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भारत के तेज गेंदबाज ‘लंबू’ के नाम से मशहूर इशांत शर्मा अपने 100 वें टेस्ट के तैयारियों में जुटे

इशांत शर्मा से 2019 के एक रणजी ट्राफी मैच के दौरान जब पत्रकारों ने साक्षात्कार के लिये कहा था तो उन्होंने खुद को ‘बुझा हुआ दिया’ करार देकर कन्नी काट ली थी लेकिन इसके लगभग 14 महीने बाद भारतीय क्रिकेट का यह प्यारा ‘लंबू’ अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिये तैयार है। 

इशांत इस बीच चोट के कारण पांच मैचों में नहीं खेल पाये लेकिन अब वह कपिल देव के बाद देश की तरफ से 100 टेस्ट मैच खेलने वाला दूसरा तेज गेंदबाज बनने की राह पर है। इशांत ने फिरोजशाह कोटला में तब कहा था, ‘‘अरे यार मेरा इंटरव्यू करके क्या करोगे? मैं तो बुझा हुआ दिया हूं।’’ 


इशांत के दिल्ली के पूर्व साथी और कोच विजय दहिया को लगता है कि वह देश की तरफ से 100 टेस्ट मैच खेलने वाला आखिरी तेज गेंदबाज होगा। दहिया ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं पूरी निश्चितता के साथ यह कहूंगा। इशांत 100 टेस्ट मैच खेलने वाला आखिरी भारतीय तेज गेंदबाज होगा। मुझे नहीं लगता कि कोई और 100 टेस्ट मैच खेल पाएगा। अधिकतर तेज गेंदबाज खुद को आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) और सीमित ओवरों के मैच के लिये बचाये रखते हैं और ऐसे में भारत के लिये 100 टेस्ट मैच खेलना बेहद मुश्किल होगा।’’ 

दहिया ने कहा, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी ने उसका उपयोग रक्षात्मक गेंदबाज के रूप में किया जो एक छोर से अंकुश लगाये रखता था। यह भूमिका निभाने के लिये वह इशांत पर भरोसा करता था। आप जानते हैं कि वह इतने लंबे समय तक कैसे टीम में बना रहा क्योंकि आपका कप्तान क्या चाहता है यह जानना और उसके अनुसार चलना जरूरी होता है। ’’ 

पिछले 16 वर्षों से इशांत के साथी और दिल्ली के वर्तमान कप्तान प्रदीप सांगवान का मानना है कि जब विराट कोहली और इशांत शर्मा ने दिल्ली के अंडर-17 ट्रायल्स में हिस्सा लिया तो वह अलग तरह का गेंदबाज साफ नजर आता था। 

सांगवान ने कहा, ‘‘वह इतना लंबा है और फिर से उसके लहराते बाल, हम उसे चिढ़ाया करते थे। देख ले भाई लंबा शाहरूख आ गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि अंडर-17 के दिनों में भी वह बहुत लंबा था और काफी तेजी से गेंद करता था। हम जानते थे कि वह खास है। आपने देखा होगा कि जब विराट की अगुवाई में हमने 2008 में अंडर-19 विश्व कप जीता तब तक इशांत टेस्ट खिलाड़ी बन चुका था और उसे उस टूर्नामेंट में खेलने की जरूरत नहीं थी। ’’ 

सांगवान ने कहा, ‘‘वह 140 किमी की रफ्तार से पिछले 18 वर्षों से हर स्पैल में आठ से नौ ओवर कर रहा है। अब वह 33 का होने जा रहा है और तब भी लगभग इतनी ही गति से इतने लंबे स्पैल कर रहा है। ’’

इशांत ने अपने पहले 79 टेस्ट मैचों में 226 विकेट लिये लेकिन पिछले 20 मैचों में उन्होंने 76 विकेट हासिल किये हैं जिससे लगता है कि दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने टीम की जरूरतों के अनुसार खुद को ढाला है। अपनी कड़ी मेहनत और फिटनेस बनाये रखने के कारण वह टेस्ट दर टेस्ट एक स्पैल में आठ से नौ ओवर करते रहे हैं। 

सौभार:- भाषा 
 

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सुमित्रा दयाल वनडे फाइनल वीमेंस क्रिकेट टूर्नामेंट 7 मई को

पटना, 4 मई। क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी) के तत्वाववधान में आगामी 7 मई को एकेडमी के ग्राउंड पर सुमित्रा दयाल वनडे फाइनल महिला क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के निदेशक सह भारतीय युवा क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमिकर दयाल ने दी।

उन्होंने बताया कि इस मैच में दो टीमें खेलेंगी। टीम के प्लेयरों का चयन स्ट्रेट ड्राइव वीमेंस क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मैच के विजेता व उपविजेता टीमों को चमचमाती ट्रॉफी के अलावा खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कार भी दिये जायेंगे। साथ ही बेस्ट बॉलर, बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट फील्डर, बेस्ट विकेटकीपर समेत कई अन्य पुरस्कार दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान पटना व बिहार की क्रिकेट हस्तियों के अलावा कई गणमान्य लोग पधार कर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करेंगे। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के संतोष तिवारी की देखरेख में टूर्नामेंट की तैयारी चल रही है।

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बिहार मॉडर्न पेंटाथॉलन द्वारा 8वीं MPFI नेशनल लेजर रन चैंपियनशिप 2024 में 3 स्वर्ण 1 रजत और 5 कांस्य पदक जीतने पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ ने दी शुभकामनाएं

पटना – बिहार मॉडर्न पेंटाथांलन टीम अमरावती महाराष्ट्र में मॉडर्न पेंटाथांलन फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 26 अप्रैल से 29 अप्रैल तक आयोजित आठवीं MPFI लेजर रन नेशनल चैम्पियशिप में बिहार मॉडर्न पेंटाथॉलन की टीम द्वारा 3 स्वर्ण 1 रजत और 5 कांस्य पदक जीतने पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू जी ने एवं बिहार मॉडर्न पेंटाथलान एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग कुमार, सचिव कनक कुमार, कोषाध्यक्ष सिद्धन जी, चेयरमैन डॉ सोनू शंकर जी, बिहार लाठी संघ के अध्यक्ष राजीव रंजन यादव, भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश सह संयोजक मुकेश पासवान, अंकुर वर्मा ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान किया।

उक्त अवसर पर भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश राजू जी ने कहा कि सभी खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ठ खेल का प्रदर्शन किया और मेडल जीत कर बिहार का नाम रौशन किया। साथ ही साथ राजू ने सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा की भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ सदैव प्रतिभावान खिलाड़ियों का सम्मान करती है और उनके खेल को और बेहतर करने के लिए हर संभव सहयोग करती है।

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Hamida Banu: भारत की पहली महिला पहलवान जिसे कोई पुरुष कभी नहीं हरा पाया, जानें क्यों गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

भारत में कुश्ती का खेल हमेशा के लोकप्रिय रहा है। कुश्ती में भारत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कुश्ती का यह खेल जिसे सिर्फ पुरुषों का खेल ही माना जाता है। महिलाएं कुश्ती नहीं करती है। ऐसे समय में हमीदा बानो (Hamida Banu) ने कुश्ती में अपना नाम बनाया। हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान बनी जो कुश्ती में किसी को भी हराने में सक्षम थी। हमीदा बानो भारत की एकमात्र ऐसी महिला पहलवान है जिसे कोई पुरुष कभी भी नहीं हारा पाया।

दंगल में हारने वाले से करुंगी शादी
हमीदा बानो ने 1940 और 1950 के दशक में पुरुषों की चुनौती देते हुए कहा था जो मुझे दंगल में हरा देगा मैं उससे शादी कर लूंगी। इस वाकया के बाद हमीदा की एक अलग पहचान बनी। 1937 में लाहौर के फिरोज खान ने हमीदा बानो की चुनौती को स्वीकार किया। हमीदा ने उस मैच में फिरोज को चित कर दिया। इसके बाद हमीदा काफी फेमस हो गईं। फिर उन्होंने एक सिख और कोलकाता के एक अन्य पहलवान खड़ग सिंह को हराया। इन दोनों को हमीदा से शादी करने के लिए चुनौती दी थी।

देश के साथ विदेश में भी नाम कमाया
आज ही के दिन 1954 में आयोजित एक कुश्ती मैच में केवल 1 मिनट और 34 सेकेंड में जीत दर्ज करने के बाद हमीदा बानो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। जिससे उनका नाम देश के साथ-साथ विदेश में गुंजने लगा। इसके अलावा उन्होंने प्रसिद्ध पहलवान बाबा पहलवान को हराया। हार के बाद बाबा पहलवान ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।

उनका जन्म 1900 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पहलवानों के एक परिवार में हुआ था। वह कुश्ती की कला का अभ्यास करते हुए बड़ी हुईं और 1940 और 1950 के दशक के अपने करियर में 300 से अधिक प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की। इस दौरान उन्होंने अनेक उपलब्धियां हासिल की।

पति ने हाथ-पैर तोड़ दिया
हमीदा के कोच सलाम पहलवान को यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने वाला आइडिया पसंद नहीं आया। दोनों ने शादी कर ली और फिर मुंबई के नजदीक कल्याण में डेरी बिज़नेस डाला। हालांकि हमीदा ने यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने की जिद नहीं छोड़ी। बीबीसी, हमीदा बानो के पोते फिरोज शेख के हवाले से लिखता है कि सलाम पहलवान ने हमीदा बानो की इतनी पिटाई की कि उनका हाथ टूट गया। पैर में भी गंभीर चोट आई। इसके बाद कई सालों तक वह लाठी के सहारे चलती रहीं।

गुमनामी में मौत
कुछ साल बाद सलाम पहलवान अलीगढ़ लौट आए और हमीदा बानो कल्याण में ही रहीं और अपना दूध का व्यवसाय करती रहीं। बाद के दिनों उन्होंने सड़क किनारे खाने का सामान भी बेचा। साल 1986 में उनकी गुमनामी में मौत हो गई।

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जेएससीए अंतर जिला अंडर-15 में धनबाद की लड़कियों ने कोडरमा को करारी शिकस्त दी, 197 रनों से हराया

धनबाद की लड़कियों ने जेएससीए अंतर जिला अंडर-15 के ग्रुप ए के एक मुकाबले में कोडरमा को 197 रनों के विशाल अंतर से हरा दिया। पाकुड़ में खेले गए इस मैच में धनबाद की अंकिता कुमारी मौर्य ने पहले तो 150 रनों के बेहतरीन नाबाद पारी खेली, जिससे धनबाद टीम ने निर्धारित बीस ओवरों में पांच विकेट पर 275 रनों का पहाड़ सा स्कोर खड़ा कर लिया। इसके बाद 15 रनों पर तीन विकेट झटकते हुए अंकिता ने कोडरमा की पारी बीस ओवर में पांच विकेट पर 78 रनों पर सीमित कर दी। इस प्रदर्शन से अंकिता को प्लेयर आफ द मैच चुना गया।

टॉस धनबाद ने जीता और पहले बल्लेबाजी की। अंकिता ने अपनी 87 गेंदों की नाबाद पारी में 29 चौके लगाए। अन्नु कुमारी यादव ने 25, आरती सोरेन ने नाबाद 14 और आनंदी कुमारी ने 10 रन बनाए। कोडरमा की सृष्टि सिन्हा ने 43 पर तीन विकेट लिए। इसके अलावा करीना कुमारी और सुमन कुमारी को एक-एक विकेट मिला। सृष्टि (23 नाबाद) ही कोडरमा की ऐसी एकमात्र बल्लेबाज रहीं जिन्होंने दहाई का आंकड़ा पार किया। धनबाद के लिए अन्नु कुमारी यादव और समृद्धि कुमारी को एक-एक विकेट मिला।

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