Madhya Pradesh League की शुरुआत जून में होने वाली है। आईपीएल खत्म होने के बाद मध्य प्रदेश अब राज्य में आईपीएल जैसा ही टूर्नामेंट करवाने जा रही है। ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश क्रिकेट लीग का आयोजन करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से अनुमति भी मिल गई है।
इस टूर्नामेंट के लिए मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों की पांच टीम बनेगी। इस टूर्नामेंट में सिर्फ मध्य प्रदेश के खिलाड़ी ही शामिल होंगे। सभी टीमों के मुकाबला इंदौर के होलकर स्टेडियम या ग्वालियर के नवनिर्मित स्टेडियम में होगा। इस टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी, अंडर-23 और अंडर-19 मैच खेल चुके खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ जो राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके है उन्हें भी शामिल किया जाएगा।
पहले सीजन में नहीं होगी नीलामी
शुरुआती सीजन में खिलाड़ियों की नीलामी नहीं होगी। रजत पाटीदार, आवेश खान, शुभम शर्मा और वेंकटेश अय्यर जैसे खिलाड़ी भी इस लीग में खेलते नजर आएंगे। फ्रेंचाइजी फाइनल होते ही ‘MPL’ की गवर्निंग काउंसिल खिलाड़ियों का ड्राफ्ट तैयार करेगी। बीसीसीआई भी राज्यों के संघों को अपनी प्रीमियर लीग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन कर रहा है। जिसके तहत अब धीरे-धीरे सभी राज्यों में टी20 लीग होने लगे हैं।
इन टीमों के बीच होगा महामुकाबला
भोपाल लेपर्डस
ग्वालियर चीता
जबलपुर लायंस
मालवा पैंथर्स
रीवा जगुआर
BCCI की निगरानी में होने जा रहे हैं इस टूर्नामेंट का बड़े स्पोर्ट्स चैनल पर शाम 7:00 बजे से लाइव प्रसारण होगा। वहीं इस आयोजन में सभी क्रिकेट प्रेमियों की एंट्री निशुल्क रखी गई है। गौरतलब है कि लंबे अरसे से ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हुआ है, लेकिन अब MPL के जरिए छुपी हुई क्रिकेट प्रतिभा सामने आएंगी। जिनको आईपीएल सहित भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिल सकेगा।
जीडीसीए के उपाध्यक्ष महाआर्यमन सिंधिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम मध्य प्रदेश का अपना प्रीमियर लीग बना रहे हैं। इसमें पांच टीमें होगी। इसका उद्देश्य खेल, कारोबार और जनता को साथ लाना है। हम क्रिकेट का जलवा अगले स्तर पर ले जाएंगे। हम ग्रामीण स्तर से खिलाड़ियों को शहर, फिर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं। हम चाहते है कि फ्रेंचाइजी का टीम ऑनर प्रत्येक टीम के पांच खिलाड़ियों को रोजगार दे। इससे खिलाड़ियों को रोजगार भी मिलेगा। उनका भविष्य सुरक्षित होगा। इसके अलावा क्रिकेट खेलने में कुछ पैसा भी उन्हें मिलेगा।