पटना जिला क्रिकेट संघ में आपसी विवाद के कारण जिला के क्रिकेट का स्तर गिरता ही जा रहा है। पटना जिला क्रिकेट का हाल ऐसा हो गया है कि जिला संघ अपने खिलाड़ियों पर लगाम भी नहीं लगा पा रहे हैं। अभी हालिया मामले में पटना का खिलाड़ी एक दिन पटना जिला लीग खेलते हैं और अगले ही दिन जहानाबाद से जिला लीग खेलते हैं, क्या अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है? या सब कुछ देखते हुए भी आंख बंद किए हुए है।
पंचशील क्लब से अनुबंधित खिलाड़ी 9 फरवरी को पटना जिला सीनियर डिवीजन लीग खेलते हैं और इसके 3 दिन बाद यही खिलाड़ी जहानाबाद से सीनियर डिवीजन लीग राइजिंग क्रिकेट क्लब की ओर से 12 फरवरी को खेलते हैं। इसका ज्ञात क्रिकहीरोज ऑनलाइन स्कोरिंग एप्प के जरिए हुआ। क्रिकहीरोज एप्प पर खिलाड़ी के मैच को देखकर तो इसका खुलासा हुआ।
पटना क्रिकेट में शामिल लोगों ने बताया कि पटना जिला क्रिकेट में संघ में ना जाने कितने महीनों से एडहॉक कमिटी लगा हुआ है। यहां चुनाव कब होगा किसी को कुछ पता नहीं है। जब तक चुनाव नहीं होगा तब तक पटना में क्रिकेट की स्तिथि ऐसी ही रहने वाली है। लोगों ने आगे कहा कि जब से पटना जिला क्रिकेट संघ का क्रिकेट बेपटरी हुआ तब से बिहार क्रिकेट की दिशा और दशा भी खराब हो गई है और उन्होंने बिहार क्रिकेट संघ से चुनाव करवाने की मांग भी की है। अब बिहार क्रिकेट संघ बताए कि चुनाव 2008 के पैटर्न पर होगा या 2018 के पैटर्न पर या एडहॉक कमिटी ही बरकरार रहेगी।
अगर बिहार में ऐसी ही स्थिति रही तो क्रिकेट कैसे सुधेरगी और इन सब के बीच में खिलाड़ियों का भविष्य फिर एकबार अधर में नजर आ रहा है।





महिला वर्ग: श्रेया रमेश (कप्तान), नेहा यादव (उपकप्तान), श्रुति प्रिया (मुजफ्फरपुर), जूही (मुजफ्फरपुर), दिव्या (पटना), स्नेहा (पटना), सोनाल्या राज (नालंदा), आराध्या नारायण (पटना), पीहू सिंह (पटना), ईशा नंदिनी (पटना), ज्योति कुमारी सिंह (पटना), प्रिया वर्मा (पटना), बीबीयाना बेक (भोजपुर), नीलू कुमारी (पटना), नंदिनी (पटना), श्रेया कुमारी (पटना)। सुरक्षित खिलाड़ी: सारा अंजलि (पटना), ईशा कुमारी (पटना), अनम मेहता (पटना), अनन्या (पटना)। कोच: राजेश कुमार और मैनेजर: तनु प्रिया।

