Exclusive Interview: बिहार का नन्हा सितारा वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) आज पूरे देश का स्टार बन गया है। आईपीएल डेब्यू में वैभव ने बता दिया कि वो क्या कर सकता है। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने अपने पहले ही मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ निडर अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की और पहली ही गेंद पर शार्दुल ठाकुर जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को छक्का जड़ दिया। सिर्फ 20 गेंदों में 2 चौके और 2 छक्कों की मदद से 34 रन बनाने वाले वैभव IPL के इतिहास में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।
लोग 14 साल की उम्र में सोच भी नहीं सकते थे जहां पहुंचने का, वहां वैभव ने जाकर अपना परचम लहराया। पहले मैच में शानदार पारी खेलने के बाद दूसरे मैच में भी वैभव ने भुवनेश्वर कुमार को छक्का लगाकर सभी को खासा प्रभावित किया, लेकिन वो इस मैच में केवल 16 रन बनाकर ही आउट हो गए। हालांकि वैभव के जल्दी आउट हो जाने पर उनके बचपन के कोच ज्यादा मनीष ओझा ज्यादा परेशान नहीं है।
मनीष ने क्रीडा न्यूज से बात करते हुए बताया कि वो इससे खुश हैं कि वैभव अपना स्वाभाविक खेल नहीं छोड़ा है। वो इसी तरह से सफल हुआ और आगे भी जरूर सफल होगा। वैभव के बचपन के कोच ने इस स्टार खिलाड़ी के हुनर, क्रिकेटिंग जर्नी और संघर्ष के दिलचस्प किस्सों को शेयर किया। पेश है बातचीत का मुख्य अंश:
वैभव सूर्यवंशी कब आपके पास आया था?
वैभव मेरे पास 8-9 साल की उम्र में आया था। वो समस्तीपुर से अपने पापा के साथ ट्रेनिंग लेने आया था। पहली ही मुलाकात में वो कुछ अलग सा लगा।
पहली नजर में क्या खास देखा?
पहली ही बार देखकर समझ में आ गया कि ये लड़का खास है। उसकी बल्लेबाज़ी में एक अलग तरह की समझ थी। उम्र के हिसाब से काफी आगे खेलता था। तकनीक, टाइमिंग, सब कुछ कमाल का था। तभी लगा था कि मेहनत सही दिशा में होती रही, तो ये बच्चा बहुत आगे जाएगा।
कब लगा कि वैभव बड़े स्तर पर खेल सकता है?
करीब दो साल पहले हमें एहसास हुआ कि अब वैभव में कुछ एक्स्ट्रा है। 11-12 की उम्र में ही स्ट्रोक प्ले की मैच्योरिटी आने लगी थी। वो गेंदबाजों पर हावी रहता, अपने शॉट्स बिना डरे खेलता। अपने एज ग्रुप में वो सबसे आगे था। बाद में सीनियर लेवल पर भी उसी आत्मविश्वास के साथ खेलता रहा।
किस टूर्नामेंट ने बदल दी तस्वीर?
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की हेमन ट्रॉफी में उसकी परफॉर्मेंस ने सबका ध्यान खींचा। वीर प्रताप, साकिब हुसैन, अनुनय नारायण सिंह जैसे बेहतरीन गेंदबाज़ों के सामने उसने खुलकर बल्लेबाज़ी की और लगातार रन बनाए। उस टूर्नामेंट ने बता दिया कि ये बच्चा अब सीनियर क्रिकेट के लिए भी तैयार है।
वैभव को बाकियों से अलग क्या बनाता है?
उसकी तकनीक, गेम सेंस और आत्मविश्वास। सबसे बड़ी बात ये है कि वो किसी भी परिस्थिति में अपने स्वभाव को नहीं बदलता। आक्रामक अप्रोच, नई चीज़ें सीखने की ललक और हमेशा पॉजिटिव माइंडसेट यही उसे दूसरों से अलग बनाते हैं।
IPL डेब्यू से पहले क्या बात हुई थी?
मैच से पहले उसने कॉल कर बताया कि उसे मैच इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में खेलने का मौका मिलेगा। उसके बाद मैंने सिर्फ इतना कहा कि जैसे अब तक खेलते आए हो, वैसे ही खेलो। ना क्राउड से डरना, ना माहौल से। क्रिकेट को क्रिकेट की तरह खेलो और उसने वही किया।
जब बल्लेबाज़ी करने उतरा, तब मन में क्या चल रहा था?
सच कहूं तो दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। नर्वसनेस थी, दिमाग ब्लैंक था। सिर्फ यही दुआ कर रहे थे कि बच्चा अच्छा खेले। जब पहली गेंद पर छक्का मारा, तब जाकर थोड़ी राहत मिली और एक अलग सी खुशी हो रही है। उस समय मैं थोड़ा भावुक भी हो गया था।
उम्र को लेकर उठे सवालों पर क्या कहेंगे?
ये बात तो तय है कि वैभव 14 साल का ही है। उम्र को लेकर जो बातें हो रही हैं, वो निराधार हैं। बीसीसीआई के बोन टेस्ट ने यह बात पहले भी साबित हो चुका है। उसने अपनी उम्र का प्रमाण आईपीएल मैच में दे दिया। जब वो आउट होकर पवेलियन जा रहा था, तब उसके आंखों में आंसू थे। ये बच्चा तो अपना इमोशन छुपाना भी नहीं जानता है। वैसे भी भारत में 150 करोड़ लोग हैं, हर किसी को बोलने का हक है। लेकिन जो सच है वो सच है।
जल्द ही इंडिया के लिए भी खेलेगा
वैभव सूर्यवंशी, जिस तरह से आगे बढ़कर वो जल्द ही टीम इंडिया के लिए खेलेगा। वो भारतीय टीम के लिए टी20, वनडे और टेस्ट में महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकता है। उसमें वो जज्बा है जो उसे टीम इंडिया तक जरूर पहुंचाएगी।
कोच के तौर पर ये सफर आपके लिए क्या मायने रखता है?
मेरे लिए ये भावुक पल है। जब आप किसी बच्चे को 8 साल की उम्र से ट्रेनिंग देना शुरू करते हैं और वो IPL जैसी लीग में खेलता है तो इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती। मुझे खुशी है कि वैभव इतना आगे तक पहुंचा और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उम्मीद है कि वो इस प्रदर्शन को बरकरार रखे और देश का नाम रोशन करे।
12 साल की उम्र में रणजी डेब्यू करते हुए रचा था इतिहास
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को समस्तीपुर में हुआ था। जिसके बाद वो बहुत कम उम्र में ही क्रिकेट की बारीकियों से रूबरू हो गए। महज 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करते हुए इतिहास रच दिया था। वैभव ने बिहार के लिए खेलते हुए यह कारनामा किया। उसके बाद तो वैभव का यश बढ़ता ही चला गया। वैभव ने अब तक पांच प्रथम श्रेणी, छह लिस्ट ए और दो टी20 मैच खेला है। वहीं उसके अलावा दो आईपीएल का मैच भी खेल चुका है।