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KRIDA NEWS

Ruaraka Secures Victory with Pushkar Sharma’s Explosive 74-Runs Against Swamibapa A in NPCA T20 2024

In a thrilling match of the NPCA T20 League 2024, Ruaraka A emerged victorious against Swamibapa A with a spectacular performance in the blast inning by Pushkar Sharma, scoring an impressive 74 runs in 42 balls, including 10 fours and 3 sixes.

Ruaraka won the toss and chose to bowl first, limiting Swamibapa to 172 runs in 20 overs. Dwanil Patel contributed with 71 runs from 44 balls, while Morris added a quick 28 runs in 13 balls.

Ruaraka successfully chased the target in 18.4 overs, with Pushkar Sharma rightfully awarded the Player of the Match for his outstanding innings. Sharma expressed his satisfaction, stating it was a good match against a competitive team. He credited the team’s positive mindset from the first ball and extended gratitude to sponsors IndiaFirst Life Insurance, Optex Eye Clinic Ltd, House of Fones, Trinetre Eye Care Ltd. He also acknowledged the support from well-wishers and attributed the success to faith in God.
Additionally, Pushkar Sharma thanked Mansukh Hirani for his support in Kenya.

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BCA की नाकामी, अर्श से फर्श पर पहुंचा Bihar Cricket; रणजी ट्रॉफी में एलीट से प्लेट ग्रुप में हुई वापसी

Bihar Cricket: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी 2024-25 में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बिहार की टीम एलीट ग्रुप से फिर से प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। बिहार को इस सीजन में एक भी जीत नहीं मिली। बिहार का यह हाल देखकर लग रहा है कि बिहार की टीम और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अर्श से फर्श पर पहुंच गई है।

बिहार की टीम को इस सीजन में सात मैचों में एक भी जीत नसीब नहीं हुई, जबकि पांच बार पारी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बिहार जो पिछले सीजन तक एलीट ग्रुप में बना हुआ था। अब इस सीजन से प्लेट ग्रुप में लौटने को मजबूर हो गया है। यह नाकामी सिर्फ हार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। जिस राज्य ने एक समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए, वहां अब क्रिकेट का स्तर लगातार गिर रहा है। क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बिहार के वैभव सूर्यवंशी बिहार छोड़ने का मन बना चुके हैं। 

लचर व्यवस्था के कारण वैभव छोड़ सकते हैं बिहार

यह वही वैभव सूर्यवंशी हैं, जिसको बीसीए ने महज 13 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करवाकर मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई थी। अब यही खिलाड़ी राज्य छोड़ने का मन बना चुका है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में मिली नेम-फेम के बाद अब वो बिहार छोड़कर दूसरे राज्य से अवसर तलाश रहे हैं। बिहार में क्रिकेट के गिरते स्तर और लचर व्यवस्था को देखते हुए वैभव आने वाले सीजन में दूसरे राज्य से खेलते दिख सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैभव अगले सीजन में तमिलनाडु से खेल सकते हैं। हालांकि यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है।

बिहार में गिरता क्रिकेट का स्तर

बिहार में क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस साल बिहार की टीम सात मुकाबले में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। बिहार की टीम को घर से बाहर तो करारी शिकस्त झेलनी ही पड़ी लेकिन घर में भी हार का सामना करना पड़ा। अशुतोष अमन के संन्यास के बाद बिहार की गेंदबाजी में पैनापन नहीं दिखा, जिसके कारण विपक्षी टीमों ने रनों का अंबार लगा दिया। बड़े स्कोर के सामने बिहार के बल्लेबाज बौने साबित हुए, जिस कारण बिहार को पांच मैचों को पारियों से हार का सामना करना पड़ा।

रणजी ट्रॉफी 2024-25 में ऐसा रहा है बिहार का प्रदर्शन

2022-23 में प्लेट ग्रुप का फाइनल जीतकर बिहार की टीम पहुंची थी एलीट ग्रुप में

Ranji Trophy 2022-23 - How Bihar won the Ranji Plate title

बिहार की टीम ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया था। प्लेट ग्रुप के फाइनल में बिहार ने मणिपुर को 220 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। बता दें, यह मुकाबला पटना के मोइनउल हक स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल जीतने के बाद बिहार की टीम प्लेट ग्रुप से एलीट ग्रुप में पहुंची थी। लेकिन दो सीजन में ही बिहार को बड़ी टीमों ने बता बिहार क्रिकेट का लेवल क्या है।

जहां से सफर शुरू हुआ था फिर से वहीं पहुंची बिहार की टीम

2018 में पूर्ण मान्यता मिलने के बाद बिहार की टीम को भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति मिल गई। इस सीजन में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की मुंबई से हारकर क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बाहर हुई थी। वहीं रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। उसके बाद बिहार क्रिकेट में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन गुटबाजी, कोर्ट केस और तरह-तरह के मामले भी सामने आने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में क्रिकेट की गति पर फिर से ब्रेक लग गई।

Bihar Cricket Association Ready for 2024-25 Ranji Trophy Elite C Campaign

हालांकि बिहार की टीम ने 2022-23 में प्लेट ग्रुप में फाइनल मुकाबला जीतकर यह साबित कर दिया कि टीम अब बड़े मैचों के लिए तैयार हैं। लेकिन बड़े मैच मिलते ही टीम की पोल खुल गई। एक समय ऐसा लग रहा था कि बिहार क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण टीम वहीं की वहीं रह गई। जिसका खामियाजा ये हुआ कि खिलाड़ी भी एकजुट नहीं रह पाए। खिलाड़ियों में यह डर बना रहता था कि उनको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं। उसके अलावा खिलाड़ियों का कैंप भी मुकाबले से महज कुछ दिन पहले ही लगाया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी का प्रदर्शन क्या होगा और बड़े मैचों में किस तरह परफॉर्म करेंगे। इसका आंकलन आप खुद भी कर सकते हैं।

BCA से आखिर गलती कहां हो रही है?

  1.  प्रशासनिक लचरता: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर गुटबाजी और राजनीति हावी है। क्रिकेट मैदान में कम और कोर्ट में ज्यादा खेले जा रहे हैं। वहीं इसके अलावा पदों की लड़ाई चल रही है।
  2. सही रणनीति का अभाव: दूसरे राज्यों में रणजी की तैयारी पूरे साल चलती है, लेकिन बिहार में सीजन से ठीक पहले शिविर लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
  3. कोचिंग और ट्रेनिंग की कमी: बिहार में आज भी कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम की हालत खराब है। खिलाड़ियों को अपने दम पर सुधार करना पड़ता है।
  4. घरेलू क्रिकेट का कमजोर ढांचा: बिहार में डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की संख्या कम है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल पाता।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) से कुछ सवाल?

  • 2018 में बिहार को पूर्ण मान्यता मिली, लेकिन तब से लेकर अबतक एसोसिएशन में क्रिकेट को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को क्यों नहीं मिला?
  • लगातार गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोप से कब बाहर निकलेगी बीसीए?
  • क्रिकेट में राजनीति का क्या काम?
  • बिहार के कोचिंग स्टाफ में अब तक कोई बड़ा नाम क्यों नहीं जुड़ा?
  • क्यों नहीं है बिहार में कोई मजबूत क्रिकेट एकेडमी? जबकि झारखंड में JSCA स्टेडियम और क्रिकेट सिस्टम काफी मजबूत है।

ऐसे सुधर सकता है बिहार क्रिकेट

  • BCA को आरोपों से बचते हुए क्रिकेट पर ध्यान देना होगा। क्रिकेट के हित में फैसले लेने होंगे।
  • घरेलू टूर्नामेंट और कोचिंग सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • युवा खिलाड़ियों को बेहतर मौके देने होंगे।
  • रणजी ट्रॉफी के लिए लंबी अवधि की योजना बनानी होगी।
  • बीसीए को एडमिनिस्ट्रेशन में भी सुधार करना होगा।

क्या खतरे में बिहार क्रिकेट का भविष्य?

बिहार क्रिकेट इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लगातार हार, खराब प्रबंधन और खिलाड़ियों के पलायन की समस्या क्रिकेट को पूरी तरह से कमजोर बना दिया है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बिहार क्रिकेट का भविष्य गर्त में चला जाएगा। BCA को अब सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए काम करना होगा। नहीं तो आने वाले समय में बिहार से कोई क्रिकेटर नहीं निकल पाएंगा। भारतीय टीम में जगह बनाना तो दूर आईपीएल तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उम्मीद है कि इस सीजन के बाद बीसीए कोई ठोस उपाय करेगी और फिर से टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचाने के लिए एकजुट करेगी।

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क्रिक क्रैश स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मे पहुंची क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार और स्कूल क्रिकेट एकेडमी

पटना: क्रिक क्रैश स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार और स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने शानदार जीत दर्ज की और फाइनल में स्थान बनाने में सफल रहे। अब दोनों के बीच फाइनल में भिड़ंत होगी।

पहले मैच में टॉस जीतकर स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने बल्लेबाजी का फैसला लिया। 24 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 197 रन बनाकर टीम ने चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। इसमें बतन प्रकाश ने 52 और रवि शंकर ने 33 रन की महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के गेंदबाज मनजीस वर्मा ने 3 विकेट और निकेश ने 2 विकेट झटके।

जवाब में, क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। आयुष राज ने 81 और निकेश ने नाबाद 61 रन की पारी खेली। क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार ने 15.5 ओवर में 2 विकेट पर 203 रन बनाकर 8 विकेट से जीत हासिल की। निकेश को उनके ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए ‘मैन ऑफ दी मैच’ का पुरस्कार दिया गया।

दूसरे मैच में, लॉर्ड्स क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 158 रन बनाए। इसमें अभिनव ने 87 और आर्यन ने 17 रन बनाए। स्कूल क्रिकेट एकेडमी के गेंदबाज प्रतीक सिन्हा ने 5 विकेट और सुशांत ने 2 विकेट झटके।

जवाब में, स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने 15.3 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 161 रन बनाकर 7 विकेट से जीत दर्ज की। लॉर्ड्स क्रिकेट एकेडमी के गेंदबाज आलोक कुमार यादव ने 2 विकेट लिए। प्रतीक सिन्हा को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए ‘मैन ऑफ दी मैच’ का पुरस्कार मिला।

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Ranji Trophy: विदर्भ के इस खिलाड़ी ने तोड़ा बिहार के आशुतोष अमन का रिकॉर्ड, रणजी के रण के किया कमाल

Ranji Trophy: विदर्भ के हर्ष दुबे ने बिहार के आशुतोष अमन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हर्ष दुबे ने निधीष को आउट करके यह कारनामा किया। बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में हर्ष दुबे ने दो विकेट लेते ही एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी की बराबरी कर ली है। हर्ष ने फाइनल मुकाबले के तीसरे दिन लंच से पहले दो विकेट लेकर बिहार के आशुतोष अमन की बराबरी कर ली है। वहीं लंच के बाद 1 विकेट लेते ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी में नया इतिहास रच दिया है।

हर्ष दुबे ने विदर्भ को लंच से पहले दो सफलता दिलाई। हर्ष ने तीसरे दिन सबसे पहले आदित्य सरवटे को आउट करके विदर्भ को थोड़ी राहत दिलाई। उसके बाद हर्ष ने सलमान नजीर को आउट करके रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में आशुतोष अमन की बराबरी की।

चायकाल के बाद हर्ष दुबे ने एक विकेट लेकर रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। हर्ष ने आशुतोष अमन के रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान रच दिया। हर्ष ने निधीष को आउट करके सीजन का 69 विकेट लिया।

रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज

  • 1. हर्ष दुबे (विदर्भ) – 69 विकेट (2024/25)
  • 2. आशुतोष अमन (बिहार) – 68 विकेट (2018/19)
  • 3. जयदेव उनादकट (सौराष्ट्र) – 67 विकेट (2019/20)
  • 4. कंवलजीत सिंह (हैदराबाद) – 59 विकेट (1999/00)
  • 5. डी ए जडेजा (सौराष्ट्र) – 59 विकेट (2018/19)
  • 6. शाहबाज नदीम (झारखंड) – 56 विकेट (2018/19)

हर्ष दुबे को पहली बार सभी रणजी मैच खेलने का मौका मिला 

यह दुबे का पहला पूर्ण रणजी सीज़न है। बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर के रूप में हर्ष को मौका इसलिए मिला कि दो बार के रणजी विजेता आदित्य सरवटे विदर्भ छोड़कर केरल चले गए। जिसका हर्ष दुबे के पूरा फायदा उठाया और रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में 7 बार पांच विकेट लिए। जबकि 2 बार 10 विकेट हॉल भी पूरे कर चुके हैं।

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शैलेंद्र कुमार स्मृति अंडर-15 अंतर स्कूल क्रिकेट की ट्रॉफी का हुआ अनावरण

पटना: आगामी 2 मार्च से पटना में सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में कासा पिकोला रेस्टूरेंट के सहयोग से वरिष्ठ खेल पत्रकार शैलेंद्र कुमार की स्मृति में आयोजित होने वाले शैलेंद्र कुमार मेमोरियल अंडर-15 अंतर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट की विजेता व उपविजेता टीमों को दी जाने वाली ट्रॉफी का अनावरण किया गया। 

स्थानीय कासा पिकोला रेस्टूरेंट में आयोजित एक समारोह में ट्रॉफी का अनावरण पटना नगर निगम सशक्त समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी, सदस्य आशीष सिन्हा, कासा पिकोला रेस्टूरेंट के एमडी राजेश कुमार, पूर्व वरीय क्रिकेटर सौरभ चक्रवर्ती, सुमित एंड शर्मा स्पोट्र्स के एमडी सुमित शर्मा और आयोजन सचिव नवीन कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

इस मौके पर कासा पिकोला रेस्टूरेंट के एमडी राजेश कुमार ने कहा कि हमारी कंपनी केवल अपने व्यवसाय पर ही ध्यान देती है बल्कि सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती है। इसी कड़ी में हमारी कंपनी ने इसे प्रायोजित करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन स्कूली क्रिकेट मैचों का आयोजन करा कर उदीयमान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका दे रही है। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट जिनकी याद में कराया जा रहा है उन्होंने भी अपनी लेखनी से खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम किया था। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के महासचिव नवीन कुमार की देखरेख में इस टूर्नामेंट का आयोजन कराया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस आयोजन में 24 टीमों को भाग लेने की अनुमति दी जायेगी। सभी मैच नॉक आउट आधार पर 25-25 ओवरों के खेले जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में पुरस्कारों की बरसात होगी। विजेता व उपविजेता टीमों को ट्रॉफी समेत कई आकर्षक पुरस्कार दिये जायेंगे। प्रतिदिन मैन ऑफ द मैच, बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट विकेटकीपर, मैन ऑफ द टूर्नामेंट समेत कई अन्य पुरस्कार भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में खेलने हेतू आयु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड साथ लाना होगा। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली टीमें संतोष तिवारी से 9386962380 पर संपर्क कर सकते हैं।

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