November 28, 2025
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पटना। बिहार क्रिकेट एक बार फिर गहरे विवादों के केंद्र में है। बिहार क्रिकेट को दोबारा BCCI से मान्यता दिलाने की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक आदित्य वर्मा ने सारण जिला क्रिकेट संघ के साथ हुई कथित अनियमितताओं, जिला इकाइयों की वैधता खत्म करने, और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के मौजूदा नेतृत्व की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि 1935 से बिहार क्रिकेट BCCI का हिस्सा रहा है। विभाजन के बाद जब बिहार क्रिकेट धराशायी हो गया था, तब उसे दोबारा खड़ा करने की लड़ाई मैंने अकेले लड़ी। आज कोई यह दावा नहीं कर सकता कि उसने बिहार क्रिकेट की मान्यता के लिए अदालतों में कदम रखा हो। सिविल कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट, पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लगातार संघर्ष किया, जिसके फलस्वरूप बिहार को फिर से BCCI की मान्यता मिली।
सारण जिला के अन्याय पर बोला तीखा हमला
BCA के मौजूदा सेटअप पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुराने जिला क्रिकेट संघों को समाप्त कर उनकी जगह अवैध जिला इकाइयों का निर्माण कर दिया है, जिससे सबसे अधिक नुकसान सारण जिला क्रिकेट संघ को हुआ है।
उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि सारण… मेरे सारण जिले के क्रिकेट संघ के साथ चोरी नहीं, डकैती नहीं, एक तरह का रेप किया गया है। आज सारण के एक भी बच्चे को बिहार टीम में जगह नहीं मिल रही। क्या यही न्याय है?
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 1994 में भारतीय टीम के स्टार रविश शास्त्री को इंटर स्कूल फाइनल में सारण लाने का कार्य भी उन्होंने ही किया था, जो सारण की समृद्ध क्रिकेट परंपरा का प्रमाण है।
सुप्रीम कोर्ट में जारी है जिला इकाइयों की लड़ाई
उन्होंने बताया कि वर्तमान विवाद अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस एल. नागेश्वर राव समिति के समक्ष है, जहां कई जिलों ने यह शिकायत दर्ज कराई है कि BCA के मौजूदा नेतृत्व ने जिला संघों के अधिकार पूरी तरह छीन लिए हैं। आज हर जिला अदालत के सामने अपनी आवाज उठा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा चोट सारण को लगी है।
सारण को उसका हक दिलाकर रहूंगा
आदित्य वर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे करवाए गए ताकि वो इससे पीछे हट जाए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बहुत जल्द वापस आ रहा हूँ। केस फाइल करना मुझे कोई सिखाएगा नहीं। मैंने ही बिहार को दोबारा मान्यता दिलाई है। सारण को उसका सम्मान और अधिकार वापस दिलाकर ही रहूंगा। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में सारण जिला क्रिकेट संघ दोबारा खड़ा होगा और BCCI से इंडोर फैसिलिटी भी सारण ही लेगा।
उनके बयान ने बिहार क्रिकेट प्रशासन में हलचल तेज कर दी है। जिला मान्यता, चयन प्रक्रिया, खिलाड़ियों के अवसर और संरचनात्मक पारदर्शिता को लेकर बहस और तेज होने की संभावना है।