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KRIDA NEWS

बिहार क्रिकेट में इन तीन बंदरों से खिलाड़ी और पदाधिकारी रहें सावधान :- संजय सिंह

पटना। बीसीसीआई अपने घरेलू सत्र- 2021-22 की आगाज आगामी 28 सितंबर 2021 से अंडर-19 पुरुष वर्ग वीनू माकड़ ट्रॉफी और महिला वर्ग अंडर-19 वीमेंस एकदिवसीय टूर्नामेंट से करने जा रही है। 

जिसमें बिहार क्रिकेट संघ द्वारा चयनित 22 सदस्यीय बिहार अंडर-19 पुरुष व महिला वर्ग की टीम सहित सभी सपोर्टिंग स्टाफ कल 20 सितंबर को मोहाली और विशाखापट्टनम पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।

जिसके बाद बीसीए टूर्नामेंट कमेटी के चेयरमैन संजय सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बिहार के नवोदित खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित कर अपने अस्तित्व बचाने के लिए राजनीति का शिकार बनाने वाले गिरोह पर हमलावर हो गए हैं और उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये तीनों बहुरूपीए ऐसे हैं जो बिहार की अस्मिता और नवोदित खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में हीं विश्वास रखते हैं यही इनकी विशेष पहचान है। 

वहीं बिहार क्रिकेट की बात करें तो ये तीनों बहुरूपीए बिहार क्रिकेट में तीन बंदरों की भांति हीं कार्य कर रहे हैं। जिनकी विशेष पहचान यह है कि पहला बंदर बोलता है कि ऐसा गैर जिम्मेदारी काम करो जिसे बिहार क्या पूरा देश-दुनिया अपनी खुली आंखों से देखे।

दूसरा बंदर बोलता है कि ऐसा मनगढ़ंत झूठ बोलो जिस पर खिलाड़ी क्या पूरा देश-दुनिया विश्वास कर लें। जबकि तीसरा बंदर ऐसा कार्य में विश्वास रखता है कि अपनी दोनों कानों को इस कदर बंद कर लो की सच्चाई की कोई गूंज दूर-दूर तक सुनाई ना दें और पहला व दूसरा बंदर के बताए गए रास्ते पर आगे चलते रहो। जो बापूजी के तीन बंदर के ठीक विपरीत कार्य करते हैं।

श्री सिंह ने आगे कहा कि ऐसे विचित्र इंसान से हम- आप और सभी खिलाड़ियों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है जो हमेशा अलग-अलग रूप में अपना वेशभूषा बदलकर लोगों के समक्ष जाते हैं और कभी आपको जातीय बंधन से जोड़ने का काम करेंगे, तो कभी आपको बीसीए के शीर्ष पदाधिकारी बनाने का प्रलोभन भी देंगे, कभी खुद को सीएबी का पदाधिकारी बताएंगे, तो कभी सारण में जाकर खुद को बीसीए का पदाधिकारी बताएंगे, कभी बीसीसीआई के बड़े-बड़े पदाधिकारियों से अपनी खास निजी संबंध बताएंगे, तो कभी माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का पाठ्य भी पढ़ाएंगे।

लेकिन सच्चाई यह है कि इस गिरोह के सरगना को समाज व खेल के विकास से कोई लेना-देना  नहीं बल्कि इनकी मंशा साफ है कि लोगों को गुमराह कर बीसीए में फूट डालो शासन करो की नीति के तहत अपने अस्तित्व को कैसे बचाया जाए।

 इस कुकृत्य में इस कदर अंधा हो गये हैं कि सही- गलत का आकलन भी नहीं कर पा रहे हैं।

 तभी तो छपरा में अंडर-19 पुरुष वर्ग के कैंप का उद्धघाटन जब बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकेश्वर प्रसाद ने की है तब से इनकी एक आंख में बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी भाजपाई समर्थक नेता नजर आते हैं।  

वहीं इनकी दूसरी आंखों में प्रेम रंजन पटेल भाजपाई समर्थक नेता नहीं बल्कि किसी अन्य पार्टी के समर्थक नेता नजर आ रहे हैं क्या यही सच्चाई है।

जबकि इससे पूर्व भी पिछले लोगों के कार्यकाल में मोइनुल हक स्टेडियम में  पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व मंगल पांडे सहित अन्य नेतागण खिलाड़ियों का हौसला अफजाई कर चुके हैं। तो क्या उस समय खेल में राजनीतिकरण नहीं हो रही थी। फिर तो बात वही हो गई कि हम करे तो राम की लीला और दूसरे करें तो रास लीला, वाह रे खेला।

इस कृत्य से इनकी मंशा समझी जा सकती है कि बिहार के नौनिहाल खिलाड़ियों को गुमराह कर जो फर्जी ट्रायल लिया गया उस फर्जी ट्रायल में भी वैसे लोगों को चयनकर्ता बनाया जो बिहार को शर्मसार कर देने वाली घटना ऑपरेशन क्लीन बोल्ड की स्ट्रिंग ऑपरेशन में शामिल थें।

आखिर ऐसा होना भी लाजमी है क्योंकि इस फर्जी ट्रायल के सरगना खुद उस स्ट्रिंग ऑपरेशन के एक बड़ा हिस्सा थें। 

जबकि बड़े हास्यप्रद बात है यह कि इस स्ट्रिंग ऑपरेशन के मास्टरमाइंड जिनका चरित्र हमेशा बीसीए की छवि को धूमिल कर बीसीसीआई के पटल से बीसीए का नामो-निशान मिटाने का रहा है वो आजकल इनके विशेष शुभचिंतक और सहयोगी बने हुए हैं।

मतलब साफ है कि ये सभी बरसाती मेंढक की तरह क्रिकेटिंग सीजन में अपने चारदीवारी से बाहर निकलकर निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए लोगों बीसीए को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से तरह-तरह के हथकंडे आजमाते हुए खेल और खिलाड़ियों का हितकर बनने का घड़ियाली आंसू बहाते फिरते हैं।

जबकि वास्तविक रूप में ये लोग अपने पुत्र मोह में फंसे हुए हैं कोई अपने पुत्र को बीसीए का पदाधिकारी बनाना चाहते हैं तो कोई बिहार की टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिलाना चाहते हैं।

संजय सिंह ने कहा कि आज बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी जी के नेतृत्व में बिहार क्रिकेट संघ नित्य- निरंतर ऊंचाइयों को छू रहा है और बीसीए अध्यक्ष तमाम बाधाओं को काटते हुए आगे बढ़-चढ़कर खेल और खिलाड़ियों के हित में कार्य कर नकारात्मक शक्तियों ध्वस्त करते हुए उनके दांत खट्टे कर रहे हैं।

मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर इतनी बेचैनी क्यों है? मौका तो आपको भी मिला था लेकिन आपने  क्या किया ? आपके समय में रातों-रात जिला बदले जाते थें जिस डंस को आज तक जिला पदाधिकारी भूले नहीं हैं और अगर आप इतने हीं खेल व खिलाड़ियों के हितकर हैं तो ऐसा गंदा खेल में खेल क्यों ?  बीसीए के विकास में बाधा डालने के लिए बीसीए अकाउंट को बंद कराया गया क्यों ? बारंबार जिला पदाधिकारियों को गुमराह करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है क्यों ?

जब इस प्रकार के असंवैधानिक कार्यों में यह गिरोह नाकाम रहा तो अपने आपमें लोग पद बांट लिए और खुद हीं अध्यक्ष बनकर फर्जी ट्रायल कराने का बीड़ा उठा लिया ।

आज पुरा बिहार इस जालसाज गिरोह से जवाब मांग रहा है की इनके द्वारा ली गई फर्जी ट्रायल के चयनित खिलाड़ी बीसीसीआई के किस टूर्नामेंट का हिस्सा है और वर्तमान में कहां हैं ? 

क्रिकेट के ऐसे सरफीरों व जालसाजों पर बिहारी खिलाड़ियों के भावनाओं व उनके प्रतिभा के साथ भद्दा मजाक उड़ाने, खिलाड़ियों को गुमराह कर फर्जी ट्रायल लेने, बीसीए पदाधिकारी होने का झूठा दावा करने जैसे अन्य कुकृत्य कार्यों के माध्यम से बिहार की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने के उपरांत अब क्यों ना फर्जीवाड़ा का मुकदमा इस गिरोह पर दायर कराया जाए।

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बिहार की महिला U-23 टीम ने सौराष्ट्र को 20 रनों से हराया, यशिता का शानदार प्रदर्शन

महिला U-23 T20 ट्रॉफी के एक और रोमांचक मुकाबले में बिहार की महिला क्रिकेट टीम ने सौराष्ट्र को 20 रनों से हराकर बेहतरीन जीत हासिल की। यह मैच गोवा क्रिकेट एसोसिएशन अकादमी में खेला गया, जिसमें बिहार की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 3 विकेट पर 123 रन बनाए। जवाब में सौराष्ट्र की टीम निर्धारित 20 ओवर में 6 विकेट पर 103 रन ही बना सकी और इस प्रकार बिहार ने यह मुकाबला 20 रनों से अपने नाम किया।

बिहार की बल्लेबाजी का ठोस आधार

बिहार की महिला टीम के लिए इस जीत की नींव रखी यशिता और प्रीति ने, जिन्होंने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। यशिता ने 32 गेंदों में 39 रन बनाकर टीम को एक मजबूत शुरुआत दी। वहीं, प्रीति ने 42 गेंदों पर 35 रन बनाकर मध्यक्रम को स्थिरता प्रदान की। हरिश्ता ने 12 रन और श्रुति ने 10 रन बनाए, जिससे बिहार की टीम ने 20 ओवर में 3 विकेट खोकर 123 रन का स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर सौराष्ट्र के लिए चुनौतीपूर्ण था, और पूरे मुकाबले में बिहार के बल्लेबाजों ने सही समय पर आवश्यक रन बनाए।

बिहार की गेंदबाजी ने किया कमाल

बिहार की गेंदबाजी ने सौराष्ट्र के बल्लेबाजों को दबाव में डालते हुए उन्हें बड़े स्कोर तक पहुंचने का मौका नहीं दिया। प्रीति, आर्या और यशिता ने 2-2 विकेट लेकर सौराष्ट्र की बल्लेबाजी को पूरी तरह से नियंत्रित किया। उनकी सटीक और प्रभावी गेंदबाजी ने सौराष्ट्र की टीम को 20 ओवर में 103 रन पर ही रोक दिया और मैच को बिहार के पक्ष में मोड़ दिया।

सौराष्ट्र का संघर्षपूर्ण प्रयास

सौराष्ट्र की टीम के लिए मिलोनी ने नाबाद 23 रन बनाकर संघर्ष किया, लेकिन वह अपनी टीम को जीत दिलाने में असफल रहीं। उमेश्वरी ने 17 रन, आयुषी ने 13 रन, राजविबा ने 12 रन और भाम्बी ने 10 रन बनाए, लेकिन सभी की कोशिशों के बावजूद सौराष्ट्र टीम 123 रन के लक्ष्य तक पहुंचने में असमर्थ रही। सौराष्ट्र की बल्लेबाजी में साझेदारियों का अभाव दिखा, और बिहार की गेंदबाजी के सामने वे आसानी से टूट गए।

सौराष्ट्र की गेंदबाजी ने कुछ सफलता हासिल की

सौराष्ट्र की गेंदबाजी में मोनिका और हवा ने 1-1 विकेट लेकर थोड़ी सी सफलता जरूर पाई, लेकिन उनका प्रयास सौराष्ट्र की टीम के लिए जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। बिहार के बल्लेबाजों ने सौराष्ट्र के गेंदबाजों को पूरी तरह से दबाव में डाला और स्कोरिंग रेट को नियंत्रित रखा, जिससे सौराष्ट्र को लक्ष्य तक पहुंचने में मुश्किलें आईं।

बिहार की महिला टीम की एक और शानदार जीत

इस मैच ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार की महिला U-23 टीम इस टूर्नामेंट में अपने उत्कृष्ट खेल से खुद को एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित कर रही है। गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में बिहार की टीम का सामूहिक प्रयास बेहद सराहनीय था। यशिता और प्रीति की बेहतरीन बल्लेबाजी और प्रीति, आर्या, तथा यशिता की गेंदबाजी ने बिहार की टीम को एक शानदार जीत दिलाई। बिहार की महिला टीम ने इस मैच को 20 रनों से जीत कर अपनी स्थिति को मजबूत किया और आगे के मुकाबलों के लिए आत्मविश्वास से भरी हुई दिखाई।

बिहार की टीम अब आगामी मुकाबलों के लिए और भी मजबूती के साथ तैयार होगी। इस शानदार जीत ने बिहार की महिला टीम को न केवल जीत का स्वाद चखा दिया बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि की है। BCA (बिहार क्रिकेट संघ) को अपनी महिला टीम पर गर्व है, जो हर मैच में शानदार प्रदर्शन कर रही है और राज्य का नाम रोशन कर रही है।

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महिला U19 एकदिवसीय ट्रॉफी में बिहार की अभूतपूर्व जीत, मेघालय को 58 रनों से हराया

पटना: बैंगलोर के अलूर क्रिकेट स्टेडियम-II में खेले गए महिला U19 एकदिवसीय ट्रॉफी मैच में बिहार की महिला क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेघालय को 58 रनों से हराया। इस रोमांचक मुकाबले में बिहार की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 39.4 ओवर में 10 विकेट पर 173 रन बनाए। इसके बाद, मेघालय की टीम को 50 ओवर में 174 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन बिहार की शानदार गेंदबाजी के सामने वे 9 विकेट पर 115 रन ही बना सकी, और इस प्रकार बिहार ने मैच में 58 रनों से बेहतरीन जीत दर्ज की।

बिहार की महिला टीम के लिए इस जीत की नींव रखी अंजलि कुमारी ने, जिन्होंने 75 गेंदों पर 55 रनों की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली। उनकी पारी में 8 चौके शामिल थे, जो उन्होंने मेघालय के गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक अंदाज में लगाए। अंजलि का योगदान बिहार की टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसके अलावा, अक्षरा गुप्ता ने 22 रन, सोनी कुमारी ने 20 रन और जूली कुमारी ने नाबाद 18 रनों की पारी खेली। बिहार ने निर्धारित 50 ओवरों में 173 रन बनाए, जो मेघालय के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य साबित हुआ।

बिहार की गेंदबाजी ने खेल पलट दिया 

बिहार की गेंदबाजी ने मेघालय को बिल्कुल भी पैर जमाने का मौका नहीं दिया। सीधी कुमारी ने 4 विकेट लेकर मेघालय की बल्लेबाजी को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा, बेबी, जूली और खुशी कुमारी ने 1-1 विकेट लेकर मेघालय के बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। बिहार की गेंदबाजों ने अपनी सटीक लाइन और लेंथ से मेघालय को बड़े स्कोर तक पहुंचने का कोई मौका नहीं दिया।

मेघालय के बल्लेबाजों का संघर्ष

मेघालय की तरफ से जनिका ने 27 रन, पालिका ने 16 रन और कप्तान एम सिंह ने 14 रन बनाए। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद मेघालय की टीम 115 रनों तक ही सीमित रही और बिहार ने यह मुकाबला 58 रनों से अपने नाम कर लिया। यह मेघालय की टीम के लिए एक कठिन चुनौती साबित हुआ, जिस पर बिहार की गेंदबाजी का दबदबा साफ नजर आया।

मेघालय की गेंदबाजी

मेघालय की गेंदबाजी में जयश्री ने 4 विकेट झटके, जो उनके संघर्ष का प्रतीक है। इसके अलावा, कप्तान एम सिंह ने 3 विकेट लिए और जयलिनन ने एक विकेट चटकाया। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, मेघालय की टीम जीत की ओर बढ़ने में नाकाम रही और बिहार की टीम ने उन्हें 174 रनों का लक्ष्य पूरा करने का कोई अवसर नहीं दिया।

यह मैच बिहार की महिला क्रिकेट टीम के लिए एक ऐतिहासिक जीत साबित हुआ। इस मैच में उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन देखा गया। अंजलि कुमारी की बल्लेबाजी और सीधी कुमारी की गेंदबाजी ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार की टीम इस टूर्नामेंट में अपने खिताब की पूरी तरह से हकदार है। बिहार की टीम ने इस जीत के साथ अपनी स्थिति मजबूत की और आगामी मैचों के लिए आत्मविश्वास से भरी हुई दिखाई दी।

बिहार क्रिकेट संघ (BCA) गर्व महसूस करता है कि बिहार की महिला टीम ने इस शानदार प्रदर्शन के जरिए न केवल राज्य का नाम रौशन किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि उनके पास एक मजबूत और प्रतिभाशाली टीम है, जो भविष्य में और भी बड़ी जीत हासिल करने के लिए तैयार है।

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विजय मर्चेंट U16 ट्रॉफी जीत कर बिहार पहुंची टीम का भव्य स्वागत

विजय मर्चेंट ट्रॉफी अंडर-16 पुरुष प्लेट ग्रुप फाइनल में त्रिपुरा को 133 रनों से हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली बिहार की टीम आज पटना पहुंची। पटना हवाई अड्डे पर टीम का जोरदार स्वागत किया गया। CISF कमांडेंट ललित परमार ने टीम के कोच राजू जी और मैनेजर प्रभाकर जी को फूलों का गुलदस्ता देकर अभिनंदन किया। इसके बाद, BCA के कर्मचारियों ने खिलाड़ियों का माल्यार्पण कर उन्हें इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी।  

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष *श्री राकेश तिवारी* ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत न केवल हमारे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि युवा पीढ़ी को प्रेरित भी करेगी। यह राज्य के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है। हम अपने खिलाड़ियों को इस तरह से तैयार कर रहे हैं कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएं और बिहार क्रिकेट का नाम रौशन करें।

उन्होंने आगे कहा कि यह विजय बिहार क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है। हमारे खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने पूरे राज्य को गर्व महसूस कराया है। ये युवा खिलाड़ी बिहार क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रहे हैं।” 

ऐतिहासिक जीत की कहानी

भुवनेश्वर में खेले गए फाइनल में बिहार ने पहली पारी में 97.2 ओवरों में 279 रन बनाए। सार्थक झा ने 90 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि मोहित कुमार ने नाबाद 63 रन बनाकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। दूसरी पारी में टीम ने संयम दिखाते हुए 92 ओवरों में 208 रन जोड़े। अनिमेष राज (44 रन), प्रीतम राज (41 रन), विवेक आनंद (25 रन), और मोहित कुमार (22 रन) ने उपयोगी पारियां खेलीं, जिससे बिहार ने कुल 330 रनों की बढ़त बनाई।

त्रिपुरा के सामने 331 रनों का लक्ष्य रखा गया, लेकिन बिहार के गेंदबाजों ने त्रिपुरा को 133 रनों से हरा दिया।

– पहली पारी में आर्यन पटेल ने 5 विकेट लिए, जबकि मोहित कुमार ने 4 विकेट और भास्कर ने 1 विकेट लिया।

– दूसरी पारी में मोहित कुमार ने 4 विकेट झटके। प्रीतम राज और सत्यम ने 2-2 विकेट लिए, जबकि आर्यन पटेल और अनिमेष राज ने 1-1 विकेट लेकर त्रिपुरा की पारी को समेट दिया।

रिकॉर्ड प्रदर्शन

– मोहित कुमार ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 30 विकेट लिए और रिकॉर्ड बनाया।

– टीम के कप्तान प्रीतम राज ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और एक पारी में व्यक्तिगत रन बनाने के मामले में टॉप-10 में दूसरा स्थान हासिल किया।

BCA अध्यक्ष श्री राकेश तिवारी ने टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह जीत बिहार क्रिकेट के लिए नए अवसरों और उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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विजय मर्चेंट ट्रॉफी U16: बिहार ने प्लेट ग्रुप में रचा इतिहास, त्रिपुरा को हराकर जीता फाइनल

विकास क्रिकेट ग्राउंड, भुवनेश्वर में खेले गए विजय मर्चेंट ट्रॉफी U16 पुरुष प्लेट ग्रुप के फाइनल मुकाबले में बिहार ने त्रिपुरा को 133 रनों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस शानदार प्रदर्शन के साथ बिहार ने प्लेट ग्रुप ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया। बिहार टीम से प्रीतम राज को मिला मैन ऑफ द सीरीज का ख़िताब।

बिहार की दमदार बल्लेबाजी

पहली पारी में बिहार ने 97.02 ओवर में 279 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। इस दौरान सार्थक झा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 90 रन बनाए, जबकि मोहित कुमार ने नाबाद 63 रनों की अहम पारी खेली।

दूसरी पारी में भी बिहार के बल्लेबाजों ने संयम और धैर्य का प्रदर्शन किया। अनिमेष राज (44 रन), प्रीतम राज (41 रन), विवेक आनंद (25 रन), और मोहित कुमार (22 रन) के योगदान से टीम ने 92 ओवर में 208 रन बनाकर अपनी बढ़त को 330 रनों तक पहुंचा दिया।

त्रिपुरा के खिलाफ गेंदबाजी

त्रिपुरा के सामने 331 रनों का लक्ष्य था, लेकिन बिहार के गेंदबाजों ने इसे मुमकिन नहीं होने दिया। पहली पारी में आर्यन पटेल ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट चटकाए, जबकि मोहित कुमार ने चार विकेट और भास्कर ने एक विकेट लिया।

दूसरी पारी में भी मोहित कुमार का जलवा कायम रहा। उन्होंने चार विकेट चटकाए, जबकि प्रीतम राज और सत्यम को दो-दो विकेट मिले। आर्यन और अनिमेष ने एक-एक विकेट लेकर त्रिपुरा की पारी को समेट दिया। बिहार की घातक गेंदबाजी के आगे त्रिपुरा की पूरी टीम बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रही और मुकाबला 133 रनों से हार गई।

BCA अध्यक्ष ने दी शुभकामनाएं

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष श्री राकेश तिवारी ने टीम की इस ऐतिहासिक जीत पर खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह जीत बिहार क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है। बिहार की इस जीत ने पूरे राज्य को गर्वान्वित किया है। युवा खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन बिहार क्रिकेट के सुनहरे भविष्य का संकेत है। हम कम उम्र के खिलाड़ियों को उस तरह से तैयार कर रहे हैं जिससे आने वाले दिनों में राष्ट्रिय स्तर पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का झंडा बुलंद रहे और हमारे बच्चे अंतरराष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना कर अपना और BCA का नाम रौशन करें।” विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बिहार की यह जीत राज्य के क्रिकेट इतिहास में एक नई शुरुआत है। इस जीत से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि राज्य में क्रिकेट के विकास को भी नई दिशा मिलेगी।

बिहार क्रिकेट के लिए एक नई शुरुआत

इस जीत ने न केवल बिहार के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि राज्य में क्रिकेट के विकास को नई दिशा दी है। विजय मर्चेंट ट्रॉफी में मिली इस सफलता से बिहार क्रिकेट में नए युग की शुरुआत हुई है। अब बिहार टीम के प्रशंसक और क्रिकेट प्रेमी टीम की अगली उपलब्धियों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह जीत युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर और भी गौरव दिलाएगी।

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