पटना: पटना जिला क्रिकेट संघ तदर्थ समिति के सदस्य रहबर आबदीन ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के पदाधिकारियों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार के क्रिकेट को रसातल में लेने जाने के धंधे पर विराम लगाएं। आपके द्वारा किये जा रहे गैर संवैधानिक व गैर कानूनी कार्यों और मनमानी को बर्दाश्त करने की शक्ति बिहार क्रिकेट जगत में अब नहीं रही, इसीलिए गैर संवैधानिक, गैरकानूनी और मनमाने तरीके से संगठन को चलाने वालों से मुक्त कर स्वच्छ बिहार क्रिकेट संघ बनाने के लिए अब यलगार होगा, जिसकी शुरुआत पटना जिला से होगी।
क्रिकेट प्रशासक रहबर आबदीन ने जिला संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि कब तक मनमानी सहते रहेंगे। आप सभी आगे आएं और एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बीसीए की सत्तासीन पदाधिकारियों व अधिकारियों का हस्तक्षेप जिला संघों में दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है और हर जिला संघ के पदाधिकारी आपस में लड़ाई कर रहे है। इस लड़ाई से वहां का क्रिकेट बर्बाद हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हद हो गई है जब मन किया जिला में निर्वाचित पदाधिकारी को हटा कर तदर्थ समिति बना दिया। जब इच्छा हुई किसी को पद से हटा दिया और किसी को पद पर बिठा दिया। पटना समेत कई जिलों में बीसीए ने लंबे अंतराल से तदर्थ समिति बना कर वहां के क्रिकेट के माहौल को खराब करने में जुटे हैं बीसीए के लोग।
उन्होंने बीसीए अध्यक्ष समेत पदाधिकारियों से सीधा सवाल किया है कि किसी भी जिला में तदर्थ समिति आखिर कब तक? उसकी भी सीमा होती है। उन्होंने कहा कि संघ और संगठन लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलता है तो वहां विकास की गति तेज रहती है, पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के वर्तमान पदाधिकारियों ने तो संगठन की लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
रहबर आबदीन ने बीसीए के वित्तीय कार्यों पर हमला बोलते हुए कहा कि एचडीएफसी बैंक से जो निकासी की जा रही, वह कहां-कहां खर्च हुए या बांटा गया, इसका कोई अता-पता नहीं। उन्होंने कहा कि बीसीए में आज हाल यह है कि खाता न बही-जो बीसीए के लोग कहें वही सही, यह अब नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आखिर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अपने वित्तीय समेत अन्य चीजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करता है?
उन्होंने बीसीए के कुछ बड़े अधिकारियों खास कर वैसे लोग जिनके हस्ताक्षर से पैसों की निकासी की जा रही, पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पैसा किस आधार या नियम के तहत निकाला जा रहा है। बैंक के पदाधिकारियों को गुमराह कर पैसों की निकासी कर बंदरबाट किया जा रहा है। उन्होंने कुछ पदाधिकारियों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्ता में कोई हो, पर ये अधिकारी सत्ता के करीब रह कर हमेशा मजे में रहते हैं। बातें तो ये सभी खुद ईमानदार बनने और संविधान की रक्षा करने की करते हैं ,पर सत्ता के करीब रहते हुए सारे गैर संवैधानिक कार्य इनकी सलाह से ही होता है। चाहे वह टीम चयन का हो या कुछ अन्य फैसले।
रहबर आबदीन ने कहा कि यह कहां का नियम है जो निर्वाचित होकर आये, उसे हटा दिया जाए। उन्होंने सचिव मुक्त बिहार क्रिकेट संघ रखने की मुहिम शामिल उन तमाम लोगों चाहे वह अध्यक्ष हो, या उपाध्यक्ष या कोई से सीधा सवाल किया कि जिस तरह बिहार क्रिकेट संघ के जिला यूनिटों ने अध्यक्ष या किसी अन्य पदाधिकारी को चुन कर भेजा है ठीक उसी तरह सचिव को भी। तो फिर उसे हटाने वाले आप सभी कौन होते हैं। हटाने का भी हकदार जिला यूनिट ही है। चंद लोगों के हस्ताक्षर करा कर हटाने का तुगलकी फरमान जारी करना अब बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा संवैधानिक कार्य करने वालों व कानूनी के साथ देने वालों के साथ कंधा से कंधा मिला कर चला हूं और आगे भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के संविधान के अनुसार ही काम करुंगा और संविधान के अनुसार काम करने वालों के साथ रहूंगा।