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KRIDA NEWS

पटना जिला जूनियर डिवीजन लीग का कार्यक्रम घोषित, 14 मार्च से दो मैदान पर खेला जाएगा लीग का मैच

पटना जिला क्रिकेट संघ के तत्वावधान में आयोजित होने वाले जूनियर डिवीजन लीग मैच का कार्यक्रम की घोषणा की गई है। होली के बाद लीग का पहला मैच 14 मार्च को संजय गांधी स्टेडियम में खेला जाएगा। 

इसकी जानकारी जूनियर डिवीजन के संयोजक अमित कुमार यादव ने देते हुए बताया कि 15 मार्च से दो मैदान पर मैचों का आयोजन किया जाएगा। सभी मैच प्रातः 9:00 बजे से खेला जाएगा। सभी क्लब 8:30 बजे तक मैदान में रिपोर्ट करेंगे।

विस्तृत कार्यक्रम निम्नांकित है

संजय गांधी स्टेडियम , गर्दनीबाग

14 मार्च- एल बी एस सी सी  वर्सेस एन एम सी सी

15 मार्च- पीरमुहानी वर्सेस एवरग्रीन क्रिकेट क्लब

16 मार्च- वाई ए सी सी ,मीठापुर वर्सेस ईगल क्रिकेट क्लब

17 मार्च- नेशनल क्रिकेट क्लब वर्सेस बलेज क्रिकेट क्लब

18 मार्च- वी एन एलेवेन वर्सेस जे पी सी सी

पटना हाई स्कूल मैदान

15 मार्च- कुमार क्लब वर्सेस वाय ए सी, राजेंद्र नगर 

16 मार्च- मालसलामी एकादश वर्सेस जक्कनपुर क्रिकेट क्लब

17 मार्च- भवर पोखर क्रिकेट क्लब वर्सेस वीनू मांकड क्रिकेट क्लब

18 मार्च- एफ सी आई वर्सेस शीश महल

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Hayman Trophy के लिए गया की टीम का ऐलान, मंगल महरौर को बनाया गया कप्तान

Hayman Trophy: बीसीए द्वारा आयोजित हेमन ट्रॉफी के लिए गया की टीम का ऐलान कर दिया गया है। गया जिला क्रिकेट संघ द्वारा चयनित 20 खिलाड़ियों की टीम हेमन ट्रॉफी अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए शनिवार को नालंदा रवाना हुई। टीम को गया जिला के खेल पदाधिकारियों ने जर्सी प्रदान कर उत्साहपूर्वक विदा किया।

इस मौके पर डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर राहुल कुमार, गया जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुरभि बाला, गया जिला क्रिकेट संघ अध्यक्ष पुलस्कर सिंह और सचिव असद शाहीन उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और जिले के लिए शानदार प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।

टीम के कोच शुभम कुमार के नेतृत्व में खिलाड़ी नालंदा पहुंचे, जहां रविवार को उनका पहला मुकाबला शेखपुरा के खिलाफ खेला जाएगा।

गया की टीम इस प्रकार है:

मंगल महरौर (कप्तान), गौतम कुमार (उप कप्तान), प्रीतम राज, रंजन राज (विकेटकीपर), नीतीश कुमार, उज्जवल कुमार, निक्कू कुमार, कुश प्रताप, सिद्धार्थ कुमार, शशि शेखर, नीतीश कुमार सिंह, मनदीप यादव, अविनाश कुमार, प्रवीण प्रकाश, सुभल यादव, अभिषेक रहाणे, सनी सोनी, यशस्वी शिवम, संदीप कुमार, अभिषेक।

टीम के चयन और आयोजन में गया जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी ऑब्जर्वर प्रियंका कुमार, ऑब्जर्वर राजेश कुमार, उपाध्यक्ष दिवेश आनंद, उपसचिव अशोक यादव और कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार तिवारी भी उपस्थित रहे।

गया टीम से इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, और सभी खिलाड़ियों को अपने जिले का नाम रोशन करने का अवसर मिला है।

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BCA की नाकामी, अर्श से फर्श पर पहुंचा Bihar Cricket; रणजी ट्रॉफी में एलीट से प्लेट ग्रुप में हुई वापसी

Bihar Cricket: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी 2024-25 में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बिहार की टीम एलीट ग्रुप से फिर से प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। बिहार को इस सीजन में एक भी जीत नहीं मिली। बिहार का यह हाल देखकर लग रहा है कि बिहार की टीम और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अर्श से फर्श पर पहुंच गई है।

बिहार की टीम को इस सीजन में सात मैचों में एक भी जीत नसीब नहीं हुई, जबकि पांच बार पारी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बिहार जो पिछले सीजन तक एलीट ग्रुप में बना हुआ था। अब इस सीजन से प्लेट ग्रुप में लौटने को मजबूर हो गया है। यह नाकामी सिर्फ हार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। जिस राज्य ने एक समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए, वहां अब क्रिकेट का स्तर लगातार गिर रहा है। क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बिहार के वैभव सूर्यवंशी बिहार छोड़ने का मन बना चुके हैं। 

लचर व्यवस्था के कारण वैभव छोड़ सकते हैं बिहार

यह वही वैभव सूर्यवंशी हैं, जिसको बीसीए ने महज 13 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करवाकर मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई थी। अब यही खिलाड़ी राज्य छोड़ने का मन बना चुका है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में मिली नेम-फेम के बाद अब वो बिहार छोड़कर दूसरे राज्य से अवसर तलाश रहे हैं। बिहार में क्रिकेट के गिरते स्तर और लचर व्यवस्था को देखते हुए वैभव आने वाले सीजन में दूसरे राज्य से खेलते दिख सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैभव अगले सीजन में तमिलनाडु से खेल सकते हैं। हालांकि यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है।

बिहार में गिरता क्रिकेट का स्तर

बिहार में क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस साल बिहार की टीम सात मुकाबले में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। बिहार की टीम को घर से बाहर तो करारी शिकस्त झेलनी ही पड़ी लेकिन घर में भी हार का सामना करना पड़ा। अशुतोष अमन के संन्यास के बाद बिहार की गेंदबाजी में पैनापन नहीं दिखा, जिसके कारण विपक्षी टीमों ने रनों का अंबार लगा दिया। बड़े स्कोर के सामने बिहार के बल्लेबाज बौने साबित हुए, जिस कारण बिहार को पांच मैचों को पारियों से हार का सामना करना पड़ा।

रणजी ट्रॉफी 2024-25 में ऐसा रहा है बिहार का प्रदर्शन

2022-23 में प्लेट ग्रुप का फाइनल जीतकर बिहार की टीम पहुंची थी एलीट ग्रुप में

Ranji Trophy 2022-23 - How Bihar won the Ranji Plate title

बिहार की टीम ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया था। प्लेट ग्रुप के फाइनल में बिहार ने मणिपुर को 220 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। बता दें, यह मुकाबला पटना के मोइनउल हक स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल जीतने के बाद बिहार की टीम प्लेट ग्रुप से एलीट ग्रुप में पहुंची थी। लेकिन दो सीजन में ही बिहार को बड़ी टीमों ने बता बिहार क्रिकेट का लेवल क्या है।

जहां से सफर शुरू हुआ था फिर से वहीं पहुंची बिहार की टीम

2018 में पूर्ण मान्यता मिलने के बाद बिहार की टीम को भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति मिल गई। इस सीजन में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की मुंबई से हारकर क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बाहर हुई थी। वहीं रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। उसके बाद बिहार क्रिकेट में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन गुटबाजी, कोर्ट केस और तरह-तरह के मामले भी सामने आने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में क्रिकेट की गति पर फिर से ब्रेक लग गई।

Bihar Cricket Association Ready for 2024-25 Ranji Trophy Elite C Campaign

हालांकि बिहार की टीम ने 2022-23 में प्लेट ग्रुप में फाइनल मुकाबला जीतकर यह साबित कर दिया कि टीम अब बड़े मैचों के लिए तैयार हैं। लेकिन बड़े मैच मिलते ही टीम की पोल खुल गई। एक समय ऐसा लग रहा था कि बिहार क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण टीम वहीं की वहीं रह गई। जिसका खामियाजा ये हुआ कि खिलाड़ी भी एकजुट नहीं रह पाए। खिलाड़ियों में यह डर बना रहता था कि उनको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं। उसके अलावा खिलाड़ियों का कैंप भी मुकाबले से महज कुछ दिन पहले ही लगाया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी का प्रदर्शन क्या होगा और बड़े मैचों में किस तरह परफॉर्म करेंगे। इसका आंकलन आप खुद भी कर सकते हैं।

BCA से आखिर गलती कहां हो रही है?

  1.  प्रशासनिक लचरता: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर गुटबाजी और राजनीति हावी है। क्रिकेट मैदान में कम और कोर्ट में ज्यादा खेले जा रहे हैं। वहीं इसके अलावा पदों की लड़ाई चल रही है।
  2. सही रणनीति का अभाव: दूसरे राज्यों में रणजी की तैयारी पूरे साल चलती है, लेकिन बिहार में सीजन से ठीक पहले शिविर लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
  3. कोचिंग और ट्रेनिंग की कमी: बिहार में आज भी कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम की हालत खराब है। खिलाड़ियों को अपने दम पर सुधार करना पड़ता है।
  4. घरेलू क्रिकेट का कमजोर ढांचा: बिहार में डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की संख्या कम है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल पाता।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) से कुछ सवाल?

  • 2018 में बिहार को पूर्ण मान्यता मिली, लेकिन तब से लेकर अबतक एसोसिएशन में क्रिकेट को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को क्यों नहीं मिला?
  • लगातार गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोप से कब बाहर निकलेगी बीसीए?
  • क्रिकेट में राजनीति का क्या काम?
  • बिहार के कोचिंग स्टाफ में अब तक कोई बड़ा नाम क्यों नहीं जुड़ा?
  • क्यों नहीं है बिहार में कोई मजबूत क्रिकेट एकेडमी? जबकि झारखंड में JSCA स्टेडियम और क्रिकेट सिस्टम काफी मजबूत है।

ऐसे सुधर सकता है बिहार क्रिकेट

  • BCA को आरोपों से बचते हुए क्रिकेट पर ध्यान देना होगा। क्रिकेट के हित में फैसले लेने होंगे।
  • घरेलू टूर्नामेंट और कोचिंग सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • युवा खिलाड़ियों को बेहतर मौके देने होंगे।
  • रणजी ट्रॉफी के लिए लंबी अवधि की योजना बनानी होगी।
  • बीसीए को एडमिनिस्ट्रेशन में भी सुधार करना होगा।

क्या खतरे में बिहार क्रिकेट का भविष्य?

बिहार क्रिकेट इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लगातार हार, खराब प्रबंधन और खिलाड़ियों के पलायन की समस्या क्रिकेट को पूरी तरह से कमजोर बना दिया है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बिहार क्रिकेट का भविष्य गर्त में चला जाएगा। BCA को अब सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए काम करना होगा। नहीं तो आने वाले समय में बिहार से कोई क्रिकेटर नहीं निकल पाएंगा। भारतीय टीम में जगह बनाना तो दूर आईपीएल तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उम्मीद है कि इस सीजन के बाद बीसीए कोई ठोस उपाय करेगी और फिर से टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचाने के लिए एकजुट करेगी।

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क्रिक क्रैश स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मे पहुंची क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार और स्कूल क्रिकेट एकेडमी

पटना: क्रिक क्रैश स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार और स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने शानदार जीत दर्ज की और फाइनल में स्थान बनाने में सफल रहे। अब दोनों के बीच फाइनल में भिड़ंत होगी।

पहले मैच में टॉस जीतकर स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने बल्लेबाजी का फैसला लिया। 24 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 197 रन बनाकर टीम ने चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। इसमें बतन प्रकाश ने 52 और रवि शंकर ने 33 रन की महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के गेंदबाज मनजीस वर्मा ने 3 विकेट और निकेश ने 2 विकेट झटके।

जवाब में, क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। आयुष राज ने 81 और निकेश ने नाबाद 61 रन की पारी खेली। क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार ने 15.5 ओवर में 2 विकेट पर 203 रन बनाकर 8 विकेट से जीत हासिल की। निकेश को उनके ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए ‘मैन ऑफ दी मैच’ का पुरस्कार दिया गया।

दूसरे मैच में, लॉर्ड्स क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 158 रन बनाए। इसमें अभिनव ने 87 और आर्यन ने 17 रन बनाए। स्कूल क्रिकेट एकेडमी के गेंदबाज प्रतीक सिन्हा ने 5 विकेट और सुशांत ने 2 विकेट झटके।

जवाब में, स्कूल क्रिकेट एकेडमी ने 15.3 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 161 रन बनाकर 7 विकेट से जीत दर्ज की। लॉर्ड्स क्रिकेट एकेडमी के गेंदबाज आलोक कुमार यादव ने 2 विकेट लिए। प्रतीक सिन्हा को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए ‘मैन ऑफ दी मैच’ का पुरस्कार मिला।

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Ranji Trophy: विदर्भ के इस खिलाड़ी ने तोड़ा बिहार के आशुतोष अमन का रिकॉर्ड, रणजी के रण के किया कमाल

Ranji Trophy: विदर्भ के हर्ष दुबे ने बिहार के आशुतोष अमन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हर्ष दुबे ने निधीष को आउट करके यह कारनामा किया। बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में हर्ष दुबे ने दो विकेट लेते ही एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी की बराबरी कर ली है। हर्ष ने फाइनल मुकाबले के तीसरे दिन लंच से पहले दो विकेट लेकर बिहार के आशुतोष अमन की बराबरी कर ली है। वहीं लंच के बाद 1 विकेट लेते ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी में नया इतिहास रच दिया है।

हर्ष दुबे ने विदर्भ को लंच से पहले दो सफलता दिलाई। हर्ष ने तीसरे दिन सबसे पहले आदित्य सरवटे को आउट करके विदर्भ को थोड़ी राहत दिलाई। उसके बाद हर्ष ने सलमान नजीर को आउट करके रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में आशुतोष अमन की बराबरी की।

चायकाल के बाद हर्ष दुबे ने एक विकेट लेकर रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। हर्ष ने आशुतोष अमन के रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान रच दिया। हर्ष ने निधीष को आउट करके सीजन का 69 विकेट लिया।

रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज

  • 1. हर्ष दुबे (विदर्भ) – 69 विकेट (2024/25)
  • 2. आशुतोष अमन (बिहार) – 68 विकेट (2018/19)
  • 3. जयदेव उनादकट (सौराष्ट्र) – 67 विकेट (2019/20)
  • 4. कंवलजीत सिंह (हैदराबाद) – 59 विकेट (1999/00)
  • 5. डी ए जडेजा (सौराष्ट्र) – 59 विकेट (2018/19)
  • 6. शाहबाज नदीम (झारखंड) – 56 विकेट (2018/19)

हर्ष दुबे को पहली बार सभी रणजी मैच खेलने का मौका मिला 

यह दुबे का पहला पूर्ण रणजी सीज़न है। बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर के रूप में हर्ष को मौका इसलिए मिला कि दो बार के रणजी विजेता आदित्य सरवटे विदर्भ छोड़कर केरल चले गए। जिसका हर्ष दुबे के पूरा फायदा उठाया और रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में 7 बार पांच विकेट लिए। जबकि 2 बार 10 विकेट हॉल भी पूरे कर चुके हैं।

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