी भारत में शुरू से ही बेहतरीन रही है। अभी यह और मजबूत हो गई है जबकि बल्लेबाजी में स्पिन खेलने की कला में कमी देखने को मिली है।

70 के दशक में भारत की स्पिन चौकड़ी

भारतीय टीम जो कभी 70 के दशक में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विरोधियों को परेशान किया करते थी। वहीं आज के समय में हमारे बल्लेबाज परेशान हो जाते हैं। 70 के दशक में इराप्पल्ली प्रसन्ना, बीएस चन्द्रशेखर, वेंकट राघवन और बिशन सिंह बेदी की प्रसिद्ध चौकड़ी थी, जो भारतीय पिचों पर विदेशी टीमों के खिलाफ हावी रहती थी। इन लोगों ने विदेशी बल्लेबाजों के मन में इतना डर बना दिया था कि भारत का दौरा करने वाली टीमें एक महीना पहले से ही स्पिन खेलने का अभ्यास शुरू कर देती थी लेकिन फिर भी इनकी चौकड़ी बल्लेबाजों को कुछ खास करने का मौका नहीं देती थी।

उसके बाद 1980 से लेकर 2010 तक भारतीय टीम के पास ऐसे बल्लेबाज थे जो भारत में ही नहीं बाहर भी जाकर अपनी छाप छोड़ी। कुछ ऐसे बल्लेबाज भी थे, जिन्हें घर पर स्पिन खेलने में महारत हासिल थी और अगर विदेश का दौरा करे तो स्विंग और पेस खेलने में भी माहिर थे। उस दौरान भारत में कई ऐसे दिग्गज स्पिनर भी आएं, जिन्होंने पूरी दूनिया में अपनी छाप छोड़ी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के आगे नतमस्तक हो गए। शेन वार्न से लेकर मुथैया मुरलीधरन तक कई ऐसे दिग्गज भी आएं लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उन दिग्गज स्पिनरों का डटकर सामना किया और स्पिन खेलने की कला भी दुनिया को दिखाई।

हमारी ताकत ही बनी कमजोरी

आखिरी पिछले कुछ समय में ऐसा क्या हो गया कि जो हमारी ताकत थी, वही हमारी कमजोरी बन गई। भारतीय खिलाड़ी जो स्पिन के अनुकूल पिचों पर खेलकर बड़े हुए हैं लेकिन आज वही बल्लेबाज स्पिन का ढंग से सामना नहीं कर पा रहे हैं। जहां विकेट खराब होने लगती है भारतीय टीम के बल्लेबाजों के पांव क्रीज पर जमते ही नहीं हैं। समय के साथ भारतीय खिलाड़ियों का स्पिन खेलने के लिए जो तकनीक होनी चाहिए, वो धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है। अब महेमान टीम को जितना मुश्किल स्पिन खेलने में होती है उतना ही मुश्किल भारतीय टीम को भी स्पिन का सामना करने में होती है।

स्पिन के खिलाफ क्यों संघर्ष कर रहे हैं बल्लेबाज

भारतीय पिचों पर स्पिनरों को खासा फायदा मिलता है। यहां स्पिनरों को विकेट से काफी मदद मिलती है, जिसके कारण भारत में स्पिनर ज्यादा करागर साबित होते हैं। जैसे-जैसे विकेट टूटने लगती है स्पिनरों को टर्न के साथ अधिक उछाल भी मिलने लगती है। अगर गेंदबाज गेंद को ड्रिफ्ट करवाना जानते हैं तब तो बल्लेबाजों को ऐसे गेंदबाज का सामना करने में ज्यादा ही कठिनाई आती है। क्योंकि ऐसे गेंदबाज पिच से अधिक फायदा लेने में कामयाब रहते हैं और बल्लेबाजों को खूब परेशान करते हैं।

भारत में विकेट सूखी और धीमी होती है साथ ही साथ विकेट में असमतल उछाल के साथ गेंद भी तेजी से टर्न होता है। ऐसी विकेटों पर खेलने के लिए बल्लेबाजों को अधिक सतर्कता दिखाने की जरूरत होती है। जिसके लिए बल्लेबाजों को स्पिन खेलने की कला बखूबी आनी चाहिए। स्पिन खेलने में परेशानी के कारण बल्लेबाज स्ट्राइक रोटेट नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण भी स्पिनर्स बल्लेबाजों पर हावी हो जाते हैं। जब कोई एक बल्लेबाज ओवर की 6 गेंदें खुद खेलता है तब उसके आउट होने की संभावना भी ज्यादा होती है। इसलिए ऐसा कहा जाता था कि आप स्ट्राइक रोटेट करते रहें जिससे गेंदबाज को परेशानी हो, बल्लेबाज को नहीं।

विदेशी स्पिनर ने किया परेशान

पिछले 10-15 सालों में भारत में डेब्यू करने वाले विदेशी स्पिनर ने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है। 2008 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत का दौरा करने आई थी तब जेसन क्रेजा ने अपने डेब्यू मुकाबले के पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 4 विकेट चटकाए थे। उसके बाद से विदेशी स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों पर हावी होने लगे। अगर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव ओ कैफी की बात करें तो उन्होंने 2021 में भारत का दौरा करते हुए दोनों पारी में 6-6 विकेट लिए थे। वहीं मैट कुहनैमन ने 5 विकेट लेकर भारतीय टीम को बता दिया था कि स्पिन खेलने की कला अब आपके पास उतनी अच्छी नहीं रही।

उसके बाद न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी भारत के खिलाफ भारत में ही किया। उन्होंने उस मैच में कुल 14 विकेट चटकाए। वहीं टॉड मर्फी ने 2023 में डेब्यू करते हुए एक पारी में 5 विकेट चटकाए। अब इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले ही मैच में टॉम हर्टली ने डेब्यू करते हुए एक पारी में 7 विकेट चटकाए। उसके बाद शोएब बशीर ने इस टेस्ट सीरीज के चौथे और पांचवें मुकाबले में पांच-पांच विकेट चटकाए। इस सीरीज में इंग्लैंड के टॉम हार्टली ने कुल 22 विकेट चटकाए। इन 10-15 सालों में विदेशी स्पिनर ने भारत में आकर भारतीय टीम को ही परेशान किया है।

बल्लेबाज तकनीक पर नहीं कर पाते हैं काम

अब सालभर लगातार ही पूरे विश्व में क्रिकेट खेला जाता है। ऐसे में इंटरनेशनल क्रिकेटरों को अपनी कमियों पर काम करने का मौका भी बहुत कम मिलता है। अब जो भारतीय क्रिकेटर इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने लगते है वो घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेते हैं। जिस कारण से उन्हें घरेलू गेंदबाज या स्पिनर को खेलने का कम मौका मिलता है। इसके अलावा अब बल्लेबाज गेंदबाज के साथ कम और बॉलिंग मशीन के साथ ज्यादा दिखते हैं। बॉलिंग मशीन के साथ बल्लेबाज घंटों अभ्यास करते हैं। वहीं लगातार क्रिकेट होने के कारण सीमित ओवरों में बल्लेबाज स्पिनर पर ज्यादा अटैकिंग रुख अपनाते हैं और रन बनाने की कोशिश करते रहते हैं। फील्ड रिस्ट्रिक्शन होने के कारण बल्लेबाजों की कमियों का पता नहीं चलता है। जैसे ही यही बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं उनकी कमियां साफ नजर आने लगती है।

गेंदबाज भी अब पहले जितना अभ्यास नहीं करते हैं। तीन फॉर्मेट में अपने आप फिट रखने के लिए गेंदबाज नेट में भी काफी कम समय व्यतीत करते हैं। जिस कारण से भी बल्लेबाजों को अपनी कमियों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चलता है। लगातार मैचेज के कारण गेंदबाज अब ज्यादातर अपने फिटनेस पर ध्यान देते हैं। जिससे वो ज्यादा से मैच खेल पाएं। इस कारण से अब ज्यादातर बल्लेबाजों को नेट गेंदबाज ही अभ्यास कराते नजर आते हैं।

घरेलू क्रिकेट में स्पिनर अब उतने करागर नहीं

अब बात यह भी है कि अब घरेलू क्रिकेट में उतने अच्छे स्पिनर भी नहीं रह गए हैं जो बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान कर सके। पहले घरेलू क्रिकटे में एक से बढ़कर एक स्पिनर हुआ करते थे। जो इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट को भी तवज्जो देते थे, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अब लगातार मैचेज रहने के कारण इंटरनेशनल क्रिकेटर घरेलू में शामिल नहीं हो पाते है जिस कारण से अब बल्लेबाजों को क्वालिटी के स्पिनर नहीं मिलते हैं। इस कारण से भी अब घरेलू क्रिकेट में स्पिनर उतने करागर साबित नहीं होते हैं। अच्छे स्पिनर के नहीं होने के कारण बल्लेबाजों की कमियां नजर नहीं आती है।

स्पिन खेलने की बढ़िया तकनीक क्या है…

स्पिन को खेलने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आपके कदम चलते रहें। आप फ्रंटफूट और बैकफूट का इस्तेमाल अच्छे ढंग से करें। कुछ बल्लेबाज टर्न कम करने के लिए निकलकर खेलते है और कुछ बल्लेबाज गेंद को टर्न होने के बाद खेलना पंसद करते हैं। अगर आप ऐसे स्पिन को खेलोंगे तब सफलता आपको मिलेगी। स्पिनर के खिलाफ अगर आप फंस गए तब गेंदबाज आपको निश्चित तौर पर आउट कर देगा। इसके अलावा आपके हाथ सॉफ्ट होने चाहिए ताकि आसपास लगे फील्डर के पास गेंद नहीं जानी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में कुछ इस ढंग से स्पिन खेलकर आप अच्छे स्पिनर का सामना कर सकते हैं।

लेखक: उज्जवल कुमार सिन्हा

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ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी और करुणा क्रिकेट एकेडमी क्वार्टरफाइनल में 

पटना: ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी और करुणा क्रिकेट एकेडमी ने विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है।

ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी ने सीएबी रेड को 7 विकेट और करुणा क्रिकेट एकेडमी ने आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड को 120 रन के भारी अंतर से पराजित किया। मुकाबला सीएबी ग्राउंड पर खेला जा रहा है।

पहला मैच 

सीएबी रेड की पारी

टॉस जीतकर ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी (आईकेसीए) ने पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, जो पूरी तरह सही साबित हुआ। सीएबी रेड की टीम निर्धारित 21 ओवर में 104 रन पर 7 विकेट खोकर सिमट गई।

गुलशन कुमार ने सर्वाधिक 34 रन (42 गेंद) बनाकर टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन बाकी बल्लेबाज ईशान किशन एकेडमी के कसी हुई गेंदबाजी के आगे टिक नहीं पाए।

आईकेसीए की ओर से अर्जुन राणा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 ओवर में 16 रन देकर 3 विकेट झटके। वहीं शिवम ने भी बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 2 विकेट मात्र 13 रन देकर टीम को बढ़त दिलाई।

आईकेसीए की विजयी पारी

लक्ष्य का पीछा करने उतरी ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी (आईकेसीए) की टीम ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और केवल 12.4 ओवर में 106/3 रन बनाकर मुकाबला अपने नाम कर लिया।

अस्तित्व चंद्रा ने नाबाद 34 रन (20 गेंद, 7 चौके) की आतिशी पारी खेलते हुए टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाया।

वहीं ओपनर आयुष रंजन ने तेज शुरुआत दी और 19 रन (16 गेंद, 4 चौके) का योगदान दिया। विजेता टीम के अर्जुन राणा को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोर

सीएबी रेड : 21 ओवर में 7 विकेट पर 104 रन, गुलशन कुमार 34, तेजस कुमार 11, अतिरिक्त 29, अर्जुन राणा 3/16, अंशुमान कुमार 1/13, शिवम 2/13.

ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी : 12.4 ओवर में 3 विकेट पर 106 रन, आयुष रंजन 19, अस्तित्व चंद्रा नाबाद 34, हर्ष वर्धन चौधरी नाबाद 13, अतिरिक्त 13, रॉबिन 1/32, तेजस कुमार 2/25

दूसरा मैच

करुणा क्रिकेट एकेडमी की दमदार बल्लेबाजी

आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड द्वारा टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के निर्णय के बाद करुणा क्रिकेट एकेडमी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 21 ओवर में 168/8 का विशाल स्कोर खड़ा किया।

टीम के स्टार बल्लेबाज आरव कुमार चंद्रा ने शानदार 80 रन (55 गेंद) की पारी खेली, जिसमें 16 चौके शामिल थे। कप्तान शुभम ने भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 21 रन का योगदान दिया। आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड की ओर से आदित्य कुमार और प्रत्यूष कुमार ने दो-दो विकेट हासिल किए।

आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड की पारी ढही

लक्ष्य का पीछा करते हुए आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड की पारी शुरू से ही बिखर गई और पूरी टीम सिर्फ 8.2 ओवर में 48 रन पर ढेर हो गई। प्रतीक शर्मा ने कहर बरपाते हुए 3 ओवर में 14 रन देकर 4 विकेट झटके।

वहीं मैच के हीरो आरव कुमार चंद्रा ने गेंद से भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट मात्र 14 रन देकर टीम की जीत सुनिश्चित की।

मोहित राज ने सबसे अधिक 9 रन नाबाद बनाकर टीम को संभालने की कोशिश की। विजेता टीम के आरव कुमार चंद्रा को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोर

करुणा क्रिकेट एकेडमी : 21 ओवर में 8 विकेट पर 168, शुभम 21, आरव कुमार चंद्रा 80, अभिनव आर्या 10, अतिरिक्त 39, आदित्य कुमार 2/25, प्रत्यूष कुमार 2/20, अनमोल 1/24, अर्थव सिन्हा 1/7

आशा बाबा क्रिकेट एकेडमी रेड : 8.2 ओवर में 48 रन पर ऑल आउट, अतिरिक्त 38, आयुष कुमार 1/18, आरव कुमार चंद्रा 3/14, प्रतीक शर्मा 4/14

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बिहार क्रिकेट संघ के आठ पदों के लिए 16 नवंबर को होगा मतदान

पटना। बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) में लंबे इंतजार के बाद चुनाव की तारीख तय हो गई है। बीसीए से संबद्ध मूल जिला संघों के प्रतिनिधियों द्वारा गठित आम सभा में नियुक्त चुनाव अधिकारी ने 16 नवंबर 2025 को चुनाव कराने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।

इसकी जानकारी त्रि-सदस्यीय समिति के चेयरमैन नवीन जमुआर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में प्रबंधन समिति और गवर्निंग काउंसिल के कुल आठ पदों के लिए मतदान कराया जाएगा।

चुनाव अधिकारी द्वारा जारी कार्यक्रम —

  • 30 अक्टूबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी
  • 4 नवंबर को फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी
  • 6 नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी
  • 16 नवंबर को मतदान संपन्न कराया जाएगा।

नवीन जमुआर ने कहा कि बीसीए के चुनाव पूरी पारदर्शिता और नियमों के तहत कराए जाएंगे, ताकि संघ में स्थिरता और निष्पक्ष प्रशासन की स्थापना हो सके।

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बिहार महिला अंडर-19 टी-20 टीम औरंगाबाद के लिए रवाना, 26 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश से होगी भिड़ंत

पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की महिला अंडर-19 टी-20 टीम आज सुबह औरंगाबाद (महाराष्ट्र) के लिए रवाना हो गई, जहां टीम आगामी बीसीसीआई द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में हिस्सा लेगी। टीम को बीसीए पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं देते हुए विदा किया।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने पूरी टीम को आगामी मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं दी हैं और विश्वास जताया है कि खिलाड़ी अपने प्रभावी प्रदर्शन से बिहार का गौरव बढ़ाएंगी।बिहार की टीम की कमान पूर्वी चंपारण की अक्षरा गुप्ता के हाथों में होगी, जबकि सिवान की जूली कुमारी उपकप्तान के रूप में टीम का नेतृत्व संभालेंगी। टीम में विभिन्न जिलों से चयनित खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्होंने अपने प्रभावी प्रदर्शन के दम पर जगह बनाई है।

टीम के साथ कोच ज़ीशान बिन वसी, सहायक कोच राखी सिन्हा, एस एंड सी कोच अनु कुमारी और फिजियोथेरेपिस्ट निकिता कुमारी टीम का मार्गदर्शन करेंगी।

बिहार टीम के मुकाबलों का कार्यक्रम इस प्रकार है –

  • 26 अक्टूबर – आंध्र प्रदेश बनाम बिहार
  • 27 अक्टूबर – बिहार बनाम पुदुचेरी
  • 29 अक्टूबर – बिहार बनाम पंजाब
  • 31 अक्टूबर – बिहार बनाम उत्तराखंड
  • 02 नवंबर – बिहार बनाम तमिलनाडु
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विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट 2025 में ट्रैम्फेंट सी.सी ने टर्फ एरिना ब्लू को 116 रन से रौंदा

पटना, 22 अक्टूबर। स्थानीय क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी ग्राउंड) पर चल रहे विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में बुधवार को खेले गए मुकाबलों में जीत हासिल कर ट्रैम्फेंट क्रिकेट एकेडमी और बीआईओसी ने क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। ट्रै्म्फेंट क्रिकेट एकेडमी ने टर्फ एरिना ब्लू को 116 रन से हराया।  जबकि बीआईओसी ने एसएससीसी को सात विकेट से मात दी।

पहला मैच
टॉस जीतकर टर्फ एरिना ब्लू ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, लेकिन उनका यह निर्णय भारी पड़ गया। ट्रैम्फेंट सी.सी. ने निर्धारित 21 ओवर में 6 विकेट पर 190 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

टीम की ओर से आशुतोष (48 रन) ने शानदार बल्लेबाजी की, जबकि आदित्य राज (28 रन, 14 गेंद, 2 छक्के), आभिजीत राज (24) और स्पर्श (23) ने उपयोगी योगदान दिया। विपक्षी गेंदबाजों ने 42 अतिरिक्त रन (जिसमें 30 वाइड) देकर टीम की मुश्किलें और बढ़ा दीं।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी टर्फ एरेना ब्लू की टीम शुरू से ही दबाव में रही और 12 ओवर में मात्र 74 रन पर सिमट गई। टीम के लिए आयुष (13 रन) ने कुछ योगदान किया। ट्रैम्फेंट सी.सी. के कप्तान आदर्श ने गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए 4 ओवर में मात्र 24 रन देकर 5 विकेट झटके। उनका साथ स्पर्श (2 विकेट) और राहुल (1 विकेट) ने दिया। ट्रैम्फेंट सीसी के आदर्श को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोरकार्ड:
ट्रैम्फेंट सी.सी.: 190/6 (21 ओवर) आशुतोष 48, आभिजीत राज 24, आदित्य राज 28, स्पर्श 23, अतिरिक्त 42; यश राज 1/11, करण सिंह 1/16
टर्फ एरिना ब्लू: 74 (12 ओवर) आयुष 13; आदर्श 5/24, स्पर्श 2/10, राहुल 1/2

दूसरा मैच
टॉस जीतकर एसएससीसी ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, लेकिन टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। पूरी टीम मात्र 13.2 ओवर में 52 रन पर सिमट गई।

टीम की ओर से अभिरंजन अकेला (18 रन) ही कुछ देर टिक सके, जबकि बाकी बल्लेबाज दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच पाए। बीआईओसी के गेंदबाजों ने शानदार अनुशासन दिखाया-अमन ने 4 ओवर में 11 रन देकर 5 विकेट, कुंदन ने 1 विकेट और आदित्य ने 2 विकेट लिए।

लक्ष्य का पीछा करते हुए बीआईओसी की शुरुआत तेज रही। कप्तान और विकेटकीपर प्रियांशु कुमार ने तूफानी अंदाज में 19 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाकर टीम को 5.1 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर जीत दिला दी। विजेता टीम के अमन को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोरकार्ड:
एसएससीसी: 52/10 (13.2 ओवर) – अभिरंजन अकेला 18, अमन 5/11, आदित्य 2/17, कुंदन 1/20
बीआईओसी: 53/3 (5.1 ओवर) – प्रियांशु कुमार नाबाद 42, विनीत 2/14

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