पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल रिटायर्ड सत्र न्यायाधीश श्री पारसनाथ राय ने याचिकाकर्ता योशिता पटवर्धन द्वारा बीसीए के उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव, व अस्वीकृत आईसीए के दोनों सदस्यों पर लोकपाल की अदालत में पूर्व में दायर कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के मामले का अवलोकन किया और सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री किशन कुमार को सुना और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने उपस्थित होकर माननीय लोकपाल के समक्ष इस मामले पर पूर्व के एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल द्वारा दिए गए आदेश का साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अन्य बिंदुओं पर अपनी दलील सुनाई ।
माननीय लोकपाल श्री पारसनाथ राय ने याचिकाकर्ता के वकील को सुना और अभिलेख का विस्तार से अवलोकन किया जिसके बाद दायर मामले में नामजद बीसीए के चारों पदाधिकारियों के कार्य पर लगी रोक की अवधि को अगले आदेश तक बढ़ाने का निर्णय सुनाया।
सर्वविदित है कि अरवल जिला क्रिकेट संघ के सचिव व याचिकाकर्ता योशिता पटवर्धन ने बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, आईसीए के अस्वीकृत पुरुष एवं महिला प्रतिनिधि क्रमशः विकास कुमार “रानू” और लवली राज पर कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला दायर की थी साथ हीं साथ बीसीए में हो रही वित्तीय अनियमितता को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर अभिलंब सुनवाई करने का आग्रह बीसीए के पूर्व एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल रिटायर्ड जिला न्यायाधीश श्री राघवेंद्र कुमार सिंह से कि थी।
जिसके बाद इस मामले की सुनवाई करते हुए नामजद सभी लोगों के कार्य पर दिनांक 23. 01. 2023 तक रोक लगाने का फ़ैसला सुना दिया था साथ हीं साथ 30 दिसंबर 2022 की बैठक में बीसीए के संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी को कार्यकारी सचिव का दिए गए अधिकार को अनैतिक ठहराते हुए सख्त हिदायत दी थी कि संयुक्त सचिव अगले आदेश तक किसी भी प्रकार का कार्य नहीं करेंगे।
जिसकी अवहेलना करते हुए संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी ने एसजीएम की बैठक का नोटिफिकेशन जारी कर दी थी।
वहीं पूर्व एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल ने संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी द्वारा 29 जनवरी 2023 को विशेष आम सभा की बैठक को लेकर जारी नोटिफिकेशन को अवैध मानते हुए बैठक पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया और सख्त हिदायत दी थी कि जब तक इस मामले का निपटारा ना हो जाए बीसीए संविधान के तहत निर्वाचित सचिव के मौजूदगी में संयुक्त सचिव को किसी प्रकार का बैठक आहूत करने का अधिकार नहीं है।
याचिकाकर्ता योशिता पटवर्धन द्वारा दायर मामले की पुनः अवलोकन करते हुए बीसीए के वर्तमान एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल सेवानिवृत्त सत्र न्यायाधीश श्री पारसनाथ राय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री किशन कुमार को सुना और अभिलेख का विस्तार से अवलोकन किया और कहा कि मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि किसी भी प्रतिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित नहीं ऐसी परिस्थिति में अंतिम आदेश पारित करना उचित नहीं है इसीलिए मामले को अगली तारीख के लिए इस निर्देश के साथ स्थगित किया जाता है।
याचिकाकर्ता के सभी विद्वान वकील और सभी प्रतिवादी शारीरिक रूप से अग्रसारित तिथि पर उपस्थित हों तब तक पूर्व लोकपाल श्री राघवेंद्र कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में नामजद सभी चारों पदाधिकारियों के कार्य पर दिनांक 23 जनवरी 2023 तक लगाई गई रोक को बढ़ाया जाता है और इस आदेश की प्रति सभी संबंधित व्यक्तियों, परामर्शदाताओं को ईमेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी जाए जिसका खर्च याचिकाकर्ता द्वारा वहन किया जाएगा जिसकी अगली सुनवाई 19 मई 2023 को होगी। उक्त आशय की जानकारी बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बीसीए के माननीय एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल श्री पारसनाथ राय द्वारा जारी आदेश के अनुसार बताया है।