पटना: बिहार क्रिकेट संघ (BCA) में महीनों से चल रहे विवाद और गुटबाजी को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव को बीसीए का ओम्बड्समैन (लोकपाल) नियुक्त किया है। अब संघ से जुड़े सभी मामले उनकी निगरानी में निपटाए जाएंगे।
कैसे शुरू हुआ विवाद
यह मामला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (CAB) के सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। वर्मा ने पटना हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा पूर्व न्यायाधीश शैलेश कुमार सिन्हा को ओम्बड्समैन नियुक्त करने के फैसले को चुनौती दी थी। बाद में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस आदेश को रद्द कर मामला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा, “BCCI का इस मामले से क्या लेना-देना?”
जनता के पैसे की बर्बादी
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने बीसीए में जारी आपसी राजनीति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “आप लोग निजी शिकायतें लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय का समय और जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। यह सब एक तमाशा है।”
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि बीसीए के दोनों गुट न्यायमूर्ति राव के साथ बैठक कर आगे की कार्यप्रणाली और नियम तय करेंगे। ओम्बड्समैन का मानदेय भी आपसी सहमति से तय होगा। अदालत ने उम्मीद जताई कि इस नियुक्ति से संघ में पारदर्शिता आएगी और गुटबाजी खत्म होगी।


फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।


