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Rinku Singh पर कभी बीसीसीआई ने लगाया था बैन, अब गुजरात टाइटंस के खिलाफ लगातार पांच छक्का जड़कर रातों-रात बनें स्टार; जानें कैसा रहा है रिंकू सिंह का सफर

आईपीएल 2023 (IPL 2023) का आगाज हो चुका है। शुरुआत के कुछ मैच में ही आईपीएल का रोमांच अपने चरम पर पहुंच गया है। इस आईपीएल में एक ऐसे खिलाड़ी ने अपनी गाथा लिखी है, जिसकी चर्चो पूरे विश्व क्रिकेट में शुरू हो गई है। यह खिलाड़ी कोई और नहीं रिंकू सिंह (Rinku Singh) है। जिन्होंने पांच गेंदों पर पांच छक्के जड़कर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिला और रातों-रात हीरो बन गए। उत्तर प्रदेश का यह सितारा जो आईपीएल 2023 में अपनी चमक बिखेर रहा है।

रिंकू सिंह ने पांच छक्का लगाकर मैच को पूरी तरह से पलट दिया और गुजरात टाइटंस को हराकर मुकाबले को जीत लिया। पांच गेंदों पर पांच छक्कें जड़ने के बाद रिंकू ने अपना नाम क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा लिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिंकू सिंह ने जो मुकाम हासिल की वो काफी संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में अपने आप को निखरा है और आज यह मुकाम हासिल कर पाए हैं। आइए जानते हैं कैसे रिंकू सिंह बने सिक्सर किंग।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ रिंकू सिंह का जन्म

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 12 अक्टूबर 1997 को जन्में रिंकू सिंह का पढ़ाई में कुछ खास लगाव नहीं था। रिंकू के पिता चंद्र सिंह एलपीजी सिलेंडर बांटने का काम करते है। सिलेंडर डिलीवरी का काम करने वाले चंद्र सिंह का घर दो कमरों तक ही सिमिट था। रिंकू को बचपन से पढ़ाई में मन नहीं लगता था। बल्कि इससे उल्टा रिंकू का मन खेल में हमेशा लगा रहता था। इसके बावजूद भी रिंकू के माता-पिता ने कभी भी रिंकू को स्कूल भेजना बंद नहीं किया।

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रिंकू सिंह ने 10 से 11 साल में क्रिकेट को अच्छी तरह से समझ लिया था। रिंकू अपना अधिक समय क्रिकेट को देने लगे थे। रिंकू सिंह अपने पांच भाई-बहनों के साथ गोदाम के परिसर में दो रूम के कमरें में रहते थे। रिंकू सिंह बचपन से गरीबी के माहौल मे पले बढ़े। पिता गैस डिलीवरी का काम करते थे तो वहीं सबसे बड़ा भाई ऑटो रिक्शा चलाता था। जबकि उनका एक बड़ा भाई एक कोचिंग सेंटर में काम करता था।

कठिनाइयों से परिवार का पेट पालने वाले पिता ने रिंकू के कौशल को नहीं पहचाना

कठिनाइयों से परिवार का पेट पालने वाले पिता में इतनी समझ नहीं थी कि अपने बच्चों के कौशल को पहचान कर उन्हें सही रास्ता दिखाए। पढ़ाई में कमजोर होने के कारण के रिंकू का मन खेल से मानों लग सा गया था। जिससे उनके पिता हमेशा नाराज ही रहते थे। रिंकू के क्रिकेटर बनने की बात पर पिता ने कई बार नाराज होकर उनकी पिटाई भी की ऐसा सिर्फ उन्होंने परेशानी में किया।

एक पिता का ख्वाब होता है कि बेटा किसी तरह कुछ करके कमाने लग जाए। इसके अलावा रिंकू कहते है कि क्रिकेट खेलने के लिए उनको समर्थन भी घरवालों से मिला। जिससे मुझे उस जगह तक पहुंचने में मदद मिली, आज मैं जहां भी हूं।

Rinku Singh With His Family

रिंकू के पिता घर परिवार देखकर चलने वाले आदमी थे, उन्हें पता था कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इन सबके बावजूद रिंकू ने 2009 में क्रिकेट खेलने का मन बना लिया था। रिंकू के इसी लगन के कारण वो 2012 में यूपी के टीम में चुने गए। इसके बाद रिंकू सिंह का परिवार एक बार फिर तंगी से झूझने लगा। ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण रिंकू को झाड़ू पोछा लगाने का काम मिला। उन्हें नौकरी तो चाहिए थी लेकिन वह सफाई कर्मी बनने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि अब क्रिकेट में ही कुछ करूंगा।

रिंकू कहते हैं मैं इतना पढ़ा लिखा नहीं हूं कि पढ़ाई के आधार पर काम कर सकूं मैं केवल क्रिकेट ही है जो मुझे आगे बढ़ा सकता है और क्रिकेट के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था। क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का कोई और रास्ता ही नहीं था। बड़े भाई की तरह पिता भी हर महीने 6 से ₹7000 कमाते थे। क्रिकेट करियर में उनके परिवार को गरीबी के बोझ से बाहर निकालने में मदद की।

रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर

2012 में यूपी के टीम से खेलने के बाद रिंकू सिंह का बेहतरीन प्रदर्शन लगातार जारी रहा। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उत्तरप्रदेश के अंडर-19 और अंडर-23 टीम में जगह मिली। इसके अलावा उन्होंने अंडर-19 में सेंट्रल जोन का प्रतिनिधित्व भी किया। रिंकू सिंह ने महज 16 साल की उम्र में लिस्ट A  क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने पहले ही मैच में शानदार पारी में खेलते हुए 87 गेंदों में 84 रनों की पारी खेली।

सैय्यद मुस्ताक अली ट्रॉफी में 31 मार्च 2014 को विदर्भ के खिलाफ खेलते हुए अपने डेब्यू मैच में ही इन्होने 5 गेंदों पे तूफानी अंदाज़ में बल्लेबाजी करते हुए तीन चौकों और दो गगनचुम्बी छक्कों की मदद से 24 रन बना दिए और दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 3 ओवर में 46 रन देकर एक विकेट भी लिया। इसके बाद उन्होंने 5 नवंबर 2016 को 18 वर्ष की उम्र में 2016-17 की रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।

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इनके अच्छे प्रदर्शन का फायदा इन्हें आईपीएल के 2017 के सीजन में मिला। जब किंग्स एलेवेन पंजाब ने रिंकू सिंह को 10 लाख के बेस प्राइस पर खरीदा। लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद 2018 के विजय हज़ारे ट्रॉफी के एक मैच में त्रिपुरा के विरूद्ध ताबड़तोड़ अंदाज़ में बल्लेबाजी करते हुए 44 गेंद में नाबाद 91 रन बनाये और इसकी मदद से उन्हें 2018 में कोलकाता नाईट राइडर्स की टीम ने उन्हें 80 लाख रुपये में खरीदा। 2018 में रिंकू का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।

2018 में अपने ख़राब प्रदर्शन के बाद रिंकू सिंह ने कोलकाता के बैटिंग मेंटर अभिषेक नायर के साथ समय बिताया और इसका फायदा उन्हें 2018-2019 के रणजी सीजन में भी हुआ और उन्होंने 10 पारियों में 953 रन बनाकर टूर्नामेंट के तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे जिसमे उन्होंने चार शतक लगाए थे (163*, 149, 149 और 150)।  रणजी ट्रॉफी में रिंकू ने 40 मैचों की 59 परियों में 59.89 की उम्दा औसत से 2875 रन बनाये हैं। रणजी ट्रॉफी में रिंकू का उच्चतम स्कोर 163 रन है।

बीसीसीआई ने 2019 में लगाया था बैन

साल 2019 में बीसीसीआई ने रिंकू सिंह को तीन महीनों का प्रतिबंध लगा दिया था। इस दौरान उनके क्रिकेट के करियर पर ब्रेक लग गया था। रिंकू सिंह ने बिना बीसीसीआई को जानकारी दिए अबुधाबी में एक टी-20 लीग में हिस्सा लिया था। जब इसकी जानकारी बीसीसीआई को लगी तो उन्होंने कड़ा एक्शन लेते हुए तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया। इस घटना के बाद रिंकू सिंह ने ऐसा कभी नहीं करने की ठानी। उसके बाद फिर रिंकू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

आईपीएल 2022 में रिंकू को मौके मिलने शुरू हो गए। पिछले साल रिंकू सिंह ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 15 गेंदों पर 40 रन बनाकर टीम को जीत के दहलीज पर पहुंचा दिए। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम 2 रनों से हार गई। जिसके बाद केकेआर की तरफ से लगातार मौके मिलने शुरू हो गए। जिसके बाद रिंकू के प्रदर्शन में भी निखार आने लगा। आईपीएल 2023 में 5 गेंदों में पांच छक्के जड़कर अपनी एक अलग पहचान बना ली है। इसके साथ ही आईपीएल के इतिहास में पांच लगातार गेंदों में पांच छक्के लगाने वाले पांचवे खिलाड़ी बन गए।

 

Written By- उपासना कुमारी

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खुशी टारगेट क्रिकेट एकेडमी ने स्टार स्ट्राइकर्स को 3-0 से हराकर जीती सीरीज, अमन शर्मा बने प्लेयर ऑफ द सीरीज

पटना: खुशी टारगेट क्रिकेट एकेडमी (KTCA) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्टार स्ट्राइकर्स को तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप कर लिया। पूरे टूर्नामेंट में KTCA के खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और विकेटकीपिंग तीनों विभागों में शानदार तालमेल दिखाया, जिससे टीम को हर मुकाबले में जीत हासिल हुई।

पहले मुकाबले में अमन शर्मा का ऑलराउंड शो

श्रृंखला का पहला मैच KTCA के लिए एकतरफा साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए KTCA ने निर्धारित 40 ओवरों में 7 विकेट पर 295 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में स्टार स्ट्राइकर्स की पूरी टीम 195 रन पर सिमट गई। इस मैच में अमन शर्मा ने बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 57 रन बनाए और 4 विकेट झटके, जिससे टीम को मजबूत जीत मिली।

दूसरा मुकाबला में प्रवीण सिन्हा की बेहतरीन गेंदबाज़ी

दूसरे मैच में स्टार स्ट्राइकर्स ने पहले बल्लेबाजी की लेकिन पूरी टीम 33.4 ओवरों में 145 रन पर ऑलआउट हो गई। जवाब में KTCA ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 20.4 ओवर में 7 विकेट खोकर जीत दर्ज की। इस मैच के हीरो रहे प्रवीण कुमार सिन्हा, जिन्होंने 30 रन बनाए और 3 अहम विकेट अपने नाम किए। उनका अनुशासित गेंदबाजी प्रदर्शन स्टार स्ट्राइकर्स की पारी की रीढ़ तोड़ने वाला साबित हुआ।

तीसरे मुकाबले में भी KTCA विजयी

तीसरे और अंतिम मुकाबले में KTCA की बल्लेबाजी थोड़ी लड़खड़ाई और टीम 31 ओवरों में 136 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में स्टार स्ट्राइकर्स की टीम भी 134 रन तक ही पहुंच सकी (34.3 ओवर) और रोमांचक मुकाबला 3 रन से KTCA के नाम हो गया। इस मैच में स्टार स्ट्राइकर्स के गेंदबाज़ निर्भय कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 विकेट चटकाए, लेकिन उनकी मेहनत टीम को जीत नहीं दिला सकी। हालांकि, इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

पुरस्कार विजेता (Series Awards)

  • मैन ऑफ द सीरीज: अमन शर्मा (कुल 100 रन और 6 विकेट)
  • सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़: आकाश कुमार (कुल 101 रन)
  • सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़: प्रवीण कुमार सिन्हा (कुल 9 विकेट)
  • सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर: शुभम कुमार (8 कैच और 4 स्टंपिंग)

KTCA के कोच और आयोजकों ने टीम की जीत पर खुशी जाहिर की और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और दबाव में खेलने की सीख देती हैं। KTCA के खिलाड़ी न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत दिखे, बल्कि मानसिक रूप से भी मैदान पर पूरी तरह तैयार नज़र आए।

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Bihar Divyang A टीम ने जीता दिव्यांग टी20 कप का खिताब, सिवान को रोमांचक मुकाबले में हराया

पटना: सिवान ने राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम में खेले गए दिव्यांग टी20 कप के फाइनल में बिहार दिव्यांग ए टीम ने सिवान को 7 विकेट से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। बिहार दिव्यांग क्रिकेट डेवलपमेंट एसोसिएशन की ए टीम ने जीत हासिल की। सिवान की टीम ने भी बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी।

बिहार दिव्यांग ए टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। सिवान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सभी विकेट खोकर 124 रन बनाए। सिवान की शुरुआत अच्छी नहीं रही। शैलेश कुमार बिना खाता खोले ही आउट हो गए। उसके बाद दीपक कुमार 7 रन बनाकर चलते बने। अखिलेश कुमार ने 29 और धर्मेंद्र शाह ने 41 रनों की पारी खेली। बाकी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। वहीं अतिरिक्त के रूप में 34 रन बने। बिहार ए टीम के लिए अमन कुमार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 15 रन देकर 3 विकेट चटकाए। उसके अलावा अमित कुमार ने 2, अजय ने 1, रंजन ने 1 और चंदन ने 1 विकेट चटकाए।

जवाब में 125 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बिहार दिव्ंयाग ए की टीम ने 3 विकेट खोकर मुकाबले को जीत लिया। हालांकि बिहार ए टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही थी। धर्मेंद्र कुमार 3 रन बनाकर आउट हो गए। संतोष ने एक छोर संभाले रखा। उशके बाद रंजन भी तुरंत ही 1 रन बनाकर आउट हो गए। दो विकेट जल्दी गिरने के बाद अजय और संतोष के बीच 61 रनों की साझेदारी हुई। संतोष 29 रन बनाकर आउट हुए। वहीं अजय कुमार ने नाबाद 38 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी। अंत में चंदन ने अजय का साथ दिया और 14 गेंदों में 24 रन बनाकर खिताब को अपने नाम किया। सिवान के लिए धर्मेंद्र शाह ने 1, संजूर ने 1 और संदीप ने एक विकेट चटकाए।

एसोसिएशन के सचिव ने क्या कहा?

मैच के समापन के बाद बिहार दिव्यांग क्रिकेट डेवलपमेंट एसोसिएशन के सचिव उज्ज्वल कुमार सिन्हा ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास, मेहनत और जुनून का प्रतीक है। हमारी कोशिश है कि दिव्यांग खिलाड़ियों को न सिर्फ राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया जाए। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें वे सभी सुविधाएं मिले, जिनके वे वास्तविक हकदार हैं।

हम आने वाले समय में एक बड़े राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर के दिव्यांग टूर्नामेंट की योजना बना रहे हैं, जिसमें बिहार के खिलाड़ी भाग ले सकें। हम लगातार जिलों में जाकर प्रतिभा की पहचान कर रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं। सिवान की टीम ने इस टूर्नामेंट में जो समर्पण और खेल भावना दिखाई, वह सराहनीय है। इस जिले ने बिहार दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के विस्तार में अहम भूमिका निभाई है।

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आर्मी पब्लिक स्कूल ने पटना जिला स्तरीय अंडर-15 सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल टूर्नामेंट में जीता खिताब

पटना: खेल विभाग, बिहार एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जिला प्रशासन, पटना द्वारा आयोजित पटना जिला स्तरीय सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता के अंडर-15 बालक वर्ग के फाइनल मुकाबले में आर्मी पब्लिक स्कूल, पटना ने डॉन बॉस्को एकेडमी को 3-1 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ आर्मी पब्लिक स्कूल, पटना की टीम 4 से 8 अगस्त तक नालंदा में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय अंडर-15 सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता में पटना जिले का प्रतिनिधित्व करेगी।

यह मुकाबला पाटलिपुत्र खेल परिसर, कंकड़बाग में खेला गया। फाइनल में लाल जर्सी में उतरी आर्मी पब्लिक स्कूल की टीम ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और विपक्षी गोल पोस्ट पर लगातार दबाव बनाए रखा। मैच के 11वें मिनट में आर्मी पब्लिक स्कूल के आशुतोष ने शानदार गोल करते हुए टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई।

इसके बाद, 30वें मिनट में एक बार फिर आशुतोष ने विपक्षी डिफेंस को छकाते हुए अपना दूसरा और टीम के लिए महत्वपूर्ण गोल किया। वहीं, मुहम्मद आबिद ने सुजीत के पास पर तीसरा गोल कर स्कोर को 3-0 कर दिया। डॉन बॉस्को एकेडमी की ओर से एकमात्र गोल देव आर्यन वत्स ने 43वें मिनट में किया, जिससे मुकाबला 3-1 के स्कोर पर समाप्त हुआ।

इससे पूर्व खेले गए सेमीफाइनल में डॉन बॉस्को एकेडमी ने लिट्रा वैली स्कूल को टाई ब्रेकर में 4-3 से हराया था, जबकि आर्मी पब्लिक स्कूल ने डॉन बॉस्को एकेडमी को 3-1 से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया।

उद्घाटन एवं सम्मान समारोह

प्रतियोगिता का उद्घाटन जिला खेल पदाधिकारी, पटना श्री ओम प्रकाश ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया और विजेता टीम को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर श्री किरण कुमार झा, धीरेन्द्र पासवान, दीपक कुमार, मो. अफजल, मो. अमीरउद्दीन समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।फाइनल मैच में निर्णायक की भूमिका शशि कुमार सुमन, सूरज कुमार, अभिमन्यु कुमार एवं सुधांशु रंजन ने निभाई।

अंडर-17 वर्ग की भागीदारी

प्रतियोगिता के बालक अंडर-17 वर्ग में माउंट लिट्रा जी स्कूल, बाढ़ तथा बालिका अंडर-17 वर्ग में आर्मी पब्लिक स्कूल, पटना की टीमों ने भाग लिया। दोनों ही टीमें 4 से 9 अगस्त तक बेगूसराय में आयोजित राज्य स्तरीय अंडर-17 सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता में पटना जिले का प्रतिनिधित्व करेंगी।

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पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में अक्षित दोहरे शतक से चूके, पॉयनियर सीसी, लक्ष्य इंजीटेक, वाईएसी राजेंद्रनगर और एवरग्रीन विजयी

पटना: पॉयनियर सीसी के अक्षित सिंह तोमर पटना जिला जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में दोहरा शतक बनाने से चूक गए। अक्षित सिंह तोमर के शानदार 195 रन की पारी की बदौलत पॉयनियर सीसी ने पीरमुहानी सीसी पर 8 विकेट की जीत दर्ज की। अन्य मुकाबलों में लक्ष्य इंजीटेक, वाईएसी राजेंद्रनगर और एवरग्रीन सीसी ने जीत हासिल की। लक्ष्य इंजीटेक ने ट्रैम्फेंट सीसी को नौ विकेट, वाईएसी राजेंद्रनगर ने हरक्यूलस सीसी को 155 रन और एवरग्रीन सीसी ने सिविल ऑडिट को 65 रन से पराजित किया।

सिग्मा क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में टॉस जीत कर पहले बैटिंग करते हुए पीरमुहानी सीसी ने 35 ओवर में 6 विकेट पर 297 रन बनाये। तेजस कुमार गौतम ने 30, अनुज कुमार ने 32, रौनक कुमार ने 38, अमित कुमार ने नाबाद 31 रन बनाये। अतिरिक्त के सहारे 82 रन बने। जवाब में पॉयनियर सीसी ने अक्षित सिंह तोमर की धांसू बैटिंग की बदौलत 33.5 ओवर में दो विकेट पर 303 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। अक्षित ने 129 गेंद में 28 चौका व 11 छक्का के सहारे नाबाद 195 रन की पारी खेली। अक्षित सिंह तोमर को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोर– पीरमुहानी सीसी : 35 ओवर में 6 विकेट पर 297 रन, तेजस कुमार गौतम 30, अनूज कुमार 32, रौनक कुमार 38, सुधाकर कोहली 24, सन्नी सिंह 28, आरुष पटेल नाबाद 26, अमित नाबाद 31, हर्ष राज 2/32, अक्षित सिंए तोमर 1/41, प्रांजल 1/72। पॉयनियर सीसी : 33.5 ओवर में दो विकेट पर 303 रन, अनिकेत मिश्रा 25, अक्षित सिंह तोमर नाबाद 195, अर्णव 43, अतिरिक्त 34, सत्यजीत 1/48

मंगलतालाब ग्राउंड पर खेले गए मैच में टॉस हार कर पहले बैटिंग करते हुए एवरग्रीन सीसी ने 29.5 ओवर में सभी विकेट खोकर 180 रन बनाये। पृथ्वी ने 91 रन की पारी खेली। जवाब में सिविल ऑडिट की टीम 21.5 ओवर में 115 रन पर ऑल आउट हो गई। विजेता टीम के कृष कश्यप (5 रन, 5 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

संक्षिप्त स्कोर– एवरग्रीन सीसी : 29.5 ओवर में 180 रन पर ऑल आउट, पृथ्वी 91, जसप्रीत सिंह 15, आदित्य नाबाद 29, अतिरिक्त 20, आदर्श 1/24, महरुफ 1/22, हिमांशु कुमार 1/21, अमीष शाश्वत 1/28, आर्यन राज 5/30। सिविल ऑडिट : 21.5 ओवर में 115 रन पर ऑल आउट, श्रेयांश कुमार 24, अमीस शाश्वत 12, आर्यन राज नाबाद 22, आदर्श 21, अतिरिक्त 23, शहनवाज 3/29, कृष कश्यप 5/13, प्रिंस कुमार 1/15, पृथ्वी 1/15

कृष्णा क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में वाईएसी राजेंद्रनगर ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करते हुए 28 ओवर में 7 विकेट पर 194 रन बनाये। जवाब में हरक्यूलस सीसी की टीम 12.5 ओवर में 8 विकेट पर 39 रन ही बना सकी। विजेता टीम के प्रतीक सिन्हा (19 रन, 3 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

संक्षिप्त स्कोर– वाईएसी राजेंद्रनगर : 28 ओवर में 7 विकेट पर 194 रन, प्रिंस कुमार 24, आदित्य राज 51, युवराज 29, अभिषेक यादव 23,प्रतीक सिन्हा नाबाद 19, अतिरिक्त 36, आयुष 1/24, संकु कुमार 2/40, अमृत राज 1/36, ओसामा 1/32। हरक्यूलस सीसी : 12.5 ओवर में 8 विकेट पर 39 रन, ओसामा 23, अभिषेक राज 1/16, पुष्कर 2/10, ओम प्रकाश 2/5, प्रतीक सिन्हा 3/7

जेनेक्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मैच में लक्ष्य इंजीटेक ने टॉस जीता और ट्रैम्फेंट सीसी को बैटिंग का न्योता दिया। ट्रैम्फेंट सीसी की टीम 26.4 ओवर में 57 रन पर ऑल आउट हो गई। जवाब में लक्ष्य इंजीटेक ने 10.5 ओवर में 1 विकेट पर 59 रन बना कर मैच अपने नाम कर लिया। मनीष मणि (2 विकेट) को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

संक्षिप्त स्कोर– ट्रैम्फैंट सीसी- 26.4 ओवर में 57 रन पर ऑल आउट, श्रेयसकांत सिंह 13, रिशु 11, अतिरिक्त 14, प्रिंस कुमार 2/17, शुभम प्रजापति 2/12, प्रियांशु 2/7, मनीष मणि 2/16, विवेक कुशवाहा 1/3। लक्ष्य इंजीटेक : 10.5 ओवर में 1 विकेट पर 59 रन, शशांक 18, मोहम्मद शाहिद नाबाद 19, मयंक 1/12

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