KRIDA NEWS

बिहार की लक्ष्मी झा (Lakshmi Jha) माउंट अरारत की चोटी पर तिरंगा फहराने वाली पहली भारतीय बनी, 41 घंटे में पूरी की चढ़ाई

पटना: बिहार के सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा (Lakshmi Jha) ने तुर्की के सबसे ऊंची चोटी (16854 फिट) अरारत पर्वत पर अपने देश के तिरंगा लहराकर देशवासियों को गौरवान्वित किया। लक्ष्मी ने यह उपलब्धि 41 घंटे में चढ़ाई करके पूरी की। ऐसा करने वाली लक्ष्मी देश की पहली महिला भारतीय बनी। उन्होंने बताया कि चढ़ाई के दौरान -15 डिग्री का टेंपरेचर था जो हड्डी को गला सकता है ऐसे में अपने पथ पर डटे रहना और मंजिल पूरा करने में काफी मुश्किलें आई। लेकिन अगर हौसला हो तो कोई भी मुश्किल से पार पाया जा सकता है।

लक्ष्मी ने 12 अगस्त 2023 को आर के सिन्हा भाजपा के पूर्व सांसद एसआईएस कंपनी के संस्थापक से फ्लैग ऑफ लेकर तुर्की के सबसे ऊंची चोटी (16854 फिट) अरारत पर अपने देश के तिरंगा को फराने के लिए दिल्ली से इस्तांमबुल से दोगुबेयाजित सिटी पहुंची। वहां पहुंचते ही लक्ष्मी झा को पता चला की अरारत चोटी पर मौसम खराब बर्फबारी तेज तूफान हो रहे हैं। इसलिए 15 अगस्त समिट करने का प्लान कैंसिल करना पड़ा 18 को पता चला मौसम सही है, फिर लक्ष्मी झा ने 18 को ही निकल पड़ी समिट के लिए 6 घंटे चढ़ाई करने के बाद पहले पहले बेस कैंप पहुंची। जिसकी ऊंचाई 3000 मीटर है। अगले दिन 3 घंटे की चढ़ाई करके बेस कैंप 4200 मीटर की ऊंचाई पर पहुंची लक्ष्मी को इस मिशन को कम से कम टाइम में पूरी करनी थी।

बेस कैंप के ऊपर केवल बादल ही दिखाई दे रहे थे। मौसम काफी खराब था लक्ष्मी अन्तत: समिट के लिए 21 तारीख के रात को 1:00 बजे निकली । कठिन व खरीद चढ़ाई पर समिट करने में परेशानी हो रही थी। पूरा का पूरा पत्थरों से भरा हुआ रास्ता था जहां पर एक दो बार पत्थर ऊपर से भी आए और एक दो बार खिसक के नीचे भी गिरे बहुत डर भी लग रही थी। ऊपर से हड्डी गला देने वाली -15 डिग्री का टेंपरेचर थी। हिम्मत भी टूट रही थी लेकिन लक्ष्य को पूरा करनी थी।

कोमल कुमारी को नायब स्पोर्ट्स ने क्रिकेट किट किया स्पॉन्सर, बिहार की ओर से अंडर-19 और सीनियर वर्ग में कर चुकी है राज्य का प्रतिनिधित्व

इसी बीच में मेरे गाइड भी मेरे साथ छोड़ दिया। वो बोल रहे थे चलो नीचे चलते हैं। मौसम खराब हो रहा है। लेकिन लक्ष्मी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, लक्ष्मी ने बताया कि कभी-कभी चलते-चलते हिम्मत भी टूट रही थी लेकिन लक्ष्य को हासिल करना था। राष्ट्रीय ध्वज को देखकर शक्ति मिलती थी कुछ घंटे चलने के बाद जब सवेरा हुआ मंजिल सामने दिखाई दिया तो हौसला और बुलंद हुआ की नहीं अब तो फतेह करके ही जिंदा वापस जाना है। 6 घंटे चलने के बाद भारत का गौरवशाली तिरंगा माउंट अरारत पर फहराया। माउंट अरारत की पूरी चढ़ाई 41 घंटे में पूरी की। लक्ष्मी माउंट अरारत की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय बेटी है। जिसने तुर्की देश के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट अरारत पर भारत का तिरंगा लहराया।

एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने वाली बनी है पहली बेटी
लक्ष्मी झा एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली बिहार की पहली बेटी बनी है। उन्हें ये सफलता बहुत संघर्ष के बाद मिली है। जिसमें उनकी मां सरिता देवी का काफी सहयोग रहा है। लक्ष्मी झा के इस उपलब्धि को लेकर परिवार में खुशी का माहौल है। बता दें कि लक्ष्मी झा सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली है और इनके पिता का नाम स्व। बिनोद झा है। जिनकी 17 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है। लक्ष्मी झा 4 भाई बहन में सबसे छोटी है। पिता की मौत के बाद रोजी रोटी का कोई सहारा नहीं होने के कारण उनकी मां काफी मेहनत से अपने चार बच्चों का लालन पालन करती रही और सभी बच्चों को पढ़ाई भी करवाई।

दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत का झंडा लहराया
लक्ष्मी झा ने अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि भारत की ओर से सबसे पहली महिला है जिसने कम से कम समय में किलिमअंजारो पर्वत की चढ़ाई की है । उन्हें शिखर पर चढ़ने में भी सिर्फ 36 घंटे लगे जबकि अभी तक अन्य लोगो ने 6 से 8 दिन का समय लगाया है। विश्व की सबसे कठिन चढ़ाई में एक चढ़ाई किलिमअंजारो पर्वत को भी माना गया है । इसकी ऊंचाई 58.95 मीटर है जबकि एवरेस्ट की ऊंचाई 88.48 मीटर है।

क्या कहते हैं पूर्व सांसद आर के सिन्हा
मुझसे कई लोग आकर मिलते है जिनके सपने अधूरे होते हैं और वो चाहते हैं कि उनके सपने पूरे हो। एक दिन पर्वतारोही बिहार की बिटिया लक्ष्मी झा मुझसे मिली और उन्होंने अपनी इच्छा बताई , तब मैंने इन्हे उतर काशी के एनआईएएम इंस्टीट्यूट में पर्वतरोही का प्रशिक्षण करवाया जिसका नतीजा है कि सुश्री लक्ष्मी झा ने तुर्की के माउंट अरारत की चोटी पर तिरंगा फहराने वाली पहली भारतीय बेटी बनी। इससे पहले वो दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत का झंडा लहरा कर बिहार के साथ साथ पूरे देश का नाम रौशन करने का काम किया है हम सभी को बिहार की बेटी लक्ष्मी झा पर गर्व है।

आर के सिन्हा ने कहा कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है हर क्षेत्र में बिहार के लोग अव्वल है बस जरूरत है उन्हे सही मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करने की। बिहार सरकर के उदासीनता के कारण बिहार के ये प्रतिभावान खिलाड़ी / पर्वतारोही आगे नही बढ़ पा रहे है। पूर्व सांसद ने कहा की बिहार के छोटे से गांव से आने वाली इस बिहार की बेटी ने पूर्व में काला पत्थर चोटी और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में तिरंगा लहराया है। आर के सिन्हा ने आश्वासन दिया की वे पर्वतारोही लक्ष्मी झा को हर संभव मदद करेंगे जिससे वे आगे भी इसी प्रकार बिहार का नाम पूरी दुनिया में रौशन करते रहें।

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Exclusive Interview with Vaibhav's Coach: कैसे बिहार के छोटे शहर से IPL तक चमके Vaibhav Suryavanshi, कोच मनीष ओझा ने सुनाई अनकही कहानी

Exclusive Interview with Vaibhav’s Coach: कैसे बिहार के छोटे शहर से IPL तक पहुंचे Vaibhav Suryavanshi, कोच मनीष ओझा ने सुनाए अनकहे किस्से

Exclusive Interview: बिहार का नन्हा सितारा वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) आज पूरे देश का स्टार बन गया है। आईपीएल डेब्यू में वैभव ने बता दिया कि वो क्या कर सकता है। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने अपने पहले ही मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ निडर अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की और पहली ही गेंद पर शार्दुल ठाकुर जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को छक्का जड़ दिया। सिर्फ 20 गेंदों में 2 चौके और 2 छक्कों की मदद से 34 रन बनाने वाले वैभव IPL के इतिहास में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।

लोग 14 साल की उम्र में सोच भी नहीं सकते थे जहां पहुंचने का, वहां वैभव ने जाकर अपना परचम लहराया। पहले मैच में शानदार पारी खेलने के बाद दूसरे मैच में भी वैभव ने भुवनेश्वर कुमार को छक्का लगाकर सभी को खासा प्रभावित किया, लेकिन वो इस मैच में केवल 16 रन बनाकर ही आउट हो गए। हालांकि वैभव के जल्दी आउट हो जाने पर उनके बचपन के कोच ज्यादा मनीष ओझा ज्यादा परेशान नहीं है।

मनीष ने क्रीडा न्यूज से बात करते हुए बताया कि वो इससे खुश हैं कि वैभव अपना स्वाभाविक खेल नहीं छोड़ा है। वो इसी तरह से सफल हुआ और आगे भी जरूर सफल होगा। वैभव के बचपन के कोच ने इस स्टार खिलाड़ी के हुनर, क्रिकेटिंग जर्नी और संघर्ष के दिलचस्प किस्सों को शेयर किया। पेश है बातचीत का मुख्य अंश:

वैभव सूर्यवंशी कब आपके पास आया था?
वैभव मेरे पास 8-9 साल की उम्र में आया था। वो समस्तीपुर से अपने पापा के साथ ट्रेनिंग लेने आया था। पहली ही मुलाकात में वो कुछ अलग सा लगा।

पहली नजर में क्या खास देखा?
पहली ही बार देखकर समझ में आ गया कि ये लड़का खास है। उसकी बल्लेबाज़ी में एक अलग तरह की समझ थी। उम्र के हिसाब से काफी आगे खेलता था। तकनीक, टाइमिंग, सब कुछ कमाल का था। तभी लगा था कि मेहनत सही दिशा में होती रही, तो ये बच्चा बहुत आगे जाएगा।

कब लगा कि वैभव बड़े स्तर पर खेल सकता है?
करीब दो साल पहले हमें एहसास हुआ कि अब वैभव में कुछ एक्स्ट्रा है। 11-12 की उम्र में ही स्ट्रोक प्ले की मैच्योरिटी आने लगी थी। वो गेंदबाजों पर हावी रहता, अपने शॉट्स बिना डरे खेलता। अपने एज ग्रुप में वो सबसे आगे था। बाद में सीनियर लेवल पर भी उसी आत्मविश्वास के साथ खेलता रहा।

किस टूर्नामेंट ने बदल दी तस्वीर?
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की हेमन ट्रॉफी में उसकी परफॉर्मेंस ने सबका ध्यान खींचा। वीर प्रताप, साकिब हुसैन, अनुनय नारायण सिंह जैसे बेहतरीन गेंदबाज़ों के सामने उसने खुलकर बल्लेबाज़ी की और लगातार रन बनाए। उस टूर्नामेंट ने बता दिया कि ये बच्चा अब सीनियर क्रिकेट के लिए भी तैयार है।

वैभव को बाकियों से अलग क्या बनाता है?
उसकी तकनीक, गेम सेंस और आत्मविश्वास। सबसे बड़ी बात ये है कि वो किसी भी परिस्थिति में अपने स्वभाव को नहीं बदलता। आक्रामक अप्रोच, नई चीज़ें सीखने की ललक और हमेशा पॉजिटिव माइंडसेट यही उसे दूसरों से अलग बनाते हैं।

IPL डेब्यू से पहले क्या बात हुई थी?
मैच से पहले उसने कॉल कर बताया कि उसे मैच इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में खेलने का मौका मिलेगा। उसके बाद मैंने सिर्फ इतना कहा कि जैसे अब तक खेलते आए हो, वैसे ही खेलो। ना क्राउड से डरना, ना माहौल से। क्रिकेट को क्रिकेट की तरह खेलो और उसने वही किया।

जब बल्लेबाज़ी करने उतरा, तब मन में क्या चल रहा था?
सच कहूं तो दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। नर्वसनेस थी, दिमाग ब्लैंक था। सिर्फ यही दुआ कर रहे थे कि बच्चा अच्छा खेले। जब पहली गेंद पर छक्का मारा, तब जाकर थोड़ी राहत मिली और एक अलग सी खुशी हो रही है। उस समय मैं थोड़ा भावुक भी हो गया था।

उम्र को लेकर उठे सवालों पर क्या कहेंगे?

ये बात तो तय है कि वैभव 14 साल का ही है। उम्र को लेकर जो बातें हो रही हैं, वो निराधार हैं। बीसीसीआई के बोन टेस्ट ने यह बात पहले भी साबित हो चुका है। उसने अपनी उम्र का प्रमाण आईपीएल मैच में दे दिया। जब वो आउट होकर पवेलियन जा रहा था, तब उसके आंखों में आंसू थे। ये बच्चा तो अपना इमोशन छुपाना भी नहीं जानता है। वैसे भी भारत में 150 करोड़ लोग हैं, हर किसी को बोलने का हक है। लेकिन जो सच है वो सच है।

जल्द ही इंडिया के लिए भी खेलेगा

वैभव सूर्यवंशी, जिस तरह से आगे बढ़कर वो जल्द ही टीम इंडिया के लिए खेलेगा। वो भारतीय टीम के लिए टी20, वनडे और टेस्ट में महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकता है। उसमें वो जज्बा है जो उसे टीम इंडिया तक जरूर पहुंचाएगी।

कोच के तौर पर ये सफर आपके लिए क्या मायने रखता है?

मेरे लिए ये भावुक पल है। जब आप किसी बच्चे को 8 साल की उम्र से ट्रेनिंग देना शुरू करते हैं और वो IPL जैसी लीग में खेलता है तो इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती। मुझे खुशी है कि वैभव इतना आगे तक पहुंचा और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उम्मीद है कि वो इस प्रदर्शन को बरकरार रखे और देश का नाम रोशन करे।

12 साल की उम्र में रणजी डेब्यू करते हुए रचा था इतिहास

वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को समस्तीपुर में हुआ था। जिसके बाद वो बहुत कम उम्र में ही क्रिकेट की बारीकियों से रूबरू हो गए। महज 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करते हुए इतिहास रच दिया था। वैभव ने बिहार के लिए खेलते हुए यह कारनामा किया। उसके बाद तो वैभव का यश बढ़ता ही चला गया। वैभव ने अब तक पांच प्रथम श्रेणी, छह लिस्ट ए और दो टी20 मैच खेला है। वहीं उसके अलावा दो आईपीएल का मैच भी खेल चुका है।

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लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट रामानंद तिवारी मेमोरियल क्रिकेट में जीता

पटना, 26 अप्रैल। सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में स्थानीय कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे रामानंद तिवारी मेमोरियल अंडर-13 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने जीत हासिल की। लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने एसकेपी को 8 विकेट से हराया।

कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में एसकेपी ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करते हुए 21 ओवर में 96 रन पर ऑल आउट हो गई। दीप यादव ने 17 रन बनाये। लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट की ओर से अनुराग ने 3, विनय कुमार ने दो और विराट ने दो विकेट चटकाये।

जवाब में लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट ने 16 ओवर में दो विकेट पर 97 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। आयुष्मान जैन ने 40 और साहिल ने 24 रन बनाये। विजेता टीम के अनुराग (3 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार समाजसेवी विजय कुमार ने प्रदान किया।

संक्षिप्त स्कोर
एसकेपी : 21 ओवर में 96 रन पर ऑल आउट शुभम कुमार 15, दीप यादव 17, विराट सिंह 13, अतिरिक्त 16, विनय 2/13, आयुष झा 1/31, अनुराग 3/14, विराट 2/12, आयुष्मान जैन 1/9
लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट : 16 ओवर में 2 विकेट पर 97 रन, आयुष्मान जैन नाबाद 40, साहिल कुमार 24, अतिरिक्त 20, शुभ सिंह 1/14, कार्तिक चौधरी 1/21

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सरदार पटेल सम्मान समारोह के लिए जारी हुई सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की सूची

पटना, 26 अप्रैल। टर्निंग प्वायंट के तत्वावधान में आगामी 1 मई को राजेंद्रनगर स्थित प्रेमचंद्र रंगशाला हॉल में शिक्षा, कला, खेल समेत समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सरदार पटेल सम्मान समारोह में सम्मानित किया जायेगा। यह जानकारी टर्निंग प्वायंट के एमडी विजय शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के फाउंडर संतोष तिवारी की देखरेख में आयोजित होने वाले इस समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

खेल से लेकर अन्य क्षेत्र के दिग्गज होंगे सम्मानित

उन्होंने कहा कि इस सम्मान समारोह में खेल के क्षेत्र में अपनी जिंदगी बीता देने वालों से लेकर उदीयमान प्लेयरों समेत शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार समेत समाज के अन्य क्षेत्रों के विकास में कार्य करने वालों और जन प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जायेगा जिसमें पटना नगर निगम के वार्ड पार्षद और सशक्त समिति के सदस्य शामिल होंगे। इस सम्मान समारोह के दौरान पिछले दिनों टर्निंग प्वायंट द्वारा आयोजित कासा पिकोला स्कूल क्रिकेट लीग सीजन-5 के विजेता व उपविजेता टीमों के खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया जायेगा।

सम्मानित होने वाले दिग्गजों की सूची इस प्रकार है-
लाइफ टाइम एचीवमेंट- नीरज कुमार पप्पू (सचिव, खो-खो एसोसिएशन ऑफ बिहार)
सरदार पटेल खेल रत्न- रंजीत भट्टाचार्य (वरिष्ठ क्रिकेट कोच), देवकी नंदन दास (वरिष्ठ क्रिकेट कोच)
सरदार पटेल खेल विभूति- अधिकारी मदन मोहन प्रसाद (वरिष्ठ क्रिकेट कोच), नंद किशोर प्रसाद (एनआईएस कोच, फुटबॉल), अभिषेक कुमार (एनआईएस कोच, एथलेटिक्स)
सरदार पटेल विशेष खेल सम्मान- नवीन कुमार-प्रशिक्षक लर्निंग स्कूल ऑफ क्रिकेट

खेल के क्षेत्र में
रिमझिम सिंह (मैनेजर बिहार महिला अंडर-19 टीम), हिमांशु हरि-रणजी ट्रॉफी प्लेयर, प्रतीक कुमार-सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी प्लेयर, शांभवी राज (अधिवक्ता, लीग एडवाइजर डब्ल्यू सीसी), राजू राय-वरिष्ठ क्रिकेट प्लेयर सह कोच

चिकित्सा के क्षेत्र में
डॉ कुंदन-फीजियो बिहार रणजी ट्रॉफी, डॉ सरिता अखौर-मनोचिकित्सक राष्ट्रपति अवार्डी

सम्मानित होने वाले पटना नगर निगम के जन प्रतिनिधि
इंद्रदीप चंद्रवंशी (सदस्य,पटना नगर निगम सशक्त समिति), आशीष कुमार (सदस्य,पटना नगर निगम सशक्त समिति), कुमार संजीत (पार्षद वार्ड संख्या-34), संजीव आनंद (पार्षद वार्ड संख्या-37), विनय कुमार बालक (पार्षद वार्ड संख्या-54)

प्रेस प्रतिनिधि
मो ईशाउद्दीन (राष्ट्रीय सहारा), अमरनाथ (दैनिक आज), आशीष कुमार (राष्ट्रीय सहारा), आलोक कुमार (दैनिक भास्कर), रजी अहमद (कौमी तंजुम), राहुल सिंह (दैनिक हिन्दुस्तान), धर्मनाथ (दैनिक प्रभात खबर), पिंटू कुमार (दैनिक जागरण), अक्षय पांडेय (दैनिक जागरण), पुलस्कर कुमार (दैनिक भास्कर), आलोक नवीन (दैनिक सन्मार्ग), राजनंदन (खेल बिहार), सुरेश मिश्रा (पुरविया न्यूज), उज्ज्वल कुमार (क्रीड़ा न्यूज), विकास पांडेय (दैनिक जागरण आई नेक्सट), आशीष गुप्ता (फोटो ग्राफर), जितेंद्र कुमार (फोटोग्राफर), जेपी (फोटोग्राफर)।

शिक्षा के क्षेत्र में
जैनेंद्र शर्मा-शिक्षक, उच्च विद्यालय,पैनाल, रौनित नारायण-वीटेक एडुकेशन, सोमा चटर्जी-संत कैरेंस हाईस्कूल, मिथिलेश कुमार-मिथिलेश कामर्स, अखिलेश आनंत-भौतिकी, रघुवीर कुमार-कंप्यूटर, डॉ रतन कुमार-कॉमर्स, चंद्रभूषण-अंग्रेजी, शिवानी सिन्हा-बॉयोलॉजी, कंचन यादव-हिंदी, सुमोना घोष-अंग्रेजी, मधुप्रिया-इतिहास, संजय कुमार-जीव विज्ञान, राजीव कुमार-कंप्यूटर, अजय सिंह-संत डोमनिक, कौशलेंद्र कुमार-गणित।

खेल प्रशिक्षक
पवन सिंह (पूर्व कोच,बिहार सीनियर क्रिकेट टीम), प्रमोद कुमार (कोच, बिहार रणजी ट्रॉफी), नेहा सिंह (कोच, शतरंज), पिंकी कुमारी (कोच, कराटे), सपना कुमारी (कोच, फुटबॉल), निर्मल कुमार (कोच, एथलेटिक्स), रंजन कुमार गुप्ता (सचिव, बिहार पिकलबॉल), एमपी वर्मा (वरीय क्रिकेट कोच), चंदन कुमार (स्पोट्र्स प्रोमोटर), अतुल कुमार (क्रिकेट प्रोमोटर), अजीत कुमार (क्रिकेट कोच), हसनैन अख्तर (क्रिकेट कोच), उद्भव सिंह (कोच), कृष्णा पटेल (क्रिकेट कोच), अशोक कुमार छोटू (क्रिकेट कोच), मुकेश कुमार (क्रिकेट कोच), संतोष कुमार (क्रिकेट कोच), सत्यजीत आदित्य (कैरम कोच), प्रियदर्शना (योगा कोच), रोहित कुमार (क्रिकेट कोच)।

टीम फ्रेंचाइजी
कपिल मित्तल (सांस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा), जुनैद बसरी (वीजूयू विश्वविद्यालय, जयपुर), दीपक पांडेय (आंजिक्या डीवी पाटिल,पुणे), मनीष कुमार (बद्दी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश), राजू मिश्रा (मानव रचना विश्वविद्यालय, फरीदाबाद), हरिओम गांधी (आदित्य विश्वविद्यालय), अरमान अब्बास (जेआईएस ग्रुप बेस्ट बंगाल), एके शेखावत (बिहर्स,पटना), सुधांशु कुमार (ऑक्सफोर्ड बिजनेस कॉलेज,पटना), शशिभूषण (क्वाटंम विश्वविद्यालय,रुड़की), जावेश अशरफ (आरआईटी रुड़की), सौरभ कुमार (क्वाड एआई,पटना), अंकुर गर्ग (स्वामी विवेकानंद ग्रुप), मनीष कुमार (ग्रेटर नोएडा इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी)।

खेल को बढ़ाने देने वाले संस्थान व व्यक्ति
बेस्ट स्कूल-ओपन माइंड ए बिरला स्कूल, दानापुर,  बेस्ट कोचिंग-राइज कोचिंग फॉर आईआईटी, बेस्ट क्रिकेट एकेडमी-एचिवर इंस्टीच्यूट ऑफ क्रिकेट, शांति लाल रेस्टूरेंट, पटना, बिरला ओपन माइंड प्री स्कूल, सगुना मोड़ के डायरेक्टर निशिका, कीड्जी इलिमेंट्री स्कूल, गुलतारा बाजार, बिहटा के डायरेक्टर अमित रंजन।

महिला खिलाड़ी : निवेदिता भारती (क्रिकेट, गोपालगंज), शिल्पी कुमारी (क्रिकेट, गया), तान्या रानी (क्रिकेट, गया), सौम्या अखौरी (क्रिकेट,पटना), चैताली संजीत (क्रिकेट,पटना), रिद्धि कुमारी (क्रिकेट,जमुई), सिद्धि कुमारी (क्रिकेट,जमुई), प्रतिभा साहनी (क्रिकेट, मधुबनी), कशीश सिंह (क्रिकेट, मुजफ्फरपुर), सरिता कुमारी (क्रिकेट, दरभंगा), अंजलि चौधरी (क्रिकेट, वैशाली), रिमझिम कुमारी (मलखंभ, खेलो इंडिया), सुधा कुमारी (अंतरराष्ट्रीय प्लेयर पॉवरलिफ्टिंग), कुमकुम कुमारी (बॉल बैडमिंटन), गुड़िया रानी सिंह (नेशनल खिलाड़ी, कैरम), भूमि गुप्ता (पिकलबॉल, नेशनल खिलाड़ी), शिखा परवीन (स्टेट टेबुल टेनिस), आदित्य गुप्ता (नेशनल खिलाड़ी,पिकलबॉल), प्रेम कुमार (अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, पिकलबॉल)

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पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में अधिकारी इलेवन व वाईएमसीसी विजयी

पटना, 26 अप्रैल: पटना जिला क्रिकेट संघ के तत्वावधान में खेली जा रही पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में अधिकारी इलेवन और वाईएमसीसी की टीम विजयी हुई। अधिकारी इलेवन ने सचिवालय स्पोट्र्स 196 रन के भारी अंतर से जबकि वाईएमसीसी ने राइजिंग स्टार सीसी को 4 विकेट से हराया।

इस मैच में अधिकारी इलेवन की ओर से आकाश राज ने 100 रन की नाबाद पारी खेली। रजनीकांत (84 रन) और अयान घोष (56 रन) ने अर्धशतकीय पारी खेली। गेंदबाजी में प्रभाकर कुमार ने 5 और सचिन कुमार ने 4 विकेट चटकाये। सचिवालय स्पोट्र्स की ओर से राजकुमार देवनाथ ने 36 रन की पारी खेली और 3 विकेट चटकाये। राइजिंग स्टार की ओर से अमन राज (60 रन), गोविंद कुमार (नाबाद 74 रन) ने अर्धशतकीय पारी खेली। वाईएमसीसी की ओर से रिषभ राकेश (68 रन) और विराट पांडेय (43 रन) ने अच्छी बैटिंग कर टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अधिकारी इलेवन बनाम सचिवालय स्पोर्ट्स क्लब

22 यार्ड क्रिकेट एकेडमी पर खेले गए मैच में टॉस अधिकारी इलेवन ने जीता और पहले बैटिंग करते हुए 40 ओवर में नौ विकेट पर 345 रन बनाये। आकाश राज ने 55 गेंद में 11 चौका व 4 छक्का के सहारे नाबाद 100, रजनीकांत ने 72 गेंद में 7 चौका व 4 छक्का के सहारे 84, अयान घोष ने 54 गेंद में 6 चौका व 2 छक्का के सहारे 56 रन की पारी खेली। सचिवालय की ओर राजकुमार देवनाथ ने 3 विकेट चटकाये।

जवाब में अधिकारी इलेवन के प्रभाकर कुमार (5 विकेट) और सचिन कुमार (4 विकेट) की बेहतरीन गेंदबाजी के आगे सचिवालय स्पोट्र्स क्लब की टीम 30.2 ओवर में 149 रन पर ऑल आउट हो गई। राजकुमार देवनाथ ने 36, रवि आर्या ने 29, युवराज कुमार ने 29, मानव ने 26 रन बनाये। विजेता टीम के सचिन कुमार (34 रन, 4 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

राइजिंग स्टार सीसी बनाम वाईएमसीसी

जेनेक्स क्रिकेट एकेडमी ग्राउंड पर खेले गए मैच में राइजिंग स्टार सीसी ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करते हुए 40 ओवर में नौ विकेट पर 204 रन बनाये। अमन राज ने 89 गेंद में 5 चौका की मदद से 60, गोविंद कुमार ने 59 गेंद में 7 चौका व 4 छक्का की मदद से नाबाद 74, अगस्त्या ने 25, अनिमेष ने 14 रन बनाये। वाईएमसीसी की ओर से विपन, रिषभ राकेश, मोहित, सूरज कश्यप, सत्यम और गौरव राज ने 1-1 विकेट चटकाये।

जवाब में वाईएमसीसी ने 38.3 ओवर में 6 विकेट पर 208 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। अमित ने 63 गेंद में 3 चौका के सहारे 33, रिषभ राकेश ने 76 गेंद में 8 चौका के सहारे 68, विराट पांडेय ने 42 गेंद में 4 चौका व 1 छक्का के सहारे 43, सत्यम ने 17 गेंद में 2 चौका व 1 छक्का के सहारे नाबाद 26, मोहित कुमार ने नाबाद 14 रन बनाये। अतिरिक्त के सहारे 17 रन बने। अमित, गोविंद और अगस्त्या ने 1-1 जबकि गुलशन कुमार ने 3 विकेट चटकाये।

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