पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने ज्ञानेश्वर गौतम पर पलटवार करते हुए कहा है कि आखिरकार ज्ञानेश्वर गौतम की जुबां पर सच्चाई आ गई और उन्होंने अपनी हीं पक्ष के लोगों पर जो क्रिकेट को अपनी आजीविका बना बैठा है जिसका कई ऑडियो-वीडियो भी वायरल है उस पर सीधा-सीधा आरोप लगाया है कि अपनी आजीविका चलाने के लिए खिलाड़ियों में भ्रांति पैदा कर रहे हैं।
ऐसे में एक तीर से दो निशाना साधते हुए ज्ञानेश्वर गौतम ने अपने मिशन का मोर्चा खोल दिया है। क्योंकि जिला संघ के सेक्रेटरी पद से हटाए जाने के बाद इनके अंदर काफी आक्रोश है और ऐसे में ये अपने – आपको बेहद अपमानित भी महसूस कर रहे हैं जिसका बदला लेने के लिए दिन- रात प्रयासरत हैं साथ ही साथ करीब रहकर अपने मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में लगे हुए हैं जिसके लिए विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं।
आज हर कोई क्रिकेट में अपने मिशन के अंतर्गत कार्य कर रहा है एक ओर जहां बीसीए के मानद सचिव अमित कुमार जी जिला संघों के साथ – साथ बिहार के होनहार खिलाड़ियों के भविष्य की रक्षा के लिए पुरी संविधान के तहत कानून का सहारा लेकर भ्रष्टाचार मुक्त संघ बनाने को लेकर एक मिशन पर कार्य कर रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ जिनकी आजीविका का साधन क्रिकेट बन चुका है वह लगातार अनैतिक, अनाधिकार व असंवैधानिक कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए और भोले- भाले खिलाड़ियों को गुमराह कर अपने असंवैधानिक कार्यों का सहभागी बनाकर अपना उल्लू सीधा कर अपने प्रोफेशन को आगे बढ़ाने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं।
कृष्णा पटेल ने आगे सवाल उठाया कि ज्ञानेश्वर गौतम जी आज से कुछ माह पूर्व आप इसी अध्यक्ष महोदय के बारे में तरह-तरह का भजन- कीर्तन करते फिरते थे परन्तु आज वो आपको कौन सी जन्म घुट्टी पिला दिए हैं कि आपको उनके असंवैधानिक कार्य भी संवैधानिक नजर आने लगी है। मैं पूछना चाहता हूं कि आप किस संविधान के अनुरूप चल रहे कार्य की बात कर रहे हैं निजी संविधान की या बीसीए संविधान की ?
बीसीए संविधान के तहत पूर्व सेक्रेटरी संजय कुमार मंटू को जिनका पुत्र राज्य टीम का जब हिस्सा बना था तो उन्हें कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट के मामले में दोषी करार देते हुए बर्खास्त कर दिया गया था। अब बीसीए संविधान में अथवा लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में ऐसा कौन सा बदलाव आ गया जो बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह जिनका बेटा रणजी टीम का हिस्सा रहा और संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी जिनका भाई रणजी टीम का हिस्सा बना उन पर कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट के मामला में लोकपाल द्वारा कार्य पर रोक लगाने के बावजूद निरंतर कार्य करते आ रहे हैं ये कौन सा संवैधानिक कार्य का हिस्सा है।
कृष्णा पटेल ने पूछे कुछ तीखे सवाल
मैं बड़े भाई से पूछना चाहता हूं कि देश के किस संविधान की धारा में अथवा बीसीए के संविधान में इस बात का जिक्र है की बिना मतदाता सूची में नाम शामिल कराए आप किसी पद पर अपनी उम्मीदवारी का दावा प्रस्तुत कर निर्वाचित होने का अधिकार रखते हैं? जरा लोगों को यह भी बताएं कि अध्यक्ष महोदय के नेतृत्व में किस क्षेत्र में क्रिकेट नई ऊंचाई को छू रहा है जो सर्वविदित वायरल ऑडियो-वीडियो में इनके सबसे करीब लोग जो इनका नाम उजागर कर रहे हैं उसी क्षेत्र में क्या ?
कृष्णा पटेल ने अंत में पूछा कि बहुत ऐसे रसूख रखने वाले लोग आपके पक्षधर बनें हुए हैं जिनका पुत्र सदैव राज्य टीम में अपनी सिलेक्शन को लेकर शतप्रतिशत निश्चिंत रहता है और वर्तमान समय में चल रहे मैच में अपनी असल पोल खुलने के डर से खुद को अनफिट बताकर दूर हैं या यूं कहें कि किसी दूसरे ताक में लगे हुए हैं तो इस बात का भी जवाब दें कि जब खेलें हीं नहीं तो उनका बल्ला नहीं बोलेगा और मैदान में उसके नाम का कोई हल्ला भी नहीं होगा तो वह खेलेगा अथवा नहीं ?
इस प्रकार का सवाल उठाने का विशेष अवसर देने के लिए मैं दिल की गहराइयों से अपने बड़े भाई साहब के प्रति आभार प्रकट करता हूं और आप अपने मिशन में कामयाब हो इसके लिए मैं ईश्वर से कामना भी करता हूं। क्योंकि आज भी आपके फेसबुक वॉल पर ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ का सचिव बने रहने का प्रमाण देते रहना इस दर्द को मैं भली-भांति समझता हूं।