पटना ,19 मई 2023 :- बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित दो दिवसीय स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2.0 का आज बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव ने ज्ञान भवन में विधिवत उद्घाटन किया । कला, संस्कृति और युवा विभाग के मंत्री श्री जितेंद्र कुमार राय विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे । 19 और 20 मई दो दिनों तक चलने वाले इस स्पोर्ट्स कान्क्लेव में देश भर से खेल विशेषज्ञ , प्रसिद्ध ओलंपियन खिलाड़ी, प्रशिक्षक और खेल प्रबंधक बिहार में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए परिचर्चा और मंथन करेंगे ।
उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों का अभिवादन करते हुए अपने सम्बोधन में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वह खुद भी एक खिलाड़ी रह चुके हैं इसलिए बिहार में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए वे विशेष रूप से प्रयासरत रहते हैं । पिछले स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों की सलाह से बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए एक रोड मैप बनाया गया था । उस रोड मैप पर अमल करते हुए सरकार के पूर्ण सहयोग से बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा बिहार में बुनियादी स्तर पर ही खिलाड़ियों के चयन , प्रशिक्षण तथा खेल प्रतियोगिताओं के कई कार्यक्रम और योजनाएं सफलता पूर्वक लागू की गईं । इसके परिणामस्वरूप आज देश की कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विभिन्न खेलों में बिहार के लड़के लड़कियों ने पदक जीत कर बिहार को गौरवान्वित किया है ।
यह बिहार के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है । अब इस दूसरे स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव में बिहार को देश के एक उत्कृष्ट और प्रमुख खेल के केंद्र के रूप में स्थापित करने पर आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा विचार मंथन होगा और इस दिशा में सरकार सबके सहयोग से निरंतर प्रयासरत रहेगी । मुझे पूरा भरोसा है बिहार के खिलाड़ी भविष्य में भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने में जरूर सफल होंगे ।
तेजस्वी यादव ने कहा कि खेल के दौरान जब कोई खिलाड़ी चोटिल या घायल हो जाता है तो उसका इलाज बाहर काफी महंगा होता है जिससे बिहार के कई गरीब खिलाड़ी प्रतिभा होते हुए भी गरीबी के कारण इलाज और खेल से वंचित हो जाते हैं । इसलिए बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे खिलाड़ियों के समुचित इलाज के लिए पटना के एलएनजेपी अस्पताल में एक विशेष ‘स्पोर्ट्स इंजूरी सेंटर’ बनेगा और बिहार के खिलाड़ियों का समुचित इलाज सरकार द्वारा यहीं करवाया जाएगा ताकि इसके लिए उनको बाहर नहीं जाना पड़े , सारी व्यवस्था यहीं की जाएगी ।
सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि अब पंचायत स्तर तक खेल के मैदान निर्माण और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा ताकि गाँव स्तर के भी प्रतिभावान खिलाड़ी सामने या सकें । अभी प्रखण्ड स्तर तक खेल के मैदान और स्टेडियम का निर्माण हो रहा था और प्रतियोगिताएं भी प्रखण्ड स्तर तक की थीं । राजगीर में विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल विश्वविद्यालय के साथ साथ पटना के मॉइनउल हक स्टेडियम को भी विश्व स्तर का स्टेडियम बनाया जा रहा है तथा हॉकी के लिए ऐस्ट्रो टर्फ मैदान का भी निर्माण हो रहा है । उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस उन्हें बेहतर मार्गदर्शन , प्रशिक्षण और सहयोग की जरूरत है फिर ये किसी भी स्तर के खेल में पदक जीतने के काबिल हैं । नई खेल नीति के अंतर्गत नई खेल नियुक्ति नीति सरकार लाई है जिसमें मेडल लाओ नौकरी पाओ के अंतर्गत बिहार के प्रतिभावान पदक विजेता खिलाड़ी सीधे सरकारी नौकरी में योग्यता के हिसाब से बहाल हो जाएंगे ।
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि कला , संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री जितेंद्र कुमार राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार सरकार राज्य में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव सहयोग कर रही है । इसतरह के स्पोर्ट्स कान्क्लैव से बिहार के खेल और खिलाड़ियों को बहुत फायदा होता है और उनके स्तर और प्रदर्शन मे काफी सुधार होता है ।
उद्घाटन समारोह में अपने स्वागत सम्बोधन में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव श्रीमती बन्दना प्रेयषी ने खेल के विकास के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कई कल्याणकारी और प्रभावी नीतियाँ चलाई जा रही हैं जिसका सकारात्मक परिणाम आज खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के रूप में सामने या रहा है । कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण मिल कर सरकार की बेहतर नीतियों को सफलीभूत करने में निरंतर हर संभव प्रयास कर रहा है। सरकार की मेडल लाओ नौकरी पाओ नीति से बिहारी काफी उत्साहित हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए जी जान से कोशिश कर रहे हैं ।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री रवीन्द्रण शंकरण ने पिछले एक साल में बिहार के खिलाड़ियों की उपलब्धियों और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के प्रयासों पर विस्तार से एक पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण 1986 से ही काम कर रहा है लेकिन यह अब तक एक रजिस्टर्ड संस्था नहीं थी जिसकी वजह से किसी भी संस्था के साथ पार्ट्नर्शिप में कोई आयोजन या करार करने पर कानूनी दिक्कत आती थी ।
2023 में सरकार द्वारा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को कानूनी रूप से से एक स्वायत्त संस्था के रूप में मान्यता दी गई है यह बिहार के खिलाड़ियों के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । अब निजी संस्थाओं द्वारा भी पीपीपी मोड में किसी प्रतियोगिता या प्रयोजन का आयोजन प्राधिकरण कर सकता है जिससे खेल के क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी । आज के इस स्पोर्ट्स कान्क्लैव का आयोजन भी दिल्ली की एक कंपनी यूनिव स्पोर्टटेक के पार्टनरशिप में करवाया जा रहा है । श्री शंकरण ने आगे कहा कि खिलाड़ियों को सरकार द्वारा नगद पुरस्कार की घोषणा भी काफी प्रभावशाली नीति है और यह खिलाड़ियों को काफी प्रोत्साहित कर रहा है ।
आज समारोह में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के नए लोगो और खेल नियुक्ति पोर्टल के साथ साथ बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के नए टैग लाइन ‘ दिल से खेलो मिल के जीतो ‘ का भी अनावरण उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किए । सभी के समक्ष बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा निर्मित एक वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया जिसमें खेल के क्षेत्र मे बिहार की उपलब्धियों को तथा खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा किए प्रयासों दिखाया गया है । ई स्पोर्ट्स को बिहार में बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शी के तौर पर एक गेमिंग जोन भी आयोजन सतह पर बनाया गया था । वाल ऑफ फ़ेम के नाम से बिहार के प्रतिभावान विजेता खिलाड़ियों की एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई थी ।
उद्घाटन समारोह में आए सभी लोगों का धन्यवाद और आभार प्रकट करते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव श्री पंकज राज ने कहा कि इस तरह के आयोजन से ना सिर्फ बिहार के खिलाड़ियों का हौसला और स्तर बढ़ता है बल्कि हमें भी और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है और इसका परिणाम निश्चित रूप से सकारात्मक ही होता है । बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए हम भविष्य में भी ऐसे आयोजनों और सहयोग की अपेक्षा रखते हैं ।
उद्घाटन समारोह के बाद स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव में आए खेल विशेषज्ञों , प्रशिक्षकों ,खेल प्रबंधकों और ओलंपियन खिलाड़ियों के विचार विमर्श और मंथन का नियमित सत्र शुरू हुआ । दो दिनों तक 8 सत्रों में करीब 30 पैनलिस्ट विभिन्न विषयों पर अपने विचार और सुझाव रखेंगे ।