पटना । बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के गवर्निंग काउंसिल व बीसीएल के संयोजक ओमप्रकाश तिवारी ने न्यायालय के आदेश पर बीसीए अध्यक्ष (कार्य पर रोक) राकेश कुमार तिवारी, विशेष अनुसंधान ऑफिसर, पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना न्यू दिल्ली के राज किरण, पार्लियामेंट्री थाना न्यू दिल्ली के शिवकुमार, पाठक, शिवलाल यादव और कदमकुआं थाना पटना के दो अज्ञात आरक्षी पर कांड संख्या 27/ 2022 पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना दिल्ली से जबरन तार जोड़ते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा आवास और ऑफिस में फर्जी रेड मारने के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
बीसीएल के संयोजक सह याचिकाकर्ता ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि यह सर्वविदित है कि बीसीए अध्यक्ष (कार्य पर रोक) राकेश कुमार तिवारी पर एक महिला ने पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना न्यू दिल्ली कांड संख्या 29/ 2022 में यौन शोषण करने का आरोप लगाई थी। उस मामले को यौन शोषण के पीड़ित महिला के साथ मामला को रफा-दफा कराने को लेकर राकेश कुमार तिवारी मुझ पर दबाव बना रहे थें लेकिन मैंने किसी भी परिस्थिति में ऐसे कुकृत्य कार्य में सहयोग नहीं करने की बात कही तो वह आग – बबूला हो गए और दिल्ली के एक वरीय पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारी जिनका पुत्र सशर्त बिहार क्रिकेट टीम के रणजी ट्रॉफी सहित सभी फॉर्मेट में निम्न स्तर का प्रदर्शन करने के बावजूद पिछले सत्र 2022 -23 में खेलते रहा ।
जिसके साथ सांठ-गांठ कर मुझे जबरन इस मामले में घसीटने का प्रयास किया गया और फर्जी तरीके से मेरे निजी आवास व व्यवसायिक ऑफिस में कदमकुआं थाना पटना के सहयोग लेकर दिल्ली पुलिस ने दिनांक 11 अक्टूबर 2022 को लगभग 11:00 बजे दिन में दीप लीला कॉन्प्लेक्स विंध्यवासिनी स्ट्रीट कदमकुंआ, पटना स्थित मेरे निजी आवास व अस्तित्वा एडवर्टाइजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ऑफिस में पुलिस आई और दिल्ली पुलिस ने बिना जप्ती सूची के मेरा निजी लैपटॉप साथ ले गए और हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने व आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने को लेकर हमारी कंपनी अस्तित्वा एडवर्टाइजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को लेकर मीडिया में यह खबर राकेश कुमार तिवारी ने प्रकाशित और प्रसारित कराया कि मैं यौन शोषण मामले से वरी हो चुका हूं और इसके साजिशकर्ता अस्तित्वा एडवरटाइजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर व बीसीएल के संयोजक ओमप्रकाश तिवारी को इस मामले में पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना न्यू दिल्ली के पुलिस ने पूछताछ करने को लेकर रेड मारी जिसे देखकर ओमप्रकाश तिवारी फरार हो गए।
जबकि सच्चाई यह है कि कांड संख्या 27/2022 से दूर-दूर तक मेरा कोई लेना-देना देना नहीं था और ना हीं इस प्राथमिकी में मेरा नाम का कहीं जिक्र है। तो किस आधार पर दिल्ली पुलिस ने हमारी प्रतिष्ठान व आवास पर छापामारी की। इस विषय को लेकर जब मैं नजदीकी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर गया तो इसे दर्ज करने से इंकार कर दिये तो मैंने कानून का दरवाजा खटखटाया और न्यायालय ने कंप्लेंट केस संख्या 12294/2022 में हमारी प्रतिष्ठा और विश्वास को बढ़ाते हुए कांड संख्या : 27/2022 को लेकर हमारी प्रतिष्ठान व आवास पर फर्जी रेड का साजिश रचने वाले राकेश कुमार तिवारी सहित फर्जी रेड वाले गिरोह में शामिल विशेष अनुसंधान ऑफिसर पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना न्यू दिल्ली के राज किरण, पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना न्यू दिल्ली के पाठक, शिवकुमार, शिवलाल यादव और कदमकुआं थाना पटना के दो अज्ञात आरक्षी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया और कोर्ट के आदेश से कदमकुंआ थाना पटना में धाराएं 339, 354, 385, 451, 452, 469, 506 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जिसकी संख्या 281/23 है।
अब ऐसे घिनौने साजिश रचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड और अनैतिक कार्यों को करने में विश्वास रखकर दूसरे के सिरे मत्थे फोड़ने में महारथ हासिल करने वाले बीसीए के अध्यक्ष (कार्य पर रोक) राकेश कुमार तिवारी सहित सभी नामजद पुलिस पदाधिकारियों पर विधि सम्मत कार्रवाई होगी और सत्यमेव जयते में आस्था और विश्वास रखने वालों की निश्चित जीत के साथ असल चेहरा का पर्दाफाश होगा ।