भारत ने नाटकीय अंदाज में दूसरे वनडे में श्रीलंका को 3 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की विजयी बढ़त बनाई। पहले खेलते हुए श्रीलंका ने 9 विकेट पर 275 रन बनाए। जवाब में भारत ने पचासवें ओवर की पहली गेंद पर 7 विकेट के नुकसान पर 277 रन बनाकर मैच जीत लिया। दीपक चाहर ने भारत के लिए नाबाद 69 रन बनाए।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका के ओपनर बल्लेबाजों ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और पहले विकेट के लिए 77 रन जोड़े। युजवेंद्र चहल ने मिनोद भानुका (36) को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। भानुका राजापक्सा आते ही वापस पवेलियन लौट गए और खाता भी नहीं खोल पाए। उधर अविष्का फर्नान्डो ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया और 50 रन के निजी स्कोर पर भुवनेश्वर कुमार का शिकार बने।
धनंजय डी सिल्वा अच्छे टच में थे और ऐसा लग रहा था कि वह एक लम्बी पारी खेल सकते हैं लेकिन उन्हें दीपक चाहर ने अपनी नकल बॉल में फंसाते हुए 32 रन के स्कोर पर आउट कर दिया।
कप्तान दसुन शनाका ने चरित असलंका के साथ मिलकर कुछ देर टिकने का प्रयास किया लेकिन उन्हें भी चहल ने बोल्ड कर दिया। हालांकि असालंका ने एक छोर पकड़कर रखा और रन बनाते हुए टीम को 250 के पार पहुंचा दिया। वह 65 रन बनाकर आउट हुए, तब चामिका करुणारत्ने ने अंतिम ओवरों कुछ बेहतर शॉट खेलते हुए टीम का स्कोर 9 विकेट पर 275 रन तक पहुँचाया। करुणारत्ने 44 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत के लिए युजवेंद्र चहल ने 3, भुवनेश्वर कुमार ने 3 और दीपक चाहर ने 2 विकेट चटकाए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पृथ्वी शॉ (13) का विकेट गंवाया। इशान किशन भी इस बार नहीं चल पाए और 1 रन बनाकर आउट हो गए। यहाँ से भारतीय टीम की स्थिति खराब होनी शुरू हो गई। शिखर धवन अच्छा खेल रहे थे लेकिन वह 29 रन बनाकर हसारंगा की गेंद पर आउट हो गए। इस समय स्कोर 3 विकेट पर 65 रन हो गया। यहाँ से मनीष पांडे और सूर्यकुमार यादव ने मिलकर अर्धशतकीय भागीदारी निभाई लेकिन पांडे 36 रन बनाकर आउट हो गए।
सूर्यकुमार यादव ने तेजी से बल्लेबाजी करते हुए अपना अर्धशतक जमाकर टीम की उम्मीदें जगाई लेकिन वह भी 44 गेंद पर 53 रन बनाकर आउट हो गए। जब क्रुणाल पांड्या (35) के रूप में भारत का सातवाँ विकेट गिरा, तब टीम मैच हारने की तरफ थी लेकिन असली गेम यहाँ से शुरू हुआ।
दीपक चाहर और भुवनेश्वर कुमार ने संयम से बल्लेबाजी करते हुए स्कोर को धीरे-धीरे पास लेकर गए। इस तरह चाहर ने अपना अर्धशतक पूरा किया और भुवी उनके साथ बने रहे। अंत में टीम के जीतने की उम्मीदें जगी और चाहर ने आखिरी ओवर की पहली गेंद पर चौके से मैच जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया। वह 82 गेंद पर 69 रन बनाकर नाबाद रहे। भुवनेश्वर कुमार 19 रन बनाकर नाबाद लौटे। श्रीलंका के लिए हसारंगा ने 3 विकेट झटके।





फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।


