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BCA की नाकामी, अर्श से फर्श पर पहुंचा Bihar Cricket; रणजी ट्रॉफी में एलीट से प्लेट ग्रुप में हुई वापसी

Bihar Cricket: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी 2024-25 में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बिहार की टीम एलीट ग्रुप से फिर से प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। बिहार को इस सीजन में एक भी जीत नहीं मिली। बिहार का यह हाल देखकर लग रहा है कि बिहार की टीम और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अर्श से फर्श पर पहुंच गई है।

बिहार की टीम को इस सीजन में सात मैचों में एक भी जीत नसीब नहीं हुई, जबकि पांच बार पारी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बिहार जो पिछले सीजन तक एलीट ग्रुप में बना हुआ था। अब इस सीजन से प्लेट ग्रुप में लौटने को मजबूर हो गया है। यह नाकामी सिर्फ हार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। जिस राज्य ने एक समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए, वहां अब क्रिकेट का स्तर लगातार गिर रहा है। क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बिहार के वैभव सूर्यवंशी बिहार छोड़ने का मन बना चुके हैं। 

लचर व्यवस्था के कारण वैभव छोड़ सकते हैं बिहार

यह वही वैभव सूर्यवंशी हैं, जिसको बीसीए ने महज 13 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करवाकर मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई थी। अब यही खिलाड़ी राज्य छोड़ने का मन बना चुका है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में मिली नेम-फेम के बाद अब वो बिहार छोड़कर दूसरे राज्य से अवसर तलाश रहे हैं। बिहार में क्रिकेट के गिरते स्तर और लचर व्यवस्था को देखते हुए वैभव आने वाले सीजन में दूसरे राज्य से खेलते दिख सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैभव अगले सीजन में तमिलनाडु से खेल सकते हैं। हालांकि यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है।

बिहार में गिरता क्रिकेट का स्तर

बिहार में क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस साल बिहार की टीम सात मुकाबले में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। बिहार की टीम को घर से बाहर तो करारी शिकस्त झेलनी ही पड़ी लेकिन घर में भी हार का सामना करना पड़ा। अशुतोष अमन के संन्यास के बाद बिहार की गेंदबाजी में पैनापन नहीं दिखा, जिसके कारण विपक्षी टीमों ने रनों का अंबार लगा दिया। बड़े स्कोर के सामने बिहार के बल्लेबाज बौने साबित हुए, जिस कारण बिहार को पांच मैचों को पारियों से हार का सामना करना पड़ा।

रणजी ट्रॉफी 2024-25 में ऐसा रहा है बिहार का प्रदर्शन

2022-23 में प्लेट ग्रुप का फाइनल जीतकर बिहार की टीम पहुंची थी एलीट ग्रुप में

Ranji Trophy 2022-23 - How Bihar won the Ranji Plate title

बिहार की टीम ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया था। प्लेट ग्रुप के फाइनल में बिहार ने मणिपुर को 220 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। बता दें, यह मुकाबला पटना के मोइनउल हक स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल जीतने के बाद बिहार की टीम प्लेट ग्रुप से एलीट ग्रुप में पहुंची थी। लेकिन दो सीजन में ही बिहार को बड़ी टीमों ने बता बिहार क्रिकेट का लेवल क्या है।

जहां से सफर शुरू हुआ था फिर से वहीं पहुंची बिहार की टीम

2018 में पूर्ण मान्यता मिलने के बाद बिहार की टीम को भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति मिल गई। इस सीजन में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की मुंबई से हारकर क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बाहर हुई थी। वहीं रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। उसके बाद बिहार क्रिकेट में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन गुटबाजी, कोर्ट केस और तरह-तरह के मामले भी सामने आने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में क्रिकेट की गति पर फिर से ब्रेक लग गई।

Bihar Cricket Association Ready for 2024-25 Ranji Trophy Elite C Campaign

हालांकि बिहार की टीम ने 2022-23 में प्लेट ग्रुप में फाइनल मुकाबला जीतकर यह साबित कर दिया कि टीम अब बड़े मैचों के लिए तैयार हैं। लेकिन बड़े मैच मिलते ही टीम की पोल खुल गई। एक समय ऐसा लग रहा था कि बिहार क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण टीम वहीं की वहीं रह गई। जिसका खामियाजा ये हुआ कि खिलाड़ी भी एकजुट नहीं रह पाए। खिलाड़ियों में यह डर बना रहता था कि उनको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं। उसके अलावा खिलाड़ियों का कैंप भी मुकाबले से महज कुछ दिन पहले ही लगाया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी का प्रदर्शन क्या होगा और बड़े मैचों में किस तरह परफॉर्म करेंगे। इसका आंकलन आप खुद भी कर सकते हैं।

BCA से आखिर गलती कहां हो रही है?

  1.  प्रशासनिक लचरता: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर गुटबाजी और राजनीति हावी है। क्रिकेट मैदान में कम और कोर्ट में ज्यादा खेले जा रहे हैं। वहीं इसके अलावा पदों की लड़ाई चल रही है।
  2. सही रणनीति का अभाव: दूसरे राज्यों में रणजी की तैयारी पूरे साल चलती है, लेकिन बिहार में सीजन से ठीक पहले शिविर लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
  3. कोचिंग और ट्रेनिंग की कमी: बिहार में आज भी कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम की हालत खराब है। खिलाड़ियों को अपने दम पर सुधार करना पड़ता है।
  4. घरेलू क्रिकेट का कमजोर ढांचा: बिहार में डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की संख्या कम है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल पाता।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) से कुछ सवाल?

  • 2018 में बिहार को पूर्ण मान्यता मिली, लेकिन तब से लेकर अबतक एसोसिएशन में क्रिकेट को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को क्यों नहीं मिला?
  • लगातार गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोप से कब बाहर निकलेगी बीसीए?
  • क्रिकेट में राजनीति का क्या काम?
  • बिहार के कोचिंग स्टाफ में अब तक कोई बड़ा नाम क्यों नहीं जुड़ा?
  • क्यों नहीं है बिहार में कोई मजबूत क्रिकेट एकेडमी? जबकि झारखंड में JSCA स्टेडियम और क्रिकेट सिस्टम काफी मजबूत है।

ऐसे सुधर सकता है बिहार क्रिकेट

  • BCA को आरोपों से बचते हुए क्रिकेट पर ध्यान देना होगा। क्रिकेट के हित में फैसले लेने होंगे।
  • घरेलू टूर्नामेंट और कोचिंग सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • युवा खिलाड़ियों को बेहतर मौके देने होंगे।
  • रणजी ट्रॉफी के लिए लंबी अवधि की योजना बनानी होगी।
  • बीसीए को एडमिनिस्ट्रेशन में भी सुधार करना होगा।

क्या खतरे में बिहार क्रिकेट का भविष्य?

बिहार क्रिकेट इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लगातार हार, खराब प्रबंधन और खिलाड़ियों के पलायन की समस्या क्रिकेट को पूरी तरह से कमजोर बना दिया है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बिहार क्रिकेट का भविष्य गर्त में चला जाएगा। BCA को अब सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए काम करना होगा। नहीं तो आने वाले समय में बिहार से कोई क्रिकेटर नहीं निकल पाएंगा। भारतीय टीम में जगह बनाना तो दूर आईपीएल तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उम्मीद है कि इस सीजन के बाद बीसीए कोई ठोस उपाय करेगी और फिर से टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचाने के लिए एकजुट करेगी।

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Bihar Rural League का ट्रायल 7 दिसंबर से शुरू, जनवरी से होगी मैचों की शुरुआत

Bihar Rural League: गांधी मैदान के पास स्थित एक होटल में आज बिहार रूरल लीग की औपचारिक घोषणा गवर्निंग काउंसिल के कन्वेनर ज्ञानेश्वर गौतम ने की। यह लीग करीब दो साल पहले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के सपने के रूप में सामने आई थी, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और प्रतिकूल मौसम के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका था। अब नव-नियुक्त अध्यक्ष हर्षवर्धन इस सपने को साकार करने जा रहे हैं।

ज्ञानेश्वर गौतम ने बताया कि लीग के सभी मैच 20-20 ओवर के होंगे। इस लीग में कुल 645 मुकाबले खेले जाएंगे। उन्होंने कहा कि तिवारी सर का सपना था कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी नए वैभव सूर्यवंशी जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोजकर उन्हें बड़े मंच पर मौका दिया जाए, और अब यह सपना पूरा करने का समय आ गया है।

15 हजार खिलाड़ियों का निबंधन, 12800 को मिलेगा मौका

बिहार रूरल लीग में कुल 15,000 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से लगभग 12,800 खिलाड़ियों को खेलने का अवसर दिया जाएगा। लीग के सभी मैच लाइव प्रसारित किए जाएंगे, जिसका प्रसारण वाचक कंपनी द्वारा किया जाएगा। वहीं, विशाल स्पोर्ट्स (वेस्ट बंगाल) ने मैच गुड्स स्पॉन्सर करने पर सहमति दी है, जबकि इवेंट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नायाब स्पोर्ट्स को सौंपी गई है।

645 मुकाबले होंगे खेले

पहले चरण में: 600 मैच
दूसरे चरण में: 35 मैच
तीसरे चरण में: 10 मैच

7 दिसंबर से ट्रायल, जनवरी के पहले सप्ताह से मैच

लीग के ट्रायल की शुरुआत 7 दिसंबर से वेस्टर्न ज़ोन, पूर्वी चंपारण से होगी। वहीं मैचों का आगाज़ जनवरी के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा। बिहार क्रिकेट ने लीग को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी रूपक कुमार को सौंपी गई है। बिहार रूरल लीग के माध्यम से राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों तक क्रिकेट की नई ऊर्जा पहुँचाने का लक्ष्य है, ताकि प्रतिभाएं सामने आएं और बिहार का क्रिकेट एक नई ऊंचाई को छू सके।

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सबुज तिवारी मेमोरियल सम्मान समारोह में खिलाड़ियों, समाजसेवियों और शिक्षाविदों को किया गया सम्मानित

पटना, 23 नवंबर। सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में कासा पिकोला रेस्टूरेंट द्वारा प्रायोजित समाजसेविका सबुज तिवारी की याद में उनकी पुण्यतिथि पर रविवार को सबुज तिवारी मेमोरियल सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

श्री राम खेल मैदान सुल्तानपुर दानापुर कैंट में फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी की माता जी सबुज तिवारी के याद में आयोजित समारोह में पटना के सीनियर से लेकर उदीयमान क्रिकेटरों, क्रिकेट प्रोमोटरों और खेल पत्रकारों संग समाजसेवी व शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। साथ ही इस मौके पर सबुज तिवारी मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के विजेता व उपविजेता टीम के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी, विशिष्ट अतिथि वार्ड पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी, शिवम कॉन्वेंट स्कूल के प्राचार्य डॉ संजीव कुमार सिन्हा, जीएसटी कमिश्वर शशि शेखर, यूनियन बैंक अधिकारी अरविंद पथिक और टर्निंग प्वायंट के प्रबंध निदेशक विजय शर्मा ने सबों को सम्मानित व पुरस्कृत किया। सभी अतिथियों का स्वागत फाउंडेशन के महासचिव नवीन कुमार ने जबकि मंच का संचालन उद्घोषक अजय अम्बष्ट ने किया। धन्यवाद व्यक्त संतोष तिवारी ने किया।

अतिथियों ने इस मौके पर क्या कहा? 

मुख्य अतिथि मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सबुज तिवारी जी सामाजिक मूल्यों और खेल भावना की मिसाल थीं। उनके नाम पर आयोजित यह समारोह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है। ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं।

वार्ड पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि फाउंडेशन जिस समर्पण से खिलाड़ियों और समाजसेवियों को प्रोत्साहित कर रहा है, वह सराहनीय है। आज सम्मानित होने वाले सभी लोग समाज और खेल जगत में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

प्राचार्य डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि खेल शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। जो बच्चे मैदान से जुड़ते हैं, वे अनुशासन, टीमवर्क और नेतृत्व के गुण सीखते हैं। फाउंडेशन का यह प्रयास युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ाता है।

जीएसटी कमिश्नर शशि शेखर ने कहा कि समाज सेवा और खेल दोनों का उद्देश्य युवाओं में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना जगाना है। आज जिनका सम्मान हुआ है, वे वास्तव में इसके योग्य हैं।

यूनियन बैंक अधिकारी अरविंद पथिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि सबुज तिवारी जी का जीवन समाज के लिए समर्पित था। उनका नाम लेकर युवाओं को सम्मानित करना न सिर्फ उन्हें श्रद्धांजलि है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए एक संदेश भी है।

टर्निंग प्वाइंट के निदेशक विजय शर्मा बोले कि पटना में इस तरह के आयोजन खिलाड़ियों को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। फाउंडेशन जिस पारदर्शिता और भावना से कार्य कर रहा है, वह अनुकरणीय है।

सम्मानित होने के नाम
राजेश अग्रवाल (समाजसेवी, रोटरी क्लब आफ पटना के पूर्व प्रेसिडेंट,फिल्म समीक्षक), विजय शर्मा (स्पोट्र्स प्रोमोटर), सुमित शर्मा (स्पोट्र्स प्रोमोटर),रंजन कुमार गुप्ता (सचिव,पिकलवॉल), मोहित श्रीवास्तव (स्पोट्र्स प्रोमोटर), रिमझिम सिंह (पूर्व मैनेजर बिहार अंडर-19 बिहार महिला क्रिकेट टीम), श्रीमोद पाठक (कोच बैडमिंटन), अजीत कुमार (कोच, क्रिकेट), प्रियदर्शना (कोच, योगा), राजू चंद्रवंशी (समाजसेवी), अभिषेक प्रियदर्शी (कोच मार्शल आर्ट), तन्नु गुरुंग (हैंडबॉल), अभिमन्यु प्रताप सिंह (कबड्डी), रोहित कुमार (कोच, क्रिकेट), अशोक कुमार (कोच, क्रिकेट), माइकल (क्रिकेट कोच)।सम्मानित होने वाले खिलाड़ी
पंकज कुमार (पिकलवॉल), रुद्रा भूषण (मिनी गोल्फ), शिवांगी (साफ्ट टेनिस), रवि कुमार (जिम्नास्टिक), ज्योति कुमारी (पिकलबॉल), प्रज्ञा सिंह ‌(पिट्टो), स्नेहा वर्मा (सेपक टॉकरा), अनुष्का कुमारी (पिट्टो), सुहानी (गेटबॉल), भाग्य श्री (मिनी गोल्फ), अभिषेक राज (सॉफ्ट टेनिस), जयवीर सिंह (सेपक टाकरा), रीतेश रंजन (बैडमिंटन), रिया कुमारी (गेटबॉल), प्रेम कुमार (बैडमिंटन), ओम प्रकाश (क्रिकेट), अंजना कुमारी (एथलेटिक्स), स्वीटी कुमारी (आर्चरी), निभा कुमारी (हैंडबॉल), अभिजीत राज (बैडमिंटन), वैभवी राज (फुटबॉल), आदिबा उल्ला (शतरंज), स्नेहा वमरा (सेपक टॉकरा), सृष्टि कुमारी (बॉक्सिंग), प्रगति कुमारी (क्रिकेट), रिद्धि कुमारी (क्रिकेट), सिद्धि कुमारी (क्रिकेट), सलोनी कुमारी (क्रिकेट), रचना कुमारी (क्रिकेट), दिव्या भारती (क्रिकेट)।

प्रोमोसिंग प्लेयर
आशीष राज, आयुष्मान जैन, अमन कुमार, आर्यन सिंह, अनन्या चंद्रा, विराज सिंह, रोहन सिंह, ओसामा फरीद।

प्रेस प्रतिनिधि
आलोक सिंह (दैनिक भास्कर), आशीष कुमार (दैनिक हिन्दुस्तान), धर्मनाथ (प्रभात खबर), शशिभूषण (आज), आलोक नवीन (सन्मार्ग), विकास पांडेय (आई नेक्सट), सुरेश मिश्रा (पुरविया न्यूज), शुभम कुमार (न्यूज एरा), अंकित कुमार (न्यूज विट), आदर्श कुमार (4 सिटी लाइव), उज्जवल कुमार सिन्हा (क्रीड़ा न्यूज), आशीष गुप्ता (फोटो जर्नलिस्ट), जितेंद्र कुमार (फोटो जर्नलिस्ट)।

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SMAT 2025: सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी के लिए बिहार की टीम घोषित, वैभव सूर्यवंशी को मिली बड़ी जिम्मेदारी

SMAT 2025: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) ने सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के लिए बिहार की सीनियर टीम की घोषणा कर दी है। चयन समिति की बैठक के बाद जारी सूची में 15 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। बिहार की टीम एलीट ग्रुप बी में है। उम्मीद है कि बिहार की टीम इस सीजन में भी शानदार प्रदर्शन करेगी।

टीम की कमान साकिबुल गनी को सौंपी गई है, जबकि उपकप्तान की जिम्मेदारी वैभव सूर्यवंशी निभाएंगे। टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का संतुलित संयोजन देखने को मिल रहा है। ग्रुप बी में बिहार के साथ चंडीगढ़, गोवा, हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की टीम है। 26 नवंबर को बिहार का पहला मुकाबला चंडीगढ़ से खेला जाएगा। उसके बाद दूसरा मुकाबला मध्य प्रदेश से 28 को खेला जाएगा। लीग राउंड के मुकाबले 8 नवंबर तक खेले जाएंगे। 

सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी के लिए बिहार की टीम

सकीबुल गनी (कप्तान), वैभव सूर्यवंशी (उपकप्तान), आयुष लोहारूका, मंगल महरौर, पीयूष कुमार सिंह, आकाश राज, बिपिन सौरभ, अतुल प्रकाश, सुरज कश्यप, भानू कुमार, खालिद आलम, आमोद यादव, नवाज खान, मलय राज, मोहम्मद इजहार।

टीम के सहयोगी स्टाफ में विनायक सामंत (मुख्य कोच), कुमार मृदुल (सहायक कोच), डॉ. हेमेन्दु कुमार सिंह (फिजियोथेरेपिस्ट) और गोपाल कुमार (एस एंड सी कोच) शामिल हैं। टीम मैनेजर के रूप में नंदन कुमार सिंह को बीसीए द्वारा नियुक्त किया गया है। वहीं वीडियो एनालिस्ट के रूप में श्याम अय्यर को शामिल किया गया है।

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राष्ट्रीय खिलाड़ी रूपक कुमार ने बिहार की नई खेल मंत्री श्रेयसी सिंह से शिष्टाचार मुलाकात की

पटना: बिहार की नई खेल मंत्री सुश्री श्रेयसी सिंह से आज सुबह राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-आर) खेल प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव सह उत्तर प्रदेश प्रभारी रूपक कुमार ने शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान रूपक कुमार ने मंत्री पद संभालने पर उन्हें शुभकामनाएँ दीं और बिहार में खेलों के विकास को नई दिशा देने की उम्मीद जताई।

रूपक कुमार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में लाइजनिंग ऑफिसर हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं। मुलाकात के दौरान उनके साथ विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाड़ी भी मौजूद रहे।

इस दौरान बैडमिंटन से अभिजीत कुमार, बेसबॉल से प्रमोद कुमार, सॉफ्टबॉल से संजीत कुमार, क्रिकेट से रविन्द्र मोहन और शिवम कुमार, कराटे से अमन पुष्पराज तथा एथलेटिक्स से आदित्य कुमार और मनीष कुमार शामिल रहे। सभी खिलाड़ियों ने संयुक्त रूप से श्रेयसी सिंह को बधाई दी और उनके कार्यकाल में खेल संरचना और सुविधाओं के विस्तार की उम्मीद जताई।गौरतलब है कि 34 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने 2020 में जमुई विधानसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी और इस बार हुए विधानसभा चुनाव में और बड़े अंतर से दोबारा विजय हासिल की है। डबल ट्रैप स्पर्धा में वह 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक और 2014 में रजत पदक जीत चुकी हैं।

खिलाड़ियों को उम्मीद है कि एक सफल खिलाड़ी होने के नाते श्रेयसी सिंह खेलों की जरूरतों और चुनौतियों को बेहतर समझते हुए बिहार में खेल विकास को नई पहचान और गति देंगी।

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