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राजेन्द्र प्रसाद सिंह वीमेंस प्रीमियर लीग का रंगारंग आगाज, पटना पैंथर्स ने मुजफ्फरपुर मवर्स को 4 विकेट से हराया

पटना:- बिहार की राजधानी पटना के ऊर्जा स्टेडियम में बिहार क्रिकेट संघ से मान्यता प्राप्त एसएसपीएल के तत्वावधान में आयोजित राजेंद्र प्रसाद सिंह वीमेंस प्रीमियर लीग का शानदार आगाज बुधवार को हुआ और उद्घाटन मुकाबले में पटना पैंथर्स ने मुजफ्फरपुर मूवर्स को 4 विकेट से हराया। 

लीग का उद्घाटन में बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मंगल पांडेय, दीघा विधायक संजीब चौरसिया, माननीय पूर्व न्यायाधीश व चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर मृदुला मिश्रा, लीग की चेयरमैन श्रीमती मीनू सिंह, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी, संयुक्त सचिव सह कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद, पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर, पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव अजय नारायण शर्मा, बिहार क्रिकेट लीग के चेयरमैन संजीव रत्न सिंह, संयोजक ओम प्रकाश तिवारी, बीसीए के जीएम (एडमिन) नीरज सिंह, लीग के संरक्षक राजीव कुमार सिंह ने गुब्बारा उड़ा कर और शांति के प्रतीक कबूतर को उड़ा कर किया। 


इस मौके पर मंत्री मंगल पांडेय और बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने बल्ले और बॉल से भी हाथ आजमाया। सबों का स्वागत लीग के सचिव शिखा सोनिया, आयोजन सचिव रुपक कुमार और संयोजक शाह फहद यासीन ने बुके और प्रतीक चिह्न देकर किया। समारोह का संचालन लीग की कोषाध्यक्ष श्वेता कुमारी और उद्घोषक अजय अम्बष्ट ने किया।

राजधानी के ऊर्जा स्टेडियम में शुरू इस लीग के उद्घाटन मुकाबले में टॉस मुजफ्फरपुर मूवर्स ने जीता और पहले बैटिंग करने का फैसला किया। मुजफ्फरपुर मूवर्स ने पहले बैटिंग करते हुए  कुमारी निष्ठा और शोभना साकेत की शानदार बैटिंग की बदौलत निर्धारित 20 ओवर में पांच विकेट पर 131 रन बनाये। कुमारी निष्ठा और शोभना साकेत ने पारी की शुरुआत की और दोनों के बीच 113 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई।

मुजफ्फरपुर मूवर्स की ओर से कुमार निष्ठा ने 49 गेंद में सात चौकों व दो छक्कों की मदद से 60और शोभना साकेत ने 51 गेंदों में चार चौकों की मदद से 40 रन बनाये। इसके अलावा अतिरिक्त से 16 रन बने। पटना पैंथर्स की ओर से रचना कुमारी ने 14 रन देकर 1, प्रीति प्रिया ने 19 रन देकर 1,शिखा सिंह ने 22 रन देकर दो विकेट चटकाये।

132 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पटना पैंथर्स की शुरुआत खराब रही। 23 रन पर पहला और 30 रन पर दूसरा विकेट गिर गया। सलामी बल्लेबाज सिमरन 10 और विशालक्षी 7 रन बना कर पवेलियन लौट गईं। इसके बाद शिख सिंह और कप्तान रचना कुमारी ने मिल कर पारी को संभाला और 75 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर 16.1 ओवर में टीम का स्कोर 105 रन तक पहुंचाया।

पटना पैंथर्स को 105 रनों पर तीसरा झटका रचना कुमारी के रूप में लगा जो प्रीति कुमारी की गेंद पर आर्यन सेठ द्वारा कैच की गईं। रचना कुमारी ने 33 गेंद में पांच चौकों की मदद से 34 रन बनाये। इसी स्कोर पर पटना को चौथा झटका शिखा सिंह के रूप में लगा। शिखा सिंह 33 गेंद में पांच चौकों व 1 छक्का की मदद से 42 रन बनाये। इसके बाद प्रीति प्रिया 14 रनों की नाबाद पारी खेल कर टीम को 19.2 ओवर में जीत दिला दी। पटना पैंथर्स ने 19.2  ओवर में 6 विकेट पर 132 रन बना कर मैच 4 विकेट से जीत लिया। ब्यूटी कुमारी ने 8 रन बनाये। अतिरिक्त से 13 रन बने।

मुजफ्फरपुर मूवर्स की ओर से प्रीति कुमारी ने 24 रन देकर 3, रोजी ने 22 रन देकर 1 विकेट चटकाये। दो प्लेयर रन आउट हुआ।

पटना की शिखा सिंह को प्लेयर ऑफ द मैच,मुजफ्फरपुर की कुमारी निष्ठा को बेस्ट बैट्समैन और प्रीति कुमारी को बेस्ट बॉलर का पुरस्कार दिया गया।

इस लीग के पर्यवेक्षक पटना जिला क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह हैं। आज के मैच के अंपायर आशीष कुमार सिन्हा और अभिनव कुमार थे।

संक्षिप्त स्कोर

मुजफ्फरपुर मूवर्स : 20 ओवर में पांच विकेट पर 131 रन, कुमारी निष्ठा 60 रन (49 गेंद, सात चौका, दो छक्का), शोभना साकेत  40 रन (51 गेंद, चार चौका), संध्या वर्मा 2 रन, रोजी 8 रन, अनु कुमारी नाबाद 4 रन, अतिरिक्त 16 रन, रचना कुमारी 1/14,प्रीति प्रिया 1/19, शिखा सिंह 2/22

पटना पैंथर्स : 19.2 ओवर में 6 विकेट 132 रन, सिमरन 10 रन, विशालक्षी 7 रन, शिखा सिंह 42 रन (33 गेंद, 5 चौका, 1 छक्का), रचना कुमारी 34 रन (26 गेंद, 5 चौका), प्रीति प्रिया नाबाद 14 रन, (8 गेंद, 1 चौका, 1 छक्का), ब्यूटी 8 रन (7 गेंद, 1 चौका) अतिरिक्त 13 रन, प्रीति कुमारी 3/24,रोजी 1/22 रन आउट-2


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राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 का खिताब इंडिया ग्रीन ने किया अपने नाम, रोमांचक मुकाबले में रेड को हराया

हैदराबाद: हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 के मेगा फाइनल में इंडिया ग्रीन ने रोमांचक मुकाबले में इंडिया रेड को 2 रन से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। आखिरी ओवर तक चले इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांच से भर दिया।

पहले बल्लेबाजी करते हुए इंडिया ग्रीन ने निर्धारित 15 ओवर में 129 रन बनाए। टीम के स्टार बल्लेबाज अजय बिद्दू ने 42 गेंदों पर 63 रनों की धुआंधार पारी खेली, जबकि रजत बिस्वास ने 38 रनों का योगदान दिया। गेंदबाजी में इंडिया रेड के श्रीदीप लाला ने 3 ओवर में 23 रन देकर 2 विकेट चटकाए।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडिया रेड की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन बीच के ओवरों में टीम लड़खड़ा गई। श्रीदीप लाला ने बल्ले से भी दम दिखाते हुए 36 गेंदों पर 43 रन बनाए, मगर वे अपनी टीम को जीत की मंजिल तक नहीं पहुंचा सके। आखिरी ओवर में इंडिया रेड को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे, लेकिन कसी हुई गेंदबाजी के दम पर इंडिया ग्रीन ने मैच 2 रन से जीत लिया।

इंडिया ग्रीन की ओर से गेंदबाज अजय कुमार यादव सबसे सफल रहे। उन्होंने 3 ओवर में 21 रन देकर 3 विकेट झटके। वहीं विनोद और अजय बिद्दू ने 1-1 विकेट हासिल किया। इस जीत के साथ इंडिया ग्रीन ने शानदार अंदाज में राजीव गांधी डिसेबिलिटी टी20 चैंपियनशिप 2025 की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। मैच के अंत में खिलाड़ियों के जज़्बे और संघर्ष को सभी ने सलाम किया।

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बिहार की सॉफ्टबॉल टीमों ने रचा इतिहास, BSSA के डीजी ने पुरुष और महिला टीम को किया सम्मानित

पटना: बिहार की सॉफ्टबॉल टीमों ने 15वीं पूर्वी क्षेत्र सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य को गर्व का अवसर दिया है। जमशेदपुर के प्रतिष्ठित रीगल मैदान में आयोजित इस प्रतियोगिता में बिहार की पुरुष टीम ने उपविजेता और महिला टीम ने कांस्य पदक जीतकर अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया।

राज्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद दोनों टीमों ने सोमवार को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्र शंकरण से भेंट की। शंकरण ने खिलाड़ियों को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। लक्ष्य सिर्फ राज्य स्तर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी है।

सॉफ्टबॉल ओलंपिक खेलों का हिस्सा है और मेरी यह प्रबल इच्छा है कि बिहार के खिलाड़ी आने वाले वर्षों में ओलंपिक पदक जीतें। इस अवसर पर डीजी शंकरण ने खिलाड़ियों को प्रशंसा स्वरूप स्मृति-चिह्न और उपहार भेंट किए, जिससे सभी खिलाड़ियों में उत्साह और गर्व की भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली।

शंकरण ने विशेष रूप से संघ की सचिव प्राची शर्मा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके सक्रिय नेतृत्व और निरंतर कार्यों की बदौलत ही बिहार की सॉफ्टबॉल टीम ने वर्षों बाद यह महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

6 वर्षों बाद ट्रॉफी बिहार की झोली में

गौरतलब है कि यह पिछले छह वर्षों में बिहार की पहली बड़ी सॉफ्टबॉल ट्रॉफी है, जो राज्य में इस खेल के पुनरुत्थान का संकेत देती है। प्रतियोगिता के दौरान सॉफ्टबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव प्रवीण अनौकर भी उपस्थित रहे। उन्होंने बिहार की टीमों की सराहना करते हुए कहा कि बिहार के खिलाड़ी शानदार ऊर्जा और समर्पण के साथ खेले। यदि यह मेहनत और जोश बरकरार रहा, तो जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार का दबदबा देखने को मिलेगा।

इस स्वागत समारोह में सॉफ्टबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार के कोषाध्यक्ष पवन कुमार, वरिष्ठ पदाधिकारी मधु शर्मा, दोनों टीमों के खिलाड़ी एवं कोचिंग स्टाफ सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने इस उपलब्धि को मिलकर मनाया और खिलाड़ियों को आगामी प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं दीं।

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पूर्वी क्षेत्र सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में बिहार पुरुष उपविजेता, महिला टीम तीसरे स्थान पर रही

पटना: जमशेदपुर के प्रतिष्ठित रीगल मैदान में आयोजित 15वीं पूर्वी क्षेत्र सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में बिहार की पुरुष टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उपविजेता (रनर-अप) का खिताब अपने नाम किया, वहीं बिहार की महिला टीम ने भी दमदार खेल दिखाते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया। दोनों वर्गों में ओडिशा की टीमें विजेता बनीं।

फाइनल मुकाबला पूल की दो शीर्ष टीमों बिहार और ओडिशा के बीच खेला गया। बिहार के कप्तान सौरभ ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। ओडिशा की टीम सेमीफाइनल में बंगाल के खिलाफ लगातार 4 होम रन और एक गोल्डन होम रन लगा चुकी थी, इस मुकाबले में बिहार के गेंदबाजों और फील्डरों के आगे बेबस नजर आई।

बिहार के सुजल ने पिचिंग में शानदार शुरुआत करते हुए विपक्षी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। कैचर अंकित और बाकी फील्डरों ने भी बेहतरीन क्षेत्ररक्षण किया, जिससे ओडिशा की टीम पहली पारी में बिना रन बनाए सिमट गई। हालांकि बल्लेबाज़ी में बिहार की टीम भी संघर्ष करती दिखी और शुरुआती पारी में रन नहीं बना सकी।

दूसरी पारी में ओडिशा ने 1 रन, और तीसरी पारी में एक और रन जोड़ते हुए कुल स्कोर 2-0 तक पहुँचाया। बिहार की टीम अंतिम पलों तक संघर्ष करती रही लेकिन तीसरे बेस तक पहुँचने के बावजूद रन पूरा नहीं कर सकी, और अंततः ओडिशा ने 2-0 से फाइनल जीत लिया। यह ट्रॉफी बिहार पुरुष टीम के लिए पिछले छह वर्षों में पहली बड़ी उपलब्धि है।

महिला टीम ने हासिल किया तीसरा स्थान

बिहार की महिला टीम ने भी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। सेमीफाइनल मुकाबले में टीम 6-1 से आगे चल रही थी, लेकिन अचानक हुई बारिश ने खेल की दिशा बदल दी। फील्डिंग और पिचिंग में आई बाधाओं की वजह से टीम अपना नियंत्रण खो बैठी और एक लगभग जीता हुआ मुकाबला हाथ से निकल गया। इसके बावजूद टीम ने तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में बेहतरीन खेल दिखाते हुए कांस्य पदक हासिल किया।

इस शानदार प्रदर्शन पर ऑल इंडिया सॉफ्टबॉल फेडरेशन के सचिव प्रवीण अनौकर ने खिलाड़ियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उन्हें भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर भी इसी तरह के प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं। टीम के कोच विजय कुमार, बिपिन कुमार, राजेश कुमार और अभिषेक आनंद पूरे टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के साथ पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ डटे रहे। बिहार सॉफ्टबॉल संघ के अध्यक्ष गौतम कनोड़िया और कोषाध्यक्ष पवन कुमार ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और उनके प्रदर्शन पर गर्व जताया।

संघ की सचिव ने क्या कहा?

संघ की सचिव प्राची शर्मा के लिए यह एक भावुक और गर्व का क्षण रहा। उन्होंने पिछले तीन महीनों से चल रहे लगातार अभ्यास सत्रों में खिलाड़ियों के समर्पण और मेहनत को इस सफलता का आधार बताया। संघ की वरिष्ठ पदाधिकारी मधु शर्मा और अजय शर्मा ने भी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि अब पीछे मुड़कर नहीं देखना है, बिहार सॉफ्टबॉल को ऊँचाइयों तक ले जाना है।

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बिहार के खेल संघों का सरकार पर गंभीर आरोप, खिलाड़ियों की उपेक्षा और वित्तीय अनियमितता पर उठाए सवाल

पटना: पटना में बिहार के विभिन्न खेल संघों की एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य में खेल विकास, खिलाड़ियों की नियुक्ति, वित्तीय अनियमितता और खेल संघों की उपेक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। इस संवाददाता सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बिहार सरकार को खेल क्षेत्र से जुड़ी वास्तविक चुनौतियों और खिलाड़ियों की उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करना था।

जूनियर खिलाड़ियों की नियुक्ति पर रोक को बताया साजिश

खेल संघों ने राज्य सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई “उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली 2025” में जूनियर आयु वर्ग के विजेता खिलाड़ियों की नियुक्ति पर रोक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वक्ताओं ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया और कहा कि यह बिना हितधारकों से विमर्श किए लागू किया गया फैसला है, जो बिहार के खेल विकास को बाधित करता है। संघों ने ऐसे निर्णय के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

खेल विभाग की निष्क्रियता और प्राधिकरण की अनियमितताएं उजागर

खेल संघों ने आरोप लगाया कि राज्य खेल विभाग की निष्क्रियता के चलते बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (BSKA) द्वारा करोड़ों रुपये की राशि का अनुचित तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने फेडरेशन के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की राइट खरीदकर सरकारी राशि का भारी अपव्यय किया है, जबकि विगत चार वर्षों से खेल संघों को अनुदान तक नहीं मिला है।

खेल संघों ने कहा कि BSKA का असली उद्देश्य राज्य में खेलों का विकास करना है, लेकिन वर्तमान में उसकी प्राथमिकता केवल “आयोजन कराओ, पैसा कमाओ” बन गई है। संघों ने इसे संविधान और वित्तीय नियमों का उल्लंघन बताते हुए सरकार से कड़ी जांच और कार्रवाई की मांग की।

राज्य के खिलाड़ियों को किया जा रहा नजरअंदाज़

संघों ने यह भी बताया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पदक जीतने वाले बिहार के खिलाड़ियों को आज तक कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई, जबकि हाल ही में हुए हीरो एशिया कप, जिसमें बिहार का एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं था, उस पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए।

इसके अलावा, बिना सरकारी अनुमति एक प्राइवेट संस्था को करोड़ों की राशि आवंटित की गई और एक ही परिवार की चार कंपनियों को ब्रांडिंग के नाम पर भुगतान कर भारी वित्तीय अनियमितताएं की गईं। Renaissance नामक कंपनी को बिना नियमानुसार टेंडर दिए ही अनुबंध दिया गया, जो गंभीर भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

खेल संघों की मुख्यमंत्री से प्रमुख मांगें

  • उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली 2025 में तत्काल सुधार किया जाए।
  • खिलाड़ियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दी जाए।
  • 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के अनुदान की राशि अविलंब जारी की जाए।
  • खेल संघों को ACTC (Annual Calendar for Training and Competition) के अनुसार अनुदान मिले।
  • खेल संघों को खेल मैदान और प्रशिक्षक उपलब्ध कराए जाएं।
  • पाटलिपुत्र खेल परिसर में आवंटित कार्यालय तत्काल खेल संघों को हस्तांतरित किया जाए।
  • जिला खेल पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन किया जाए।
  • राज्य विद्यालय खेल एवं मसाल खेलों का आयोजन शिक्षा विभाग को सौंपा जाए।
  • मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के अंतर्गत एकलव्य प्रशिक्षण केंद्रों को तुरंत शुरू किया जाए।

संघों का स्पष्ट संदेश

खेल संघों ने साफ कहा कि यदि राज्य में खेल का वास्तविक विकास करना है तो सरकार को संघों की भूमिका को स्वीकार करना होगा, उनके साथ समन्वय स्थापित करना होगा और प्राधिकरण की कार्यशैली में पारदर्शिता लानी होगी। बिना जवाबदेही के आयोजन कर करोड़ों खर्च करना, खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ है।

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