क्रिकेट का सबसे ज्यादा पैसों वाला टूर्नामेंट आईपीएल 2023 (IPL 2023) सीजन का आगाज 31 मार्च से होने जा रहा है। पहला मुकाबला महेंद्र सिंह धोनी के चेन्नई सुपर किंग्स और हार्दिक पांड्या के गुजरात टाइटंसI इस लीग में सभी टीमों के फ्रेंचाइजी जो अपने टीम और खिलाड़ियों पर करोड़ों खर्च करते हैं तो उनकी कमाई इस लीग के जरिए कैसे होती है? तो चलिए जानते कैसे मालामाल होती है सभी फ्रेंचाइजी-
फ्रेंचाइजियों को सेंट्रल रेवेन्यू, प्रमोशनल रेवेन्यू और लोकल रेवेन्यू के जरिए मोटी कमाई होती है। सेंट्रल रेवेन्यू में मीडिया ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और टाइटल स्पॉन्सरशिप का पैसा लगा होता है, जो बोर्ड और फ्रेंचाइजी के बीच 50-50 प्रतिशत के बराबर हिस्सेदारी पर होता है।
इसके अलावा दूसरा प्रोमोशनल यानि विज्ञापन रेवेन्यू होता है। जिससे टीमों को अपनी लागत से 20 से 30 प्रतिशत तक कमाई होती है। वहीं अंत में लोकल रेवेन्यू आता है। लोकल के तहत टीमों को 10 प्रतिशत तक कमाई होती है। जिसमें टिकट बिक्री सहित अन्य चीजें शामिल होती हैं।
टिकट बिक्री से कैसे होता है फ्रेंचाइजियों को फायदा
एक टीम को अपने घरेलू मैदान पर लगभग 7-8 मुकाबले खेलने होते हैं। इसमें टिकट बिक्री का 80 प्रतिशत फ्रेंचाइजी अपने पास रखती है और 20 प्रतिशत बोर्ड को देती है। सिर्फ टिकट बिक्री से फ्रेंचाइजियों के राजस्व में 10 से 15 प्रतिशत तक कुल फायदा होता है।
एक फ्रेंचाइजी का खर्च
आईपीएल में भाग लेने वाली सभी 10 फ्रेंचाइजी में से किसी एक फ्रेंचाइजी के खर्च पर नजर डालें तो 90 करोड़ रुपये टीम पर्स में होते हैं। जिसे खिलाड़ियों पर खर्च करना होता है। जबकि 35 से 50 करोड़ रुपये ऑपरेशंस में खर्च होते हैं। इस तरह एक सीजन में फ्रेंचाइजी का खर्च करीब 130 करोड़ रुपये का होता है।