पटना:- आज बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने कहा है कि एक ओर जहां खेल और खिलाड़ियों के विकास को लेकर बिहार क्रिकेट संघ की पूरी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट एकजुट होकर खिलाड़ियों के हित में कार्य करते हुए वेबीनार के माध्यम से खिलाड़ियों को इस लॉकडाउन में खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाएं रखने, क्रिकेट के नई तकनीक तथा इक्विपमेंट्स से जुड़ी बारीकियों को तकनीकी रूप से मजबूत करने सहित खिलाड़ियों के व्यक्तित्व विकास को लेकर फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट, न्यूट्रीशनिस्ट, ट्रेनर और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोचेज द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर हमेशा अपनी सत्ता की लालच में बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों का गला घोंटने वाले और खेल व खिलाड़ियों का सदैव अहित चाहने वाले गिरोह जिनके दामन में काले कारनामों का दाग हीं दाग लगा हुआ है।
वो पुनः सत्ता पर काबिज होने के लिए कुछ जिला संघों के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे आजमा रहे हैं और सत्ता की बेचैनी इतनी बढ़ी हुई है कि यह गिरोह संघ को ही बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। क्योंकि इस गिरोह के मुखिया वैसे लोग हैं जिनके कार्यकाल में बिहार क्रिकेट संघ पर काला धब्बा लगा था।
जिसे एक प्रतिष्ठित चैनल ने स्ट्रिंग ऑपरेशन कर पूरे देश भर में चरितार्थ कर दिया था और इससे भी बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि जिस व्यक्ति ने बीसीए की छवि को बीसीसीआई के समक्ष धूमिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे आजमाते रहे वो इस गिरोह के मार्गदर्शक बने हुए हैं और अपना सिक्का जमाने के लिए निलंबित सचिव का इस्तेमाल कर ओछी राजनीति कर रहे हैं।
बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने मान्यता प्राप्त सभी जिला संघों के पदाधिकारीयों को कहा है कि आप लोग वर्षों से खेल और खिलाड़ियों के हित में कार्य करते आ रहे हैं । इसीलिए आप लोगों से विशेष आग्रह है कि खेल और खिलाड़ियों का अहित चाहने वाले गिरोह जो वर्तमान समय में सक्रिय हैं। वैसे लोगों से सावधान रहें और कोसों दूरी बनाए रखें।
क्योंकि ऐसे लोग क्रिकेट जगत के लिए किसी कोरोनावायरस जैसे संक्रामक बीमारी से कम नहीं है और बर्खास्त सचिव संजय कुमार मंटू या पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह के द्वारा बुलाए गए वेबीनार में एक मिनट के लिए भी शिरकत ना करें।
कल धोखे से वह एक दो जिला को बुला कर अटेंडेंस शो कर दिये हैं। वहीं जोनल मीटिंग का भी इसी तरह का नोटिस निकाल कर वह भ्रम फैला रहे हैं। बिहार क्रिकेट संघ का कोई भी जोनल नोटिस बीसीए की वेबसाइट biharcricketassociation.com वाली वेबसाइट पर निकले तभी आप इसे संज्ञान में लें । इसीलिए आप सजगता से काम लें और किसी की बहकावे में आने से बचें।
क्योंकि बिहार क्रिकेट संघ की पूरी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद, कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह और जिला प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह सहित संघ के अन्य पदाधिकारीगण एकजुट होकर सभी जिला संघों और खेल व खिलाड़ियों के हित में कार्य करने के लिए वचनबद्ध और अग्रसर भी हैं।
लेकिन एक ओर निलंबित सचिव संजय कुमार अकेले जिस 24 मई को मीटिंग में आने के लिए प्रलोभन दे रहा है वो किसी संघ के द्वारा नहीं बल्कि नापाक इरादों वाले एक गिरोह के द्वारा दिया जा रहा है। जो सिर्फ और सिर्फ अपना और अपने पुत्र का विकास चाहते हैं। इन लोगों को जिला संघ का विकास या खेल और खिलाड़ियों का विकास हो इससे कोई लेना-देना नहीं है।
हमने सभी जिला संघों को विकास कार्य के लिए महज एक- एक लाख का अग्रिम अनुदान राशि दिया तो ये लोग इतना हाय – तौबा सिर्फ इसलिए मचा रहे हैं कि ये लोग नहीं चाहते हैं कि सभी जिला संघ के पदाधिकारियों के आंखों पर जो पट्टी लगी हुई है उसे कोई खोलें दें। क्योंकि आज तक ये लोग जिला संघ के पदाधिकारियों को इस्तेमाल कर अंधकार में रखते आए हैं।
इसलिए इन लोगों की मंशा थी कि बीसीसीआई द्वारा बीसीए को मिलने वाली ग्रांट राशि में से जिला संघ को विकास कार्य के लिए एक रुपया भी नहीं दिया जाए और जब मैंने पूरी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के साथ मिलकर सभी जिला संघों को नापाक इरादों वाले गिरोह के मंशा के विपरीत जाकर महज एक-एक लाख का अग्रिम अनुदान राशि दे दिया तो इन लोगों के ऊपर इतना नागवार गुजरा कि आग बबूला होकर साजिश के तहत बीसीए की अकाउंट को ही बंद करा दिया जो प्रमाणिक सबूत आप लोगों के समक्ष हैं। इससे ज्यादा प्रमाण क्या दूं। इसीलिए आप समस्त पदाधिकारीगण खुद समझदार हैं और निर्णय लेने में भी सक्षम हैं।
उपरोक्त बातों की जानकारी देते हुए बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने अंत में कहा है कि जिन लोगों का कार्यकाल खुद घोर निंदनीय रहा हो और पद का दुरुपयोग कर अनैतिक कार्यों के लिए सदन द्वारा निलंबित कर दिया गया हो। वैसे लोगों आईना दिखाने के लिए मैं बार-बार कबीर दास की इस वाणी को कहता और दोहराता रहूंगा की ” बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।।