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सचिन को क्यों किया गया नजरअंदाज, कहीं बिहार क्रिकेट के अधिकारी ही तो वजह नहीं? बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में क्यों बिहार के खिलाड़ियों को दिया जाता है लॉलीपॉप

बिहार: बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट देवधर ट्रॉफी के लिए ईस्ट जोन टीम का ऐलान कर दिया गया है। इस टीम में बिहार के एक भी खिलाड़ी को जगह नहीं दी गई है। ऐसा सिर्फ इस बार नहीं हुआ है बल्कि ऐसा तो हर बार होता है। बिहार के खिलाड़ियों को या तो लॉलीपॉप दी जाती है या बस सांत्वना। दलीप ट्रॉफी में बिहार के एक खिलाड़ी को शामिल किया जाता है जबकि उसे प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा जाता है।

देवधर ट्रॉफी में झारखंड के चार, बंगाल के छह, असम के तीन, ओडिशा के एक और त्रिपुरा के एक खिलाड़ी को शामिल किया जाता है जबकि बिहार के एक भी खिलाड़ी को शामिल नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए भी होता जब एक एसोसिएशन अपने खिलाड़ी का साथ नहीं देते हैं। तब ही ऐसा देखना को मिलता है कि ना तो खिलाड़ी को तवज्जो दी जाती है और ना ही एसोसिएशन को। 

क्यों नहीं दी जाती है बिहार के खिलाड़ियों को तवज्जो ?

जब एसोसिएशन कमजोर पड़ जाता है और वो खिलाड़ियों की हक की आवाज उठाने में सक्षम नहीं होते हैं, तब ही खिलाड़ियों को तवज्जो नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिए भी होता है जब एसोसिएशन के अधिकारी के अपनी शाख बचाने में लग जाते हैं। इसका मतलब यही निकलता है कि अधिकारी बिना कुछ बोले अपने पद पर बने रहे और बीसीसीआई के सामने खिलाड़ियों की हक भी बात भी ना कर सके। बतौर क्रिकेट एसोसिएशन आपको खिलाड़ियों के समर्पित होना होगा तब ही खिलाड़ियों का विश्वास आपके उपर बना रहेगा।

देवधर ट्रॉफी में जिसे उपकप्तान बनाया गया उनका प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा था विजय हजारे ट्रॉफी में। अभिमन्यु ईश्वरन ने विजय हजारे ट्रॉफी के 6 मैचों में 38.79 के औसत से 194 रन बनाए। जबकि बिहार के सचिन कुमार सिंह ने 7 मैचों में 37 के औसत से 183 रन बनाए। अगर गेंदबाजी की बात की जाए तो सचिन कुमार सिंह ने 7 विकेट भी चटकाए हैं। फिर भी सचिन कुमार सिंह को देवधर ट्रॉफी में जगह नहीं दी जाती है। जबकि अभिमन्यु ईश्वरन इस टीम के उपकप्तान बना दिए जाते हैं।

कब आएगा ऐसा दिन जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन खिलाड़ियों के हक के लिए बीसीसीआई के सामने रखेंगे अपनी बात ?

बिहार में तभी ऐसा दिन आ सकता है जब अधिकारी बीसीसीआई के आगे ना झुकें। बिहार क्रिकेट में ऐसे अधिकारी की जरूरत है जो वाकई में क्रिकेट को समझते हो और खिलाड़ियों के हक के लिए वो बीसीसीआई के आगे चट्टान की तरह खड़े हो जाए। तभी बिहार क्रिकेट में ऐसे दिन आएंगे और बिहार के खिलाड़ी भी इंटरनेशनल स्तर पर अपना परचम लहरा पाएंगे। फिलहाल अभी बिहार क्रिकेट में ऐसा दिख तो नहीं रहा है कि कोई अधिकारी बीसीसीआई के सामने खड़ा हो सके और अपने खिलाड़ियों के लिए हक की बात कर सकें।

बिहार से आगे निकला उत्तराखंड 

बिहार में आपसी मतभेद भी एक बहुत बड़ा मसला है जो बिहार क्रिकेट को लगातार गर्त में ले जा रहा है। जहां दूसरे एसोसिशन अपना परचम लहरा रहे हैं। वहीं बिहार क्रिकेट पिछड़ता जा रहा है। अगर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की बात करें तो वहां के खिलाड़ी आज आईपीएल में और भारत ए के लिए अपना जलवा बिखेर रहे हैं। वहीं बिहार का एक भी खिलाड़ी आईपीएल में डेब्यू नहीं कर सका है। बिहार के अनुनय सिंह का चयन पिछले सीजन में राजस्थान रॉयल्स के टीम में हुआ था लेकिन उन्हें एक भी मैच नहीं मिला और अगले साल उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया गया।

ऐसा तब ही होता है जब एक एसोसिएशन अपने खिलाड़ी को आत्मविश्वास नहीं दे सकते हैं। अगर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की बात करें तो अभी भी यहां दो ग्रुप सक्रिय है। उम्मीद है कि आगामी 5 अगस्त को होने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उपचुनाव के बाद स्थिति बदल जाएगी। अगर उसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो बिहार क्रिकेट अपने न्यूनतम स्तर पर चली जाएगी। जो हाल विश्व क्रिकेट में वेस्टइंडीज का हुआ है वो ही हाल बिहार क्रिकेट का भी हो सकता है। इसलिए बिहार क्रिकेट से जुड़े अधिकारी को आगे आकर बिहार क्रिकेट की कमान संभालनी होगी। तब ही बिहार के क्रिकेट का विकास हो सकता है और बिहार क्रिकेट में एक नया अध्याय लिखा जा सकता है।

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हर्ष वर्धन निर्विरोध चुने गए बीसीए अध्यक्ष, नई कार्यकारिणी की हुई घोषणा; देखें किसे मिला कौन सा पद?

पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का चुनाव रविवार को सम्पन्न हुआ, जिसमें संगठन की नई कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई। इस चुनाव के साथ बीसीए ने राज्य में क्रिकेट के नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दिया है।

चुनाव परिणामों के अनुसार, हर्ष वर्धन निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। वहीं प्रिया कुमारी उपाध्यक्ष, ज़ियाउल आरफीन सचिव, अभिषेक नंदन कोषाध्यक्ष और रोहित कुमार संयुक्त सचिव पद पर निर्वाचित हुए। सभी पदाधिकारियों का निर्वाचन निर्विरोध होने से संगठन में सर्वसम्मति का संदेश गया।

इसके अलावा, राजेश कुमार को समिति प्रबंधन (जिला प्रतिनिधि) का सदस्य बनाया गया, जबकि ज्ञानेश्वर गौतम को गवर्निंग काउंसिल का सदस्य चुना गया। चुनाव प्रक्रिया और परिणामों की औपचारिक घोषणा चुनाव पदाधिकारी एम. मुदस्सिर (सेवानिवृत्त आईएएस) की देखरेख में हुई, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित रही।

बीसीए ने बयान जारी कर कहा कि नई कार्यकारिणी का प्राथमिक लक्ष्य बिहार में क्रिकेट ढांचे को मजबूत करना, खिलाड़ियों के लिए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार करना और प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर प्रदान करना होगा। एसोसिएशन ने विश्वास जताया कि सभी हितधारकों के सहयोग और संयुक्त प्रयास से बिहार क्रिकेट नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।

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विमला देवी मेमोरियल स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के ट्रॉफी का अनावरण

पटना:  स्थानीय क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी ग्राउंड) पर आगामी 6 अक्टूबर से विमला देवी मेमोरियल अंडर-12 अंतर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जायेगा। जिसकी ट्रॉफी का अनावरण रंगकर्मी प्रवीण स्मृति भवन, नन्द नगर कॉलोनी सैदपुर नहर रोड, पटना में किया गया।

ट्रॉफी का अनावरण बतौर मुख्य अतिथि डिप्टी मेयर रश्मि चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी, क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी) के निदेशक सह युवा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमिकर दयाल, भुवनेश्वर, चंद्रशेखर कुमार उर्फ मुन्ना और सुमित शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

यह टूर्नामेंट स्व. विमला देवी वार्ड पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी की मां के याद में किया जा रहा है। बताते दें कि अपने जीवन काल में स्व. विमला देवी हमेशा सामाजिक कार्यों में लगी रहती थीं। टूर्नामेंट के आयोजन अध्यक्ष इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि ग्राउंड पर खिलाड़ियों को उचित व्यवस्था दी जाएगी। शीतल पेय व जलपान आदि भी उनके लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

सीएबी के निदेशक अमिकर दयाल ने बताया कि मैचों का सफल संचालन सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी की देखरेख में होगी। नॉकआउट आधार के खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में 16 टीमें प्रतिभाग कर रही है। टूर्नामेंट के मैच लाल गेंद से 21-21 ओवर के खेले जायेंगे।

विजेता व उपविजेता टीम को चमचमाती ट्रॉफी के साथ खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही प्रतिदिन मैच ऑफ द मैच, टूर्नामेंट के बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट उदीयमान प्लेयरों को पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन टूर्नामेंट की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। टूर्नामेंट के संबंध में विशेष जानकारी के लिए सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संस्थापक संतोष तिवारी से मोबाइल नंबर 9386962380 पर संपर्क कर सकते हैं।

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राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 का खिताब इंडिया ग्रीन ने किया अपने नाम, रोमांचक मुकाबले में रेड को हराया

हैदराबाद: हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 के मेगा फाइनल में इंडिया ग्रीन ने रोमांचक मुकाबले में इंडिया रेड को 2 रन से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। आखिरी ओवर तक चले इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांच से भर दिया।

पहले बल्लेबाजी करते हुए इंडिया ग्रीन ने निर्धारित 15 ओवर में 129 रन बनाए। टीम के स्टार बल्लेबाज अजय बिद्दू ने 42 गेंदों पर 63 रनों की धुआंधार पारी खेली, जबकि रजत बिस्वास ने 38 रनों का योगदान दिया। गेंदबाजी में इंडिया रेड के श्रीदीप लाला ने 3 ओवर में 23 रन देकर 2 विकेट चटकाए।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडिया रेड की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन बीच के ओवरों में टीम लड़खड़ा गई। श्रीदीप लाला ने बल्ले से भी दम दिखाते हुए 36 गेंदों पर 43 रन बनाए, मगर वे अपनी टीम को जीत की मंजिल तक नहीं पहुंचा सके। आखिरी ओवर में इंडिया रेड को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे, लेकिन कसी हुई गेंदबाजी के दम पर इंडिया ग्रीन ने मैच 2 रन से जीत लिया।

इंडिया ग्रीन की ओर से गेंदबाज अजय कुमार यादव सबसे सफल रहे। उन्होंने 3 ओवर में 21 रन देकर 3 विकेट झटके। वहीं विनोद और अजय बिद्दू ने 1-1 विकेट हासिल किया। इस जीत के साथ इंडिया ग्रीन ने शानदार अंदाज में राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। मैच के अंत में खिलाड़ियों के जज़्बे और संघर्ष को सभी ने सलाम किया।

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बिहार की सॉफ्टबॉल टीमों ने रचा इतिहास, BSSA के डीजी ने पुरुष और महिला टीम को किया सम्मानित

पटना: बिहार की सॉफ्टबॉल टीमों ने 15वीं पूर्वी क्षेत्र सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य को गर्व का अवसर दिया है। जमशेदपुर के प्रतिष्ठित रीगल मैदान में आयोजित इस प्रतियोगिता में बिहार की पुरुष टीम ने उपविजेता और महिला टीम ने कांस्य पदक जीतकर अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया।

राज्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद दोनों टीमों ने सोमवार को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्र शंकरण से भेंट की। शंकरण ने खिलाड़ियों को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। लक्ष्य सिर्फ राज्य स्तर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी है।

सॉफ्टबॉल ओलंपिक खेलों का हिस्सा है और मेरी यह प्रबल इच्छा है कि बिहार के खिलाड़ी आने वाले वर्षों में ओलंपिक पदक जीतें। इस अवसर पर डीजी शंकरण ने खिलाड़ियों को प्रशंसा स्वरूप स्मृति-चिह्न और उपहार भेंट किए, जिससे सभी खिलाड़ियों में उत्साह और गर्व की भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली।

शंकरण ने विशेष रूप से संघ की सचिव प्राची शर्मा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके सक्रिय नेतृत्व और निरंतर कार्यों की बदौलत ही बिहार की सॉफ्टबॉल टीम ने वर्षों बाद यह महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

6 वर्षों बाद ट्रॉफी बिहार की झोली में

गौरतलब है कि यह पिछले छह वर्षों में बिहार की पहली बड़ी सॉफ्टबॉल ट्रॉफी है, जो राज्य में इस खेल के पुनरुत्थान का संकेत देती है। प्रतियोगिता के दौरान सॉफ्टबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव प्रवीण अनौकर भी उपस्थित रहे। उन्होंने बिहार की टीमों की सराहना करते हुए कहा कि बिहार के खिलाड़ी शानदार ऊर्जा और समर्पण के साथ खेले। यदि यह मेहनत और जोश बरकरार रहा, तो जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार का दबदबा देखने को मिलेगा।

इस स्वागत समारोह में सॉफ्टबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार के कोषाध्यक्ष पवन कुमार, वरिष्ठ पदाधिकारी मधु शर्मा, दोनों टीमों के खिलाड़ी एवं कोचिंग स्टाफ सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने इस उपलब्धि को मिलकर मनाया और खिलाड़ियों को आगामी प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं दीं।

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