असम के गोलाघाट जिले की 20 साल की उमा छेत्री (Uma Chetry) ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। भारत की सीनियर महिला टीम में असम की ओर से चयनित होने वाली पहली खिलाड़ी बनी। बांग्लादेश के खिलाफ खेली जाने वाली सीरीज के लिए उमा का चयन भारतीय टीम में किया गया है।
असम के बोकाखाट के कंदुलिमारी गांव की निवासी उमा के भाई विजय छेत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा,‘‘ हमें यह खबर कल देर रात मिली। हमने आज सुबह उससे बात की है। हम सब खुश है और उस पर काफी गौरवान्वित है।’’ उमा पांच भाई-बहन में सबसे छोटी और इकलौती बहन है। उमा ने जब पहली बार प्लास्टिक का बल्ला उठाया था तभी से क्रिकेट से उन्हें लगाव हो गया था।
विजय ने कहा, ‘‘ जब उसने पहली बार प्लास्टिक का बल्ला पकड़ा था तभी से इस खेल के प्रति उसका रूझान बढ़ गया। जब वह पांचवीं या छठी कक्षा में थी, तब से उसने बोकाखाट स्टेडियम में पेशेवर तरीके से अभ्यास और प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उनकी मां ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी बेटी को वह सारी सुविधाएं मिले जो उनके लिए संभव नहीं हो सका था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उमा सिर्फ इस लिए पीछे ना छूटे क्योंकि वह लड़की है।
उमा की मां ने कहा, ‘‘एक महिला के रूप में मुझे कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ा था। मैं यह नहीं चाहती थी कि वह सिर्फ लड़की होने के कारण वह अपने सपने को पूरा न कर सके। उमा का संबंध एक साधारण परिवार से है। उनके परिवार के सदस्य खेती और दैनिक वेतन भोगी कामों से जुड़े है। वित्तीय समस्याओं ने भी उमा को अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोका।
असम क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष तरंगा गोगोई ने उमा छेत्री के इस उपलब्धि पर असम क्रिकेट एसोसिएशन के तरफ से पांच लाख रुपए का ईनाम दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ओर से उमा छेत्री को सम्मानित करते हुए अपना उत्साह नहीं रोक पा रहा हूं असम क्रिकेट एसोसिएशन के तरफ से भारतीय महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी। उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि के लिए असम क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से 5 लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया।
गोलाघाट जिला खेल संघ के कोषाध्यक्ष अजय शर्मा ने उमा को उसके शुरुआती वर्षों से बोकाखाट स्टेडियम में अभ्यास करते देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘साल 2011-12 के आसपास, हमने पहली बार बोकाखाट हिंदी उच्च विद्यालय की एक लड़की को देखा था, यह स्कूल स्टेडियम के बगल में स्थित है। वह स्कूल के बाद यहां लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी।’’ उन्होने बताया, ‘‘वह जब नियमित रूप से यहां आने लगी तो हमारे कोच ने उससे संपर्क किया। उसकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उसकी पेशेवर कोचिंग शुरू की गई।’’
असम क्रिकेट संघ (एसीए) के पूर्व संयुक्त सचिव रहे शर्मा ने कहा, ‘‘उमा के पहले कोच राजा रहमान और मेहबूब आलम थे और वह अब भी नियमित रूप से आलम के देख-रेख में अभ्यास करती हैं। एसीए ने भी आगे बढ़ने में उसकी मदद की।
उमा भी एसीए गुवाहाटी में है। वह इस सप्ताह के अंत में मुंबई में भारतीय टीम से जुड़ेंगी और फिर बांग्लादेश के मीरपुर के लिए रवाना होंगी। भारतीय टीम बांग्लादेश में नौ जुलाई से शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और इतने ही एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेलेगी।