भारत ने हाल ही में संपन्न पेरिस पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 29 पदक जीते, जिसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल हैं। यह प्रतियोगिता के इतिहास में भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, और इसके साथ ही देश ने पैरालंपिक खेलों में 50 पदकों का आंकड़ा भी पार कर लिया है।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने पदक विजेताओं के सम्मान में आयोजित एक भव्य समारोह में उनकी उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। इसके साथ ही, मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
मांडविया ने 2028 लॉस एंजेलिस पैरालंपिक में अधिक पदक जीतने का लक्ष्य रखते हुए पैरा खिलाड़ियों को पूरी समर्थन और सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया। उन्होंने कहा, “हम अपने सभी पैरा खिलाड़ियों को हर संभव सहायता देंगे ताकि हम लॉस एंजेलिस में और भी अधिक पदक और स्वर्ण पदक जीत सकें।”
भारत के पेरिस पैरालंपिक अभियान के समापन के बाद, पदक विजेताओं का स्वागत बेहद शानदार रहा। सैकड़ों प्रशंसकों ने फूल-मालाओं और मिठाइयों के साथ खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत किया, जो उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन का जश्न मनाने का एक तरीका था।
भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देशवासियों में गर्व और उत्साह का माहौल है, और सभी की नजरें अब 2028 लॉस एंजेलिस पैरालंपिक पर टिकी हैं, जहाँ भारतीय खिलाड़ी और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीदों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।


फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।


