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Opinion: 4-1 से सीरीज जीतने के बाद भी कुछ सवालों ने किया परेशान, घर में ही स्पिनर्स के सामने टिक नहीं पा रहे हैं भारतीय बल्लेबाज, जानें कहां चूक रहे हैं बल्लेबाज…

Opinion: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से सीरीज को अपने नाम किया। इस टेस्ट सीरीज को जीतकर भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहले स्थान के लिए दावेदारी मजबूत कर दी। लगातार दो बार विश्व टेस्ट चैंपिशनशिप का फाइनल खेलने के बाद टीम इंडिया इस बार भी टेस्ट चैंपिशनशिप फाइनल खेलने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। इस सीरीज को भारतीय टीम ने भले ही 4-1 से अपने नाम कर लिया हो लेकिन इस टेस्ट सीरीज और पिछले कुछ सालों में घर पर खेले गए टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की एक कमी तेजी से उजागर हुई है।

ऐसी कमी उजागर हुई है जिसमें कभी भारतीय टीम को महारत हासिल थी। पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम स्पिन खेलने में फिसड्डी साबित हुई है। भारतीय टीम को भारत में ही स्पिन खेलने में अब परेशानी होने लगी है। जबकि पहले यही भारतीय टीम के जीत का मंत्रा था। विदेशी टीमें के खिलाफ स्पिन ट्रैक तैयार करके उनके चारों खाने चित कर देते थे। अब ऐसा हो गया है कि विदेशी टीमें भारत का दौरा करती है तब दो-तीन अच्छे स्पिनर को शामिल कर भारतीय टीम को परेशान कर देती है। यहां आने के बाद उनके एवरेज गेंदबाज भी शानदार गेंदबाज बन जाते हैं।

जबकि पहले भारतीय टीमों ने घरेलू और उपमहाद्वीपीय परिस्थतियों में स्पिन के अनुकूल पिचों में शानदार बल्लेबाजी की है। हालांकि अभी वर्तमान में भारतीय टीम स्पिन का सामना करने में पूरी तरह से जुझते नजर आती हैं। भारतीय टीम की गेंदबाजी भारत में शुरू से ही बेहतरीन रही है। अभी यह और मजबूत हो गई है जबकि बल्लेबाजी में स्पिन खेलने की कला में कमी देखने को मिली है।

70 के दशक में भारत की स्पिन चौकड़ी

भारतीय टीम जो कभी 70 के दशक में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विरोधियों को परेशान किया करते थी। वहीं आज के समय में हमारे बल्लेबाज परेशान हो जाते हैं। 70 के दशक में इराप्पल्ली प्रसन्ना, बीएस चन्द्रशेखर, वेंकट राघवन और बिशन सिंह बेदी की प्रसिद्ध चौकड़ी थी, जो भारतीय पिचों पर विदेशी टीमों के खिलाफ हावी रहती थी। इन लोगों ने विदेशी बल्लेबाजों के मन में इतना डर बना दिया था कि भारत का दौरा करने वाली टीमें एक महीना पहले से ही स्पिन खेलने का अभ्यास शुरू कर देती थी लेकिन फिर भी इनकी चौकड़ी बल्लेबाजों को कुछ खास करने का मौका नहीं देती थी।

उसके बाद 1980 से लेकर 2010 तक भारतीय टीम के पास ऐसे बल्लेबाज थे जो भारत में ही नहीं बाहर भी जाकर अपनी छाप छोड़ी। कुछ ऐसे बल्लेबाज भी थे, जिन्हें घर पर स्पिन खेलने में महारत हासिल थी और अगर विदेश का दौरा करे तो स्विंग और पेस खेलने में भी माहिर थे। उस दौरान भारत में कई ऐसे दिग्गज स्पिनर भी आएं, जिन्होंने पूरी दूनिया में अपनी छाप छोड़ी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के आगे नतमस्तक हो गए। शेन वार्न से लेकर मुथैया मुरलीधरन तक कई ऐसे दिग्गज भी आएं लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उन दिग्गज स्पिनरों का डटकर सामना किया और स्पिन खेलने की कला भी दुनिया को दिखाई।

हमारी ताकत ही बनी कमजोरी

आखिरी पिछले कुछ समय में ऐसा क्या हो गया कि जो हमारी ताकत थी, वही हमारी कमजोरी बन गई। भारतीय खिलाड़ी जो स्पिन के अनुकूल पिचों पर खेलकर बड़े हुए हैं लेकिन आज वही बल्लेबाज स्पिन का ढंग से सामना नहीं कर पा रहे हैं। जहां विकेट खराब होने लगती है भारतीय टीम के बल्लेबाजों के पांव क्रीज पर जमते ही नहीं हैं। समय के साथ भारतीय खिलाड़ियों का स्पिन खेलने के लिए जो तकनीक होनी चाहिए, वो धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है। अब महेमान टीम को जितना मुश्किल स्पिन खेलने में होती है उतना ही मुश्किल भारतीय टीम को भी स्पिन का सामना करने में होती है।

स्पिन के खिलाफ क्यों संघर्ष कर रहे हैं बल्लेबाज

भारतीय पिचों पर स्पिनरों को खासा फायदा मिलता है। यहां स्पिनरों को विकेट से काफी मदद मिलती है, जिसके कारण भारत में स्पिनर ज्यादा करागर साबित होते हैं। जैसे-जैसे विकेट टूटने लगती है स्पिनरों को टर्न के साथ अधिक उछाल भी मिलने लगती है। अगर गेंदबाज गेंद को ड्रिफ्ट करवाना जानते हैं तब तो बल्लेबाजों को ऐसे गेंदबाज का सामना करने में ज्यादा ही कठिनाई आती है। क्योंकि ऐसे गेंदबाज पिच से अधिक फायदा लेने में कामयाब रहते हैं और बल्लेबाजों को खूब परेशान करते हैं।

भारत में विकेट सूखी और धीमी होती है साथ ही साथ विकेट में असमतल उछाल के साथ गेंद भी तेजी से टर्न होता है। ऐसी विकेटों पर खेलने के लिए बल्लेबाजों को अधिक सतर्कता दिखाने की जरूरत होती है। जिसके लिए बल्लेबाजों को स्पिन खेलने की कला बखूबी आनी चाहिए। स्पिन खेलने में परेशानी के कारण बल्लेबाज स्ट्राइक रोटेट नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण भी स्पिनर्स बल्लेबाजों पर हावी हो जाते हैं। जब कोई एक बल्लेबाज ओवर की 6 गेंदें खुद खेलता है तब उसके आउट होने की संभावना भी ज्यादा होती है। इसलिए ऐसा कहा जाता था कि आप स्ट्राइक रोटेट करते रहें जिससे गेंदबाज को परेशानी हो, बल्लेबाज को नहीं।

विदेशी स्पिनर ने किया परेशान

पिछले 10-15 सालों में भारत में डेब्यू करने वाले विदेशी स्पिनर ने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है। 2008 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत का दौरा करने आई थी तब जेसन क्रेजा ने अपने डेब्यू मुकाबले के पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 4 विकेट चटकाए थे। उसके बाद से विदेशी स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों पर हावी होने लगे। अगर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव ओ कैफी की बात करें तो उन्होंने 2021 में भारत का दौरा करते हुए दोनों पारी में 6-6 विकेट लिए थे। वहीं मैट कुहनैमन ने 5 विकेट लेकर भारतीय टीम को बता दिया था कि स्पिन खेलने की कला अब आपके पास उतनी अच्छी नहीं रही।

उसके बाद न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी भारत के खिलाफ भारत में ही किया। उन्होंने उस मैच में कुल 14 विकेट चटकाए। वहीं टॉड मर्फी ने 2023 में डेब्यू करते हुए एक पारी में 5 विकेट चटकाए। अब इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले ही मैच में टॉम हर्टली ने डेब्यू करते हुए एक पारी में 7 विकेट चटकाए। उसके बाद शोएब बशीर ने इस टेस्ट सीरीज के चौथे और पांचवें मुकाबले में पांच-पांच विकेट चटकाए। इस सीरीज में इंग्लैंड के टॉम हार्टली ने कुल 22 विकेट चटकाए। इन 10-15 सालों में विदेशी स्पिनर ने भारत में आकर भारतीय टीम को ही परेशान किया है।

बल्लेबाज तकनीक पर नहीं कर पाते हैं काम

अब सालभर लगातार ही पूरे विश्व में क्रिकेट खेला जाता है। ऐसे में इंटरनेशनल क्रिकेटरों को अपनी कमियों पर काम करने का मौका भी बहुत कम मिलता है। अब जो भारतीय क्रिकेटर इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने लगते है वो घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेते हैं। जिस कारण से उन्हें घरेलू गेंदबाज या स्पिनर को खेलने का कम मौका मिलता है। इसके अलावा अब बल्लेबाज गेंदबाज के साथ कम और बॉलिंग मशीन के साथ ज्यादा दिखते हैं। बॉलिंग मशीन के साथ बल्लेबाज घंटों अभ्यास करते हैं। वहीं लगातार क्रिकेट होने के कारण सीमित ओवरों में बल्लेबाज स्पिनर पर ज्यादा अटैकिंग रुख अपनाते हैं और रन बनाने की कोशिश करते रहते हैं। फील्ड रिस्ट्रिक्शन होने के कारण बल्लेबाजों की कमियों का पता नहीं चलता है। जैसे ही यही बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं उनकी कमियां साफ नजर आने लगती है।

गेंदबाज भी अब पहले जितना अभ्यास नहीं करते हैं। तीन फॉर्मेट में अपने आप फिट रखने के लिए गेंदबाज नेट में भी काफी कम समय व्यतीत करते हैं। जिस कारण से भी बल्लेबाजों को अपनी कमियों के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चलता है। लगातार मैचेज के कारण गेंदबाज अब ज्यादातर अपने फिटनेस पर ध्यान देते हैं। जिससे वो ज्यादा से मैच खेल पाएं। इस कारण से अब ज्यादातर बल्लेबाजों को नेट गेंदबाज ही अभ्यास कराते नजर आते हैं।

घरेलू क्रिकेट में स्पिनर अब उतने करागर नहीं

अब बात यह भी है कि अब घरेलू क्रिकेट में उतने अच्छे स्पिनर भी नहीं रह गए हैं जो बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान कर सके। पहले घरेलू क्रिकटे में एक से बढ़कर एक स्पिनर हुआ करते थे। जो इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट को भी तवज्जो देते थे, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अब लगातार मैचेज रहने के कारण इंटरनेशनल क्रिकेटर घरेलू में शामिल नहीं हो पाते है जिस कारण से अब बल्लेबाजों को क्वालिटी के स्पिनर नहीं मिलते हैं। इस कारण से भी अब घरेलू क्रिकेट में स्पिनर उतने करागर साबित नहीं होते हैं। अच्छे स्पिनर के नहीं होने के कारण बल्लेबाजों की कमियां नजर नहीं आती है।

स्पिन खेलने की बढ़िया तकनीक क्या है…

स्पिन को खेलने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आपके कदम चलते रहें। आप फ्रंटफूट और बैकफूट का इस्तेमाल अच्छे ढंग से करें। कुछ बल्लेबाज टर्न कम करने के लिए निकलकर खेलते है और कुछ बल्लेबाज गेंद को टर्न होने के बाद खेलना पंसद करते हैं। अगर आप ऐसे स्पिन को खेलोंगे तब सफलता आपको मिलेगी। स्पिनर के खिलाफ अगर आप फंस गए तब गेंदबाज आपको निश्चित तौर पर आउट कर देगा। इसके अलावा आपके हाथ सॉफ्ट होने चाहिए ताकि आसपास लगे फील्डर के पास गेंद नहीं जानी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में कुछ इस ढंग से स्पिन खेलकर आप अच्छे स्पिनर का सामना कर सकते हैं।

लेखक: उज्जवल कुमार सिन्हा

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IndiaFirst Life Insurance Brand Ambassador Pushkar Sharma Selected for Zimbabwe Tour

New Delhi, September 9, 2025 — IndiaFirst Life Insurance’s brand ambassador and rising cricket talent Pushkar Sharma has been selected for the upcoming Zimbabwe tour, as part of the 2025 ICC Men’s T20 World Cup Africa Regional Final. The tournament is scheduled to take place from September 26 to October 4, 2025.

This crucial qualifier will feature eight African teams divided into two groups:
Group A: Kenya, Namibia, Nigeria, Malawi
Group B: Uganda, Zimbabwe, Tanzania, Botswana.

The top two teams from this tournament will qualify for the 2026 ICC Men’s T20 World Cup, joining South Africa, who have already secured their spot as one of the top eight teams from the previous edition.

Warm-up Matches Begin September 19

All participating teams will assemble in Zimbabwe on September 19, 2025, ahead of the main tournament. They will play a series of warm-up matches to adapt to the local conditions and fine-tune their strategies.

Pushkar Sharma’s Statement

Speaking on his selection, Pushkar Sharma expressed gratitude and emotion, “I sincerely thank IndiaFirst Life Insurance for their constant support and belief in me — they’ve never left my side. I also thank God for His blessings; it’s because of Him that I continue to move forward. This is an important moment in my journey, and I’m determined to make the most of it.”

Why Pushkar’s Selection Matters

Pushkar Sharma has been consistently performing in the African cricket circuit and is widely regarded as a promising top-order batsman. His selection reflects the growing presence and impact of players of Indian origin in international cricket beyond the subcontinent.

Notably, Pushkar also serves as the brand ambassador for IndiaFirst Life Insurance, a role that reflects his inspiring personal journey and leadership qualities on and off the field.

The Road Ahead

The Zimbabwe tour poses a major opportunity for Pushkar and his team. Success in the group stage could see them qualify for the 2026 ICC T20 World Cup, marking a significant milestone in his cricketing career

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पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग के क्वार्टर फाइनल में पहुंची लक्ष्य इंजीटेक

पटना: राजधानी पटना के तीन मैदान पर पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग के खेले गए मुकाबलों एस.जी.जी.एस कॉलेज, खगौल सी.सी. और लक्ष्य इग्निटेक ने शानदार जीत हासिल की। इस जीत के बाद लक्ष्य इंजीटेक ने क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया है।

मंगलतालाब ग्राउंड पर खेले गए मैच में एसजीजीएस कॉलेज ने नवशक्ति निकेतन को 122 रन, जेनेक्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में खगौल सीसी ने भंवर पोखर सीसी को 6 विकेट और अल्फा स्पोट्र्स एकेडमी पर खेले गए मैच में लक्ष्य इंजीटेक ने केडिया इलेवन को 8 विकेट से हराया।

एसजीजीएस कॉलेज जीता

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए एस.जी.जी.एस. कॉलेज ने 30.3 ओवर में 282 रन बनाए। टीम की ओर से रोहित सिन्हा ने 72 गेंदों पर तूफानी 130 रन (17 चौके, 7 छक्का) की पारी खेली, जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज आदित्य कुमार ने 57 रन जोड़े। हालांकि मध्यक्रम लड़खड़ाया, लेकिन विपक्षी गेंदबाज़ों ने 44 अतिरिक्त रन खर्च कर दिए। नवशक्ति निकेतन की ओर से हिमांशु ने 4 विकेट, जबकि राहुल सिंह और कृष्णा भारत राज ने 3-3 विकेट झटके।

जवाब में नवशक्ति निकेतन की टीम 24.3 ओवर में मात्र 160 रन पर सिमट गई। टीम के लिए शुभम सिंह (19) और कुमार शशि (29) ने संघर्षपूर्ण पारी खेली, लेकिन बाकी बल्लेबाज़ असफल रहे। एस.जी.जी.एस. कॉलेज की ओर से कप्तान नितीश कुमार ने 3/23 की शानदार गेंदबाज़ी की। उन्हें टिंकू (2/21) और गुड्डू कुमार (2/20) का अच्छा साथ मिला। शानदार पारी खेलने वाले रोहित सिन्हा को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

संक्षिप्त स्कोर

एसजीजीएस कॉलेज : 30.3 ओवर में 282 रन पर ऑल आउट, आदित्य 57, नीतीश कुमार 26, रोहित सिन्हा 130, टिंकु 24, अतिरिक्त 44, कृष्णा भारत राज 3/48, हिमांशु 4/53, राहुल सिंह 3/43

नवशक्ति निकेतन : 24.3 ओवर में 160 रन पर ऑल आउट, आयुष रंजन 14, श्लोक राजहंस 20, शुभम सिंह 19, कुमार शशि 29, कुमार गौरव 15, कृष्णा भारत राज 11, हिमांशु नाबाद 19, नीतीश 3/18, गड्डू कुमार 2/20, टिंकू 2/21, निखिल प्रधान 1/20, वासिद अली 1/15

खगौल सीसी ने भंवर पोखर को हराया

जेनएक्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भंवर पोखर सी.सी. की टीम ने निर्धारित 30 ओवर में 7 विकेट पर 103 रन बनाए। टीम के लिए विराट सिंह ने 31 रन (72 गेंद, 4 चौके) की जिम्मेदाराना पारी खेली, जबकि अभिनव यादव ने 12 बनाये। खगौल सी.सी. की ओर से उज्जवल उजाला ने 4 ओवर में 10 रन देकर 4 विकेट झटके और सबसे सफल गेंदबाज़ रहे।

जवाब में खगौल सी.सी. ने लक्ष्य का पीछा सिर्फ 17 ओवर में 4 विकेट खोकर पूरा कर लिया। कप्तान अमन कुमार ने 30 रन, जबकि करण कुमार ने 14 रन जोड़े। विकेटकीपर रवि कुमार नाबाद 16 बनाये।

भंवर पोखर सी.सी. की ओर से अथर्व सिंह, आदव्य वर्धन और बालाजी को 1-1 सफलता मिली।उज्जवल उजाला को उनकी घातक गेंदबाज़ी (4/18) के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

संक्षिप्त स्कोर

भंवर पोखर सीसी : 30 ओवर में 7 विकेट पर 103 रन, विराट सिंह 31, अभिनव यादव 12, अतिरिक्त 18, विनय कुमार 1/20, करण कुमार 1/22, रुपेश 1/18, उज्ज्वल उजाला 4/10

खगौल सीसी : 17 ओवर में चार विकेट पर 104 रन, अमन कुमार 30, करण कुमार 14, रुपेश 11, रवि कुमार नाबाद 16, अर्थव सिंह 1/11, बालाजी 1/16, अदव्य वर्धन 1/10

लक्ष्य इंजीटेक की शानदार जीत

पहले बल्लेबाज़ी करते हुए केडिया इलेवन की पूरी टीम मात्र 56 रन पर ढेर हो गई (24.4 ओवर)। टीम के लिए लक्की ने 10 रन बनाये। लक्ष्य इंजीटेक के गेंदबाज़ों ने सटीक गेंदबाज़ी की, जिसमें मनीष मणि ने 5 ओवर में 7 रन देकर 3 विकेट, प्रियांशु ने 7 ओवर में 10 रन देकर 3 विकेट, और हर्षवर्धन ने 2 विकेट झटके।

लक्ष्य इंजीटेक ने आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए मात्र 6.4 ओवर में 2 विकेट पर 59 रन बना कर जीत हासिल कर ली। टीम की ओर से शहरयार नफीस ने नाबाद 20 रन (13 गेंद, 3 चौका) और रुद्र धीरज कुमार ने नाबाद 13 रन (13 गेंद) बनाए।

केडिया इलेवन के लिए उदित कुमार ने 3.4 ओवर में 34 रन देकर 2 विकेट लेकर थोड़ी चमक दिखाई, लेकिन टीम को बचा नहीं सके। मनीष मणि (3/7) को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

संक्षिप्त स्कोर

केडिया इलेवन : 24.4 ओवर में 56 रन पर ऑल आउट, लक्की 10, अतिरिक्त 22 जंगबाज 1/21, हर्षवर्धन 2/0, प्रियांशु 3/10, मनीष मणि 3/7

लक्ष्य इंजीटेक : 6.4 ओवर में दो विकेट पर 59 रन, रुद्रा धीरज कुमार नाबाद 13, शहरयार नफीस नाबाद 20, अतिरिक्त 13, उदित कुमार 2/34

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पटना जिला इन्वीटेशनल ताइक्वांडो टूर्नामेंट संपन्न, सिटी ताइक्वांडो क्लब बनी ओवरऑल चैंपियन

पटना: पटना जिला ताइक्वांडो संघ और सिटी सेंटर मॉल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पटना जिला इन्वीटेशनल ताइक्वांडो टूर्नामेंट का समापन सोमवार को सिटी सेंटर मॉल परिसर में हुआ। प्रतियोगिता में पटना की आठ टीमों के लगभग 150 खिलाड़ियों ने भाग लिया।

ओवरऑल चैंपियनशिप का खिताब सिटी ताइक्वांडो क्लब ने अपने नाम किया, जबकि क्रिसेंट कान्वेंट स्कूल उपविजेता और प्लीजेंट वैली स्कूल तीसरे स्थान पर रही।

आयोजन सचिव जेपी मेहता ने बताया कि टूर्नामेंट में तीन इवेंट—पूमसे, स्पीड किकिंग और फाइटिंग—में खिलाड़ियों ने अपना कौशल दिखाया। विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए मुख्य अतिथि भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू, क्रिसेंट कान्वेंट स्कूल की डायरेक्टर शालु श्रॉफ, क्रीड़ा प्रकोष्ठ बिहार प्रदेश के राजीव रंजन यादव, विकास सिंह और सिटी सेंटर मॉल के अभिषेक गौरव उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव जेपी मेहता ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मॉल मैनेजर अभिषेक गौरव ने किया।

पदक विजेताओं की सूची

बालिका वर्ग – स्वर्ण पदक

हिमाद्री, रिषिका, अनमोल, भूमी, सुकृति, रिंकी, सुनिधि, गौरी, शुभ प्रिया, आराध्या, सिद्धी कोठारी, आरिका, परी, शेफाली, अवनी नारायण, आरोही शर्मा, आदर्शनी, अंकिता, जैनब अली।

बालक वर्ग – स्वर्ण पदक

स्वप्निल, अभिनव, कौशिक, प्रतिक राज, आकाश, हर्ष वर्धन, रौनक, अनिकेत, हर्ष राज, रनबीर, आदित्य, यक्ष कुशवाहा, अर्पित, राज वर्धन, अनुराग, आरब राज, प्रियांशु, आयुष देव, अंश कश्यप, मयंक राज, शिवांशु खत्री, रणबीर सिंह, रकक्षित ओझा।

बालिका वर्ग – रजत पदक

आर्या श्रीवास्तव, आकृति कुमारी, नित्या, गौरी, मायरा जोशी, प्रीती, पुषपम, देवांशी, रिधि, पिहु, राधिका शिवानी, स्मृति कुमारी, सिद्धी।

बालक वर्ग – रजत पदक

मिसबाह शमशेर, अभिनव, आयुष्मान, विदयुत सिंह, आलोक, शिवंश, रौनक, रियांश, गणेश, सुर्या, मोहित शर्मा, चिरंजीव, अमिरुल इस्लाम, हुजैफा अमनुल्ला, प्रतीक अग्रवाल।

बालिका वर्ग – कांस्य पदक

पाखी, अंशिका, शौर्य, आनवी, कयुरी राज, रौशनी, आनया अग्रवाल।

बालक वर्ग – कांस्य पदक

अरनव राज, रियांश, विश्वजीत, रमण राज, श्रेष्ठ राज, आलोक राजपूत, विराज अग्रवाल, सार्थक गुप्ता, अनिकेत, दिवयांशु, साहिल, रितिक, लक्ष्य राज, शौर्या।

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सामुदायिक भवन हाजीपुर में शतरंज प्रतियोगिता का सफल आयोजन, देखें किसने मारी बाजी

हाजीपुर: रेलवे कॉलोनी, कौनहारा घाट स्थित सामुदायिक भवन परिसर में रविवार को एक दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता 2025 का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन प्रख्यात चिकित्सक डॉ. नितेश शुक्ला ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया। उन्होंने आयोजन समिति को इस पहल के लिए बधाई दी और युवाओं को खेलों के माध्यम से अनुशासन और एकाग्रता सीखने की प्रेरणा दी।

प्रतियोगिता में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसे तीन आयु वर्गों— 5 से 10, 10 से 15 और 15 से 20 वर्ष— में आयोजित किया गया। चार राउंड के नॉकआउट मुकाबलों में खिलाड़ियों ने अपनी बेहतरीन रणनीति और प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

अंतिम परिणामों में

  • 5 से 10 वर्ष वर्ग में आर्यन राज ने अर्पित राज को हराया।
  • 10 से 15 वर्ष वर्ग में उदित्य कुमार ने आयुष राज को मात दी।
  • 15 से 20 वर्ष वर्ग में वैभव सिंह ने अर्णव राज को हराकर विजेता बने।

विजेताओं और उपविजेताओं को शील्ड, मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। वहीं, अन्य प्रतिभागियों को भी प्रोत्साहन स्वरूप मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता का सफल तकनीकी संचालन सुमन सौरभ सिन्हा ने किया, जिनकी सभी ने सराहना की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री राकेश प्रकाश सिंह (शाखा मंत्री, ECRKU मुख्यालय हाजीपुर) ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। उपविजेताओं को दीक्षा मिश्रा द्वारा सम्मानित किया गया। आयोजन समिति के सचिव अमित मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्हें सफल आयोजन के लिए श्री राकेश प्रकाश सिंह ने सम्मान स्वरूप बैग भेंट किया।

समारोह में गणेश पासवान, सौरव राय, सुजीत कुमार सिंह, राघवेन्द्र कुमार, वैशाली जिला शतरंज संघ के सचिव दिलीप कुमार भगत समेत बड़ी संख्या में रेलकर्मी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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