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BCA की नाकामी, अर्श से फर्श पर पहुंचा Bihar Cricket; रणजी ट्रॉफी में एलीट से प्लेट ग्रुप में हुई वापसी

Bihar Cricket: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी 2024-25 में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बिहार की टीम एलीट ग्रुप से फिर से प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। बिहार को इस सीजन में एक भी जीत नहीं मिली। बिहार का यह हाल देखकर लग रहा है कि बिहार की टीम और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अर्श से फर्श पर पहुंच गई है।

बिहार की टीम को इस सीजन में सात मैचों में एक भी जीत नसीब नहीं हुई, जबकि पांच बार पारी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बिहार जो पिछले सीजन तक एलीट ग्रुप में बना हुआ था। अब इस सीजन से प्लेट ग्रुप में लौटने को मजबूर हो गया है। यह नाकामी सिर्फ हार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। जिस राज्य ने एक समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए, वहां अब क्रिकेट का स्तर लगातार गिर रहा है। क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बिहार के वैभव सूर्यवंशी बिहार छोड़ने का मन बना चुके हैं। 

लचर व्यवस्था के कारण वैभव छोड़ सकते हैं बिहार

यह वही वैभव सूर्यवंशी हैं, जिसको बीसीए ने महज 13 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करवाकर मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई थी। अब यही खिलाड़ी राज्य छोड़ने का मन बना चुका है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में मिली नेम-फेम के बाद अब वो बिहार छोड़कर दूसरे राज्य से अवसर तलाश रहे हैं। बिहार में क्रिकेट के गिरते स्तर और लचर व्यवस्था को देखते हुए वैभव आने वाले सीजन में दूसरे राज्य से खेलते दिख सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैभव अगले सीजन में तमिलनाडु से खेल सकते हैं। हालांकि यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है।

बिहार में गिरता क्रिकेट का स्तर

बिहार में क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस साल बिहार की टीम सात मुकाबले में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। बिहार की टीम को घर से बाहर तो करारी शिकस्त झेलनी ही पड़ी लेकिन घर में भी हार का सामना करना पड़ा। अशुतोष अमन के संन्यास के बाद बिहार की गेंदबाजी में पैनापन नहीं दिखा, जिसके कारण विपक्षी टीमों ने रनों का अंबार लगा दिया। बड़े स्कोर के सामने बिहार के बल्लेबाज बौने साबित हुए, जिस कारण बिहार को पांच मैचों को पारियों से हार का सामना करना पड़ा।

रणजी ट्रॉफी 2024-25 में ऐसा रहा है बिहार का प्रदर्शन

2022-23 में प्लेट ग्रुप का फाइनल जीतकर बिहार की टीम पहुंची थी एलीट ग्रुप में

Ranji Trophy 2022-23 - How Bihar won the Ranji Plate title

बिहार की टीम ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया था। प्लेट ग्रुप के फाइनल में बिहार ने मणिपुर को 220 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। बता दें, यह मुकाबला पटना के मोइनउल हक स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल जीतने के बाद बिहार की टीम प्लेट ग्रुप से एलीट ग्रुप में पहुंची थी। लेकिन दो सीजन में ही बिहार को बड़ी टीमों ने बता बिहार क्रिकेट का लेवल क्या है।

जहां से सफर शुरू हुआ था फिर से वहीं पहुंची बिहार की टीम

2018 में पूर्ण मान्यता मिलने के बाद बिहार की टीम को भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति मिल गई। इस सीजन में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की मुंबई से हारकर क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बाहर हुई थी। वहीं रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। उसके बाद बिहार क्रिकेट में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन गुटबाजी, कोर्ट केस और तरह-तरह के मामले भी सामने आने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में क्रिकेट की गति पर फिर से ब्रेक लग गई।

Bihar Cricket Association Ready for 2024-25 Ranji Trophy Elite C Campaign

हालांकि बिहार की टीम ने 2022-23 में प्लेट ग्रुप में फाइनल मुकाबला जीतकर यह साबित कर दिया कि टीम अब बड़े मैचों के लिए तैयार हैं। लेकिन बड़े मैच मिलते ही टीम की पोल खुल गई। एक समय ऐसा लग रहा था कि बिहार क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण टीम वहीं की वहीं रह गई। जिसका खामियाजा ये हुआ कि खिलाड़ी भी एकजुट नहीं रह पाए। खिलाड़ियों में यह डर बना रहता था कि उनको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं। उसके अलावा खिलाड़ियों का कैंप भी मुकाबले से महज कुछ दिन पहले ही लगाया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी का प्रदर्शन क्या होगा और बड़े मैचों में किस तरह परफॉर्म करेंगे। इसका आंकलन आप खुद भी कर सकते हैं।

BCA से आखिर गलती कहां हो रही है?

  1.  प्रशासनिक लचरता: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर गुटबाजी और राजनीति हावी है। क्रिकेट मैदान में कम और कोर्ट में ज्यादा खेले जा रहे हैं। वहीं इसके अलावा पदों की लड़ाई चल रही है।
  2. सही रणनीति का अभाव: दूसरे राज्यों में रणजी की तैयारी पूरे साल चलती है, लेकिन बिहार में सीजन से ठीक पहले शिविर लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
  3. कोचिंग और ट्रेनिंग की कमी: बिहार में आज भी कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम की हालत खराब है। खिलाड़ियों को अपने दम पर सुधार करना पड़ता है।
  4. घरेलू क्रिकेट का कमजोर ढांचा: बिहार में डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की संख्या कम है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल पाता।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) से कुछ सवाल?

  • 2018 में बिहार को पूर्ण मान्यता मिली, लेकिन तब से लेकर अबतक एसोसिएशन में क्रिकेट को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को क्यों नहीं मिला?
  • लगातार गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोप से कब बाहर निकलेगी बीसीए?
  • क्रिकेट में राजनीति का क्या काम?
  • बिहार के कोचिंग स्टाफ में अब तक कोई बड़ा नाम क्यों नहीं जुड़ा?
  • क्यों नहीं है बिहार में कोई मजबूत क्रिकेट एकेडमी? जबकि झारखंड में JSCA स्टेडियम और क्रिकेट सिस्टम काफी मजबूत है।

ऐसे सुधर सकता है बिहार क्रिकेट

  • BCA को आरोपों से बचते हुए क्रिकेट पर ध्यान देना होगा। क्रिकेट के हित में फैसले लेने होंगे।
  • घरेलू टूर्नामेंट और कोचिंग सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • युवा खिलाड़ियों को बेहतर मौके देने होंगे।
  • रणजी ट्रॉफी के लिए लंबी अवधि की योजना बनानी होगी।
  • बीसीए को एडमिनिस्ट्रेशन में भी सुधार करना होगा।

क्या खतरे में बिहार क्रिकेट का भविष्य?

बिहार क्रिकेट इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लगातार हार, खराब प्रबंधन और खिलाड़ियों के पलायन की समस्या क्रिकेट को पूरी तरह से कमजोर बना दिया है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बिहार क्रिकेट का भविष्य गर्त में चला जाएगा। BCA को अब सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए काम करना होगा। नहीं तो आने वाले समय में बिहार से कोई क्रिकेटर नहीं निकल पाएंगा। भारतीय टीम में जगह बनाना तो दूर आईपीएल तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उम्मीद है कि इस सीजन के बाद बीसीए कोई ठोस उपाय करेगी और फिर से टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचाने के लिए एकजुट करेगी।

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विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट: ट्रैम्फेंट सीसी बना चैंपियन

पटना, 11 नवंबर: ट्रैम्फेंट क्रिकेट क्लब ने विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में ट्रैम्फेंट क्रिकेट क्लब ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी को 26 रन से पराजित किया।

सीएबी क्रिकेट अकादमी ग्राउंड, पटना पर खेले गए मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ट्रैम्फेंट सीसी ने 21 ओवर में 146 रन बनाए। टीम की ओर से रोबाब कुरैशी ने 39 रन, आकर्ष राज ने 30 रन और प्रियांशु जेएस ने 17 रन का योगदान दिया। जवाब में ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी की टीम 120 रन पर सिमट गई।

प्रियांशु जेएस ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच ओवर में 27 रन देकर चार विकेट चटकाए और टीम को जीत दिलाई। मयंक कुमार ने भी तीन विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई। ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी की ओर से अमन कुमार ने मात्र 25 गेंदों में 52 रनों की आतिशी पारी खेली, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।

पुरस्कार वितरण में प्लेयर ऑफ द फाइनल का खिताब ट्रैम्फेंट सीसी के प्रियांशु जेएस को दिया गया। प्रोमिसिंग प्लेयर के रूप में सीएबी के राहुल और एस. सुमन को सम्मानित किया गया। ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी के आदित्य राज को बेस्ट फील्डर, करुणा एससी के अभिनव आर्या को बेस्ट विकेटकीपर और सीएबी के शुभम कुमार को बेस्ट बॉलर चुना गया। बीआईओसी के प्रियांशु को बेस्ट बैट्समैन और ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी के शिवम कुमार को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के सम्मान से नवाजा गया।

संक्षिप्त स्कोर
ट्रैम्फेंट सीसी : 21 ओवर में 8 विकेट पर 146 रन, आकर्ष राज 30, रोबाब कुरैशी 39, प्रियांशु जेएस 17,श्रियांश 14, दक्ष पांडेय 13, अतिरिक्त 20, अंशुमान कुमार 2/29, शिवम 2/25, अमन कुमार 1/32, आयुष रंजन 1/7.
ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी : 20.5 ओवर में सभी विकेट खोकर 120 रन, आयुष्मान जैन 18, प्रभु ए प्रसाद 11, अमन कुमार 52, अतिरिक्त 17, राहुल 1/17, आदर्श 1/17, मयंक कुमार 3/13, प्रियांशु जेएस 4/27

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पटना में 9वीं सीनियर नेशनल गेम के लिए ट्रायल का आयोजन, राज्यभर के खिलाड़ियों ने दिखाया दम

पटना: पटना कॉलेजिएट मैदान में टेनिस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के तत्वावधान में 9वीं सीनियर नेशनल गेम के लिए ट्रायल का आयोजन किया गया। इस ट्रायल में बिहार के विभिन्न जिलों से आए दर्जनों प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और अपने खेल का शानदार प्रदर्शन किया।

ट्रायल के माध्यम से चयनित खिलाड़ियों को आगामी सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। यह चैंपियनशिप मथुरा (उत्तर प्रदेश) में आयोजित की जाएगी।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में टेनिस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के तकनीकी अध्यक्ष मोहम्मद तौसीफ अहमद उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान संघ के सचिव रंजीत राज, उपसचिव अमोल कुमार मिश्रा, सदस्य अभिनव गिरी, सुजल कुमार एवं अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। संघ के पदाधिकारियों ने खिलाड़ियों को आगामी चैंपियनशिप के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में ट्रैम्फेंट सी.सी सेमीफाइनल में पहुंची

पटना, 9 नवंबर: विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ट्रैम्फेंट सीसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 22 यार्ड्स को 99 रनों से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।

क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी) ग्राउंड पर खेले गए मुकाबले में टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए ट्रैम्फेंट सी.सी. ने 21 ओवर में 5 विकेट पर 178 रन बनाए। टीम की ओर से कप्तान आकर्ष राज ने शानदार 65 रन (52 गेंद, 8 चौके, 3 छक्के) की पारी खेली जबकि स्पर्श ने 30 और आदित्य राज ने मात्र 10 गेंदों पर तेज़ 25 नाबाद रन बनाए।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी 22 यार्ड्स की टीम निर्धारित समय के अंदर 20.5 ओवर में 7 विकेट पर सिर्फ 79 रन ही बना सकी। ट्रैम्फेंट सीसी की ओर से स्पर्श ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में मात्र 12 रन देकर 3 विकेट झटके। वहीं राहुल और आदर्श को 1-1 सफलता मिली। इस जीत के साथ ट्रैम्फेंट सी.सी. ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है। विजेता टीम के स्पर्श को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।आयोजक संस्था सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने बताया कि सोमवार यानी 10 नवंबर को सुबह 7:30 से बीआईओसी बनाम ट्रैम्फेंट क्रिकेट एकेडमी और 11 बजे से क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार बनाम ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी सेमीफाइनल मुकाबला खेला जायेगा।

संक्षिप्त स्कोर
ट्रैम्फेंट सीसी : 21 ओवर में 5 विकेट पर 178 रन, आकर्ष राज 65, अभिजीत राज 13, स्पर्श 30, कर्तव्य 15, आदित्य राज नाबाद 25, दक्ष पांडेय नाबाद 10, अतिरिक्त 13, अविनाश 1/36, उज्ज्वल यादव 2/39, मोहम्मद आसिफ लेगी 1/24
22 याड्र्स : 20.5 ओवर में 7 विकेट पर 79 रन, मोहम्मद आसिफ लेगी 20, लक्की 16, आयुष यादव 18, अतिरिक्त 13, राहुल 1/11, आदर्श 1/11, स्पर्श 3/12, आकर्ष राज 1/8

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पटना में 23 नवंबर को होगा सबुज तिवारी मेमोरियल सम्मान समारोह

पटना, 7 नवंबर। सरदार पटेल स्पोर्ट्स फाउंडेशन के तत्वावधान में समाजसेविका स्व. सबुज तिवारी की पुण्यतिथि के अवसर पर आगामी 23 नवंबर को एक भव्य खेल सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की जानकारी फाउंडेशन के महासचिव नवीन कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि इस सम्मान समारोह का उद्देश्य समाजसेवा और खेलों के क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित करना है। कार्यक्रम में पटना के सीनियर और उदीयमान क्रिकेटरों, क्रिकेट प्रमोटरों तथा खेल पत्रकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।

इसके साथ ही इस दौरान जल्द ही आयोजित होने वाले संपन्न सबुज तिवारी मेमोरियल चार दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के विजेता और उपविजेता टीमों के खिलाड़ियों को भी इस अवसर पर ट्रॉफी, मेडल और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया जाएगा। फाउंडेशन के अनुसार, समारोह का आयोजन पूरी गरिमा और पारंपरिक खेल भावना के साथ किया जाएगा।

महासचिव ने बताया कि स्व. सबुज तिवारी, संस्था के संस्थापक संतोष तिवारी की माताजी थीं। उन्होंने कहा कि सबुज तिवारी हमारे लिए प्रेरणास्रोत रही हैं। उन्होंने न केवल अपने जीवन में सामाजिक मूल्यों को जिया, बल्कि दूसरों की मदद करने की भावना को हमेशा प्राथमिकता दी। उनके जाने के बाद भी हम उनकी स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के लिए हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करते आ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सबुज तिवारी की याद में आयोजित यह सम्मान समारोह खेल और समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रेरणा देने का काम करेगा।

समारोह का आयोजन पटना में आयोजित होगा, जिसका स्थल और समय जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। कार्यक्रम में शहर के कई खेल हस्तियों, पत्रकारों, क्रिकेट प्रशिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है। संस्था का उद्देश्य न केवल खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि खेल और समाजसेवा के समन्वय से एक सकारात्मक संदेश देना भी है।

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