पटना, 20 नवम्बर 2024: बिहार क्रिकेट संघ (BCA) में हो रहे भ्रष्टाचार और अवैध वित्तीय गतिविधियों को लेकर आज एक संयुक्त बयान जारी किया गया। डॉ. संजीव, प्रेमरंजन पटेल, रविशंकर प्रसाद सिंह, संजय कुमार, सचिव अमित कुमार, और सारण जिला क्रिकेट संघ के आदित्य वर्मा ने बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और उनके साथियों पर गंभीर आरोप लगाए। बयान में यह कहा गया कि वर्तमान अध्यक्ष और उनके गिरोह ने क्रिकेट संघ के खाते से लाखों रुपये की अवैध निकासी की है और संघ के कार्यों में गंभीर अनियमितताएँ की हैं।
मुख्य आरोप:
1. बैंक खाते की अवैध निकासी:
बिहार क्रिकेट संघ का बैंक खाता पटना के बोरिंग रोड स्थित एचडीएफसी बैंक में है। 2021 से वर्तमान अध्यक्ष ने सचिव का पावर बिना अनुमति के अपने पास रखा और कोषाध्यक्ष के साथ मिलकर खाता संचालन किया। 24 जून 2024 को कोषाध्यक्ष की मृत्यु के बाद मात्र 48 घंटों में लाखों रुपये की अवैध निकासी की गई।
2. 3 चेक पर अवैध निकासी:
28 जून 2024 को संघ के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 29.70 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई। इस मामले में पटना के श्रीकृष्णपुरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच जारी है।
3. अवैध रूप से कार्यरत कर्मचारी:
बिहार क्रिकेट संघ में 24 लोग अवैध रूप से कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया का कोई रिकॉर्ड नहीं है और हर माह लगभग 12 लाख रुपये की सैलरी दी जाती है।
4. अवैध कार्यालय स्थान:
संघ का रजिस्टर्ड कार्यालय किसी और स्थान पर है, लेकिन अध्यक्ष ने अवैध रूप से पटना के न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी में एक लाख रुपये के किराये पर नया कार्यालय लिया है।
5. चयन प्रक्रिया में अनियमितताएँ:
क्रिकेट टीमों के चयन में लाखों रुपये की घूस ली जाती है। इस पर कई गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिनमें बिहार क्रिकेट संघ के कर्मचारी कौशल तिवारी द्वारा खिलाड़ियों से पैसे मांगने का ऑडियो-वीडियो वायरल हुआ है।
6. बाहरी खिलाड़ियों के जाली दस्तावेज:
बिहार टीम में बाहर के खिलाड़ियों को जाली दस्तावेजों के साथ खिलाने का भी मामला सामने आया है, जिसके खिलाफ पटना के कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री से जांच की अपील:
सभी आरोपियों के खिलाफ जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग करते हुए, इन नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री से अपील की कि वे बिहार क्रिकेट संघ की कार्यशैली और वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराएं। इसके अलावा, पटना और बिहार के अन्य जिलों में दर्ज गबन के मामलों की जांच एक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा करवाई जाए।
आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विभिन्न जिले के पदाधिकारी और क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल हुए, जिन्होंने इन आरोपों की पुष्टि की। यह मामला बिहार क्रिकेट संघ के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है, यदि इन आरोपों की जांच सही तरीके से नहीं की गई, तो बिहार के क्रिकेट भविष्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।