भारत में जिन पहलवानों (Wrestlers) को अखाड़े में जाकर तैयारी करनी चाहिए वो दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। हम जिनसे मेडल की उम्मीद करते हैं वो पहलवान आज दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। आखिर ऐसी क्या वजह है जिसको लेकर पहलवान धरने (Wrestlers Protest at Jantar Mantar) पर बैठने को मजबूर है और सरकार भी उनकी बातों पर नहीं ध्यान दे रही है। ये वही पहलवान हैं जो देश के लिए कभी मेडल लाए थे।
इस साल 2023 में पहलवानों ने जनवरी में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर में कई दिनों तक आंदोलन किया था। पहलवानों ने अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद केंद्र सरकार इसपर सक्रिय हुई और पहलवानों को भरोसा दिलाया कि दोषीयों पर उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
Wrestlers को क्यों बैठना पड़ रहा है धरने पर
लेकिन तीन महीने बाद देश को मेडल दिलाने वाले पहलवानों को एक बार फिर से दिल्ली के जंतर मंतर में धरना देना पड़ रहा है। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप को लेकर 23 अप्रैल से फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस बार धरना प्रदर्शन में पहलवान मांग कर रहे हैं कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। वहीं उसके अलावा आरोपों की जांच करने वाली कमेटी की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाए, जिससे लोगों के सामने डब्ल्यूएफआई प्रमुख का असली चेहरा आ सके।
पहलवानों ने कहा कि तो उन्होंने 2012 से 2022 तक यौन उत्पीड़न का कई मामलों के बारे में जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि पहले वो इस मुद्दा को नहीं उठाते थे क्योंकि खेल में बाधा नहीं चाहिए था और उस समय परिणाम भुगतने का भी डर था। पिछली बार पहलवानों ने धरना किया था कि तब खेल मंत्रालय ने मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की निरीक्षण समिति का गठन किया था, उन्हें बीजेपी नेता और डब्लूएफआई के अध्यक्ष के खिलाफ जितने आरोप लगे थे सभी पर निष्पक्ष जांच करने को कहा था। लेकिन पहलवानों की बेबसी देखिए, उन्हें तीन महीने बाद फिर से धरना पर बैठना पड़ रहा है।
दिल्ली पुलिस ने आज भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज किया FIR
दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की उच्चतम न्यायालय की पीठ को बताया कि प्राथमिकी शुक्रवार को दर्ज की गई। एफआईआर के बाद POCSO एक्ट के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिसके बाद पहलवानों ने कहा कि यह जीत की ओर पहला कदम है। एफआईआर दर्ज होने के बाद साक्षी मलिक ने कहा कि यह जीत की ओर पहला कदम है लेकिन हमारा विरोध जारी रहेगा।
वहीं पहलवानों ने दिल्ली में जंतर मंतर पर बृजभूषण के खिलाफ चल रही सभी आपराधिक कार्यवाही को सूचीबद्ध करके एक बड़ा बैनर भी लगाया है। पहलवान ने हालांकि कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के इस सांसद को उनके सभी पदों से हटाये जाने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश ने कहा, ‘‘यह (पुलिस) एक कमजोर प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। हम देखेंगे, निरीक्षण करेंगे और फिर निर्णय लेंगे (विरोध प्रदर्शन खत्म करने पर)। उसे (बृजभूषण को) सलाखों के पीछे होना चाहिए और उसे सभी मौजूदा पदों से हटा दिया जाना चाहिए, अन्यथा वह जांच प्रभावित करने की कोशिश करेगा।’’