पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के सचिव अमित कुमार ने बयान जारी कर कहा कि अनैतिक, अनाधिकार व असंवैधानिक कार्यों को अंजाम देने में बर्खास्त किए जा चुके लोगों द्वारा जिस प्रकार से फर्जी बैठक कर जिला संघों को गीदड़ भभकी दिया जा रहा है इससे बर्खास्त अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी बाज आएं।
बीसीए सचिव ने बताया कि यह सर्वविदित है की जिला संघ के विशेष आग्रह पर दिनांक 4 फरवरी 2023 को नालंदा में विशेष आम सभा की बैठक आहूत की गई थी। जिसमें सदन के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के क्रियाकलापों के खिलाफ मिल रही विभिन्न प्रकार की शिकायतों, वित्तीय अनियमितता और चयन प्रक्रिया में धांधली को लेकर वायरल ऑडियो – वीडियो को देखते हुए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के कार्य पर रोक लगाते हुए संजय सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी थी।
जबकि 4 जून 2023 को बीसीए कार्यालय में आहूत वार्षिक आमसभा की बैठक में पिछले बैठक की संपुष्टि करते हुए कार्य पर रोक बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के क्रियाकलापों की जांच कर रही संजय सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सदन के सामने प्रस्तुत किया। संजय सिंह के नेतृत्व वाली जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को सुनने के बाद सदन के सम्मानित सदस्यों ने कार्य पर रोक अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को बर्खास्त करने का गुहार सदन में लगाई जिसके उपरांत सदन की मर्यादा का पालन करते हुए अंततः कार्य पर रोक बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी गई।
वहीं कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के मामले में पहले हीं बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, आईसीए मेंबर महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज व पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार रानू के ऊपर बीसीए के माननीय लोकपाल सह नैतिक पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में पद मुक्त कर बीसीए के किसी कार्यक्रम में शामिल होने पर 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
वैसे आपको बता दूं कि बीसीए बैंक अकाउंट से पैसे की अवैध निकासी, प्रोसीडिंग रजिस्टर और ओडीएमएस का अनाधिकार और गलत इस्तेमाल करने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई, बिहार को भी अवगत कराया जा चुका है जिस पर संतोषजनक कार्रवाई चल रही है। ये सभी लगातार असंवैधानिक कार्यों को अंजाम देने में विश्वास रखने वाले लोग हैं और अपनी गीदड़ भभकी से संवैधानिक कार्यों को दबाने का प्रयास करते हैं।
बीसीए सचिव होने के नाते संविधान के तहत संस्था की रक्षा करना मेरा प्रथम कर्तव्य बनता है इसलिए मैंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जाकर जिला संघों की आत्मरक्षा कर अस्तित्व को कायम रखा और नापाक इरादों के साथ संविधान संशोधन के नाम पर बीसीए को अपनी निजी संस्था बनाने का प्रयास करने वाले निवर्तमान अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की वास्तविक चरित्र को उजागर कर चुका हूं और संस्था के हित में हर मोड़ पर हर चुनौतियों को सामना करने के लिए मैं मानसिक रूप से तैयार हूं। इसलिए जिला संघ निश्चिंत होकर अपने संवैधानिक कार्यों को करते रहे और ऐसी गीदड़ भभकी से बेखौफ रहे।
क्योंकि माननीय चुनाव पदाधिकारी द्वारा जारी मतदाता सूची में शामिल औरंगाबाद, मधुबनी, जहानाबाद, नालंदा, अरवल, बेगूसराय, भागलपुर सहित अन्य सभी जिला संघ बीसीए का पूर्ण सदस्य है। वैसे सभी जिला संघ पूर्ववत कार्य करते रहेंगे और ऐसे जिला संघ पर कोई हाथ नहीं लगा सकता ,ना हीं कोई आंख दिखा सकता है जो बीसीए संविधान के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करते आ रहे हैं ।
जबकि प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने कल की बैठक को फर्जी करार देते हुए कहा कि जरा गौर से इस फर्जी बैठक की पोस्टर बैनर को देखें और पढ़ें तो स्पष्ट हो जाएगा कि फर्जीवाड़ा करना कोई इनसे सीखे। एक ओर अपनी फर्जी नोटिस में स्पेशल जनरल मीटिंग का जिक्र करते हैं तो बैनर में जनरल मीटिंग दिखाते हैं। ताकि अधिक लोगों कि सहभागिता दिखाकर अपने मनमाफिक लोग से कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेकर समय- समय पर इसका इस्तेमाल किया जा सके और बड़े हीं हास्यास्पद बात यह है कि जो लोग खुद बर्खास्त हैं और जिस पद पर बीसीए की चुनावी प्रक्रिया शुरू है । वैसे लोगों द्वारा स्वच्छ छवि के निष्पक्ष और संवैधानिक कार्य को अंजाम देने वाले सम्मानित लोगों को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कर रहें हैं जिससे उनकी पीड़ा का आंकलन किया जा सकता है ।