क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा के संयुक्त सचिव विजय कुमार ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर टीम चयन में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन नही करके जेब गरम करने वाले (पैसा देकर खेलब वाले) खिलाड़ियों का टीम में चयन किया गया है। इंटर जोन और डिस्ट्रिक्ट जोन में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नज़र अंदाज़ कर अपने चहेते खिलाड़ियों का सलेक्शन ट्रायल में बुलाया गया।
उन्होंने कुछ नाम लेकर भी कहा, जिससे साफ पता चल रहा है कि प्रदर्शन के आधार पर इनका चयन हो पाना मुश्किल है:-
1.ऋषभ राज :- इसका न तो डिस्ट्रिक्ट जोन न ही इण्टर जोन में कोई खास परदर्शन हुआ फिर भी इनका चयन हुआ क्यों?
2.विकाश झा:- जो की GM के जिले से आते है और उनका मात्र 04 मैच में 04 विकेट है इनसे ज्यादा विकेट लेने वाले का चयन नही हुआ क्यों?
3.चिरंजीवी:- जो की मुज्फरपुर जिले से है। इण्टर जोन में इनका सलेक्शन नही हुआ है। मुजफरपुर से ये तीन मैच खेले है और इनका मात्र स्कोर 29 रन है फिर भी इनका चयन हुआ है क्यों?
4.अतुल प्रियंकर:-ये भी मुजफरपुर जिले से है ये भी तीन मैच में मात्र 48 रन बनाये है फिर भी इनका चयन हुआ है क्यों?
5.अरविन्द झा:-जो की एक गेंदबाज है, 07 मैच में केवल 06 विकेट है फिर भी इनका चयन हुआ है क्यों?
6.विकाश पटेल:-जो की मात्र 02 विकेट लेने वाले खिलाड़ी है फिर भी इनका नाम चयन में जोड़ा गया है क्यों?
ऐसे और भी कई खिलाड़ी है :नवाज़ खान,सबीर खान, यशशवि रिषव और भी कई खिलाड़ी इस सलेक्शन में बिना प्रदर्शन के शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि नालंदा जिला के खिलाड़ी रश्मिकांत रंजन (गेंदबाज) ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। फिर भी उनका नाम चयन लिस्ट में नही है, और उनको ट्रायल देने से भी रोका गया। ऐसा भेदभाव क्यों??
जब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को नजर अंदाज करके बिना प्रदर्शन वाले को टीम में शामिल ही करना था तो इतना बड़ा टूर्नामेंट का ढोंग क्यों किया गया।