पटना: दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना ईस्ट में 5 अगस्त 2025 (मंगलवार) को सीबीएसई क्लस्टर III ईस्ट जोनल तैराकी प्रतियोगिता का अति भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह संध्या 7 बजे विद्यालय के अत्याधुनिक सभागार में संपन्न हुआ। इस चार दिवसीय प्रतियोगिता का आरंभ 2 अगस्त को हुआ था, जिसमें 144 विद्यालयों के 800 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। 2000 से अधिक स्पर्धाएं विद्यालय के एक्वेटिक कॉम्प्लेक्स में आयोजित की गईं।
समापन समारोह का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय पैरा-तैराकी चैंपियन एवं अर्जुन पुरस्कार विजेता श्री मो. शम्स आलम शेख, विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राकेश अल्फ्रेड और डिप्टी हेड मो. अशफाक इकबाल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति हुई तथा विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल, बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक, बटरफ्लाई और रिले रेस आदि का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों में:
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लखनऊ पब्लिक कॉलेज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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सनबीम स्कूल वरुणा, वाराणसी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
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जे. बी. एकेडमी, अयोध्या को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कृत प्रतिभागी:
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अंडर-11 (बालक): विश्व विजय सिंह
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अंडर-11 (बालिका): परिधि
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अंडर-14 (बालक): शिवेन्द्र यादव
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अंडर-14 (बालिका): इजिया सिंह, सृजिता सेन
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अंडर-17 (बालक): मो. अयान खान, अंगद विश्वकर्मा
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अंडर-17 (बालिका): प्राची पल्लवी सहो
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अंडर-19 (बालक): अरमान कपूर
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अंडर-19 (बालिका): याशिका श्रीवास्तव
प्रधानाचार्य डॉ. राकेश अल्फ्रेड ने अपने उद्बोधन में कहा, “यह प्रतियोगिता केवल जीत और हार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बच्चों को एक सभ्य, सुसंस्कृत और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित करना है, जो अपनी प्रतिभा, कौशल और अनुशासन से जीवन में आगे बढ़ सकें।”
विद्यालय ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए उच्च स्तरीय व्यवस्था सुनिश्चित की। जिसमें यातायात, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अनुशासन की बेहतरीन व्यवस्था शामिल रही। मेहमानों, प्रतिभागियों और अभिभावकों ने विद्यालय की प्रशासनिक कुशलता और प्रबंधन की सराहना की।
कार्यक्रम का समापन प्रधान छात्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना ईस्ट की सदैव यह परंपरा रही है कि वह शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों, खेल और जीवन मूल्यों के विकास को भी समान महत्व देता है। यह आयोजन उसी परंपरा की एक शानदार मिसाल रहा, जिसे प्रतिभागियों ने भी “जीवन का अविस्मरणीय अनुभव” बताया।