पटना,7 अप्रैल 2023 :- बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा ज्ञान भवन में आयोजित एक सम्मान सह सेमिनार समारोह में देश के प्रसिद्ध पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी और भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य प्रशिक्षक श्री पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) तथा द्रोणाचार्य पुरस्कृत एथलेटिक्स प्रशिक्षक श्री एन रमेश को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया l
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित बैडमिंटन प्रतिभा खोज में शामिल हुए पुलेला गोपीचंद
स्वागत समारोह में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री रविन्द्रण शंकरण ने जानकारी देते हुए कहा कि खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित, हाल ही में सम्पन्न हुए बैडमिंटन प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में चयनित बिहार के प्रतिभावान युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों को, प्रशिक्षण देने के सिलसिले में गोपीचंद बिहार आए हुए हैं । बिहार सरकार खेल और प्रतिभावान खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए हाल ही में खेल नियुक्ति योजना और खेल छात्रवृत्ति योजना जैसी की प्रभावशाली योजनाएं लागू कर चुकी है ।
देश विदेश के प्रसिद्ध एवं योग्य प्रशिक्षकों द्वारा बिहार के विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था करना भी सरकार की प्रगतिशील खेल नीति का ही हिस्सा है । बिहार में खिलाड़ियों के जुनून और सरकार के प्रयास से बिहार में एक खेल आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है और इसके बेहतर परिणाम भविष्य में जरूर नजर आएंगे ।
कार्यक्रम के दौरान रविन्द्रण शंकरण के साथ अनौपचारिक बातचीत के कार्यक्रम में गोपीचंद ने कहा कि बिहार के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है और उचित प्रशिक्षण से इनमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने की पूरी संभावना है । बिहार के ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर तराशने में मुझे बहुत खुशी होगी ।
पुलेला गोपीचंद एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और वर्तमान में भारत के बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय प्रमुख कोच हैं। 2001 में, वह ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। उन्होंने अपने खेल के दिनों के बाद प्रशिक्षक बन कर गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत की जिससे साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, साई प्रणीत, पी. कश्यप और किदांबी श्रीकांत जैसे कई प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रशिक्षित हुए हैं।
एक खिलाड़ी और कोच के रूप में अपने शानदार करियर के दौरान, श्री गोपीचंद को 1999 में अर्जुन पुरस्कार, 2001 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, 2005 में पद्म श्री, द्रोणाचार्य पुरस्कार (2009) और 2014 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में लकी ड्रॉ के द्वारा प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में चयनित दो लड़के और दो लड़कियों सहित चार खिलाड़ियों को चुना गया जिन्हे गोपीचन्द के साथ एक सांकेतिक मैच खेलने का अवसर मिलेगा ।
कार्यक्रम के अंत में सभी आमंत्रित अतिथियों और मीडिया बंधुओं का धन्यवाद करते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक श्री पंकज राज ने कहा कि ऐसे प्रसिद्ध प्रशिक्षकों द्वारा बिहार के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किए जाने पर खिलाड़ियों का हौसला और स्तर निश्चित रूप से काफी ऊंचा हो जाएगा जिससे खिलाड़ी बेहतर परिणाम दे सकेंगे । आगे उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को हाल ही में एक स्वायत्त संस्था के रूप में मान्यता मिलने के बाद बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के प्रति खेल प्राधिकरण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है ।
इस जिम्मेददारी को बेहतर तरीके से निभाते हुए निरंतर विभिन्न खेलों में बुनियादी स्तर पर प्रतिभा खोज प्रतियोगिताओं , प्रखण्ड से लेकर राज्य स्तर तक की खेल कूद प्रतियोगिताओं तथा योग्य एवं प्रसिद्ध प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर द्वारा बिहार के प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को तलाशने एवं तराशने का प्रयास किया जा रहा है ।
इस सम्मान समारोह में बिहार तलवारबाज़ी संघ के सचिव रामाशंकर प्रसाद, बिहार रग्बी संघ के सचिव पंकज ज्योति, बिहार कुश्ती संघ के सचिव विनय सिंह,बिहार सॉफ्टबॉल संघ के संयुक्त सचिव रूपक कुमार, ज़िला खेल पदाधिकारी श्री ओमप्रकाश उपस्थित रहे।