पटनाः पटना जिला क्रिकेट संघ (PDCA) के एक अन्य तदर्थ कमेटी जिसका कार्यकाल 3 सितंबर 2022 को ही समाप्त हो चुका था वह इन दिनों जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग मैच का आयोजन कर रहा है। इस मैच के आयोजन में कई गड़बड़ियां पाई जा रही है। कई क्लब के वास्तविक पदाधिकारी इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लेना चाहते हैं। मना करने के बाद भी उस क्लब का नाम फर्जी तरीके से टाई सीट में डालकर मैच कराया जा रहा है। उसकी जानकारी मिलने के बाद तदर्थ कमेटी के चेयरमैन रविशंकर प्रसाद सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि इस तरह का फर्जी काम तुरंत बंद होना चाहिए।
तदर्थ कमेटी के संयोजक प्रवीण कुमार प्रणवीर ने बताया कि मैं खुद लगभग 50 वर्षों से दो क्रिकेट क्लबों तथा विद्यार्थी एथलेटिक क्लब एवं लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट क्लब चला रहा हूं। यह पटना के क्रिकेट जगत में सभी कोई जानते हैं। इस वक्त मैं विद्यार्थी एथलेटिक क्लब के सचिव पद पर हूं एवं लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट क्लब के सचिव श्री लल्लन सहाय हैं। इन दोनों क्लब को भी टाई सीट में जोड़ दिया गया। अब इनसे पूछा जाना चाहिए कि जब मैं खुद तदर्थ कमेटी का संयोजक हूं तो दूसरे तथाकथित तदर्थ कमेटी के आयोजन में क्यों खेलूंगा।
इसी तरह कई अन्य क्लबों के नाम यथा वैशाली क्रिकेट क्लब, पायोनियर क्रिकेट क्लब, एलाएंस क्रिकेट क्लब, ईगल क्रिकेट क्लब, अनिसाबाद क्रिकेट क्लब, गुरु गोविंद सिंह कॉलेज एवं अन्य क्लबों के नाम इनके टाई शीट में शामिल है। इन सभी क्लब के फॉर्म वास्तविक ऑफिस वियरर ने हमारे पास जमा कराया है। इस फर्जी काम से इनकी मनसा जाहिर होती है। ये ऐन केन प्रकारेण पीडीसीए पर कब्जा जमाना चाहते हैं।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के माननीय लोकपाल ने 4 जून 2022 को नंद कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनी 3 सदस्यीय कमेटी से पीडीसीए के मतदाताओं को सत्यापित कर उनके बीच से ही तीन सदस्यीय कमेटी सिर्फ 3 महीने के लिए बनाई जाए और उन्हीं के देखरेख में चुनाव संपन्न कराया जाए। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने मनचाहे लोगों से तदर्थ कमेटी बना दी जो लगभग 1 वर्षों से कार्य कर रही है। यह अराजक माहौल नहीं है तो क्या है?
यह सभी फर्जी काम बंद होना चाहिए और संविधान के अनुसार जो भी क्लब मतदाता हैं उनका एक साथ निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराया जाना चाहिए। निर्वाचित पदाधिकारियों को ही चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो उन्हीं को पीडीसीए चलाना चाहिए तभी पटना में क्रिकेट का विकास होगा। लोकतंत्र में सभी मतदाताओं का एक समान अधिकार है एवं उन्हें चुनाव लड़ने का भी अधिकार है। उनके अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए। पटना जिला क्रिकेट संघ का लिखित संविधान है। संविधान सम्मत कार्य ही करना चाहिए। बीसीए के संविधान की धारा 48 बी में स्पष्ट लिखा हुआ है कि वह जिला के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।