May 9, 2025
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नई दिल्ली: IPL में अपने प्रदर्शन के लिए मशहूर रही दिल्ली कैपिटल्स अब एक नई पहचान गढ़ रही है। दिल्ली कैपिटल्स ऐसी फ्रेंचाइजी के रूप में आगे बढ़ रही है जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य का संवारने और तैयार करने में अहम भूमिका निभा रही है।दिल्ली कैपिटल्स अब सिर्फ एक क्रिकेट टीम नहीं, बल्कि एक क्रिकेटिंग इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।
एकेडमी नेटवर्क से भविष्य के सितारों की तैयारी
2019 में रिब्रांडिंग के बाद से दिल्ली कैपिटल्स ने अपने विजन को पूरी तरह बदला है। अब यह फ्रेंचाइज़ी देशभर में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी क्रिकेट अकादमियों का मजबूत नेटवर्क तैयार कर चुकी है। दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे देशों में मौजूद इन एकेडमियों में 6 से 18 साल के हजारों बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन सेंटरों पर न केवल पेशेवर क्रिकेट कोचिंग दी जा रही है, बल्कि फिटनेस, न्यूट्रिशन, मेंटल हेल्थ और खेल मनोविज्ञान जैसे पहलुओं पर भी खास ध्यान दिया जाता है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को एक पूर्ण एथलीट के रूप में विकसित करना है।
लंबी दूरी की सोच, जल्दबाजी नहीं
दिल्ली कैपिटल्स की यह पहल किसी तात्कालिक सफलता की कोशिश नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। एकेडमी नेटवर्क का उद्देश्य है ऐसा टैलेंट तैयार करना जो आने वाले वर्षों में आईपीएल, घरेलू क्रिकेट और यहां तक कि भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व कर सके।
अब तक कई युवा खिलाड़ी दिल्ली कैपिटल्स की एकेडमी से निकलकर स्टेट और नेशनल जूनियर टीमों में जगह बना चुके हैं। खास बात यह है कि इन एकेडमियों का सीधा जुड़ाव दिल्ली कैपिटल्स की स्काउटिंग और एनालिटिक्स टीम से है, जो उभरती प्रतिभाओं पर लगातार नजर रखती है और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देती है।
नेतृत्व में बदलाव: प्रतीक पुरी का अहम योगदान
दिल्ली कैपिटल्स की इस बदलाव भरी यात्रा में प्रतीक पुरी की भूमिका बेहद अहम रही है। 2023 के अंत में ‘हेड ऑफ एकेडमीज़’ की ज़िम्मेदारी संभालने वाले प्रतीक खुद एक पूर्व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और बीसीसीआई से प्रमाणित कोच हैं।
उनके नेतृत्व में दिल्ली कैपिटल्स ने न केवल नए शहरों में एकेडमियां खोली हैं, बल्कि प्रशिक्षण को डेटा-ड्रिवन और स्टैंडर्डाइज किया है। पहली अंतरराष्ट्रीय एकेडमी की शुरुआत, खिलाड़ियों के लिए परफॉर्मेंस ट्रैकिंग सिस्टम, स्कॉलरशिप प्रोग्राम और अनुभवी आईपीएल कोचों से मेंटरशिप जैसे कई इनिशिएटिव प्रतीक के कार्यकाल में शुरू हुए हैं। टीम के एक सदस्य के अनुसार, “प्रतीक सिर्फ एकेडमियों का विस्तार नहीं कर रहे — वो भारत में खेल शिक्षा की संस्कृति को बदल रहे हैं।”
मजबूत नींव, दूरदर्शी सोच
दिल्ली कैपिटल्स की यह पहल JSW और GMR जैसे प्रतिष्ठित समूहों द्वारा संचालित की जा रही है, जिनका फोकस सिर्फ CSR या मार्केटिंग तक सीमित नहीं है। उनकी दीर्घकालिक योजना है दिल्ली कैपिटल्स को एक वैश्विक क्रिकेट ब्रांड बनाना, जिसकी जड़ें भारतीय संस्कृति और क्रिकेटिंग परंपरा में गहराई से जुड़ी हों। उनकी सोच साफ है कि एक बच्चे को उसकी पहली क्रिकेट ट्रेनिंग से लेकर आईपीएल और उससे आगे तक का सफर तय करवाने वाला एक मजबूत सिस्टम खड़ा करना।
नए दौर के लिए नई तैयारी
जैसे-जैसे क्रिकेट एक तेज़, पेशेवर और वैश्विक खेल बनता जा रहा है, वैसे-वैसे ज़रूरत है ऐसे खिलाड़ियों की जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हों, बल्कि मानसिक रूप से मजबूत और रणनीतिक दृष्टि से भी आगे हों। दिल्ली कैपिटल्स इस बदलाव को समझ रही है और उसी के अनुरूप अगली पीढ़ी को तैयार कर रही है।