श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और आखिरी एक दिवसीय क्रिकेट मैच से पहले भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के सामने दुविधा होगी कि वह आखिरी मैच में प्रयोग करें या ‘क्लीन स्वीप’ के लिये विजयी संयोजन को बरकरार रखें ।
शिखर धवन की कप्तानी में भारत ने पहला मैच सात विकेट से जीता जबकि दूसरे मैच में मिली तीन विकेट से जीत में दीपक चाहर ने 69 रन की नाबाद पारी खेली ।
अब देखना यह है कि भारत पारी की शुरूआत के लिये शिखर धवन के साथ पृथ्वी साव को ही उतारता है या देवदत्त पड्डिकल या रूतुराज गायकवाड़ को मौका देता है । शॉ ने पहले दो मैच में 43 और 13 रन बनाये। शॉ को फिर मौका मिलता है तो उनकी कोशिश अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में बदलने की होगी।
टीम प्रबंधन के सामने एक और दुविधा यह होगी कि आक्रामक ईशान किशन को ही उतारा जाये या संजू सैमसन को वनडे क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया जाये । मनीष पांडे और सूर्यकुमार यादव मध्यक्रम में अपनी जगह बरकरार रखेंगे ।
उपकप्तान भुवनेश्वर कुमार कह चुके हैं कि हार्दिक पंड्या की फिटनेस को लेकर कोई मसला नहीं है लिहाजा बड़ौदा के इस खिलाड़ी और उनके भाई कृणाल पंड्या के खेलने की उम्मीद है ।
टीम प्रबंधन को खिलाड़ियों के कार्यभार का भी ध्यान रखना है क्योंकि श्रीलंका के उमस भरे मौसम में 12 दिन में छह मैच खेलने हैं ।
पिछले दो मैचों में भारतीय गेंदबाज श्रीलंका के अनुभवहीन बल्लेबाजी क्रम को नियंत्रित करने में कामयाब रहे थे । भुवनेश्वर कुमार आक्रमण की अगुवाई करेंगे जबकि उनका साथ देने के लिये नवदीप सैनी या चेतन सकारिया को दीपक चाहर की जगह उतारा जा सकता है । चाहर हालांकि साबित कर चुके हैं कि वह उपयोगी बल्लेबाज भी है तो टी20 में उनकी भूमिका अहम होगी । ऐसे में उन्हें आराम दिया जा सकता है।
स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया। ऑफ स्पिनर कृष्णप्पा गौतम और प्रतिभाशाली राहुल चाहर के प्रतीक्षारत रहते अब यहां भी चयन की दुविधा है ।
श्रीलंकाई टीम दूसरे मैच में जीत के करीब पहुंच गई थी जिससे उसका आत्मविश्वास काफी बढा होगा । सलामी बल्लेबाज अविष्का फर्नांडो को हालांकि दूसरे छोर से मदद की जरूरत है। पिछले मैच में गुस्से में दिख रहे श्रीलंकाई कोच मिकी आर्थर को अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करनी होगी।