पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बयान जारी कर कहा की बीसीए मानद सचिव अमित कुमार द्वारा बीसीए संविधान के तहत किए जा रहे संवैधानिक कार्यों व कानून से लेकर सदन तक की कार्रवाई से अनैतिक, अनाधिकार व असंवैधानिक कार्य करने वाले तथाकथित पदाधिकारियों जो संस्था को सचिव विहीन चलाने के प्रयास में थें उस ख़ेमा में आज हड़कंप मची हुई है।
कृष्णा पटेल ने इशारों ही इशारों में कहा कि “चोर मचाए शोर ” जिनको खुद जानकारी का घोर अभाव हो वैसे लोग निराधार और मनगढ़ंत आरोप बीसीए सचिव पर लगाते फिर रहे हैं । सर्वप्रथम बीसीए का चुनाव 25/09 /2022 को राजधानी के होटल रिपब्लिक में हुई थी जिसमें अमित कुमार बीसीए के निर्वाचित सचिव हुए जिनकी मतदाता सूची में नाम शामिल था और बीसीए संविधान के अनुसार वही व्यक्ति बीसीए चुनाव में भाग ले सकता है जो जिला संघ (पूर्ण सदस्य) के प्रतिनिधि हो जिनका मतदाता सूची में नाम शामिल होना अनिवार्य है।
बीसीए संविधान का उल्लंघन करते हुए खुद को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर निर्वाचित कराने वाले लोग जवाब दें कि बिना किसी जिला संघ ( पूर्ण सदस्य) के प्रतिनिधि रहे अथवा बिना मतदाता सूची में नाम शामिल हुए बीसीए के किस संविधान के तहत चुनावी प्रक्रिया में भाग लिए और निर्वाचित भी हुए । याचिकाकर्ता ओमप्रकाश तिवारी ने पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या :- 1020/2023 में इसका जिक्र किया है कि बीसीए संविधान का उल्लंघन करते हुए बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी, उपाध्यक्ष दिलीप सिंह और कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह अवैध रूप से पद पर बने हुए हैं जिसकी जांच कर पुनः बीसीए संविधान के तहत बीसीए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर चुनाव कराया जाए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों याचिकाकर्ता ओमप्रकाश तिवारी की याचिका पर पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने सुनवाई करते हुए दिनांक 25/04/23 को पारित आदेश में डी एम, पटना को बीसीए के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के फर्जी ढंग से निर्वाचित होने के मामले की जांच 45 दिनों के अंदर पूरा कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था। जिसके अनुपालन में मद्य-निषेध उत्पादन एवं निबंधन विभाग बिहार सरकार के पत्रांक संख्या 425 एवं पत्रांक संख्या 426 और पत्रांक संख्या 9573 के फलस्वरूप बीसीए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर 5 अगस्त 2023 को चुनाव होना सुनिश्चित है।
जिससे असंवैधानिक रूप से बीसीए की पद हासिल करने वाले पद लोभियों में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है और तरह-तरह कि भ्रांतियां फैला रहे हैं। क्योंकि विगत 4 वर्षों से बीसीए को सचिव विहीन संस्था के रूप में चलाते आ रहे थें लेकिन अब इनकी गीदड़भभकी से कोई डरने वाला नहीं है और देश की ऐसी कोई सोसाइटी एक्ट संस्था नहीं जो बिना सचिव का चलता हो। शायद जांच करने के उपरांत बीसीए देश की पहली एक ऐसी संस्था होगी जो अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के कुकृत्य कार्यों को उजागर कर देगी।
वैसे मैं आप सबकों बता दूं कि जिला संघों के विशेष आग्रह पर नालंदा में 4 फरवरी 2023 को आहूत विशेष आम सभा में निवर्तमान बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के क्रियाकलापों के खिलाफ मिल रही विभिन्न प्रकार के शिकायतों, चयन प्रक्रिया में धांधली व पैसे लेनदेन का वायरल ऑडियो-वीडियो को देखते हुए सदन के सदस्यों ने बीसीए अध्यक्ष के कार्य पर रोक लगाते हुए इनके कार्यकाल की निष्पक्ष जांच के लिए संजय सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी गठित किया था और तत्कालीन बीसीए लोकपाल रिटायर्ड जिला न्यायाधीश राघवेंद्र प्रसाद सिंह के बाद बीसीए के एकमात्र लोकपाल रिटायर्ड सत्र न्यायाधीश श्री पारसनाथ राय है जिन्हें सदन की अनुमति से यह पदभार सौंपा गया है।
बीसीए लोकपाल रिटायर्ड सत्र न्यायाधीश श्री पारसनाथ राय ने याचिकाकर्ता सुश्री योशिता पटवर्धन सचिव अरवल जिला क्रिकेट संघ द्वारा बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी आईसीए मेंबर महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज व पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार रानू पर कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट का मामला दायर किया गया जिस पर माननीय लोकपाल ने अपने पारित आदेश में उपरोक्त नामजदों को दोषी मानते हुए पद मुक्त कर 6 वर्षों के लिए बीसीए के किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर प्रतिबंधित कर दिया है।
जबकि 4 जून 2023 को बीसीए की हुई वार्षिक आमसभा की बैठक में पिछले मीटिंग के निर्णय की संपुष्टि करते हुए जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को सदन ने बर्खास्त कर दिया। रही बात कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक की तो 30 दिसंबर 2022 को बीसीए कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में सचिव अमित कुमार और जिला संघ के प्रतिनिधि ओम प्रकाश जयसवाल उपस्थित हुए जबकि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष उपस्थित नहीं हुए तो बैठक कोरम के अभाव में स्थगित कर दिया गया जिसकी वीडियोग्राफी सचिव के पास मौजूद है।
बीसीए सचिव अमित कुमार पर मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले लोग जवाब दें कि कौन सा बैठक कैसा निर्णय? सचिव ने ऐसा कौन सा असंवैधानिक और संस्था विरोधी कार्य किए है ? बीसीए के बैंक अकाउंट से कब और कितना रुपये का गबन सचिव ने फर्जी दस्तावेज व हस्ताक्षर से किया है ? चयन प्रक्रिया में कौन सा धांधली सचिव ने किया है ? पैसे लेनदेन का कौन सा ऑडियो -वीडियो वायरल हुआ है जिसमें सचिव का नाम लिया जा रहा है? आर्थिक अपराध इकाई में कौन सा मामला सचिव के ऊपर दर्ज है ?
बल्कि ऐसे कई प्रमाणिक सबूत व वायरल ऑडियो वीडियो सचिव महोदय के पास भी संग्रह है जो अनगिनत फर्जी दस्तावेज व असंवैधानिक कार्यों को अंजाम देने वाले गिरोह अपने आपको हरिश्चंद्र के वंशज कहते फिर रहे हैं ।