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Hamida Banu: भारत की पहली महिला पहलवान जिसे कोई पुरुष कभी नहीं हरा पाया, जानें क्यों गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

भारत में कुश्ती का खेल हमेशा के लोकप्रिय रहा है। कुश्ती में भारत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कुश्ती का यह खेल जिसे सिर्फ पुरुषों का खेल ही माना जाता है। महिलाएं कुश्ती नहीं करती है। ऐसे समय में हमीदा बानो (Hamida Banu) ने कुश्ती में अपना नाम बनाया। हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान बनी जो कुश्ती में किसी को भी हराने में सक्षम थी। हमीदा बानो भारत की एकमात्र ऐसी महिला पहलवान है जिसे कोई पुरुष कभी भी नहीं हारा पाया।

दंगल में हारने वाले से करुंगी शादी
हमीदा बानो ने 1940 और 1950 के दशक में पुरुषों की चुनौती देते हुए कहा था जो मुझे दंगल में हरा देगा मैं उससे शादी कर लूंगी। इस वाकया के बाद हमीदा की एक अलग पहचान बनी। 1937 में लाहौर के फिरोज खान ने हमीदा बानो की चुनौती को स्वीकार किया। हमीदा ने उस मैच में फिरोज को चित कर दिया। इसके बाद हमीदा काफी फेमस हो गईं। फिर उन्होंने एक सिख और कोलकाता के एक अन्य पहलवान खड़ग सिंह को हराया। इन दोनों को हमीदा से शादी करने के लिए चुनौती दी थी।

देश के साथ विदेश में भी नाम कमाया
आज ही के दिन 1954 में आयोजित एक कुश्ती मैच में केवल 1 मिनट और 34 सेकेंड में जीत दर्ज करने के बाद हमीदा बानो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। जिससे उनका नाम देश के साथ-साथ विदेश में गुंजने लगा। इसके अलावा उन्होंने प्रसिद्ध पहलवान बाबा पहलवान को हराया। हार के बाद बाबा पहलवान ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।

उनका जन्म 1900 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पहलवानों के एक परिवार में हुआ था। वह कुश्ती की कला का अभ्यास करते हुए बड़ी हुईं और 1940 और 1950 के दशक के अपने करियर में 300 से अधिक प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की। इस दौरान उन्होंने अनेक उपलब्धियां हासिल की।

पति ने हाथ-पैर तोड़ दिया
हमीदा के कोच सलाम पहलवान को यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने वाला आइडिया पसंद नहीं आया। दोनों ने शादी कर ली और फिर मुंबई के नजदीक कल्याण में डेरी बिज़नेस डाला। हालांकि हमीदा ने यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने की जिद नहीं छोड़ी। बीबीसी, हमीदा बानो के पोते फिरोज शेख के हवाले से लिखता है कि सलाम पहलवान ने हमीदा बानो की इतनी पिटाई की कि उनका हाथ टूट गया। पैर में भी गंभीर चोट आई। इसके बाद कई सालों तक वह लाठी के सहारे चलती रहीं।

गुमनामी में मौत
कुछ साल बाद सलाम पहलवान अलीगढ़ लौट आए और हमीदा बानो कल्याण में ही रहीं और अपना दूध का व्यवसाय करती रहीं। बाद के दिनों उन्होंने सड़क किनारे खाने का सामान भी बेचा। साल 1986 में उनकी गुमनामी में मौत हो गई।

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जेबीसी सुपर कबड्डी लीग बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के प्लेयर्स दिखायेंगे अपनी प्रतिभा

पटना, 16 नवंबर: प्रो कबड्डी लीग की तर्ज पर बिहार में आयोजित होने जा रही है जेबीसी सुपर कबड्डी लीग। यह टूर्नामेंट न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए एक मंच है, बल्कि कबड्डी प्रेमियों के लिए भी एक त्योहार साबित होने जा रहा है।

यह जानकारी रविवार को इस लीग के निदेशक रणविजय सिंह, बिहार राज्य कबड्डी संघ के चेयरमैन कुमार विजय सिंह, कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के चेयरमैन विपिन कुमार सिंह और छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ के सचिव प्रदीप कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में दी। संवाददाता सम्मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित बिहार ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने पूरा सहयोग देने की बात कही।

लीग के डायरेक्टर रणविजय सिंह ने कहा कि लीग में झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। ये खिलाड़ी छोटे शहरों और गांवों से आए हैं, जिन्होंने लंबे समय तक मेहनत और समर्पण के साथ अपनी खेल तकनीक और ताकत को निखारा है। जेबीसी सुपर कबड्डी लीग उनके लिए सिर्फ जीत-हार का खेल नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाने और सपनों को सच करने का अवसर है।

उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह प्रो कबड्डी लीग का दूसरा रूप होगा। पुरुष वर्ग की छह टीमें खेलेंगी। टीम का गठन ऑक्शन के द्वारा होगा और हम टीम में तीनों राज्यों के प्लेयर मिश्रित होंगे। टीम के गठन के बाद उसका कैंप लगेगा। उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी को सारी सुविधाएं दी जायेंगी। आखिरी दौर में चार महिला टीमों का मुकाबला होगा जो इन्हीं तीन राज्यों के खिलाड़ियों से बनेगी।

इन्हें सौंपी गई जिम्मेवारी
इस लीग के चेयरमैन बिहार राज्य कबड्डी संघ के चेयरमैन कुमार विजय सिंह होंगे। सीईओ कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के चेयरमैन विपिन कुमार सिंह जबकि सलाहकार छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ के सचिव प्रदीप कुमार होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमलोग आयोजन स्थल और तिथि की घोषणा करेंगे।

बिहार राज्य कबड्डी संघ के चेयरमैन कुमार विजय सिंह ने कहा कि मैदान की मिट्टी, खिलाड़ियों की ऊर्जा और दर्शकों का उत्साहतीनों मिलकर इस लीग को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक उत्सव बना देगा। हर रेड और हर टैकल की अपनी कहानी होगी। खिलाड़ी जब अपने जज्बे और रणनीति के साथ मैदान में उतरेंगे, तो दर्शक हर पल रोमांच का अनुभव करेंगे। खेल के साथ ही खिलाड़ियों की मेहनत और उनकी निजी कहानी भी इस लीग की असली खासियत बनेगी।

उन्होंने कहा कि इस लीग के सफल आयोजन से न केवल स्थानीय खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी, बल्कि यह कबड्डी को बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में और लोकप्रिय बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी। जेबीसी सुपर कबड्डी लीग बिहार की मिट्टी में न केवल खेल की ऊर्जा भरने वाली है बल्कि यह खेल की कहानियों को भी जीवंत कर देगी।

कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के चेयरमैन विपिन कुमार सिंह ने कहा कि इस टूर्नामेंट में प्रो कबड्डी लीग जैसी चकाचौंध देखने को मिलेगी। लाइव कवरेज, उत्साही दर्शक, रंगीन उद्घाटन समारोह और शानदार ट्रॉफियांयह सब इस लीग को एक उच्च स्तर का खेल उत्सव बनाएगा। उनका कहना है कि लीग का मकसद केवल प्रतियोगिता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने और कबड्डी को और लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी।

छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ के सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि लीग की तैयारियों में खिलाड़ियों की फिटनेस, तकनीकी तैयारी और रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। प्रशिक्षक और कोच छोटे-छोटे विवरणों पर काम करेंगे। हर मैच न केवल रोमांचक होगा, बल्कि दर्शकों के लिए सीखने और प्रेरित होने का भी अनुभव होगा।

बिहार ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि कबड्डी के विकास में यह लीग अहम कड़ी साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस लीग से प्रतिभाएं निखर ऊपर आयेंगी और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहारयेगी। उन्होंने कहा कि बिहार ओलंपिक संघ हर तरह से आयोजकों के साथ है।

उन्होंने कहा कि जेबीसी सुपर कबड्डी लीग निश्चित रूप से इनया खेल उत्सव साबित होगा और ये खिलाड़ी तीनों राज्यों के ब्रांड एम्बेसेडर साबित होंगे। खिलाड़ी अपने हुनर और ताकत का प्रदर्शन करेंगे, और दर्शक हर रेड और टैकल के साथ रोमांचित होंगे। यह लीग साबित करेगी कि कबड्डी सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और एक समुदाय की भावना का नाम है।

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सरदार पटेल 150वीं जयंती खेल महोत्सव : क्रिकेट सीरीज के साथ हुई शुरुआत, सुदर्शन एकादश जीता

पटना, 15 नवंबर: भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर सरदार पटेल स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित होने वाले खेल कार्यक्रम की कड़ी में 15 नवंबर यानी शनिवार से 8वीं सबुज तिवारी मेमोरियल 4 दिवसीय सीरीज की शुरुआत हुई।

कासा पिकोला रेस्टूरेंट द्वारा प्रायोजित इस क्रिकेट सीरीज का उद्घाटन अजीत कुमार ने किया। पहले मैच में सुदर्शन एकादश ने श्रीराम खेल मैदान को 9 विकेट से हराया।

श्रीराम खेल मैदान पर खेले गए मैच में मेजबान टीम ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करते हुए 25 ओवर में 8 विकेट पर 90 रन बनाये। हरिओम जी ने 14 और विराट ने 11 रन बनाये। कान्हा ने 8 रन देकर 2 और अभिनव ने 4 रन देकर 3 विकेट चटकाये।

जवाब में सुदर्शन एकादश ने 14.2 ओवर में 1 विकेट पर 91 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। अमृत ने 32 और शुभम ने 32 रन बनाये। अभिनव अनुराग प्लेयर ऑफ द मैच बने।

सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेश के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने कहा कि इस सीरीज के विजेता व उपविजेता टीमों के खिलाड़ियों को सबुज तिवारी मेमोरियल खेल सम्मान समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा।

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Ranji Trophy: बिपिन सौरभ के शतक से बिहार बनाम सिक्किम मुकाबला ड्रा, सिक्किम को पहली पारी के आधार पर बढ़त

Ranji Trophy 2025-26: SICA ग्राउंड, रंगपो में खेले गए रणजी ट्रॉफी प्लेट ग्रुप के मुकाबले में बिहार और सिक्किम के बीच मैच ड्रा पर समाप्त हुआ। हालांकि पहली पारी की बढ़त सिक्किम के पक्ष में रही, जिसके चलते उसे मैच में बढ़त मिली। बिहार ने दूसरी पारी में प्रभावी बल्लेबाजी करते हुए 392/6 का बड़ा स्कोर खड़ा किया और 228 रनों की बढ़त हासिल की, लेकिन समयाभाव के कारण परिणाम नहीं निकल सका।

बिहार ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और पहली पारी में 265 रन बनाए। जवाब में सिक्किम की टीम ने संतुलित बल्लेबाजी करते हुए 429 रन बनाकर 164 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त ली। बिहार की दूसरी पारी में टीम ने ठोस प्रदर्शन करते हुए पूरे मैच का रुख पलट दिया।

दूसरी पारी में बिहार की ओर से बिपिन सौरभ ने 141 गेंदों पर नाबाद 100 रन बनाया जिसमें 10 चौका 2 छक्का शामिल है। उनके साथ सूरज कश्यप ने भी संयमित बल्लेबाजी करते हुए 112 गेंदों पर नाबाद 60 रन जोड़े। दोनों के बीच सातवें विकेट के लिए 132 रनों की साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।इसके अलावा शीर्ष क्रम में मंगल महरौर (59 रन), स्रमान निग्रोध (45 रन), आयुष लोहारुका (40 रन) और कुमार रजनीश (52 रन) ने भी उपयोगी योगदान दिया। कप्तान साक़ीबुल गनी की अगुवाई में टीम ने संतुलित बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया।

सिक्किम की ओर से गेंदबाजी में अंकुर सबसे प्रभावी रहे, जिन्होंने 42 ओवर में 149 रन देकर 3 विकेट लिए। वहीं ली योंग लेप्चा, क्रांति कुमार और पालजोर को एक-एक सफलता मिली। पहली पारी में सिक्किम के बल्लेबाजों ने मजबूत नींव रखी थी। रॉबिन लिम्बू ने 145 गेंदों पर 91 रन की पारी खेली थी और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

इस मुकाबले के बाद बिहार को हालांकि जीत नहीं मिली, परंतु टीम की दूसरी पारी की वापसी ने उसके बल्लेबाजी क्रम की गहराई को दर्शाया। बिहार अब अपने अगले प्लेट ग्रुप मुकाबले में जीत दर्ज करने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगा। इस मैच में

संक्षिप्त स्कोरकार्ड:
बिहार – 265 (पहली पारी) और 392/6 (दूसरी पारी) बिपिन सौरभ 100*, सूरज कश्यप 60*, महूर 59, कुमार रजनीश 52, अंकुर 3/149
सिक्किम – 429 (रॉबिन लिम्बू 100, पहली पारी में बढ़त 164 रन)
परिणाम: मैच ड्रा, सिक्किम को पहली पारी के आधार पर बढ़त।
प्लेयर ऑफ द मैच: रॉबिन लिम्बू (सिक्किम)

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विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट: ट्रैम्फेंट सीसी बना चैंपियन

पटना, 11 नवंबर: ट्रैम्फेंट क्रिकेट क्लब ने विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में ट्रैम्फेंट क्रिकेट क्लब ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी को 26 रन से पराजित किया।

सीएबी क्रिकेट अकादमी ग्राउंड, पटना पर खेले गए मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ट्रैम्फेंट सीसी ने 21 ओवर में 146 रन बनाए। टीम की ओर से रोबाब कुरैशी ने 39 रन, आकर्ष राज ने 30 रन और प्रियांशु जेएस ने 17 रन का योगदान दिया। जवाब में ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी की टीम 120 रन पर सिमट गई।

प्रियांशु जेएस ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच ओवर में 27 रन देकर चार विकेट चटकाए और टीम को जीत दिलाई। मयंक कुमार ने भी तीन विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई। ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी की ओर से अमन कुमार ने मात्र 25 गेंदों में 52 रनों की आतिशी पारी खेली, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।

पुरस्कार वितरण में प्लेयर ऑफ द फाइनल का खिताब ट्रैम्फेंट सीसी के प्रियांशु जेएस को दिया गया। प्रोमिसिंग प्लेयर के रूप में सीएबी के राहुल और एस. सुमन को सम्मानित किया गया। ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी के आदित्य राज को बेस्ट फील्डर, करुणा एससी के अभिनव आर्या को बेस्ट विकेटकीपर और सीएबी के शुभम कुमार को बेस्ट बॉलर चुना गया। बीआईओसी के प्रियांशु को बेस्ट बैट्समैन और ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी के शिवम कुमार को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के सम्मान से नवाजा गया।

संक्षिप्त स्कोर
ट्रैम्फेंट सीसी : 21 ओवर में 8 विकेट पर 146 रन, आकर्ष राज 30, रोबाब कुरैशी 39, प्रियांशु जेएस 17,श्रियांश 14, दक्ष पांडेय 13, अतिरिक्त 20, अंशुमान कुमार 2/29, शिवम 2/25, अमन कुमार 1/32, आयुष रंजन 1/7.
ईशान किशन क्रिकेट एकेडमी : 20.5 ओवर में सभी विकेट खोकर 120 रन, आयुष्मान जैन 18, प्रभु ए प्रसाद 11, अमन कुमार 52, अतिरिक्त 17, राहुल 1/17, आदर्श 1/17, मयंक कुमार 3/13, प्रियांशु जेएस 4/27

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