FIDE Chess World Cup Final में भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंद टाई ब्रेकर मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्रस कार्लसन से हार गए। प्रज्ञाननंद इसके सीथ ही चेस वर्ल्ड कप फाइनल तक जाने वाले विश्वनाथ आनंद के बाद दूसरे खिलाड़ी बने। मैग्रस कार्लसन की विश्व कप में पहली जीत है लेकिन वह विश्व चैंपियनशिप पाच बार जीत चुके हैं। मैग्नस कार्लसन ने प्रज्ञाननंद को टाइब्रेक में 1.5 – 0.5 से हराया।
प्रज्ञाननंद ने दी कड़ी टक्कर
टाई ब्रेकर से पहले बात करें तो दोनों के बीच दो बार बाजी खेली गई। कार्लसन और प्रज्ञाननंद के बीच फाइनल की पहली बाजी चार घंटे से अधिक समय चली। इस दौरान दोनों खिलाड़ियों ने 70 से अधिक चालें चली लेकिन तब भी कोई नहीं जीत सका और बाजी बराबरी पर समाप्त हुई थी।
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इसके बाद दूसरी बाजी में दोनों खिलाड़ियों के बीच 30 चालें चली गई और मुकाबला बराबरी समाप्त हुआ। जिससे प्रज्ञाननंद ने कार्लसन के सामने आसानी से हार नहीं मानी और टाई ब्रेकर तक गए मुकाबले में भले ही वह जीत नहीं सके लेकिन सभी फैंस का दिल जरूर जीत लिया।
प्रज्ञाननंद ने रचा इतिहास
भारत के 18 साल के प्रज्ञाननंद ने इससे पहले सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया और फाइनल में जगह बनाई थी। जिससे महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने।