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निर्मल काया फिजियोथेरेपी सेंटर द्वारा स्पोट्र्स इंज्यूरी पर एक सेमिनार सह सम्मान समारोह का किया गया आयोजन

खेल में खिलाड़ियों को चोट लगती है. किसी न किसी प्रकार से वे चोटिल होते हैं. तत्काल उपचार की उन्होंने जरूरत होती है. ग्राउंड पर यदि समय रहते उपचार मिल जाता है। तो उनके दर्द में राहत मिल जाती है. इस वजह से आज के समय में स्पोटर्स फिजियों की महत्ता बढ़ गई है. अधिकांश एथलीट हो या मॉर्निंग वॉकर वे लिगामेंट्स इंज्यूरी से ज्यादा परेशान होते हैं। लिगामेंट्स हड्डियों के सॉफ्टवेयर की तरह होते हैं। सॉफ्टवेयर अच्छा होने पर ही हार्डवेयर सही ढंग से काम कर सकता है।

आजकल दौड़-भाग के चलते लिगामेंट्स बहुत जल्दी डैमेज हो जाते हैं। इनके ट्रीटमेंट और सर्जरी के बाद फास्ट रिकवरी में फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका बहुत अहम है। यह कहना था बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. कुंदन का. रविवार को होटल कासा पिकोला में निर्मल काया फिजियोथेरेपी सेंटर द्वारा स्पोट्र्स इंज्यूरी पर एक सेमिनार सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. सेमिनार में स्पोटर्स फिजियों की महत्ता के बारे में विस्तृत रूप से फिजियोथेरेपी के छात्रों को बताया गया. सेमिनार में पटना समेत विभिन्न जिलों के करीब 300 से अधिक स्टूडेंटस शामिल हुए।

उन्होंने कहा अक्सर देखा जाता है हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन आदि खेलते वक्त खिलाड़ी गिर जाता है। इसे क्विक इंज्यूरी कहते है। यहां पर एक फिजियोथेरेपिस्ट का रोल यह होता है कि उसे कुछ ऐसा ट्रीटमेंट थे ताकि खिलाड़ी तुरंत खेलने के योग्य हो जाए। यदि छोटी इंज्यूरी होतो आईस थेरेपी ट्रीटमेंट दी जाती है। या स्टेपिंग या नीडिलिंग की भी सुविधा होती है. इससे आप प्लेयर को ग्राउंड में ठीक कर सकते हैं। लेकिन इंज्यूरी बड़ी हो जाए तो उसे ग्राउंड में ठीक नहीं किया जा सकता. उसे स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए ड्रेसिंग रूम में लाना पड़ जाता है।

वहीं बिहार रणजी टीम के फिजियो डॉ. हिमेंदु ने स्पोटर्स फिजियों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लिगामेंट की सामान्य चोट का उपचार फिजियो से किया जा सकता है. लिगामेंट इंज्युरी के पेशेंट को सही समय पर सही उपचार मिल जाए तो रिकवरी तेज हो सकती है, नहीं तो कई बार यंग पेशेंट्स के भी जोड़ बदलने की नौबत आ जाती है। वहीं बहुत से खेल के ऐसे आयोजन होते हैं जहां फिजियों की व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में यदि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसे आइस थेरेपी देना कामगार होगा. क्योंकि आइस 60 से 70 प्रतिशत तक चोट को रिकवर करते हुए दर्द में आराम देता है।

डॉ. देवव्रत ने कहा कि खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के होते हैं। उन्हें अक्सर खेल के दौरान चोट लग जाती है। फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन के दौरान हाथ-पैरों में खिंचाव, मांसपेशियों में तनाव और मोच हो जाते हैं। अगर बार-बार चोट लगती रही तो भविष्य में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. बेहतर होगा कि समय रहते इनका इलाज करवाएं।

इससे पहले सेमिनार का विधिवत उद्घाटन डिप्टी मेयर रेशमी चंद्रवंशी व डॉ. इंद्रदीप चंद्रवंशी ने किया। सेमीनार समाप्ति उपरांत मेयर सीता साहू ने सभी फिजियो प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। मंच का संचालन मृत्युंजय झा ने जबकि सबके प्रति आभार सरदार पटेल स्पोटर्स फाउंडेशन के महानिदेशक संतोष तिवारी ने व्यक्त किया। इस मौके पर डॉ. मनीष, डॉ. रवि गोस्वामी, गुरुदेव पारा मेडिकल कॉलेज के निदेशक ओम प्रकारश, इंपैक्ट कॉलेज के डॉ. दिवाकर,डॉ मनीष, डॉ बब्लू, डॉ. बीके नीरज, डॉ. सचिन कुमार आदि मौजूद रहे।

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पटना में 9वीं ईस्ट जोन शूटिंग चैम्पियनशिप का भव्य आगाज

पटना, 15 सितंबर 2025: बिहार ने खेल जगत में एक और इतिहास रचते हुए पहली बार ईस्ट ज़ोन शूटिंग चैम्पियनशिप की मेजबानी शुरू की है। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का शुभारंभ सोमवार को बिहार संग्रहालय के महानिदेशक एवं वरिष्ठ IAS अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने किया।

प्रतियोगिता की 25 एवं 50 मीटर फायर आर्म्स स्पर्धाएँ साकेत सिंह शूटिंग अकादमी, विक्रम में जबकि 10 मीटर एयर राइफल मुकाबले कल्याण बिगहा में आयोजित किए जा रहे हैं।

उद्घाटन समारोह में अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि, “ऐसी प्रतियोगिताएँ राज्य के युवाओं में खेल भावना, अनुशासन और आत्मविश्वास को मजबूत करती हैं। बिहार में शूटिंग खेल की अपार संभावनाए हैं, जिन्हें नई दिशा देने की आवश्यकता है।”

खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

प्रतियोगिता के शुरुआती दिन खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। 25 मीटर स्पोर्ट्स फायर पिस्टल वर्ग में श्रीरूप दत्ता ने 283 स्कोर कर बढ़त बनाई। 10 मीटर एयर राइफल पुरुष वर्ग में शुभ्रा मंडल (पश्चिम बंगाल) ने 387 अंक अर्जित किए। 10 मीटर एयर राइफल महिला वर्ग में तनु वर्मा (झारखंड) ने 393 स्कोर कर बाज़ी मारी और शीर्ष पर रहीं।

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस अवसर पर समिति के सचिव कुमार त्रिपुरारी सिंह और उपाध्यक्ष गया प्रसाद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।यह चैम्पियनशिप न केवल बिहार में शूटिंग खेल को नई पहचान दिलाने का कार्य करेगी, बल्कि प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत मंच भी साबित होगी।

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बिहार में पहली बार आयोजित होगा ईस्ट जोन शूटिंग चैंपियनशिप, 700 से अधिक निशानेबाज लेंगे हिस्सा

पटना :- बिहार में पहली बार 15 से 19 सितंबर तक 9वीं ईस्ट जोन निशानेबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता नालंदा जिले के राजगीर स्थित सोलह सिंह शूटिंग एकेडमी में होगी। इस आयोजन की जिम्मेदारी बिहार स्टेट राइफल एसोसिएशन को सौंपी गई है।

भारतीय शूटिंग संघ, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत इस प्रतियोगिता में बिहार, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और असम के लगभग 700 से अधिक निशानेबाज भाग लेंगे। इस चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल और एयर पिस्टल के मैच इंडोर शूटिंग रेंज राजगीर में आयोजित होंगे, जबकि 25 मीटर फायर पिस्टल, 50 मीटर पिस्टल और 50 मीटर राइफल इवेंट्स का आयोजन पटना स्थित विक्रम सिंह शूटिंग कॉम्प्लेक्स में होगा।

प्रतियोगिता में बिहार के करीब 110 निशानेबाज अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें आगामी राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में जगह बनाने का मौका मिलेगा। बिहार के लगभग 250 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बिहार स्टेट राइफल एसोसिएशन ने इस प्रतियोगिता की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उद्घाटन समारोह 15 सितंबर को सुबह 10 बजे आयोजित होगा, जिसकी अध्यक्षता बिहार सरकार के खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र करेंगे। इस मौके पर ओलंपिक खिलाड़ी-सह-विधायकसुरेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेंगे और खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएंगे। गौरतलब है कि बिहार स्टेट राइफल एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1968 में हुई थी, जिसका उद्देश्य युवाओं को निशानेबाजी से जोड़ना और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है।

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रूपक कुमार बने लोजपा (रामविलास) खेल प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव, उत्तर प्रदेश प्रभारी की भी मिली जिम्मेदारी

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खेल एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ने संगठन विस्तार की दिशा में अहम कदम उठाते हुए रूपक कुमार को राष्ट्रीय सचिव तथा उत्तर प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति का पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप शंकर शर्मा (लंकेश) द्वारा जारी किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप शंकर शर्मा (लंकेश) ने कहा कि रूपक कुमार की सक्रियता और नेतृत्व क्षमता से न केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश में भी संगठन को नई ऊर्जा और मजबूती मिलेगी। रूपक कुमार ने इस जिम्मेदारी के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे संगठन को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य करेंगे और युवाओं को खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास करेंगे। रूपक की इस नियुक्ति पर पार्टी नेताओं ने भी बधाई दी है।

आपको बता दें कि रूपक कुमार अंतर्राष्ट्रीय बेसबॉल खिलाड़ी और राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी भी रह चुके हैं। खेल जगत में उनके अनुभव से संगठन को निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा।

 

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पटना में खेलो इंडिया जोनल आर्चरी टूर्नामेंट का भव्य समापन, शुभम दास और प्राप्ति वेटेबल ने जीता स्वर्ण

पटना :- पाटलिपुत्र खेल परिसर में 13 और 14 सितंबर तक आयोजित खेलो इंडिया एनटीपीसी जोनल आर्चरी टूर्नामेंट 2025 का रविवार को भव्य समापन हुआ। यह टूर्नामेंट पहली बार बिहार में आयोजित किया गया, जिसमें छह राज्यों और विभिन्न बोर्डों के कुल 350 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

फाइनल दिन खेले गए कंपाउंड प्रतिस्पर्धा में पुरुष वर्ग का स्वर्ण आरएसपीबी के शुभम दास ने जीता। रजत झारखंड के दिव्यांशु सिंह को मिला, जबकि कांस्य बिहार के विक्रम कुमार के हिस्से आया। चौथे स्थान पर एसपीएसबी के एमडी आदिल रहे।
महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल की प्राप्ति वेटेबल ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। झारखंड की संगीता कुमारी मुर्मू ने रजत, राज अदिति कुमारी ने कांस्य जीता और सलोनी उरांव चौथे स्थान पर रहीं।

विजेता खिलाड़ियों को मेडल के साथ नकद पुरस्कार भी प्रदान किए गए। स्वर्ण विजेता को ₹20,000, रजत विजेता को ₹15,000, कांस्य विजेता को ₹10,000 और चौथे स्थान पर रहने वाले को ₹5,000 की राशि दी गई।

समापन समारोह में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव रविंद्र नाथ चौधरी, बिहार तीरंदाजी संघ के सचिव मनोज कुमार, भारतीय तीरंदाजी संघ के कंपटीशन डायरेक्टर हरेश कुमार, बिहार ओलंपिक संघ की उपाध्यक्ष नूतन कुमारी और अंजलि कुमारी ने विजेता खिलाड़ियों को पदक व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस प्रतियोगिता में बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, एसपीएसबी, आरएसपीबी और सीएसईबी से 200 पुरुष और 120 महिला खिलाड़ियों सहित कुल 350 प्रतिभागी शामिल हुए। अकेले बिहार से 72 खिलाड़ी (36 पुरुष व 36 महिला) मैदान में उतरे।

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