पटना, 18 अगस्त। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की वार्षिक आमसभा की बैठक रविवार को राजधानी पटना के एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान यह फैसला लिया कि कुमार रजनीश, हिमांशु हरि और प्रतीक कुमार (अधिवक्ता सह क्रिकेटर) संघ विरोधी कार्य कर रहे हैं जिसके कारण इन तीनों पर दो साल का बैन लगाया जाए।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया मैनेजर द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव अधिवक्ता राजेश कुमार ने कुमार रजनीश, हिमांशु हरि और प्रतीक कुमार के द्वारा किए जा रहे संघ विरोधी गतिविधि पर सदन का ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि सदन को इस प्रकार की अवांछित गतिविधि पर निर्णय लिए जाने की जरूरत है। इस पर सदन ने ध्वनिमत से इन खिलाड़ियों को दो वर्ष के लिए निलंबित करने का निर्णय किया।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के इस फैसले के बाद इन तीनों खिलाड़ियों ने क्रीड़ा न्यूज से बातचीत में कहा कि हक लड़ाई लड़ना संघ विरोधी है तो सही है। ऐसे कार्य और होंगे और लड़ाई जारी रहेगी।
पेशे से अधिवक्ता क्रिकेटर प्रतीक कुमार ने कहा कि संघ विरोधी का क्या परिभाषा है। मैं पेशे से अधिवक्ता हूं और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ कोई केस अगर मैं लड़ रहा हूं तो क्या यह संघ विरोधी हो गया। उन्होंने कहा कि आज तक के अपने क्रिकेट कैरियर में मैंने कभी भी ना पटना जिला क्रिकेट संघ या बिहार क्रिकेट संघ के किसी पदाधिकारी पर कोई टीका टिप्पणी की है। न कभी मैच में कोई अभद्र व्यवहार किया है तो संघ विरोधी कैसे हो गया। अगर इसका कोई सबूत दिखा दे तो जानूं। उन्होंने कहा कि संघों के पदाधिकारियों ने तो मेरे क्रिकेट कैरियर को तबाह कर दिया है अब उन्हें मेरे पेशे से जलन होने लगी है। मैं कैसे इस पेशे में आगे बढ़ रहा हूं। अगर जो कुछ हो लड़ाई जारी रहेगी। प्रतीक कुमार उच्च न्यायालय और व्यवहार न्यायालय के जाने माने अधिवक्ता हैं।
रणजी खिलाड़ी सह भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु हरि ने कहा कि बीसीए और पीडीसीए के पदाधिकारी काफी कमजोर हैं। वे गलत करते हैं और उनके गलत कार्यों के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो बैन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बैन से बिहार के क्रिकेटर डरने वाले नहीं हैं। उनके गलत कार्यों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और सबों की पोल खोलूंगा।
रणजी खिलाड़ी कुमार रजनीश ने कहा कि हर बार ये बैन का डर दिखाते हैं। हम सभी इसके आदतन हो गए हैं। हमने इनसे गलत कार्यों को लेकर इनसे सवाल दागे हैं। इनके खिलाफ सड़क से लेकर न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं। इन्हें डर लगता है कि आने वाले दिनों में खिलाड़ियों की एकता हमारे लिए संकट पैदा ना कर दे इसीलिए बैन का डर दिखा रहे हैं। गलत होगा तो आवाज उठेगी जिसे दबाना मुश्किल होगा। इनके गलत कार्यों के खिलाफ जन आंदोलन होगा और इन्हें तगड़ा जवाब दिया जायेगा।