भारत में अक्टूबर नवंबर में होने वाले आईसीसी वनडे विश्व कप (ICC World Cup) के मैचों की मेजबानी नहीं मिलने पर मोहाली और इंदौर समेत देश के प्रमुख क्रिकेट संघों के अधिकारियों ने निराशा जताई है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और मेजबान बीसीसीआई ने मंगलवार को विश्व कप के कार्यक्रम का ऐलान किया, जिसमें पांच अक्टूबर से 19 नवंबर तक दस शहरों में मैच खेले जायेंगे। मोहाली, इंदौर, राजकोट, रांची और नागपुर को एक भी मैच नहीं मिला है।
विश्व कप के मैच हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरू, मुंबई और कोलकाता में होंगे। आईसीसी टूर्नामेंट में आम तौर पर मेजबान आयोजन समिति द्वारा प्रस्तावित मेजबान शहरों को मंजूरी मिल जाती है। नियमित तौर पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर रहे इंदौर को विश्व कप का एक भी मैच नहीं मिला है । मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने इस पर निराशा जताते हुए कहा ,‘‘ इंदौर में 1987 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप का मैच हुआ था । हमें दुख है कि इस बार इंदौर को बाहर रखा गया । पता नहीं बीसीसीआई की क्या मजबूरी थी । हमें लगा था कि इंदौर को मैच मिलेगा।’’
विश्व कप 2019 में 11 वेन्यू चुने गए थे जबकि 2015 में 14 शहरों में मैच हुए थे। एक प्रदेश ईकाई के अधिकारी ने कहा ,‘‘ हमें बताया गया था कि चार पांच बड़े महानगरों के अलावा क्षेत्र के आधार पर (उत्तर, दक्षिण, पश्चिम, पूर्व, मध्य) एक एक मैच मिलेगा । अहमदाबाद स्टेडियम सबसे बड़ा होने के कारण वहां फाइनल खेला जायेगा ।’’
पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हायर ने विश्वकप मुकाबले की मेजबानी करने वाले शहरों में मोहाली को शामिल नहीं किए जाने की निंदा की। उन्होंने दावा किया कि मेजबान शहरों का चयन राजनीति कारणों से प्रेरित है। उनका कहना है कि मोहाली क्रिकेट स्टेडियम 1996 और 2011 के विश्व कप के कुछ प्रमुख मुकाबलों का गवाह रहा है, लेकिन इस बार इसे एक भी मैच की मेजबानी का मौका नहीं दिया गया। पंजाब के मंत्री ने ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ का आरोप लगाया और तंज कसते हुए कहा, ‘‘सब जानते हैं कि बीसीसीआई की अगुवाई कौन कर रहा है।’’